आज का पंचाग आपका राशि फल, पुराणों में वर्णित घटनायें देवलोक एवं पृथिवीलोक का सम्मिलित इतिहास हैं, द्वितीय विश्व युद्ध तक भारत का मूल स्वरूप रूप ऐसा था, पृथ्वी गोल है ये हमें हजारों वर्ष पहले से पता है,

 ✍️आज का पंचाग आपका राशि फल, आज है घी संग्रांद ।

✍️द्वितीय विश्व युद्ध तक भारत का मूल स्वरूप रूप ऐसा था,

✍️पृथ्वी गोल है ये हमें हजारों वर्ष पहले से पता है*

आज घी का अवश्य सेवन करें

द्वितीय विश्व युद्ध तक ….
भारत का असली रूप….
कुछ इस तरह था ….

भारत से टूट कर बने…
15 देशों के नाम-

ईरान ,कंबोडिया ,वियतनाम
मलेशिया, इंडोनेशिया

अफगानिस्तान , फिलिपींस, नेपाल ,
भूटान ,श्रीलंका,

म्यांमार ,पाकिस्तान,
बांग्लादेश ,थाईलैंड ,तिब्बत।

अगर यह सब देश भारत में मिल जाएंँ…। तो
भारत पुनः अखंड भारत बन सकता हैः
जो द्वितीय विश्व युद्ध तक …
अखंड रूप में इस मेडल में दिखाई देता है।​

𝕝𝕝 🕉 𝕝𝕝

                    श्री हरिहरो 

                   विजयतेतराम

      

        *🌹।।सुप्रभातम्।।🌹*

 

        🗓 आज का पञ्चाङ्ग 🗓

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*बुधवार, १७ अगस्त २०२२*

सूर्योदय: 🌄 ०६:०२

सूर्यास्त: 🌅 ०६:३९

चन्द्रोदय: 🌝 २२:२४

चन्द्रास्त: 🌜११:००

अयन🌖दक्षिणायने(उत्तरगोलीय

ऋतु: ⛈️ वर्षा

शक सम्वत:👉१९४४ (शुभकृत)

विक्रम सम्वत:👉२०७९ (नल)

मास 👉 भाद्रपद

पक्ष 👉 कृष्ण

तिथि👉षष्ठी(२०:२४से सप्तमी

नक्षत्र👉अश्विनी(२१:५७से भरणी

योग👉गण्ड(२०:५७से वृद्धि

प्रथम करण👉गर(०८:१४ तक

द्वितीय करण 👉 वणिज 

(२०:२४ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 सिंह

चंद्र 🌟 मेष

मंगल🌟वृष(उदित,पश्चिम,मार्गी)

बुध🌟सिंह(उदित,पश्चिम,मार्गी)

गुरु🌟मीन (उदित, पूर्व, वक्री)

शुक्र 🌟 कर्क (उदित, पूर्व)

शनि🌟मकर(उदित,पूर्व,वक्री)

राहु 🌟 मेष

केतु 🌟 तुला

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    शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ❌️❌️❌️

अमृत काल 👉 १४:३० से १६:०९

रवियोग 👉 ०५:४५ से ०७:११

विजय मुहूर्त 👉 १४:३३ से १५:२५

गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:४३ से १९:०७

सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:५६ से २०:०१

निशिता मुहूर्त 👉 २३:५९ से २४:४३

राहुकाल 👉 १२:२१ से १४:००

राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम

यमगण्ड 👉 ०७:२४ से ०९:०३

होमाहुति 👉 गुरु

दिशाशूल 👉 उत्तर

अग्निवास 👉 पाताल (२०:२४ से पृथ्वी)

भद्रावास 👉 स्वर्ग (२०:२४ से) 

चन्द्रवास 👉 पूर्व

शिववास 👉 भोजन में (२०:२४ से श्मशान में)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – लाभ २ – अमृत

३ – काल ४ – शुभ

५ – रोग ६ – उद्वेग

७ – चर ८ – लाभ

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – उद्वेग २ – शुभ

३ – अमृत ४ – चर

५ – रोग ६ – काल

७ – लाभ ८ – उद्वेग

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

🚌🚈🚗⛵🛫

पूर्व-उत्तर (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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संक्रांति सूर्य सिंह मे ०७:२१ से (पुण्यकाल प्रातः ०५:४५ से ०७:३७ तक), वाहन क्रय-विक्रय मुहूर्त प्रातः १०:५३ से दोपहर १२:३२ तक, बंगला भाद्रपद मास आरम्भ आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज २१:५७ तक जन्मे शिशुओ का नाम 

अश्विनी नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (चे, चो, ला) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशु का नाम भरणी नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (ली, लू) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

कर्क – २७:२७ से ०५:४९

सिंह – ०५:४९ से ०८:०७

कन्या – ०८:०७ से १०:२५

तुला – १०:२५ से १२:४६

वृश्चिक – १२:४६ से १५:०५

धनु – १५:०५ से १७:०९

मकर – १७:०९ से १८:५०

कुम्भ – १८:५० से २०:१६

मीन – २०:१६ से २१:३९

मेष – २१:३९ से २३:१३

वृषभ – २३:१३ से २५:०८

मिथुन – २५:०८ से २७:२३

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पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०५:४५ से ०५:४९

रज पञ्चक – ०५:४९ से ०८:०७

शुभ मुहूर्त – ०८:०७ से १०:२५

चोर पञ्चक – १०:२५ से १२:४६

शुभ मुहूर्त – १२:४६ से १५:०५

रोग पञ्चक – १५:०५ से १७:०९

शुभ मुहूर्त – १७:०९ से १८:५०

मृत्यु पञ्चक – १८:५० से २०:१६

अग्नि पञ्चक – २०:१६ से २०:२४

शुभ मुहूर्त – २०:२४ से २१:३९

मृत्यु पञ्चक – २१:३९ से २१:५७

अग्नि पञ्चक – २१:५७ से २३:१३

शुभ मुहूर्त – २३:१३ से २५:०८

रज पञ्चक – २५:०८ से २७:२३

शुभ मुहूर्त – २७:२३ से २९:४६

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आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज के दिन आप अपने हास्य भरे व्यवहार से आस पास का वातावरण खुशनुमा बनाएंगे। व्यवहार में भी नरमी रहने से लोग आपके साथ समय बिताना पसंद करेंगे। कार्य क्षेत्र की चुनोतियाँ कुछ समय के लिये दुविधा में डालेंगी समय पर सहयोग मिलने पर इनसे भी पार पा ही लेंगे। धन संबंधित मामलों को लेकर आज ज्यादा तामझाम में नही पड़ेंगे दोपहर तक लाभ की संभावनाए ही दिखेंगी इसके संध्या के आसपास अकस्मात होने से दैनिक खर्च निकल जाएंगे। महिलाये अधिक चंचल रहेंगी खुद किसी को कुछ भी बोलेंगी लेकिन किसी की मामूली बात को दिल से लगा लेंगी। जुखाम-बुखार होने से परेशानी होगी।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज का दिन आपकी आशाओ के विपरीत रहने वाला है अतिमहत्त्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले किसी अनुभवी की सलाह अवश्य लें अथवा आगे के लिए निरस्त करें। जहाँ से लाभ की उम्मीद लगाए रहेंगे वहां हानि होने की संभावना है। कार्य क्षेत्र के साथ घरेलू कार्य करते समय सावधानी बरतें टूट-फुट अथवा अन्य क्षति हो सकती है। आर्थिक योजनाए आज किसी ना किसी कारण से अधर में लटकी रहेंगी। खर्च निकालने के लिये ले देकर कार्य करना पड़ेगा। मित्र रिश्तेदारों से कोई अशुभ समाचार मन की बेचैनी बढ़ायेगा। परिजन को छोड़ अन्य लोगो से मदद की आशा ना रखें। स्वास्थ्य में उतारचढ़ाव लगा रहेगा।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। पूर्व में किये शुभकर्मों का फल आज किसी ना किसी रूप में अवश्य मिलेगा। सार्वजनिक क्षेत्र से मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। विरोधी चाहकर भी आपको क्षति नही पहुचा सकेंगे। समाज के उच्चप्रतिष्ठित लोगो के साथ मेलजोल बढेगा आपकी क्षवि भी उच्चवर्गीय जैसी बनेगी। लेकिन कार्य क्षेत्र पर सहकर्मी ईर्ष्या का भाव रखेंगे जानबूझ कर बना बनाया कार्य बिगाड़ सकते है सतर्क रहें। धन की कामना समय से थोड़ा विलम्ब लेकिन पूर्ण होगी। गृहस्थ सुख उत्तम रहेगा। भजन पूजन में समय देंगे। सेहत का भी ख्याल रखें।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन सिद्धिदायक है लेकिन आज किसी भी कार्य को करने से पहले उसकी योजना बनाकर ही करें सफलता निश्चित मिलेगी इसके विपरीत जल्दबाजी में किया कार्य केवल हानि ही कराएगा। आध्यात्म में भी उन्नति के योग बन रहे है पूजा पाठ का सकारात्मक परिणाम मिलेगा। नौकरी वाले जातक अधिकारियों का प्रोत्साहन मिलने से उत्साहित रहेंगे। सरकारी कार्य मे आज आलस ना करें थोड़ी सी भागदौड़ से पूर्ण हो सकते है। सरकारी क्षेत्र से शुभ समाचार मिलेंगे। लोन अथवा अन्य धन संबंधित कागजी कार्य आज करना उत्तम रहेगा। परिवार में शांति रहेगी लेकिन महिलाओ का मन आज असंतुष्ट ही रहेगा। ठंडी चीजो का सेवन करने से बचे।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज दिन के आरंभिक भाग में ईश्वरीय भजन पूजन में विशेष रुचि लेंगे मानसिक एवं शारीरिक रूप से चुस्त रहंगे। आज कार्य व्यवसाय में नए निर्णय लेने के लिए समय उपयुक्त नही नए अनुबंध मिलेंगे लेकिन इनसे शीघ्र लाभ नही उठा पाएंगे। आर्थिक कारणों से भाग-दौड़ अधिक करनी पड़ेगी अंत मे परिणाम निराश करने वाले रहेंगे। संचित धन कोष में भी कमी आएगी। महिलाये आज ज्यादा भक्ति भाव वाली रहेंगी जिस कारण घरेलू काम काज में विलंब होगा लेकिन आज गृहस्थी के साथ ही आर्थिक उलझनों को सुलझाने में महिलाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका रहेगी। संध्या के समय थकान अधिक रहेगी। 

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन सेहत के दृष्टिकोण से उतार चढ़ाव वाला रहेगा। दिन के आरंभ से ही सुस्ती बनी रहेगी जिस कारण कार्य क्षेत्र पर भी विलम्ब होगा। आज अधिकांश लाभ के सौदे लापरवाही या आलस्य के कारण हाथ के आगे से निकलने की संभावना है। आर्थिक स्थिति में भी निरंतर गिरावट आएगी इसके साथ ही आकस्मिक खर्च बढ़ने से ज्यादा परेशानी होगी फिर भी यथा संभव किसी से उधार ना लें अन्यथा चुकाना भारी पड़ेगा। धन को लेकर किसी से उलझना ठीक नही डूबने की आशंका है। परिवार के सदस्यों की अनदेखी करने से माहौल अशांत हो सकता है। 

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज का दिन भी आपके लिए शुभ फल प्रदान करने वाला रहेगा। कार्य क्षेत्र पर आज आपको स्त्री वर्ग का विशेष सहयोग मिलेगा जिससे व्यवस्थाएं सुधारने में आसानी होगी साथ ही उपयुक्त लाभ पाने के अधिकारी भी बनेंगे। आज परिवार की महिलाये भी गृहस्थ को सुधारने में बराबर की भागीदार रहेंगी। व्यवसायी वर्ग की प्राथमिकता ज्यादा से ज्यादा धन कमाने की रहेगी इस कारण शरीर की भी अनदेखी करेंगे। दिल अथवा अन्य गंभीर रोग के मरीज आज ज्यादा परिश्रम वाला कार्य ना करें नाही किसी विवाद में पड़े परेशानी खड़ी हो सकती है। ऐश्वर्य वृद्धि के साथ ही धन लाभ उत्तम रहेगा।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन भी आपके धन कोष अथवा अन्य सुख के साधनों में वृद्धि करेगा। कार्य व्यवसाय में पहले से चल रही योजना फलीभूत होने से धन की आमद होगी। भविष्य के लिये भी लाभ के सौदे हाथ लगेंगे। सहकर्मियों का साथ मिलने से निश्चित कार्य समय से पूर्ण कर सकेंगे। महिलाये को शारीरिक कमजोरी के कारण दैनिक कार्यो के अतिरिक्त घर की व्यवस्था सुधारने में परेशानी होगी। कंजूस प्रवृति के कारण घर के किसी सदस्य से मतभेद की संभावना है। आज आप अपनी गलती जानते हुए भी अपनी बात पर अडिग रहेंगे जिससे आस-पास का वातावरण कुछ समय के लिये खराब होगा। व्यवसायिक यात्रा से लाभ हो सकता है। छोटी-मोटी व्याधि को छोड़ सेहत सामान्य रहेगी।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज आपको अपनी बुद्धि चातुर्य पर गर्व रहेगा। अतिआत्मविश्वास से भरे रहेंगे प्रत्येक कार्य को मामूली समझ कर बाद के लिये टालेंगे परन्तु अंत समय मे पूर्ण करने में पसीने छूटेंगे। सरकारी कार्य को लेकर भाग-दौड़ करनी पड़ेगी। काम-धंधा पहले से कुछ कम रहेगा जोड़ तोड़ कर ही धन की प्राप्ति हो सकेगी। आज कम समय और परिश्रम से अधिक लाभ कमाने की योजना मन मे रहेगी लेकिन अवसर ना मिलने के कारण लाभ नही उठा सकेंगे। महिलाये जितना कार्य करेंगी उससे ज्यादा सुनाएंगी। घर के सभी सदस्य स्वय को दूसरे से बेहतर प्रदर्शित करेंगे। छोटी-छोटी बातों पर नोकझोंक होगी। दिनचार्य संयमित ना रहने से सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का दिन सावधानी से बिताने की सलाह है। दिन के आरंभ से ही मन मे अकारण क्रोध रहेगा। परिजनों से जिस बात का भय रहेगा मध्यान तक उसके पूर्ण होने पर वातावरण खराब होगा। भाई बंधुओ में भी किसी ना किसी कारण से अनबन रहेगी। कार्य क्षेत्र पर सामान्य दिनचार्य रहते हुए भी किसी से धन को लेकर उग्र वार्ता होने की संभावना है। आज आप वरिष्ठ व्यक्तियों के परामर्श को भी नजरअंदाज करेंगे जिसके परिणाम स्वरूप किसी ना किसी रूप में धन एवं सम्मान हानि देखनी पड़ेगी। लोगो को शक की दृष्टि से देखने आपको महत्त्व नही मिलेगा। औरो को बेचैनी में डालकर स्वयं अपने मे मस्त रहेंगे।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज के दिन आप दैनिक कार्यो में व्यस्त रहेंगे दिनचार्य उटपटांग रहने से निराश भी होंगे मध्यान तक किसी भी कार्य को दिशा ना मिलती देख मेहनत व्यर्थ होती प्रतीत होगी लेकिन हताश ना हो आज देर से ही सही लाभ अवश्य होगा। आर्थिक मामले अन्य कार्यो की अपेक्षा ज्यादा उलझेंगे फिर भी संध्या तक धन की आमद संतोषजनक हो जाएगी। अधिकारियो से सतर्क रहना पड़ेगा गलती करने पर ज्यादा भार सौपेंगे। महिलाओ का मन आध्यात्म में डूबा रहेगा मनोकामना पूर्ति में विलंब से उदास रहेंगी। आकस्मिक कार्य आने से यात्रा अथवा अन्य आवश्यक कार्य निरस्त करने पड़ेंगे।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज आपको पूर्व में की किसी गलती अथवा आचरण का अफसोस होगा गलती मान लेने पर आपसी मतभेद शांत होंगे। घरेलू कार्य अथवा परिजनों की आवश्यकता पूर्ति समय से करेंगे। कार्य क्षेत्र से आज लाभ की संभावनाए कम ही रहेंगी धन की आमद अल्प रहने से खर्चो पर नियंत्रण करना पड़ेगा। घर का वातावरण मंगलमय रहेगा धार्मिक पूजापाठ में सम्मिलित होने के अवसर मिलेंगे। दैनिक जीवन की उलझनों के बाद भी विवेक जाग्रत रहने से मन शांत रहेगा। विरोधी किसी भी प्रकार से आपकी शांति को भंग नही कर पाएंगे। आरोग्य अच्छा रहेगा।

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तनिक ध्यान से देखें आप इस मूर्ति को। यह विष्णु भगवान के वराह अवतार की है जिसमे वह पृथ्वी को समुद्र में से निकालते हुए दिखाए गए है।

अब सबसे बड़ा सवाल और आश्चर्य ये होता है की इसमें पृथ्वी का आकार गोल दिखाया गया…

और दुनिया को पृथ्वी के गोल होने का निश्चित ज्ञान आज से 500-600 साल पहले मिला, जबकि यह मूर्ति जगन्नाथ मंदिर में दस हजार वर्षों पहले से है।

सनातन का गौरवपूर्ण इतिहास जोर जोर से चीख चीख कर गवाही दे रहा है, कि पृथ्वी गोल है ये हमको हजारों वर्ष पहले से पता है।

इसी लिए तो हमारे विषय का नाम भी भू गोल रखा, भू चपटे भी रख सकते थे, क्योंकि हमे ज्ञान था की पृथ्वी किस आकार की है।

चेतावनी है उन लोगो को जो हमारे इतिहास को मिटाने की बात करते है। 

हमारा इतिहास तो पत्थरो पर लिखा हुआ है, कोई इसको क्या मिटाएगा, खुद ही मिट्टी हो जाएगा।

सुंदरता देखनी हो तो यूरोप जाओ, और अगर सुंदरता के साथ साथ आश्चर्य भी देखने हो,तो हमारे मंदिर पधारिये😊☺️

पुराणों को कपोल-कल्पना और ‘ब्राह्मणों का षड्यंत्र’ माननेवाले तथाकथित विद्वानों के लिए :

आज के विद्वान् यह नहीं समझते या समझना नहीं चाहते कि पुराणों में वर्णित घटनायें देवलोक एवं पृथिवीलोक का सम्मिलित इतिहास हैं। प्राचीन सत्ययुग से द्वापर के अन्त तक भारतवासियों का देवलोक से प्रत्यक्ष सम्पर्क था । देवता यहाँ पधारते थे और मनुष्य देवलोक की सशरीर यात्रा करते थे। फलतः पुराणों में देवलोक और पृथिवीलोक का मिला-जुला वर्णन है। इस भेद को न समझकर और पूरा इतिहास पृथिवी का मानकर ये इतिहासकार देवताओं को भी पृथिवी का राजा या व्यक्तिविशेष मानने का यत्न करते हैं और घटनाक्रम का समाधान न पाकर पुराणों को ‘माइथोलॉज़ी’ ठहराने लगते हैं। आज का मानव वीर्यहीन, बलहीन, संकल्पहीन हो गया है। वह देवलोक की स्थिति को नहीं समझ पाता। किन्तु हमारे महान् पूर्वज केवल पाँच हज़ार वर्ष पूर्व तक देवलोक के प्रत्यक्ष सम्पर्क में रहे हैं। पुराणों के इतिहास को यह समझकर ही देखने से ठीक तात्पर्य ज्ञात होगा।

इतिहास के संबंध् में पुराणों की दीर्घकालीन तपस्याएँ, दीर्घायु, दीर्घाकृतियाँ, विशाल संख्याएँ भी विद्वानों को उलझन में डालती हैं। दीर्घायु के संबंध में तो कुछ कहना ही नहीं है। मनुष्य उत्तरोत्तर अल्पजीवी होता जा रहा है। समाचार-पत्रों में नौ, दस तथा पाँच वर्ष की लड़कियों के सन्तान होने की बात छप चुकी है। आज भी सवा सौ-डेढ़ सौ वर्ष के व्यक्ति जीवित हैं और तब भी साठ-सत्तर वर्ष की आयु लम्बी मानी जाती है। जब सौ-पचास वर्षों में यह स्थिति है, तब लाखों-करोड़ों वर्ष पूर्व— सत्ययुग, त्रेता और द्वापर में क्या स्थिति रही होगी, इसका श्रद्धापूर्वक अनुमान तो लगाया ही जा सकता है! किन्तु ” ह्रास होता है, यह देखकर भी कुतर्क करनेवाले को संतुष्ट नहीं किया जा सकता। आकृति के संबंध में भी यही बात है। विज्ञान यह स्पष्ट कहता है कि मनुष्य के आकार में, बल में ह्रास हो रहा है। अमेरिकी-जेनेटिक-विज्ञानी जॉन ग्लैड ने अपनी पुस्तक ‘ह्यूमन फ्ऱयूचर इवॉल्यूशन : यूज़ेनिक्स इन द ट्वंटी-फ़र्स्ट सेंचुरी’ में लिखा है कि ‘आँकड़े गवाह हैं कि मनुष्य की औसत ऊंचाई घट रही है।’ यूरोप में प्राचीन मनुष्यों की जो खोपडि़याँ मिली हैं, वे आज के मनुष्य की खोपड़ी से लगभग ढाई गुनी बड़ी हैं। मिस्र में राजाओं के सुरक्षित शव (ममी) मिले हैं। दिल्ली के पास ही एक मानव-खोपड़ी मिली थी, जिसके नेत्रों के छिद्रों से आज के मानव का सिर सरलता से निकल सकता था। अतः पुरानी दीर्घाकृतियाँ हमारी समझ में भले न आएँ, किन्तु बुद्धि के बाहर की नहीं हैं। उनकी सत्यता का अनुमान किया जा सकता है।

एक महत्त्वपूर्ण बात और भी है कि क्या हमारे वे महान् पूर्वज, जिन्होंने भारत को जगद्गुरु के पद पर प्रतिष्ठित किया, झूठ लिखते थे? जिन पूर्वजों ने सदा-सर्वदा सत्य का ही पक्ष लिया, सत्य को ही उद्घाटित और प्रतिष्ठित किया, सत्य की ही रक्षा के लिए प्राणोत्सर्ग किया, सत्य ही जिनके लिए सबकुछ था, ‘सत्यमेव जयति नानृतम्’, ‘सत्यं वद’, और ‘सत्यं ब्रूयात्’, ही जिनका ध्येय-वाक्य था, ऐसे महान् पूर्वजों ने बुद्धि-विलास या कण्ठ-शोषण के लिए झूठ लिखा ? केवल ‘सत्य’ की रट लगानेवाले व्यास, वाल्मीकि, भृगु, याज्ञवल्क्य, भरद्वाज, जैमिनि, पराशर, गौतम, वैशम्पायन आदि ने झूठ लिखा? क्या उक्त महर्षि झूठे, मक्कार थे ? नहीं ! कदापि नहीं !! यदि पुराण ‘माइथोलॉजी’ हैं, रामायण और महाभारत काल्पनिक उपन्यास हैं, तो दुनिया की तमाम पुस्तकें माइथोलॉजी अर्थात् काल्पनिक ही नहीं अपितु कूड़ा हैं— ऐसा हमारा मत है।