आज का पंचाग आपका राशि फल, पांचजन्य शंख के दुर्लभ दर्शन, धर्मरक्षक धामी ने पखारे कांवड़ियों के पांव कराई पुष्पवर्षा, मणिपुर हिंसा का रोहिंग्या बंग्लादेशी कनैकशन अब तक पैंतालीस की मृत्यु, कठोर साधना की विष्णु परम्परा का नाम है ब्राह्मण, योगी आदित्यनाथ की जीवनी

भागलपुर से लगभग 45 Km की दूरी
पर बसे बांका जिले में ‘मंदार पर्वत’ स्थित है।
मंदार पर्वत पर शंख कुंड में स्थित है धार्मिक
रूप में अति महत्वपूर्ण विशाल पंचजन्य शंख !

यह पंचजन्य शंख वही शंख है जिसमें भगवान
शिव ने समुद्र मंथन से निकले विष का पान किया था।
ये शिव रात्रि से एक रोज पूर्व दिखता है। बाकी 364 दिन 70से 80 फुट पानी के अंदर ही रहता है। आज प्रातः पानी कहाँ जाता है किसी को पता नही कल प्रातः पुनः पानी आ जाता है। इस शंख के दर्शन मात्र से भाग्यवान बन जाते हैं। हर हर महादेव❤️🙏

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धर्म रक्षक पुष्करसिंह धामी ने पखारे कांवड़ियों के पांव।

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*श्री हरिहरौ**विजयतेतराम**सुप्रभातम*

*आज का पञ्चाङ्ग*
*_रविवार, ०९ जुलाई २०२३_*

सूर्योदय: 🌄 ०५:४३
सूर्यास्त: 🌅 ०७:२०
चन्द्रोदय: 🌝 २३:५०
चन्द्रास्त: 🌜११:३७
अयन 🌖 दक्षिणायणे
(उत्तरगोलीय)
ऋतु: ⛈️ वर्षा
शक सम्वत:👉१९४५(शोभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०८०(पिंगल)
मास 👉 श्रावण
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 सप्तमी (१९:५९
से अष्टमी)
नक्षत्र 👉 उत्तराभाद्रपद
(१९:२९ से रेवती)
योग 👉 शोभन (१४:४४ से
अतिगण्ड)
प्रथम करण👉विष्टि(०८:५० तक
द्वितीय करण👉बव(१९:५९ तक
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मिथुन
चंद्र 🌟 मीन
मंगल 🌟 सिंह
(उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध🌟कर्क (अस्त, पूर्व, मार्गी)
गुरु🌟मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)
शुक्र🌟सिंह (उदित, पश्चिम)
शनि 🌟 कुम्भ
(उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५४ से १२:५०
अमृत काल 👉 १४:५४ से १६:२६
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०५:२२ से १९:२९
रवियोग 👉 ०५:२२ से १९:२९
विजय मुहूर्त 👉 १४:४२ से १५:३८
गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:२० से १९:४०
सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:२२ से २०:२२
निशिता मुहूर्त 👉 ००:०२ से ००:४२
राहुकाल 👉 १७:३७ से १९:२२
राहुवास 👉 उत्तर
यमगण्ड 👉 १२:२२ से १४:०७
होमाहुति 👉 गुरु
दिशाशूल 👉 पश्चिम
अग्निवास 👉 पृथ्वी (१९:५९ तक)
भद्रावास 👉 मृत्यु (०८:५० तक)
चन्द्रवास 👉 उत्तर
शिववास 👉 श्मशान में (१९:५९ से गौरी के साथ)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – उद्वेग २ – चर
३ – लाभ ४ – अमृत
५ – काल ६ – शुभ
७ – रोग ८ – उद्वेग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – शुभ २ – अमृत
३ – चर ४ – रोग
५ – काल ६ – लाभ
७ – उद्वेग ८ – शुभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
उत्तर-पश्चिम (पान का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
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कालाष्टमी, भानू सप्तमी, शीतला सप्तमी (उड़ीसा), विवाहादि मुहूर्त कन्या- वृश्चिक लग्न (प्रातः १०:५१ से सायं ०५:४१), वृष लग्न (मध्यरात्रि ०२:०५ से अंतरात्रि ०४:०१) तक, व्यवसाय आरम्भ+देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०८:५० से दोपहर १२:३० तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १९:२९ तक जन्मे शिशुओ का नाम उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (थ, झ, ञ) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम रेवती नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (दे, दो) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मिथुन – ०३:४६ से ०६:०१
कर्क – ०६:०१ से ०८:२३
सिंह – ०८:२३ से १०:४२
कन्या – १०:४२ से १३:००
तुला – १३:०० से १५:२१
वृश्चिक – १५:२१ से १७:४०
धनु – १७:४० से १९:४३
मकर – १९:४३ से २१:२५
कुम्भ – २१:२५ से २२:५०
मीन – २२:५० से ००:१४
मेष – ००:१४ से ०१:४८
वृषभ – ०१:४८ ०३:४२
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०५:२२ से ०६:०१
रोग पञ्चक – ०६:०१ से ०८:२३
शुभ मुहूर्त – ०८:२३ से १०:४२
मृत्यु पञ्चक – १०:४२ से १३:००
अग्नि पञ्चक – १३:०० से १५:२१
शुभ मुहूर्त – १५:२१ से १७:४०
रज पञ्चक – १७:४० से १९:२९
शुभ मुहूर्त – १९:२९ से १९:४३
चोर पञ्चक – १९:४३ से १९:५९
शुभ मुहूर्त – १९:५९ से २१:२५
रोग पञ्चक – २१:२५ से २२:५०
शुभ मुहूर्त – २२:५० से ००:१४
शुभ मुहूर्त – ००:१४ से ०१:४८
रोग पञ्चक – ०१:४८ से ०३:४२
शुभ मुहूर्त – ०३:४२ से ०५:२३
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आपका आज का दिन लगभग चिंता परेशानी में ही व्यतीत होने वाला है। प्रातः काल से दिमाग़ को ठंडा रखने का प्रयास करेंगे लेकिन आसपास वातावरण क्रोध दिलाएगा। घरेलु कलह के कारण दोपहर तक बेचैनी रहेगी। आवेश में आकर आज किसी प्रियजन का दिल दुखायेंगे इसकी ग्लानि भी मन में रहेगी। परिजनों के स्वास्थ्य पर भी आज विशेष खर्च हो सकता है। कार्य क्षेत्र पर आय के साधन उपलब्ध होने के बाद भी बेमन से कार्य करने के कारण अल्प लाभ से संतोष करना पड़ेगा। मानसिक तनाव को ना बढ़ने दे अन्यथा रक्तचाप के साथ अन्य शारीरिक समस्या जन्म ले सकती है।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आपका आज का दिन हर प्रकार से लाभदायक रहने वाला है। विशेषकर कार्य क्षेत्र पर आज आपकी रुकी हुई योजनाओं में आकस्मिक गति आने से धन लाभ के मार्ग खुलेंगे नौकरी पेशाओ को भी अधिकारी वर्ग का सहयोग मिलेगा लेकिन कोई उलझन में डालने वाला कार्य भी मिलने से कुछ परेशानी होगी। परिवार में भी आज आपसी सौहार्द बनने से मानसिक रूप से प्रसन्न रहेंगे। पत्नी का सहयोग आज महत्त्वपूर्ण सिद्ध होगा।कार्य भार बढ़ने से पर्यटन सैर की योजना अधूरी रह सकती है। शरीर मे वात का प्रकोप रहने से जोड़ो अथवा शरीर मे दर्द अकड़न की शिकायत हो सकती है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आपका आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। आज कार्य क्षेत्र से समय निकाल कर एकांत में समय व्यतीत करना पसंद करेंगे घरेलु कार्य में फंस कर आज का दिन खराब ना हो ये शंका दिमाग में लगी रहेगी लेकिन इसमें कुछ न कुछ व्यवधान जरूर आएगा। कार्य व्यवसाय में आज थोड़े समय में ही दिन भर की पूर्ति कर लेंगे। संतोषजनक धन लाभ होगा। नौकरीपेशा लोगों के लिये दिन सामान्य ही रहेगा। मध्यान के बाद का समय आनंद मनोरंजन में व्यतीत करेंगे। घर में आज आपकी कोई बात किसी परिजन को चुभ सकती है। सेहत को लेकर कुछ समय परेशान हो सकते है।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन आपके लिए राहत भरा रहेगा। किसी दिव्य अनुभूति के कारण आध्यत्म के प्रति आस्था बढ़ेगी। धार्मिक क्रियाओं में समय एवं धन का सदुपयोग करेंगे। कार्य का बोझ आज अधिक रहने के कारण धार्मिक कार्यो को ज्यादा समय नही दे पाएंगे या ध्यान इधर उधर भटकेगा। आर्थिक उलझने रहने पर भी इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देंगे। संध्या के बाद किसी भी काम में थोड़े से प्रयास से सफलता मिल सकती है। परिजनों विशेष बुजुर्गो का सानिध्य मिलेगा। स्वास्थ्य में कुछ कमी का भी अनुभव करेंगे। आज की यात्रा कुछ ना कुछ लाभ देकर जाएगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपको सेहत का विशेष ध्यान रखने की सलाह है। असंयमित दिनचर्या के कारण आज शारीरिक रूप से कमजोरी थकान अनुभव होगी अकस्मात बुखार आने की भी संभावना है। आकस्मिक यात्रा के योग दुविधा में डाल सकते है यथा संभव आज यात्रा टालें। कार्य क्षेत्र पर आज मन मारकर काम करना पड़ेगा कम समय मे अधिक लाभ कमाने के प्रलोभन में आकर आज कोई भी वर्जित कार्य ना करें धन के साथ सम्मान हानि हो सकती है। घर के सदस्यों के साथ तालमेल बनाये अन्यथा जरूरत के समय परेशानी होगी। उधारी के व्यवहार संयमित रखें।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन व्यापारियों के लिए लाभदायक रहेगा लेकिन इसके लिये आलस्य का त्याग करना पड़ेगा। आपके पूर्व नियोजित कार्यक्रम अधिक व्यस्तता के कारण निरस्त होंगे लेकिन आज किये नए खासकर जोखिम के कार्यो से अधिक लाभ की संभावना है। आज परिवार के ऊपर बजट से ऊपर खर्च करना पड़ सकता है। सेहत आज सामान्य ही रहेगी लेकिन अनियमित दिनचार्य के कारण कमर पीठ दर्द की शिकायत रह सकती है। संध्या के बाद का समय थोड़ा मनोरंजन होने से थकान मिटेगी। गृहस्थ जीवन शांत रहेगा।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आपका आज का दिन सामान्यतः शुभ ही रहेगा। परन्तु आज घरेलु खर्च अधिक रहने से आर्थिक समस्या खड़ी हो सकती है। घर में दैनिक उपभोग की वस्तुओं के साथ सुख के साधनों पर अधिक खर्च होगा। मित्र-परिजन आज आपकी दरियादिली के कायल हो जाएंगे। कार्य क्षेत्र पर आज मध्याह्न तक ज्यादा समय नहीं दे पाएंगे मध्याह्न के बाद गंभीर होकर कार्य मे जुटने से और संतोषजनक व्यवसाय होने से धन की आमद बनी रहेगी। सामाजिक कार्य से अथवा धार्मिक यात्रा के योग भी बन रहे है। आरोग्य लगभग सामान्य ही रहेगा। भूख लगने पर ही खाये अन्यथा पेट संबंधित समस्या हो सकती है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आपका आज का दिन प्रेम-प्रसंगों में यादगार अनुभूति कराएगा। प्रातः काल से ही लघु यात्रा की योजना बनाएंगे। आज फिजूल खर्च भी अधिक रहने वाला है जिस पर नियंत्रण की आवश्यकता है। किसी सामाजिक कार्यक्रम के कारण कार्य व्यवसाय का दायित्व आज नौकरों अथवा सहकर्मियों के ऊपर छोड़ना पड़ेगा जिसके कारण लाभ की ज्यादा अपेक्षाएं ना रखें। परिजनों के साथ किसी सामाजिक कार्यक्रम में उपस्थित हो सकते है। कार्य स्थल के साथ पारिवारिक वातावरण भी अस्त व्यस्त रहेगा। धन लाभ सामान्य से कम रहेगा। सेहत छुटपुट बातो को छोड़ ठीक रहेगी रात्रि के बाद अत्यंत थकान बुखार आने की संभावना है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आपको आज का दिन विवेकी व्यवहार से बिताने की सलाह है। आपके ऊपर कई लोगो की नजर रहेगी लोग आज आपकी छोटी-छोटी गलतियां तलाशेंगे। आज सुनेंगे सबकी लेकिन ना तो खुद कुछ करेंगे ना किसी और को ही करने देंगे मौज-शौक की प्रवृत्ति परेशानी में डाल सकती है। मन में आध्यात्मिक विचार भी रहेंगे परन्तु इनका पालन नहीं कर पाएंगे। कार्य क्षेत्र पर दिन सामान्य ही व्यतीत होगा। धन सम्बंधित कार्य देरी से बनेंगे आवश्यकता के समय औरो का मुंह ताकेंगे। मनमाना व्यवहार करने से बचें। सेहत भी बीच बीच मे नरम होने की संभावना है।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपको मिला जुला फल देने वाला रहेगा। दिन के आरंभ से मध्याह्न तक किसी कार्य को करने के लिये जोड़ तोड़ में लगे रहेंगे आज आप पुराने कार्यो को विराम दे नए अनुबंध हाथ में लेने के प्रयास करेंगे परंतु इसमें कई व्यवधान आ सकते है प्रयासरत रहें सफलता अवश्य मिलेगी। नौकरी पेशा जातको को आज अतरिक्त कार्य करने का शुभ फल मिलेगा। आर्थिक मामलो में विलम्ब होगा लेकिन धन लाभ आवश्यकता अनुसार हो जाएगा। संध्या बाद का समय परिजनों के साथ समय शांति से व्यतीत करेंगे। जुखाम बुखार की शिकायत हो सकती है।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन भी सुख शांति से व्यतीत करेंगे। आलस्य आज अधिक रह सकता है जिससे दिनचर्या दिन के आरंभ से ही धीमी रहेगी लेकिन भाग्य का साथ मिलने से कार्य-व्यवसाय से आज भी उम्मीद के अनुसार लाभ मिलेगा। सामाजिक कार्यो पर समय के साथ धन भी खर्च करेंगे छवि बेहतर बनेगी। कमीशन अथवा थोक के व्यवसाय में अधिक लाभ होगा। नौकरी पेशाओ को अतिरिक्त कार्य मिलने से परेशानी आएगी लेकिन इसका लाभ मिलने से संतोष होगा। परिजनों से आत्मीयता बनी रहेगी लेकिन पत्नी से शंकालु प्रवृति के चलते विवाद भी हो सकता है। स्वास्थ्य सामान्य बना रहेगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन व्यक्तित्त्व निखरा रहने से आप जहां भी रहेंगे वहां अपनी अलग पहचान बनाएंगे। कार्य क्षेत्र से धन के साथ-साथ वर्चस्व में भी वृद्धि होगी। के दिनों से चल रहा प्रयास आज रंग लाएगा व्यापार को नई दिशा देने में सफल रहेंगे। धन लाभ आवश्यकता अनुसार हो जाएगा। आज आपकी उदारता से सहकर्मी भी प्रसन्न रहेंगे। आपमें नेतृत्व करने की प्रबल अभिलाषा रहेगी जो की शीघ्र पूर्ण होने वाली है। परिजनों की जरूरतों को पूर्ण करने से घर में प्रेम का वातावरण रहेगा। बुजुर्गो के साथ भावनात्मक सम्बन्ध बनेंगे। स्यास्थ्य को लेकर मध्याह्न बाद थोड़े आशंकित रहेंगे मौसम का प्रभाव शरीर पर देखने को मिलेगा।

ब्राह्मण शब्द को लेकर भ्रांतियां एवं उनका निवारण
#डॉ_विवेक_आर्य
ब्राह्मण शब्द को लेकर अनेक भ्रांतियां हैं। इनका समाधान करना अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि हिन्दू समाज की सबसे बड़ी कमजोरी जातिवाद है। ब्राह्मण शब्द को सत्य अर्थ को न समझ पाने के कारण जातिवाद को बढ़ावा मिला है।
शंका 1 ब्राह्मण की परिभाषा बताये?
समाधान-
पढने-पढ़ाने से, चिंतन-मनन करने से, ब्रह्मचर्य, अनुशासन, सत्य भाषण आदि व्रतों का पालन करने से, परोपकार आदि सत्कर्म करने से, वेद, विज्ञान आदि पढने से, कर्तव्य का पालन करने से, दान करने से और आदर्शों के प्रति समर्पित रहने से मनुष्य का यह शरीर ब्राह्मण किया जाता है।-मनुस्मृति 2/28
शंका 2 ब्राह्मण जाति है अथवा वर्ण है?
समाधान- ब्राह्मण वर्ण है जाति नहीं। वर्ण का अर्थ है चयन या चुनना और सामान्यतः: शब्द वरण भी यही अर्थ रखता है। व्यक्ति अपनी रुचि, योग्यता और कर्म के अनुसार इसका स्वयं वरण करता है, इस कारण इसका नाम वर्ण है। वैदिक वर्ण व्यवस्था में चार वर्ण है। ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र।
ब्राह्मण का कर्म है विधिवत पढ़ना और पढ़ाना, यज्ञ करना और कराना, दान प्राप्त करना और सुपात्रों को दान देना।
क्षत्रिय का कर्म है विधिवत पढ़ना, यज्ञ करना, प्रजाओं का पालन-पोषण और रक्षा करना, सुपात्रों को दान देना, धन ऐश्वर्य में लिप्त न होकर जितेन्द्रिय रहना।
वैश्य का कर्म है पशुओं का लालन-पोषण, सुपात्रों को दान देना, यज्ञ करना, विधिवत अध्ययन करना, व्यापार करना, धन कमाना, खेती करना।
शुद्र का कर्म है सभी चारों वर्णों के व्यक्तियों के यहाँ पर सेवा या श्रम करना।
शुद्र शब्द को मनु अथवा वेद ने कहीं भी अपमानजनक, नीचा अथवा निकृष्ट नहीं माना है। मनु के अनुसार चारों वर्ण ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य एवं शूद्र आर्य है।- मनु 10/4
शंका 3- मनुष्यों में कितनी जातियां है ?
समाधान- मनुष्यों में केवल एक ही जाति है। वह है “मनुष्य”। अन्य की जाति नहीं है।
शंका 4- चार वर्णों का विभाजन का आधार क्या है?
समाधान- वर्ण बनाने का मुख्य प्रयोजन कर्म विभाजन है। वर्ण विभाजन का आधार व्यक्ति की योग्यता है। आज भी शिक्षा प्राप्ति के उपरांत व्यक्ति डॉक्टर, इंजीनियर, वकील आदि बनता है। जन्म से कोई भी डॉक्टर, इंजीनियर, वकील नहीं होता। इसे ही वर्ण व्यवस्था कहते है।
शंका 5- कोई भी ब्राह्मण जन्म से होता है अथवा गुण, कर्म और स्वाभाव से होता है?
समाधान- व्यक्ति की योग्यता का निर्धारण शिक्षा प्राप्ति के पश्चात ही होता है। जन्म के आधार पर नहीं होता है। किसी भी व्यक्ति के गुण, कर्म और स्वाभाव के आधार पर उसके वर्ण का चयन होता हैं। कोई व्यक्ति अनपढ़ हो और अपने आपको ब्राह्मण कहे तो वह गलत है।
मनु का उपदेश पढ़िए-
जैसे लकड़ी से बना हाथी और चमड़े का बनाया हुआ हरिण सिर्फ नाम के लिए ही हाथी और हरिण कहे जाते है वैसे ही बिना पढ़ा ब्राह्मण मात्र नाम का ही ब्राह्मण होता है।-मनुस्मृति 2/157
शंका 6-क्या ब्राह्मण पिता की संतान केवल इसलिए ब्राह्मण कहलाती है कि उसके पिता ब्राह्मण है?
समाधान- यह भ्रान्ति है कि ब्राह्मण पिता की संतान इसलिए ब्राह्मण कहलाएगी क्योंकि उसका पिता ब्राह्मण है। जैसे एक डॉक्टर की संतान तभी डॉक्टर कहलाएगी जब वह MBBS उत्तीर्ण कर लेगी। जैसे एक इंजीनियर की संतान तभी इंजीनियर कहलाएगी जब वह BTech उत्तीर्ण कर लेगी। बिना पढ़े नहीं कहलाएगी। वैसे ही ब्राह्मण एक अर्जित जाने वाली पुरानी उपाधि हैं।
मनु का उपदेश पढ़िए-
माता-पिता से उत्पन्न संतति का माता के गर्भ से प्राप्त जन्म साधारण जन्म है। वास्तविक जन्म तो शिक्षा पूर्ण कर लेने के उपरांत ही होता है। -मनुस्मृति 2/147
शंका 7- प्राचीन काल में ब्राह्मण बनने के लिए क्या करना पड़ता था?
समाधान- प्राचीन काल में ब्राह्मण बनने के लिए शिक्षित और गुणवान दोनों होना पड़ता था।
मनु का उपदेश देखे-
वेदों में पारंगत आचार्य द्वारा शिष्य को गायत्री मंत्र की दीक्षा देने के उपरांत ही उसका वास्तविक मनुष्य जन्म होता है।-मनुस्मृति 2/148
ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य, ये तीन वर्ण विद्याध्यायन से दूसरा जन्म प्राप्त करते हैं। विद्याध्यायन न कर पाने वाला शूद्र, चौथा वर्ण है।-मनुस्मृति 10/4
आजकल कुछ लोग केवल इसलिए अपने आपको ब्राह्मण कहकर जाति का अभिमान दिखाते है क्योंकि उनके पूर्वज ब्राह्मण थे। यह सरासर गलत है। योग्यता अर्जित किये बिना कोई ब्राह्मण नहीं बन सकता। हमारे प्राचीन ब्राह्मण अपने तप से अपनी विद्या से अपने ज्ञान से सम्पूर्ण संसार का मार्गदर्शन करते थे। इसीलिए हमारे आर्यवर्त देश विश्व-गुरु था।
शंका 8-ब्राह्मण को श्रेष्ठ क्यों माने?
समाधान- ब्राह्मण एक गुणवाचक वर्ण है। समाज का सबसे ज्ञानी, बुद्धिमान, शिक्षित, समाज का मार्गदर्शन करने वाला, त्यागी, तपस्वी व्यक्ति ही ब्राह्मण कहलाने का अधिकारी बनता है। इसीलिए ब्राह्मण वर्ण श्रेष्ठ है। वैदिक विचारधारा में ब्राह्मण को अगर सबसे अधिक सम्मान दिया गया है तो ब्राह्मण को सबसे अधिक गलती करने पर दंड भी दिया गया है।
मनु का उपदेश देखे-
एक ही अपराध के लिए शूद्र को सबसे दंड कम दंड, वैश्य को दोगुना, क्षत्रिय को तीन गुना और ब्राह्मण को सोलह या 128 गुणा दंड मिलता था।- मनु 8/337 एवं 8/338
इन श्लोकों के आधार पर कोई भी मनु महाराज को पक्षपाती नहीं कह सकता।
शंका 9- क्या शूद्र ब्राह्मण और ब्राह्मण शूद्र बन सकता है?
समाधान -ब्राह्मण, शूद्र आदि वर्ण क्योंकि गुण, कर्म और स्वाभाव के आधार पर विभाजित है। इसलिए इनमें परिवर्तन संभव है। कोई भी व्यक्ति जन्म से ब्राह्मण नहीं होता। अपितु शिक्षा प्राप्ति के पश्चात उसके वर्ण का निर्धारण होता है।
मनु का उपदेश देखे-
ब्राह्मण शूद्र बन सकता और शूद्र ब्राह्मण हो सकता है। इसी प्रकार क्षत्रिय और वैश्य भी अपने वर्ण बदल सकते है। -मनुस्मृति 10/64
शरीर और मन से शुद्ध- पवित्र रहने वाला, उत्कृष्ट लोगों के सानिध्य में रहने वाला, मधुर भाषी, अहंकार से रहित, अपने से उत्कृष्ट वर्ण वालों की सेवा करने वाला शूद्र भी उत्तम ब्राह्मण जन्म और द्विज वर्ण को प्राप्त कर लेता है। -मनुस्मृति 9/335
जो मनुष्य नित्य प्रातः: और सांय ईश्वर आराधना नहीं करता उसको शूद्र समझना चाहिए। -मनुस्मृति 2/103
जब तक व्यक्ति वेदों की शिक्षाओं में दीक्षित नहीं होता वह शूद्र के ही समान है।-मनुस्मृति 2/172
ब्राह्मण- वर्णस्थ व्यक्ति श्रेष्ठ–अतिश्रेष्ठ व्यक्तियों का संग करते हुए और नीच- नीचतर व्यक्तियों का संग छोड़कर अधिक श्रेष्ठ बनता जाता है। इसके विपरीत आचरण से पतित होकर वह शूद्र बन जाता है। -मनुस्मृति 4/245
जो ब्राह्मण, क्षत्रिय या वैश्य वेदों का अध्ययन और पालन छोड़कर अन्य विषयों में ही परिश्रम करता है, वह शूद्र बन जाता है। -मनुस्मृति 2/168
शंका 10. क्या आज जो अपने आपको ब्राह्मण कहते है वही हमारी प्राचीन विद्या और ज्ञान की रक्षा करने वाले प्रहरी थे?
समाधान- आजकल जो व्यक्ति ब्राह्मण कुल में उत्पन्न होकर अगर प्राचीन ब्राह्मणों के समान वैदिक धर्म की रक्षा के लिए पुरुषार्थ कर रहा है तब तो वह निश्चित रूप से ब्राह्मण के समान सम्मान का पात्र है। अगर कोई व्यक्ति ब्राह्मण कुल में उत्पन्न होकर ब्राह्मण धर्म के विपरीत कर्म कर रहा है। तब वह किसी भी प्रकार से ब्राह्मण कहलाने के लायक नहीं है। एक उदाहरण लीजिये। एक व्यक्ति यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है, शाकाहारी है, चरित्रवान है और धर्म के लिए पुरुषार्थ करता है। उसका वर्ण ब्राह्मण कहलायेगा चाहे वह शूद्र पिता की संतान हो। उसके विपरीत एक व्यक्ति अनपढ़ है, मांसाहारी है, चरित्रहीन है और किसी भी प्रकार से समाज हित का कोई कार्य नहीं करता, चाहे उसके पिता कितने भी प्रतिष्ठित ब्राह्मण हो, किसी भी प्रकार से ब्राह्मण कहलाने लायक नहीं है। केवल चोटी पहनना और जनेऊ धारण करने भर से कोई ब्राह्मण नहीं बन जाता। इन दोनों वैदिक व्रतों से जुड़े हुए कर्म अर्थात धर्म का पालन करना अनिवार्य हैं। प्राचीन काल में धर्म रूपी आचरण एवं पुरुषार्थ के कारण ब्राह्मणों का मान था।
इस लेख के माध्यम से मैंने वैदिक विचारधारा में ब्राह्मण शब्द को लेकर सभी भ्रांतियों के निराकरण का प्रयास किया हैं। ब्राह्मण शब्द की वेदों में बहुत महत्ता है। मगर इसकी महत्ता का मुख्य कारण जन्मना ब्राह्मण होना नहीं अपितु कर्मणा ब्राह्मण होना है। मध्यकाल में हमारी वैदिक वर्ण व्यवस्था बदल कर जाति व्यवस्था में परिवर्तित हो गई। विडंबना यह है कि इस बिगाड़ को हम आज भी दोह रहे है। जातिवाद से हिन्दू समाज की एकता समाप्त हो गई। भाई भाई में द्वेष हो गया। इसी कारण से हम कमजोर हुए तो विदेशी विधर्मियो के गुलाम बने। हिन्दुओं के 1200 वर्षों के दमन का अगर कोई मुख्य कारण है तो वह जातिवाद है। वही हमारा सबसे बड़ा शत्रु है। आइये इस जातिवाद रूपी शत्रु को को जड़ से नष्ट करने का संकल्प ले।

 

 *मणिपुर हिंसा पर क्यों दुखी है सारा देश क्या है असलियत ? जानना आवश्यक है!,*

*मणिपुर की हिंसा को लेकर विपक्ष बहुत ज्यादा दुखी है लेकिन आश्चर्य है कि भोपाल में एक हिंदू युवक को गले में पट्टा डालकर उसे कुत्ता बना कर घुमाने वाली घटना पर दुखी नहीं है।*

*मणिपुर हिंसा पर क्यों दुखी है विपक्षी दल, इसका एक स्पष्ट कारण आप जान लीजिए।*
*मणिपुर के मूल निवासी है मैती आदिवासी*। *स्वतंत्रता के पहले मणिपुर के राजाओं के बीच में आपस में जमकर युद्ध होते थे, अनेक कमजोर मैती राजाओं ने युद्ध में अपनी सेना में पड़ोसी देश म्यांमार से बड़ी संख्या में कुकी और रोहिंग्या हमलावरों को भारत में बुलाया और विदेशी रोहिंग्या तथा कुकी से मिलकर आपस में युद्ध किये। लेकिन धीरे-धीरे कुकी हमलावरों ने मणिपुर में अपना निवास बनाना शुरू कर दिया और* *परिवार बढ़ाना शुरू किया। देखते ही देखते बाहर से आए कुकी समुदाय की जनसंख्या तेजी से बढ़ने लगी। बेहद आक्रामक,लड़ाकू और हमलावर* *कुकियों ने मणिपुर की ऊंची ऊंची* *पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया। और मैती आदिवासियों को वहां से भगा दिया।*
*मैती आदिवासी पहाड़ियों से भागकर मणिपुर के मैदानी इलाकों में आकर रहने लगे। विदेशी कुकी और रोहिंग्या मुसलमानों ने मणिपुर की ऊंची पहाड़ियों पर अफीम की खेती आरंभ कर दी। मणिपुर की सीमा चीन और* *म्यांमार दोनों देशों से लगी है। चीन ने मणिपुर पर नजरें डालना शुरू किया और भारत विरोधी दलों को सहायता देना शुरू किया,* *पाकिस्तान ने भी म्यांमार के रोहिंग्या मुस्लिमों के माध्यम से मणिपुर में घुसपैठ शुरू कर दी और बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुस्लिमों को मणिपुर में धकेल दिया गया।*
*लेकिन मणिपुर में सबसे बड़ा षड्यंत्र रचा क्रिश्चियन मिशनरीज ने।* *मिशनरी ने मणिपुर के पिछड़े आदिवासी क्षेत्रों में 2,000 से अधिक चर्च बनाए और क्रिश्चियन मिशनरीज ने बेहद तेजी से धर्म परिवर्तन शुरू कर दिया जिसमें सबसे ज्यादा यहां के मूल निवासी मैती* *आदिवासियों का धर्म परिवर्तन कर ईसाई बना दिया गया। मणिपुर में निरंतर हिंसा हो रही थी। वर्ष 1981 में भीषण हिंसा हुई तब श्रीमती इंदिरा गांधी हमारी* *प्रधानमंत्री थीं। उस समय की हिंसा में जब 10,000 से अधिक मैती आदिवासी मारे गए, उसके बाद इंदिरा गांधी जाग गईं और उनके निर्देश पर वहां सेना को भेजा गया तथा* *शांति करवाई गई।*

*शांति समझौते में ऐसा निर्णय हुआ कि मैती मैदान में रहेंगे और कुकी ऊपर पहाड़ियों पर रहेंगे ,इस कारण शांति बनी। लेकिन इसमें मूल निवासी मैती समुदाय का बहुत नुकसान हो गया। धीरे-धीरे कुकी, रोहिंग्या मुस्लिमों और नगा समुदायों ने मणिपुर की ऊंची पहाड़ियों पर अफीम की अंधाधुंध खेती शुरू कर दी। हजारों एकड़ खेत में अफीम की खेती शुरू हो गई,जिससे खरबों रुपए का नशीले पदार्थों का व्यापार होने लगा।*
*इस कारण नशीले पदार्थ का माफिया और आतंकवादी संगठन का एक देशविरोधी गठजोड़ सक्रिय हो गया तथा वहां पर जमकर हथियारों की आपूर्ति कर दी गई ताकि पुलिस और सेना से मुकाबला का सकें।*

*वर्ष 2008 में एकबार फिर जोरदार गृह युद्ध शुरू हो गया ,तब सोनिया गांधी के निर्देश पर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने कुकी तथा धर्मपरिवर्तित ईसाइयों के साथ मिलकर मूल* *मताई(मैती) आदिवासियों के साथ एक समझौता किया और मणिपुर की ऊंची पहाड़ियों पर अफीम की खेती को अधिकृत मान्यता देकर पुलिस कार्रवाई न करने का आश्वासन दिया।*

*इसके बाद से मणिपुर से पूरे भारत देश में तेजी से नशीले पदार्थों को भेजा जाने लगा। मणिपुर नशीले पदार्थों का गोल्डन ट्रायंगल बन गया चीन, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और म्यांमार का गठजोड़ बनाकर ,वहां तेजी से आर्थिक मदद देकर मणिपुर से उगाई गई अफीम को भारत के अन्य राज्यों में भेजकर पंजाब आदि राज्यों को नशीले बनाना शुरू कर दिया गया।*

*लेकिन केंद्र में वर्ष 2014 में दिल्ली में केंद्र सरकार बदली।अब केंद्र सरकार की नजरें पूरे भारत पर थी, जहां- जहां धर्म परिवर्तन हो रहे थे,जहां पर हिंदू समुदाय खतरे में दिखाई दे रहे थे, जो राज्य भारत से अलग होने की फिराक में हो रहे थे, केंद्र सरकार ने उन राज्यों को पहचान कर उन क्षेत्रों में धीरे-धीरे कार्रवाई शुरू कर दी।* *असम, नागालैंड , मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु,उत्तर प्रदेश,* *झारखंड,बिहार और जम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार ने गोपनीय तरीके से काम करना शुरू किया।*
*जम्मू कश्मीर और असम में सफलता मिल गई। मणिपुर में वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को पहली बार सफलता मिली और कांग्रेस से बीजेपी में आए वीरेंद्र सिंह को भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री बना दिया।*
*मैती समाज के मुख्यमंत्री वीरेंद्र सिंह 30 वर्षों से मणिपुर में राजनीति कर रहे हैं और उन्हें मणिपुर की मूल समस्या मालूम थी। वीरेंद्र सिंह खुद ही मैती समाज से आते हैं जोकि आदिवासी संकट को अच्छी तरह से जानते थे।*
*नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने वीरेंद्र सिंह को अफीम की खेती नष्ट करने के निर्देश दिए जिसके बाद मुख्यमंत्री वीरेंद्र सिंह ने अफीम की खेती पर जोरदार हमला बोल दिया और हजारों एकड़ खेती में लगे अफीम के पौधों को नष्ट कर दिया गया।इससे कुकी और क्रिश्चियन मिशनरी, रोहिंग्या के साथ में चीन तथा पाकिस्तान में जबरदस्त खलबली मच गई है, उनका नशे का कारोबार और उससे हुई अकूत कमाई से हो रही आतंकवादी फंडिंग को भी बुरी तरह चोट पहुंची है। इसलिए वे लोग किसी भी तरह से मणिपुर में अफीम की खेती दुबारा आरंभ करना चाहते हैं।*

*आजादी के पहले से ही मेती समाज को आदिवासी समाज का दर्जा हासिल था और वह एसटी वर्ग में आते थे।*
*लेकिन आजादी के बाद चीन की चमची तत्कालीन केंद्र सरकार ने मेती समाज को एसटी वर्ग से निकाल लिया और क्रिश्चियन मिशनरी तथा कुकी समुदाय को एसटी बना दिया। इस बात से मैती बेहद नाराज हो गए और निरंतर आक्रोश प्रदर्शन करने लगे।*

*इसके कारण भी मणिपुर में बार-बार हिंसा हो रही थी। मैती समाज ने वर्ष 2010 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर स्वयं को एसटी वर्ग में शामिल करने की मांग की।*

*वर्ष 2023 में हाईकोर्ट ने मैती समाज के दावे को मंजूर किया और मैती समाज को दुबारा आदिवासी वर्ग में शामिल करने के आदेश जारी किए। चूंकि क्रिश्चियन और कुकी हमलावर अफीम की खेती बंद करने से तथा मिशनरीज के धर्म प्रसार को रोके जाने से पहले से ही नाराज थे, उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश का पूरा फायदा उठाया और मणिपुर में हिंसा फैला दी और वहां आग लगा दी।*

*आज मणिपुर जो हिंसा दिखाई दे रही है वह इन्ही का परिणाम है ,इस उग्र हिंसा में मेती समाज ने क्रिश्चियन मिशनरीज के लगभग 300 चर्च भी तोड़कर नष्ट कर दिए, क्रिश्चियन मिशनरी पर हमले हो रहे हैं और बाहर से आकर बसे कुकियों को भगाया जा रहा है ।*
*आज जो कुछ भी मणिपुर में हो रहा है वह भारत के भविष्य के लिए फायदेमंद है। अन्यथा मणिपुर जल्द ही एक नया देश बनने की राह पर था।अगर वर्ष 2014 में सरकार नहीं बनती और केंद्र सरकार की पैनी निगाह नहीं पड़ती तो चीन धीरे-धीरे मणिपुर पर कब्जा कर लेता। लेकिन बेहद ही चालाकी से केंद्र सरकार ने मणिपुर में मूल निवासी मैतियों को उनका अधिकार दिलाना शुरू किया ,* *धर्म परिवर्तन पर इसाई मिशनरियों पर शिकंजा कसा और अफीम की खेती के खतरनाक गठजोड़ पर हमला बोला,बस यही बात विरोधियों को खल गई और पूरा विपक्ष दुखी नजर आ रहा है।*
*सभी को यह मालूम होना जरूरी है कि पिछले 70 सालों से मणिपुर पर कांग्रेस का कब्जा था। अपने हाथ से मणिपुर जाने के बाद तथा क्रिश्चियन मिशनरीज का काम रुकवाने से और अवैध तरीके से अफीम की अकूत कमाई रुकने से नाराज कांग्रेस के नेतृत्व में अब सभी विरोधी दल मणिपुर हिंसा को लेकर मोदी सरकार की बदनामी करने की पुरजोर कोशिश रहे हैं।*
*यह नहीं जानते कि मणिपुर की बदली परिस्थितियां अखंड और मजबूत भारत के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक है ।*
*इसलिए इस पोस्ट को सभी अच्छी तरह से पढ़ें, सच्चाई जानें और दूसरों तक इसे पहुंचाने के लिए आगे जरूर फॉरवर्ड करें ताकि लोगों को यह मालूम पड़े कि मणिपुर की हिंसा की असली वजह क्या है और कौन गद्दार दल, मीडिया, पत्रकार मिलकर देश हित के खिलाफ बना एक गठजोड़ भारत देश के खिलाफ में सक्रिय है?*

*अखंड भारत: सशक्त भारत की मंगल कामना के साथ भारत माता की जय हो!*
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 *बहुत से लोग सोचते हैं कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री भगवा पोशाक में सिर्फ एक “सन्यासी” हैं*
लेकिन उनके बारे में तथ्य जानने के लिए नीचे पढ़ें….और अच्छा लगे तो शेयर करें।
▪️अजय मोहन बिष्ट उपनाम (सन्यास के बाद)
योगी आदित्यनाथ
▪️एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से उत्तर प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक अंक (100%)
▪️योगी जी गणित के छात्र हैं, जिन्होंने बीएससी गणित स्वर्ण पदक के साथ उत्तीर्ण किया है।
▪️1972 में यूपी के एक पिछड़े पंचूर गांव में एक बेहद गरीब परिवार में पैदा हुए। वह अब 50 साल के हैं।
▪️भारतीय सेना की सबसे पुरानी गोरखा रेजीमेंट के आध्यात्मिक गुरु।
▪️ नेपाल में योगी समर्थक का विशाल समूह, जो योगी को गुरु भगवान के रूप में पूजते हैं।
▪️मार्शल आर्ट में अद्भुत उत्कृष्टता। चार लोगों को एकसाथ हराने का रिकार्ड।
▪️उत्तर प्रदेश के जाने-माने तैराक। कई विशाल नदियां पार कीं।
▪️एक लेखा विशेषज्ञ जो कंप्यूटर को भी हरा देता है। प्रसिध्द गणितज्ञ शकुंतला देवी ने भी की योगी की तारीफ।
▪️रात में केवल चार घंटे की नींद। रोजाना सुबह 3:30 बजे उठ जाते हैं।
▪️योग, ध्यान गोशाला, आरती, पूजा प्रतिदिन की दिनचर्या है।
▪️दिन में दो बार ही खाते हैं..
पूर्णतः शाकाहारी। भोजन में शामिल रहता है कन्द, मूल, फल और देशी गाय का दूध।
▪️वह अब तक किसी भी कारण से कभी अस्पताल में भर्ती नहीं हुए..
▪️योगी आदित्यनाथ एशिया के सर्वश्रेष्ठ वन्यजीव प्रशिक्षकों में से एक हैं उन्हें वन्यजीवों से बहुत प्रेम है।।
▪️योगी का परिवार अभी भी उसी स्थिति में रहता है जैसा उनके सांसद या मुख्यमंत्री बनने के पहले रहता था।
▪️योगी सालों पहले सन्यास लेने के बाद सिर्फ एक बार घर गए हैं।
▪️योगी का सिर्फ एक बैंक अकाउंट है और कोई जमीन संपत्ति उनके नाम नहीं है और न ही उनका कोई खर्च है।
▪️अपने भोजन कपडे का खर्च वो स्वयं के वेतन से करते हैं और शेष पैसा राहत कोष में जमा कर देते हैं।
ये है योगी आदित्यनाथ की प्रोफाइल..
भारत में एक सच्चे लीडर की प्रोफाइल ऐसी ही होनी चाहिए। ऐसे संत ही भारत को फिर से विश्व गुरु बना सकते हैं।
🚩 जय श्री राम 🚩🙏🌹🌷🌹🌷🙏