आज का पंचाग आपका राशि फल, इस नाग पंचमी पर करें काल सर्प दोष का खंडन, बुलडोजर पर सुनवाई करने से अच्छा होगा नूह हिंसा की जांच देश हित में एनआईए को दीजिए, *शहीद और हुतात्मा शब्द का अंतर*

🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🕉
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻बुधवार, १६ अगस्त २०२३🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:०२
सूर्यास्त: 🌅 ०७:०१
चन्द्रोदय: 🌝 ❌️❌️❌️
चन्द्रास्त: 🌜१९:१६
अयन 🌖 दक्षिणायणे (उत्तरगोलीय)
ऋतु: ⛈️ वर्षा
शक सम्वत: 👉 १९४५ (शोभकृत)
विक्रम सम्वत: 👉 २०८० (नल)
मास 👉 श्रावण (द्वितीय, अधिक)
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 अमावस्या (१५:०७ से प्रतिपदा)
नक्षत्र 👉 आश्लेशा (१६:५७ से मघा)
योग 👉 वरीयान् (१८:३१ से परिघ)
प्रथम करण 👉 नाग (१५:०७ तक)
द्वितीय करण 👉 किंस्तुघ्न (०४:२१ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कर्क
चंद्र 🌟 सिंह (१६:५७ से)
मंगल 🌟 सिंह (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 सिंह (उदय, पश्चिम, मार्गी)
गुरु 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)
शुक्र 🌟 कर्क (अस्त, पश्चिम)
शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ❌️❌️❌️
अमृत काल 👉 १५:०९ से १६:५७
विजय मुहूर्त 👉 १४:३३ से १५:२६
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:५८ से १९:१९
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:५८ से २०:०२
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०० से ००:४३
ब्रह्म मुहूर्त 👉 ०४:१८ से ०५:०१
राहुकाल 👉 १२:२१ से १४:००
राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०७:२३ से ०९:०३
होमाहुति 👉 सूर्य
दिशाशूल 👉 उत्तर
अग्निवास 👉 पृथ्वी (१५:०७ तक)
चन्द्रवास 👉 उत्तर (पूर्व १६:५७ से)
शिववास 👉 गौरी के साथ (१५:०७ से श्मशान में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – लाभ २ – अमृत
३ – काल ४ – शुभ
५ – रोग ६ – उद्वेग
७ – चर ८ – लाभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – उद्वेग २ – शुभ
३ – अमृत ४ – चर
५ – रोग ६ – काल
७ – लाभ ८ – उद्वेग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पूर्व-उत्तर (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
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देव कार्ये श्रावणी अधिक अमावस्या, पुरुषोत्तम (अधिक) मास पूर्ण आदि ।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १६:५७ तक जन्मे शिशुओ का नाम आश्लेषा नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (डे, डो) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम मघा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (मा, मी, मू) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कर्क – ०३:३२ से ०५:५३
सिंह – ०५:५३ से ०८:१२
कन्या – ०८:१२ से १०:३०
तुला – १०:३० से १२:५१
वृश्चिक – १२:५१ से १५:१०
धनु – १५:१० से १७:१४
मकर – १७:१४ से १८:५५
कुम्भ – १८:५५ से २०:२१
मीन – २०:२१ से २१:४४
मेष – २१:४४ से २३:१८
वृषभ – २३:१८ से ०१:१३
मिथुन – ०१:१३ से ०३:२८
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पञ्चक रहित मुहूर्त
अग्नि पञ्चक – ०५:४४ से ०५:५३
शुभ मुहूर्त – ०५:५३ से ०८:१२
रज पञ्चक – ०८:१२ से १०:३०
शुभ मुहूर्त – १०:३० से १२:५१
चोर पञ्चक – १२:५१ से १५:०७
रज पञ्चक – १५:०७ से १५:१०
शुभ मुहूर्त – १५:१० से १६:५७
चोर पञ्चक – १६:५७ से १७:१४
शुभ मुहूर्त – १७:१४ से १८:५५
रोग पञ्चक – १८:५५ से २०:२१
शुभ मुहूर्त – २०:२१ से २१:४४
शुभ मुहूर्त – २१:४४ से २३:१८
रोग पञ्चक – २३:१८ से ०१:१३
शुभ मुहूर्त – ०१:१३ से ०३:२८
मृत्यु पञ्चक – ०३:२८ से ०५:४५

आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन का पूर्वार्ध परेशानी वाला रहेगा। कहीं से कोई भी आशा नहीं दिखने से बेचैन रहेंगे। घर का वातावरण अशान्त रहने से मानसिक स्थिति बिगड़ेगी क्रोध में आकर कोई निर्णय ना ले बाद में पश्चाताप होगा। दोपहर के बाद स्थिति में सुधार आने लगेगा लेकिन फिर भी किसी भी प्रकार का जोखिम वाला कार्य ना करें धन के साथ शारीरिक हानि हो सकती है।आज परिजनों की ही सहायता अथवा मार्गदर्शन से बिगड़े काम बनेंगे। मध्यान बाद किसी वरिष्ठ व्यक्ति का सहयोग मिलने से आर्थिक एवं अन्य समस्या सुलझेंगी। खान-पान में संयम बरतें।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आपकी आशाओं की पूर्ति कराने वाला रहेगा। दिन भर मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे। कार्य क्षेत्र अथवा घरेलू झगड़ो को टालने के लिए छोटी-मोटी बातों को अनदेखा करें। कार्य क्षेत्र पर परिश्रम के अनुसार लाभ मिलेने से संतोष रहेगा आज किसी पैतृक संपत्ति के मामलो में उलझने रहेंगी पुश्तैनी कार्य मे खर्च भी हो सकता है। दिन शुभ है नए कार्यो में निवेश कर सकते है भविष्य के लिये लाभदायक रहेगा। पारिवारिक सदस्यों में आपसी सामंजस्य बना रहेगा फिर भी किसी से बहस ना करें।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज भी परिस्थितियां आपकी आशाओं के अनुकूल रहेंगी परन्तु आज किसी विशेष व्यक्ति द्वारा भ्रम की स्थिति बनाने से असमंजस में पड़ सकते है। स्वभाव से आज संतुष्ट रहेंगे लेकिन प्रलोभन में आकर बिना विचारे कोई भी कार्य ना करें छोटी सी भूल लाभ को हानि में बदल सकती है। आज धन लाभ के लिये विभिन्न युक्तियां लगाएंगे संध्या के समय स्वजनों के सहयोग से भ्रम से बाहर निकलेंगे। आर्थिक आयोजन लाटरी सट्टे मे निवेश करने के लिए भी यह समय उपयुक्त रहेगा आकस्मिक लाभ हो सकता है। महिला मित्रो के साथ नजदीकियां बढ़ेंगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन मौज-शौक के प्रति अधिक आकर्षण रहेगा जिसके चलते आप कार्यो के प्रति लापरवाही दिखाएंगे फलस्वरूप महत्त्वपूर्ण कार्य अधूरे रहेंगे एवं लाभ के अवसर हाथ से निकल सकते है। फिजूल खर्च बढ़ेंगे। सरकार की तरफ से कोई परेशान करने वाला समाचार मिल सकता है। यात्रा-पर्यटन की योजना बनेगी। कार्य क्षेत्र पर अनुकूल वातावरण मिलने के बाद भी आर्थिक दृष्टिकोण से किसी अन्य के ऊपर निर्भर रहेंगे। आज अपनी ही किसी गलती के कारण हानि हो सकती है। यात्रा में चोरी एवं दुर्घटना के योग है सावधानी बरतें।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन विपरीत फल देने वाला रहेगा। पूर्व निर्धारित योजनाएं अधूरी या असफल हो सकती है। कार्य क्षेत्र पर मनमानी के कारण आर्थिक हानि होगी। आज आप बिना विचारे कोई भी कार्य ना करें जल्दबाजी अधिक रहेगी। सरकारी कार्यो में भी विलम्ब होगा। सामाजिक क्षेत्र पर अधिक बोलने से बचें। विरोधी आज आपकी गलती खोजने के लिए तैयार रहेंगे। स्त्री-संतान से भी संबंधो में कड़वाहट आ सकती है। सेहत संध्या के आसपास नरम होने की संभावना है। यात्रा टालना बेहतर रहेगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन सभी प्रकार से लाभ देने वाला रहेगा परन्तु आज आपको किसी अच्छे मार्गदर्शक की आवश्यकता पड़ेगी। आपके व्यवहार में गर्मी रहने से बीच-बीच में बना बनाया वातावरण अशान्त भी हो सकता है। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मियों की लापरवाही भी विवाद का कारण बनेगी परन्तु धन लाभ आज किसी न किसी रूप में अवश्य होगा। मध्यान बाद परिजनो की इच्छा पूर्ती करने से घर में सुख शांति रहेगी। लंबी यात्रा यथासंभव टालें स्वास्थ्य बिगड़ने की संभावना है। विरोधी आपसे बच कर रहेंगे। आज अनैतिक संसाधनों से भी धन लाभ की संभावना है।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन राहत का अनुभव करेंगे। कार्यो को लेकर पहले थोड़ा आशंकित रहेंगे परन्तु एक बार सफलता मिलने पर यही क्रम दिन भर बना रहेगा। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन बेहद खास रहेगा धन की आमद रुक रुक कर होने से मन प्रसन्न रहेगा परन्तु उधार के व्यवहार आज ना ही करें तो बेहतर रहेगा। नौकरी पेशा जातक आज भी व्यस्तता के चलते घर में आलोचना का शिकार बनेंगे लेकिन सामाजिक स्तर पर आपकी छवि निखरेगी। स्वास्थ्य थोड़ा नरम रहेगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आपका स्वास्थ्य उत्तम रहने से मानसिक रूप से किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेंगे। अपनी पुरानी योजनाओं को सिरे चढ़ायेंगे परिस्थितियां भी आपके साथ रहने से कार्यो में सफलता सुनिश्चित रहेगी लेकिन स्वभाव का आलस्य हर काम मे विलम्ब करा सकता है इससे बचें। व्यवहार में थोड़ा रूखापन रहने से बीच-बीच में व्यवधान भी आएंगे परन्तु इनसे पार पा लेंगे। आज कम् साधन होने पर भी कार्यो को आत्मविश्वास से करेंगे। घरेलु दिनचर्या सामान्य रहेगी। संतान के भविष्य को लेकर चिंतित हो सकते है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन अशुभ फलदायी रहेगा। घर एवं बाहर आज विवेक से कार्य करें। आर्थिक समस्याओं को लेकर भविष्य की चिंता सताएगीक्रोध में आकर किसी का अपमान भी कर सकते है परिजन भी आज आपके रूखे व्यवहार के कारण दूरी बना कर रखेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी व्यवहारिकता की कमी के चलते लाभ होते होते हाथ से निकलने की संभावना है।घर के सदस्य अथवा स्वयं की दवाओं पर खर्च करना पड़ेगा। छाती में संक्रमण अथवा गले सम्बंधित परेशानी रहेगी। सन्तानो से स्वार्थयुक्त सम्बन्ध रहेंगे। लंबी यात्रा टाले हानि हो सकती है।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज दिन का पहला भाग आलस्य के कारण बेकार हो सकता है। लेट-लतीफी के कारण महत्त्वपूर्ण कार्य बिगड़ने की भी संभावना है। कार्य क्षेत्र पर अधूरे कार्यो को लेकर परेशानी में पड़ सकते है फिर भी धन लाभ के योग तो है साथ में आपके राजसी खर्च बने रहने से बचत नही कर पाएंगे। मध्यान के बाद अधिकांश कार्य आपके परिश्रम से सुधरने लगेंगे। रिश्तेदारी के व्यवहार से लाभ होने की सम्भवना है परन्तु पहले खर्च भी करना पड़ेगा। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मियों से पहले नाराजगी रहेगी बाद में स्थिति सामान्य हो जायेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आपमें उतावलापन अधिक रहेगा जिसके कारण समस्याएं सुधरने की जगह और गहरी हो सकती है। नए कार्य का आरम्भ आज ना करें। किसी के जमानती भी ना बने। दोपहर के बाद सेहत में उतार चढ़ाव आने से कार्य क्षेत्र पर उदासीनता रहेगी फिर भी खर्च लायक धन लाभ होने से स्थिति बराबर रहेगी। आज कोई बीबी कार्य करने से पहले परिवार के बुजुर्गो की राय अवश्य लें। पारिवारिक सदस्य के कारण सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी आ सकती है। सन्तानो पर विशेष नजर रखे।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आपका आज का दिन छोटी मोटी उलझनों को छोड़ सामान्य ही रहेगा। व्यवस्तता अधिक रहने से पारिवारिक आवश्यकताओ पर ध्यान नहीं दे पाएंगे। सेहत की अनदेखी करना आगे भारी पड़ सकता है। बौद्धिक क्षमता बढ़ने से उलझे हुए कार्य को भी सहजता से सुलझा लेंगे। धन सम्बंधित कार्य निर्विघ्न पूर्ण होंगे परंतु इसके लिए अतिरिक्त दिमागी कसरत करनी पड़ेगी। विपरीत लिंगीयो से किसी ग़लतफ़हमी के कारण मतभेद होंगे प्रेम प्रसंगों में भावुकता अधिक रहेगी आज सतर्क रहें। धन से अधिक संबंधो को प्राथमिकता दें। सेहत और पारिवारिक जीवन छूट पुट बातों को छोड़ सामान्य रहेगा।
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*नाग पंचमी पर वर्ष में केवल एक बार खुलता है नागचन्द्रेश्वर मंदिर, यहां है नाग देवता की दुर्लभ प्रतिमा*

✍️【पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री) 

✍🏻 21 अगस्त 2023 को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा, जानते हैं नाग देवता के उस मंदिर के बारे में जो बर्ष में सिर्फ एक बार खुलता है ज्योतिषाचार्य पंडित नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी 21 अगस्त 2023 को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा, सनातन धर्म में इस दिन भगवान शिव जी के साथ सर्पों की पूजा का विधान है, हिंदू धर्म में नाग पूजनीय माने गए हैं, जहां भगवान शिव के गले में विराजते हैं तो शेषनाग पर भगवान विष्णु शयन करते हैं, आइए जानते हैं नाग देवता के उस मंदिर के बारे में जो वर्ष में सिर्फ एक बार खुलता है….

*नागचंद्रेश्वर मंदिर की रोचक जानकारी*

ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग में से एक है महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर में की तीसरी मंजिल पर मौजूद है नागचंद्रेश्वर मंदिर ये मंदिर भक्तों के लिए बर्ष में सिर्फ नागपंचमी के दिन 24 घंटे के लिए ही खुलता है।

नागचंद्रेश्वर मंदिर 11वीं शताब्दी में बनाया गया था, यहां फन फैलाए नाग की एक अद्भुत प्रतिमा है जिस पर शिवजी और मां पार्वती बैठे हैं, मान्यता है कि यहां नागराज तक्षक स्वयं मंदिर में रहते हैं।

ग्रंथों के अनुसार नाग देवता की ये प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। दावा है कि उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है, वैसे तो नाग शैय्या पर विष्णु भगवान विराजमान होते हैं लेकिन इस दुर्लभ दसमुखी सर्प प्रतिमा पर भगवान शिव देवी पार्वती संग बैठे हैं।

*वर्षभर क्यों बंद रहता है नागचंद्रेश्वर मंदिर*

आचार्य पंडित नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार सर्पराज तक्षक ने महादेव को प्रसन्न करने के लिए कठिन तप किया था, सर्पों के राजा तक्षक की तपस्या से खुश होकर शिव जी ने उन्हें अमरत्व का वरदान दिया था, उसके बाद से तक्षक राजा ने भोलेनाथ की शरण में वास करने लगे, नागराज की महाकाल वन में वास करने से पूर्व मंशा थी कि उनके एकांत में विघ्न ना हो, यही वजह है कि इस मंदिर के पट सिर्फ वर्ष में एक बार खुलते हैं, शेष समय उनके सम्मान में परंपरा के अनुसार ये मंदिर बंद रहता है।

*इस दिन कुंडली मे अशुभ दोषों की शांति की जाती है:-* जैसे कालसर्प दोष, ग्रहण दोष, पितर दोष, विष दोष व समस्त दोषों की शांति करने से जल्दी ही शुभ फल प्राप्त होते हैं।

जब भी कोई सैनिक देश के लिए बलिदान देता है या किसी बलिदानी का जन्मदिन या पुण्यतिथि आती है तो सोशल मीडिया पर उसको बलिदानी या हुतात्मा न कह कर शहीद कहा जाता है। शहीद का अर्थ है वो मुस्लिम जो इस्लाम को फैलाने के लिए जिहाद करते हुए मारा जाता है। अगर आपको उर्दू फांकने का इतना ही शौक है तो उस बलिदानी को गाजी कहो जो इस्लाम में शहीद से बड़ी उपाधि है।

नीचे लिखे लेख को विस्तार से पढ़ें।

 

*शहीद और हुतात्मा शब्द का अंतर*

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जिस समय डेविड हेडली अमेरिका में पूछताछ के दौरान आतंकी इशरत जहाँ के नए-नए खुलासे कर रहा था, और यह साफ़ होता गया कि वह लड़की मासूम कतई नहीं थी, बल्कि चार मुस्टंडे आतंकियों के साथ अकेली अहमदाबाद एक आतंकी मिशन पर आई थी, उस समय मुम्बई के कुछ इलाकों में “शहीद” इशरत जहाँ के नाम से चलाई जा रही एम्बुलेंस पर जनता का माथा ठनका था. इसके बाद जब JNU जैसे विश्वविद्यालयों में “शहीद” अफज़ल गूरू के नारे लगाए गए, तब भी लोगों को अजीब सा लगा… इसी प्रकार सियाचिन में बर्फ में दबकर मारे गए लांसनायक हनुमंथप्पा के लिए भी अखबारों और जनता ने “शहीद” शब्द का उपयोग होते देखा… इससे कई लोगों का माथा चकरा गया. इशरत जहाँ भी “शहीद” और हनुमंथप्पा भी “शहीद”, ऐसा कैसे हो सकता है?? परन्तु वास्तव में देखा जाए तो इसमें अजीब कुछ भी नहीं था. शहीद शब्द को लेकर इस्लाम में एकदम स्पष्ट परिभाषा है, जबकि अज्ञानी एवं भोलेभाले हिंदुओं को जैसा पढ़ा-लिखा दिया जाता है, वे उसका पालन करने लग जाते हैं. ऐसा क्यों?? तो आईये पहले हम समझें “शहीद” और “हुतात्मा” शब्दों के बीच का अंतर… 

चाणक्य सीरियल का एक वाक्य है, “भय सिर्फ यवनों की दासता का नहीं, भय उनकी सांस्कृतिक दासता का भी है” यह वाक्य (सिरियल से) इसलिए याद आया कि, हमें पता भी नहीं चला और हम अपने हुतात्माओं को “शहीद” कहने लगे. इसे समझने के लिए आप को तीन ऐसे लिंक्स दे रहा हूँ, जिसका काट देने की कोई मुसलमान हिम्मत नहीं कर सकता. इनमें शहीद शब्द की व्याख्या की गई है. 

1. http://www.albalagh.net/qa/shaheed…. 

2. http://www.quran-islam.org/main_top…

3. https://www.2600.com/news/mirrors/h… 

सब से पहली लिंक है मुफ़्ती तकी उसमानी साहब की, जो कराची स्थित दारुल उलूम में फिकह और हदीथ के अध्येता हैं. इंग्लिश, अरबी और उर्दू में 66 किताबें उनके नाम पर हैं और अधिकारी व्यक्ति हैं, जिनका संदर्भ गंभीरता से लिया जाता है. देखते हैं वे क्या कहते हैं शहीद के बारे में : 

Shaheed in the real sense is a Muslim who has been killed during “Jihad” or has been killed by any person unjustly. Such a person has two characteristics different from common people who die on their bed. Firstly, he should be buried without giving him a ritual bath. However, the prayer of the Janazah shall be offered on him and he shall also be given a proper kafin (burial shroud). Secondly, he will deserve a great reward in the Hereafter and it is hoped that Allah Almighty shall forgive his sins and admit him to Jannah. It is also stated in some of the traditions that the body of such a person remains in the grave protected from contamination or dissolution.  

अर्थात सही मायने में “शहीद” वो मुसलमान होगा, जो जिहाद करते समय कत्ल होगा अथवा जिसकी अन्याय से हत्या हुई होगी. आम आदमी की सामान्य मौत से अलग इसके दो भिन्न लक्षण होंगे. पहली बात यह है कि, उसे गुसल (यानी स्नान) के बिना ही दफनाया जाएगा, लेकिन जनाजे की नमाज अता की जाएगी तथा उसे एक सही कफन ओढा जाएगा. दूसरी बात यह है कि वो (दूसरी दुनिया) में बड़े इनाम का हकदार होगा तथा यह उम्मीद है कि अल्लाह तआला उसके गुनाह माफ करके उसे जन्नत में आने की इजाजत देंगे. कुछ जगहों में यह भी कहा गया है कि ऐसे व्यक्ति का शव सुरक्षित रहता है, उसमें सड़न नहीं होती. यह बात मजेदार है, सडन न होनेवाली. जबकि जिनको भी ये शहीद कहते आए हैं, जरा देखो तो आज उनकी लाशों का क्या हाल है? कीड़े केंचुओं ने खा कर खाक में मिला दिया होगा… तो शहादत कैन्सल हो जानी चाहिए, नहीं? इस लेख के अंत में मुफ़्ती साहब ये कहते हैं  

It is evident from the above discussion that the word “Shaheed” can only be used for a Muslim and cannot be applied to a non-Muslim at all. Similarly, the term cannot be used for a person who has been rightly killed as a punishment of his own offence. 

इस चर्चा से यह स्पष्ट होता है कि यह शब्द “शहीद” केवल एक मुसलमान के लिए ही प्रयुक्त किया जा सकता है, गैर-मुस्लिम के लिए कतई नहीं प्रयुक्त किया जा सकता. इसी तरह से, यह संज्ञा किसी ऐसे (मुस्लिम) व्यक्ति के लिए भी नहीं प्रयुक्त की जा सकती जिसे अपने गुनाहों के लिए न्यायोचित मृत्युदंड दिया गया हो. मुफ़्ती तकी उस्मानी साहब की बात को गौर से पढ़ें और समझें… “Shaheed in the real sense is a Muslim who has been killed during “Jihad” or has been killed by any person unjustly. यानी सही मायने में शहीद वो मुसलमान होगा, जो जिहाद करते समय कत्ल होगा या जिसकी अन्यायपूर्ण हत्या हुई होगी. अब जिहाद करते कत्ल क्यूँ होगा? अगर जिहाद केवल भाई से भाई को मिलाने की बात हो या केवल आत्मोन्नति वाला जिहाद हो (Jihad-al-Nafs) जैसे कि हमें बताया जाता है, जब हम जिहादी को आतंकी कहते हैं? भारत में काफिरों ने कभी किसी संत को नहीं मारा. हाँ, मोमिनों द्वारा सत्य की राह में जो लोग नहीं आए, उनको लाते लाते वे मर गए उसमें मोमीन बेकसूर ही हैं, क्या नहीं? मुसलमान पर कोई भी आरोप लगता है तो उसके बचाव में खड़े होनेवाले अपनी बात की शुरुआत ही “मासूम मुसलमान” से करते हैं. 

बात यह भी है कि मुफ़्ती साहब पाकिस्तान में रहते हैं, वहाँ हिन्दू सत्ता में नहीं । जहां काफिरों के देश में रहना नहीं है, वहाँ मुसलमान खुल कर बोलता है. इस्लाम को ले कर भारत या अमेरिका में रहनेवाले किसी मुसलमान के मुकाबले ये मुफ़्ती साहब ज्यादा ईमानदार हैं. उसी वाक्य के आखरी हिस्से में वे कहते हैं कि वो मुसलमान भी शहीद है जिसकी अन्याय हत्या हुई होगी. अब न्याय क्या, और अन्याय क्या? जब केस दर्ज होता है तो उन्हें भारत की न्याय व्यवस्था और भारत के संविधान में विश्वास होता है. अगर फैसला विरोध में आए तो judicial killing. किसी को फुर्सत नहीं, और किसी के पास उतना धन भी नहीं इसलिए इनकी गर्जनाएँ चलती हैं कि इस कानून को हम कानून ही नहीं मानते. हमारे लिए कुरान / शरिया ही कानून है. अब ये लोग अपने शहीद की कैटेगरी स्पष्ट करें कि जिन्हें भारत की न्याय व्यवस्था ने मृत्युदंड दिया उन्हें ये शहीद कह रहे हैं, तो क्या उनके साथ जो हुआ वो न्याय नहीं था या फिर उनपर जो आरोप हैं वे काम इस्लाम में जायज और बिलकुल करने योग्य हैं? इतने सारे सबूतों और गवाहियों के बाद यह तो मानना मुमकिन नहीं कि आरोप ही झूठे थे. 

भारत के स्वतंत्रता संग्राम के योद्धाओं के साथ इनकी तुलना नहीं हो सकती. देशज जन और देशज सत्ता से आप इस देश को इस्लाम के लिए काबिज नहीं कर सकते, ना ही ऐसे गतिविधियों को आजादी की जंग का नाम दे सकते हैं. अर्थात इससे कुछ उजागर होता है तो वह जिहाद का असली चेहरा ही है.  

मुफ़्ती उस्मानी साहब की दूसरी बात को देखते हैं –  

1. इस चर्चा से यह स्पष्ट होता है कि यह शब्द “शहीद ” केवल एक मुसलमान के लिए ही प्रयुक्त किया जा सकता है और गैर मुस्लिम के लिए कतई नहीं प्रयुक्त किया जा सकता. 

2. इसी तरह से, यह संज्ञा किसी ऐसे (मुस्लिम) व्यक्ति के लिए भी नहीं प्रयुक्त किया जा सकती जिसे अपने गुनाहों के लिए न्यायोचित मृत्युदंड दिया गया हो.

मुफ़्ती साहब साफ कह रहे हैं कि यह शब्द “शहीद” केवल मुसलमान के लिए ही प्रयुक्त किया जा सकता है और गैर मुस्लिम के लिए कतई नहीं प्रयुक्त किया जा सकता. मुफ्ती साहब द्वारा वर्णित परिभाषा के अनुसार इसका मतलब यह है कि यदि हम चंद्रशेखर आज़ाद अथवा भगत सिंह जैसे वीरों को शहीद कहते हैं, तो गलत है क्योंकि वे मुसलमान नहीं हैं. मुफ्ती साहब की इसी व्याख्या से अब बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या भारत के मुसलमान की नजर में अब्दुल हमीद “शहीद” है या नहीं ? अब्दुल हमीद पाकिस्तान से लड़ते हुए मारे गए थे, पाकिस्तानियों के हाथों. याने इस्लाम और अल्लाह के लिए सरजमीं-ए-हिन्द को फतेह करने निकले गाजी मुसलमान ने अपने काफिर आकाओं से वफादारी दिखाकर इस्लामी गाजियों को मारा था. युद्ध में पाकिस्तानी तो इस्लाम की फतेह के लिए मारे गए, यानी वे तो ऑटोमैटिक शहीद हो गए, लेकिन काफिरों की तरफ से गाजियों से लड़ते हुए अब्दुल हमीद को भारत के मुसलमान शहीद मानेंगे या नहीं? सवाल यही है कि क्या भारत का मुसलमान, पाकिस्तानी सैनिकों को इस देश का हमलावर मानता है या दस्तगीर (हाथ बढ़ाकर मदद करनेवाला) मानता है?  

सूरह 5:53 से 5:55 को संदर्भों के साथ देखें तो यह हिदायत है कि अगर गलत लोगों को अपने से दूर न रखा जाये और अपने साथ घुलने दिया जाये तो गेहूं के साथ घुन को पिसना ही है. बात हम शहीदों की कर रहे थे, और शहीद शब्द की व्याख्या कर दी गई है. तो हमारे भारत के वीर “शहीद” कब से कहलाने लगे? पोस्ट की शुरुआत मैंने चाणक्य सिरियल के एक वाक्य से की थी – “भय सिर्फ यवनों की दासता का नहीं, भय उनकी सांस्कृतिक दासता का भी है”. उसी के आगे चाणक्य यह भी कहते हैं कि – “अनुभव कहता है कि पराजित राष्ट्र, और पराजित मन प्राय: विजेताओं के संस्कार और संस्कृति को स्वीकार करते हैं. सैकड़ों वर्ष की इस्लामी हुकूमत से हिन्दू राज्यों की राजभाषा में भी उर्दू और फारसी शब्द प्रचुरता से पाये जाते हैं. वैसे हम शहीद कब से कहने लगे, इसका इतिहास थोड़े ही किसी ने लिख रखा है? कह दिया किसी ने शहीद, तो लग गए हम भी शहीद कहने. 1948 में फिल्म आई थी ‘शहीद’ जिसका अमर गाना ‘वतन के राह में वतन के नौजवाँ शहीद हो’ आज भी सभी के जुबान पर है. उसके बाद दूसरी शहीद फिल्म आ गयी, और यही शब्द मनोमस्तिष्क पर दृढ़ हो गया,किसी को कुछ अलग से सोचने की जरूरत ही नहीं महसूस हुई। (साभार) 

सुशील कुमार सरावगी: *_बुलडोज़र पर सुनवाई मत कीजिए,_*
*_नूंह में हिंदुओं पर हमला क्यों हुआ,_*
*_उसकी जांच स्वतः संज्ञान लेकर NIA को दीजिए -_*

*_पंजाब & हरियाणा हाई कोर्ट में नियमों का उल्लंघन -_*

*_अपने 8 अगस्त के लेख में पंजाब & हरियाणा हाई कोर्ट के 2 सिख जजों जी एस संधावालिया और हरप्रीत कौर के स्वतः संज्ञान लेकर नूंह में बुलडोज़र कार्रवाई पर रोक लगाने के आदेश दिए जाने पर मैंने आशंका जताई थी कि क्या उन्होंने चीफ जस्टिस से अनुमति भी ली है सुनवाई करने की और कहीं उन्हें सरहद पार से तो कोई निर्देश नहीं मिले -_*

*_मुझे नहीं पता क्या हुआ लेकिन इन दोनों जजों को हटा कर सुनवाई जस्टिस अरुण पल्ली और जस्टिस जगमोहन बंसल को दे दी गई लेकिन आज उन्होंने भी सुनवाई करने से मना कर दिया जिसमें उन्होंने कारण बताया कि हाई कोर्ट के नियमों के अनुसार जिस मामले में स्वतः संज्ञान लिया गया है, उसे 3 दिन के भीतर चीफ जस्टिस के सामने रखा जाना चाहिए जिससे वह मामला उचित बेंच को सौंप सकें -_*

*_जाहिर है पहले दोनों जजों ने ये प्रक्रिया नहीं अपनाई थी जिसकी आशंका मैंने जताई थी और इसलिए उन्हें बेंच से हटा दिया गया – आज की सुनवाई से पहले ही हरियाणा सरकार ने सभी तथ्य कोर्ट के सामने रख कर बता दिया था कि बुलडोज़र चलाने में कोई भेदभाव नहीं हुआ है -_*

*_अब यह मामला 16 अगस्त को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सुनेंगे -_*

*_मीलॉर्ड बुलडोज़र गलत चला या सही, उसकी आप जांच करने की जहमत मत उठाएं, आप तो जांच इस बात की करें कि हिंदुओं की शोभा यात्रा पर हमला कैसे हुआ, कौन थे हमला करने वाले जो पहाड़ी पर बैठे 3 तरफ से आधुनिक हथियारों से गोलियां बरसा रहे थे – और जिस हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की भी शंका है -_*

*_आप तो मीलॉर्ड, उस हमले की NIA से जांच के आदेश दीजिए – जिस समुदाय के लिए आपके दो जजों के दिल में दर्द था, वह दर्द आप उनके लिए महसूस कीजिए जिन पर हमला किया गया और आप आदेश दीजिए कि पूरे मेवात से एक एक विदेशी नागरिक को तुरंत देश निकाला दिया जाए क्योंकि भारी संख्या में रोहिंग्या वहां बसे हुए हैं जिन्होंने तबियत से हिंदुओं पर हमले किए हैं -_*

*_यह उचित नहीं है कि मार खाएगा हिन्दू और विक्टिम कार्ड खेलेगा मारने वाला यह बात_आज 14 अगस्त 2023 सोमवार को बाबूजी सुशील कुमार सरावगी राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय विचार मंच भारत ने अपने प्रवास स्थल मातृछाया भवन राजगढ़ जिला चुरू राजस्थान में चर्चा के दौरान कही। गोपाल शर्मा वरिष्ठ पत्रकार 9887456565*
[14/8, 8:56 am] सुशील कुमार सरावगी: *_फड़फड़ाता केजरीवाल अब दर्द में तड़पने को मजबूर है -_*
*_खुद भी संकट में और चेले चपाटे भी -_*

*_देश भर में चक्कर काटता रहा नटवरलाल केजरीवाल कि सारे दल दिल्ली के लिए संसद में लाए बिल का विरोध कर दें – बहुत से बहके हुए दलों ने साथ दिया भी और कांग्रेस ने तो 90 साल के मनमोहन सिंह को Wheel Chair पर ला कर राज्यसभा में बिठा दिया – परंतु सब बेकार हो गया क्योंकि 131 के मुकाबले केवल 102 वोट ही मिल सके -_*

*_लेकिन लोचा तो कर दिया केजरीवाल के चेले राघव चड्ढा ने जिसने बिल को प्रवर समिति को भेजने के लिए उन विपक्षी दलों के नेताओं की नाम समिति के लिए सुझा दिए जिन्होंने अपने सदस्यों को बिल का समर्थन करने के लिए whip जारी किया हुआ था – वे भला कैसे अपना नाम प्रवर समिति में देने के लिए सहमति दे सकते थे -_*

*_राज्यसभा के Rule 125 के अनुसार कोई सदस्य प्रवर समिति में किसी बिल को भेजने का प्रस्ताव करने के लिए जरूरी नहीं जिन सदस्यों के नाम वह सुझा रहा है, उनके Signature भी ले परंतु उनकी सहमति लेना आवश्यक है – राघव चड्ढा ने प्रवर समिति में जिन सदस्यों का नाम दिया उन्होंने खड़े होकर मना कर दिया कि उन्होंने कोई सहमति दी है -_*

*_अब राघव चड्ढा ने ये Deny भी नहीं किया कि उसने बिना सदस्यों की सहमति उनके नाम दिए और सबसे बड़ा आरोप राघव चड्ढा पर यह लग गया कि उसके प्रस्ताव में उन 5 सदस्यों के हस्ताक्षर भी थे जिन्होंने सहमति नहीं दी थी – जाहिर है हस्ताक्षर फर्जी होंगे क्योंकिं जब सदस्यों ने सहमति ही नहीं दी तो हस्ताक्षर करने का तो प्रश्न ही नहीं उठता -_*

*_राघव चड्ढा का मामला Privilege Committee को भेज दिया गया और उन्हें committee की रिपोर्ट आने तक के लिए निलंबित कर दिया गया – इसी तरह संजय सिंह को भी निलंबित किया गया – लगता है संजय सिंह का मामला Privilege Committee को भेजा गया है -_*

*_राघव चड्ढा तो एक कदम और आगे बढ़ गया – जब किसी सदस्य के खिलाफ शिकायत Privilege Committee को भेज दी जाती है तो वह सदस्य मीडिया में उसके बारे में बात नहीं कर सकता लेकिन “फौलादी” राघव चड्ढा ने प्रेस कांफ्रेंस करके उस पर आपत्ति उठा दी – यानी पहले ही एक शिकायत में फंसा है और दूसरा कुकर्म भी कर बैठा -_*

*_Privilege Committee की रिपोर्ट जरूरी नहीं, अगले सत्र तक आ जाए, वह कुछ भी समय ले सकती है लेकिन यदि शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन (जो दिसंबर, 2023 में होगा) भी रिपोर्ट आती है और संजय सिंह का निष्कासन नहीं होता, तब भी उसका कार्यकाल तो 27 जनवरी, 2024 को समाप्त हो ही जाएगा -_*

*_एक और खास बात राघव चड्ढा ने BJD और YSRCP के बिल को समर्थन करने पर कह दी कि “कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, वरना ऐसे ही कोई बेवफा नहीं होता” – अरे ढक्कन, इन दोनों दलों का क्या तेरी “आप” के साथ कोई इश्क चल रहा था जो वो बेवफाई कर गई -_*

*_उधर अपने खास चेले सौरभ भारद्वाज से समझ नहीं आया केजरीवाल को क्या शिकायत हुई जो उसके बड़े महत्वपूर्ण विभाग services and vigilance उससे लेकर आतिशी मारलेना को दे दिए – मुझे लगता है अमित शाह के संसद में यह मामला उठाने के बाद कि रात के अँधेरे में क्या फाइलें चोरी की गई, शायद कहीं सौरभ ने केजरीवाल का नाम ले दिया है कि केजरीवाल के कहने पर vigilance अधिकारी के ऑफिस से रात में फाइलें गायब कराई गई थी -_*

*_प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के बारे में गुजरात यूनिवर्सिटी द्वारा मानहानि मुकदमा ख़ारिज करने से गुजरात हाई कोर्ट ने मना कर दिया और अब ट्रायल कोर्ट में केस भुगतना ही पड़ेगा – वहां अगर 2 साल की सजा हो गई तो फिर राम का नाम भजेगा नटवरलाल और उसके लिए तो गवई साहेब भी शायद सजा पर रोक नहीं लगाएंगे -_*

*_अब LG बन गए दिल्ली के Boss तो जल्दी ही शीश महल घोटाला भी CBI को जा सकता है और सुनीता / अरविन्द दोनों अंदर हो सकते हैं – अरविन्द CM होने के नाते और सुनीता extra – constitutional authority चलाने के लिए -_यह बात आज बाबूजी सुशील कुमार सरावगी राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय विचार मंच भारत ने अपने निवास मातृछाया भवन राजगढ़ जिला चुरू राजस्थान में नागरिकों से कही। श्री सरावगी जी राजस्थान प्रदेश में भाजपा उम्मीदवार जो संघ से निर्माण होकर हिंदू राष्ट्र निर्माण में समाहित है 200 विधान सभा से हर विधानसभा क्षेत्र से संभावित उम्मीदवार का चयन कर सूची भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, संघटन महासचिव को समर्पित करेगे। उन्होंने कहा राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश विधानसभा क्षेत्र में चयन प्रक्रिया गत 2 वर्षो से चल रहीं है जो अंतिम चरण है। श्री सरावगी जी वयोवृद्ध होने की वजह से उनका प्रवास स्थाई मातृछाया राजगढ़ जिला चुरू राजस्थान में ही रहेगा। गोपाल शर्मा वरिष्ठ पत्रकार ( साभार) 

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“गायन्ति देवा: किल गीत कानि,

 धन्यास्तु ते भारत भूमि भागे।

 स्वर्गापवर्गा स्पद मार्ग भूते,

भवन्ति भूयः पुरूषा सुरत्वात”।

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तेरा वैभव अमर रहे माॅं हम दिन चार रहें न रहें,

देश भक्ति में लीन हो दिल में खुमार रहे न रहे।

धर्म मज़हब की लड़ाई चल रही है आज दोस्त,

जंग है अस्तित्व के हाथों में हथियार रहे न रहे।

दुःख, दर्द व पीड़ा समाप्त करो तुम संसार से,

ग़मों के आँसू अब किसीके अब्सार रहे न रहे।

कुछ ऐसा काम कर गुज़रो तुम ज़माने के लिए,

भले प्रसिद्धि या ख़बर कोई अख़बार रहे न रहे।

करते रहो पुरानी क़श्ती से तूफ़ानों में सहायता,

फ़क़ीरा भले चाहे तेरी क़श्ती मझधार रहे न रहे।

✍🏼”पागल फ़क़ीरा”✍🏼

प्रथम पंक्ति रामप्रसाद बिस्मिल जी की है (साभार)