आज का पंचाग आपका राशि फल, सती अनुसूया कैसे बनी त्रिदेव की माता, सेना जल का नाम सुना? बाजार में आये तो अवश्य पियें, नई शिक्षा नीति को केन्द्रीय कैबिनेट की मंजूरी 10वीं बोर्ड और MPhil नहीं रहेगा,

माता अनसुइया की संक्षिप्त कथा
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सती अनुसूया महर्षि अत्रि की पत्नी थीं।
जो अपने पतिव्रता धर्म के कारण सुविख्यात थी। अनुसूया का स्थान भारतवर्ष की सती-साध्वी नारियों में बहुत ऊँचा है। इनका जन्म अत्यन्त उच्च कुल में हुआ था ब्रह्मा जी के मानस पुत्र परम तपस्वी महर्षि अत्रि को इन्होंने पति के रूप में प्राप्त किया था। अपनी सतत सेवा तथा प्रेम से इन्होंने महर्षि अत्रि के हृदय को जीत लिया था। अत्रि मुनि की पत्नी जो दक्ष प्रजापति की चौबीस कन्याओं में से एक थीं।

इन्होंने ब्रह्मा, विष्णु और महेश को तपस्या करके प्रसन्न किया और ये त्रिदेव क्रमश: सोम, दत्तात्रेय और दुर्वासा के नाम से उनके पुत्र बने। अनुसूया पतिव्रत धर्म के लिए प्रसिद्ध हैं। वनवास काल में जब राम, सीता और लक्ष्मण चित्रकूट में महर्षि अत्रि के आश्रम में पहुँचे तो अनुसूया ने सीता को पतिव्रत धर्म की शिक्षा दी थी।

उनकी पति-भक्ति अर्थात सतीत्व का तेज इतना अधिक था के उसके कारण आकाशमार्ग से जाते देवों को उसके प्रताप का अनुभव होता था। इसी कारण उन्हें ‘सती अनसूया’ भी कहा जाता है।
अनसूया ने राम, सीता और लक्ष्मण का अपने आश्रम में स्वागत किया था। उन्होंने सीता को उपदेश दिया था और उन्हें अखंड सौंदर्य की एक ओषधि भी दी थी। सतियों में उनकी गणना सबसे पहले होती है। कालिदास के ‘शाकुंतलम्’ में अनसूया नाम की शकुंतला की एक सखी भी कही गई है।

एक दिन देव ऋषि नारद जी बारी-बारी से विष्णुजी, शिव जी और ब्रह्मा जी की अनुपस्थिति में विष्णु लोक, शिवलोक तथा ब्रह्मलोक पहुंचे।

वहां जाकर उन्होंने लक्ष्मी जी, पार्वती जी और सावित्री जी के सामने अनुसुइया के पतिव्रत धर्म की बढ़ चढ़ के प्रशंसा की तथा कहाँ की समस्त सृष्टि में उससे बढ़ कर कोई पतिव्रता नहीं है।

नारद जी की बाते सुनकर तीनो देवियाँ सोचने लगी की आखिर अनुसुइया के पतिव्रत धर्म में ऐसी क्या बात है जो उसकी चर्चा स्वर्गलोक तक हो रही है ? तीनो देवीयों को अनुसुइया से ईर्ष्या होने लगी।

नारद जी के वहां से चले जाने के बाद सावित्री, लक्ष्मी तथा पार्वती एक जगह इक्ट्ठी हुई तथा अनुसूईया के पतिव्रत धर्म को खंडित कराने के बारे में सोचने लगी। उन्होंने निश्चय किया की हम अपने पतियों को वहां भेज कर अनुसूईया का पतिव्रत धर्म खंडित कराएंगे।

ब्रह्मा, विष्णु और शिव जब अपने अपने स्थान पर पहुँचे तो तीनों देवियों ने उनसे अनुसूईया का पतिव्रत धर्म खंडित कराने की जिद्द की। तीनों देवों ने बहुत समझाया कि यह पाप हमसे मत करवाओ। परंतु तीनों देवियों ने उनकी एक ना सुनी और अंत में तीनो देवो को इसके लिए राज़ी होना पड़ा।

तीनों देवो ने साधु वेश धारण किया तथा अत्रि ऋषि के आश्रम पर पहुंचे। उस समय अनुसूईया जी आश्रम पर अकेली थी। साधुवेश में तीन अत्तिथियों को द्वार पर देख कर अनुसूईया ने भोजन ग्रहण करने का आग्रह किया। तीनों साधुओं ने कहा कि हम आपका भोजन अवश्य ग्रहण करेंगे। परंतु एक शर्त पर कि आप हमे निवस्त्र होकर भोजन कराओगी।

अनुसूईया ने साधुओं के शाप के भय से तथा अतिथि सेवा से वंचित रहने के पाप के भय से परमात्मा से प्रार्थना की कि हे परमेश्वर ! इन तीनों को छः-छः महीने के बच्चे की आयु के शिशु बनाओ।

जिससे मेरा पतिव्रत धर्म भी खण्ड न हो तथा साधुओं को आहार भी प्राप्त हो व अतिथि सेवा न करने का पाप भी न लगे। परमेश्वर की कृपा से तीनों देवता छः-छः महीने के बच्चे बन गए तथा अनुसूईया ने तीनों को निःवस्त्र होकर दूध पिलाया तथा पालने में लेटा दिया।

जब तीनों देव अपने स्थान पर नहीं लौटे तो देवियां व्याकुल हो गईं। तब नारद ने वहां आकर सारी बात बताई की तीनो देवो को तो अनुसुइया ने अपने सतीत्व से बालक बना दिया है।

यह सुनकर तीनों देवियां ने अत्रि ऋषि के आश्रम पर पहुंचकर माता अनुसुइया से माफ़ी मांगी और कहाँ की हमसे ईर्ष्यावश यह गलती हुई है। इनके लाख मना करने पर भी हमने इन्हे यह घृणित कार्य करने भेजा। कृप्या आप इन्हें पुनः उसी अवस्था में कीजिए।

आपकी हम आभारी होंगी। इतना सुनकर अत्री ऋषि की पत्नी अनुसूईया ने तीनो बालक को वापस उनके वास्तविक रूप में ला दिया। अत्री ऋषि व अनुसूईया से तीनों भगवानों ने वर मांगने को कहा। तब अनुसूईया ने कहा कि आप तीनों हमारे घर बालक बन कर पुत्र रूप में आएँ। हम निःसंतान हैं।

तीनों भगवानों ने तथास्तु कहा तथा अपनी-अपनी पत्नियों के साथ अपने-अपने लोक को प्रस्थान कर गए। कालान्तर में दतात्रोय रूप में भगवान विष्णु का, चन्द्रमा के रूप में ब्रह्मा का तथा दुर्वासा के रूप में भगवान शिव का जन्म अनुसूईया के गर्भ से हुआ।
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10वीं बोर्ड खत्‍म, MPhil भी होगा बंद

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माननीय मंत्री , शिक्षा विभाग , भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित नई शिक्षा नीति 2020को आज केन्द्रीय कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी । आज केन्द्रीय सरकार की कैबिनेट की स्वीकृति के बाद 36साल बाद देश में नई शिक्षा नीति लागू हो गई ।

कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति (New Education Policy 2020) को हरी झंडी दे दी है. 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है. नई शिक्षा नीति की उल्लेखनीय बातें सरल तरीके की इस प्रकार हैं: 

—-5 Years Fundamental—

1. Nursery @4 Years 

2. Jr KG @5 Years

3. Sr KG @6 Years

4. Std 1st @7 Years 

5. Std 2nd @8 Years

—- 3 Years Preparatory—

6. Std 3rd @9 Years 

7. Std 4th @10 Years 

8. Std 5th @11 Years 

—– 3 Years Middle—

9. Std 6th @12 Years 

10.Std 7th @13 Years 

11.Std 8th @14 Years

—- 4 Years Secondary—

12.Std 9th @15 Years 

13.Std SSC @16 Years 

14.Std FYJC @17Years 

15.STD SYJC @18 Years 

 

खास बातें :

 

—- केवल 12वीं क्‍लास में होगा बोर्ड

—- MPhil होगा बंद, कॉलेज की डिग्री 4 साल की

—10वीं बोर्ड खत्‍म, MPhil भी होगा बंद,

—- अब 5वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जाएगा. बाकी विषय चाहे वो अंग्रेजी ही क्यों न हो, एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा।

 

—- पहले 10वी बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य होता था, जो अब नहीं होगा.

 

—- 9वींं से 12वींं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी. स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत पढ़ाया जाएगा।

—- वहीं कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी. यानि कि ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्‍लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी.।

—-3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए है जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं लेना है. वहीं हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी. 4 साल की डिग्री करने वाले स्‍टूडेंट्स एक साल में MA कर सकेंगे.

—- MA के छात्र अब सीधे PHD कर सकेंगे.

—- स्‍टूडेंट्स बीच में कर सकेंगे दूसरे कोर्स. हायर एजुकेशन में 2035 तक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 50 फीसदी हो जाएगा. वहीं नई शिक्षा नीति के तहत कोई छात्र एक कोर्स के बीच में अगर कोई दूसरा कोर्स करना चाहे तो पहले कोर्स से सीमित समय के लिए ब्रेक लेकर वो दूसरा कोर्स कर सकता है. 

—- हायर एजुकेशन में भी कई सुधार किए गए हैं. सुधारों में ग्रेडेड अकेडमिक, ऐडमिनिस्ट्रेटिव और फाइनेंशियल ऑटोनॉमी आदि शामिल हैं. इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्स शुरू किए जाएंगे. वर्चुअल लैब्स विकसित किए जाएंगे. एक नैशनल एजुकेशनल साइंटफिक फोरम (NETF) शुरू किया जाएगा. बता दें कि देश में 45 हजार कॉलेज हैं.

—- सरकारी, निजी, डीम्‍ड सभी संस्‍थानों के लिए होंगे समान नियम।

 शिक्षा मंत्री भारत सरकार 

 बिसलेरी और एक्वाफिना विदेशी कंपनियां हैं। 

 इस पानी को खरीदने में जो पैसा खर्च होता है वह भारत से दूसरे देशों में जाता है।

 भारतीय सेना के जवानों का एक छोटा सा अनुरोध है:

 यात्रा करते समय या खरीदारी करते समय “सेना जल” (सेना जल) की मांग।

 यह सेना जल (सेना का पानी) लगभग सभी जगहों पर (थोक में भी) उपलब्ध है।

 आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन ऑफ इंडियन आर्मी ने सेना जल की शुरुआत की है। इसकी शुरुआत जनरल विपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत ने की है। यह पैक आधा लीटर और एक लीटर के पैक में उपलब्ध है।

 आधा लीटर की कीमत ₹6/-

 एक लीटर ₹10/- मात्र।

 अन्य कंपनियां 20 रुपये प्रति लीटर पर पानी बेच रही हैं!

 सेना जल की बिक्री से अर्जित लाभ को सैन्य कल्याण समिति को भेजा जाता है।

 शहीद सैनिकों के परिवारों और उनके बच्चों की शिक्षा पर पैसा खर्च किया जाता है!

 सेना जल (सेना का पानी) भारतीय सेना द्वारा निर्मित है, इसलिए टेलीविजन या किसी भी मीडिया द्वारा कोई समाचार या प्रचार नहीं किया जाता है। सेना के पानी को कम दर पर बेचने का यह एक कारण है। इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं क्योंकि कोई प्रचार-प्रसार नहीं होता है!

 जब भी पैक्ड पेयजल खरीदना हो, तो दुकान विक्रेता से सेना जल (सेना का पानी) मांगें!

 अगर हमें अपने राष्ट्र पर गर्व है तो कृपया इस संदेश को हर जगह फैलाने के लिए व्यापक रूप से साझा करें!

🇮🇳🇮🇳🇮🇳 जय हिंद 🇮🇳🇮🇳🇮🇳

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻रविवार, १३ मार्च २०२२🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:३५
सूर्यास्त: 🌅 ०६:२३
चन्द्रोदय: 🌝 १३:३७
चन्द्रास्त: 🌜२८:१२
अयन 🌕 उत्तरायने (दक्षिणगोलीय
ऋतु: 🌿 बसंत
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 फाल्गुन
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 दशमी (१०:२१ तक)
नक्षत्र 👉 पुनर्वसु (२०:०६ तक)
योग 👉 शोभन (२८:१८ तक)
प्रथम करण 👉 गर (१०:२१ तक)
द्वितीय करण 👉 वणिज (२३:१७ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कुम्भ
चंद्र 🌟 कर्क (१३:२९ से)
मंगल 🌟 मकर (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 कुम्भ (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
गुरु 🌟 कुंम्भ (अस्त, पश्चिम , मार्गी)
शुक्र 🌟 मकर (उदित, पूर्व, वक्री)
शनि 🌟 मकर (उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳
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अभिजित मुहूर्त 👉 १२:०३ से १२:५०
अमृतकाल 👉 १७:२७ से १९:१३
रविपुष्य योग 👉 २०:०६ से ३०:२८
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 २०:०६ से ३०:२८
रवियोग 👉 ०६:२९ से २०:०६
विजय मुहूर्त 👉 १४:२६ से १५:१३
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:१२ से १८:३६
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०२ से २४:५०
राहुकाल 👉 १६:५४ से १८:२४
राहुवास 👉 उत्तर
यमगण्ड 👉 १२:२७ से १३:५६
होमाहुति 👉 शनि
दिशाशूल 👉 पश्चिम
अग्निवास 👉 पृथ्वी (१०:२१ तक)
भद्रावास 👉 मृत्यु (२३:१७ से)
चन्द्रवास 👉 पश्चिम (उत्तर १३:३० से)
शिववास 👉 सभा में (१०:२१ से क्रीड़ा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – उद्वेग २ – चर
३ – लाभ ४ – अमृत
५ – काल ६ – शुभ
७ – रोग ८ – उद्वेग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – शुभ २ – अमृत
३ – चर ४ – रोग
५ – काल ६ – लाभ
७ – उद्वेग ८ – शुभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (पान का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २०:०६ तक जन्मे शिशुओ का नाम
पूनर्वसु नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (ह, ही) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम पुष्य नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमश: (हू, हे, हो) नामाक्षर रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कुम्भ – २९:११ से ०६:३७
मीन – ०६:३७ से ०८:०१
मेष – ०८:०१ से ०९:३४
वृषभ – ०९:३४ से ११:२९
मिथुन – ११:२९ से १३:४४
कर्क – १३:४४ से १६:०६
सिंह – १६:०६ से १८:२५
कन्या – १८:२५ से २०:४३
तुला – २०:४३ से २३:०३
वृश्चिक – २३:०३ से २५:२३
धनु – २५:२३ से २७:२६
मकर – २७:२६ से २९:०७
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पञ्चक रहित मुहूर्त
अग्नि पञ्चक – ०६:२९ से ०६:३७
शुभ मुहूर्त – ०६:३७ से ०८:०१
मृत्यु पञ्चक – ०८:०१ से ०९:३४
अग्नि पञ्चक – ०९:३४ से १०:२१
शुभ मुहूर्त – १०:२१ से ११:२९
रज पञ्चक – ११:२९ से १३:४४
शुभ मुहूर्त – १३:४४ से १६:०६
चोर पञ्चक – १६:०६ से १८:२५
शुभ मुहूर्त – १८:२५ से २०:०६
रोग पञ्चक – २०:०६ से २०:४३
शुभ मुहूर्त – २०:४३ से २३:०३
मृत्यु पञ्चक – २३:०३ से २५:२३
अग्नि पञ्चक – २५:२३ से २७:२६
शुभ मुहूर्त – २७:२६ से २९:०७
रज पञ्चक – २९:०७ से ३०:२८
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन आप आनंद मनोरंजन में बितायेंगे। पूर्व में किये गए प्रयास आज सफल होने से मानसिक शांति मिलेगी धन की आमद भी अकस्मात होने से दिनभर प्रसन्न रहेंगे। नए कार्य अनुबंधों की योजना तैयार रखें शीघ्र ही इसपर कार्य आरम्भ कर सकते है। आज किया गया पूँजी निवेश भविष्य के लिए उत्तम रहेगा। स्त्री एवं प्रेम प्रसंगों में निकटता का अनुभव होगा। संध्या बाद का समय परिजनों के साथ शांति से व्यतीत होगा। आज कुछ न कुछ शारीरिक समस्या पर खर्च होने की संभावना है सतर्क रहें।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के आप शांति से दिन बिताने की योजना बनाएंगे लेकिन पूरे दिन घरेलु कार्यो में फंसे रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर आज ज्यादा ध्यान नहीं दे पाने से सीमित संसाधनों से ही निर्वाह करना होगा। धन की आमद भी कम ही रहेगी। परिजनों के साथ किसी महत्त्वपूर्ण विषय अथवा आयोजन की रूपरेखा बनेगी। किसी पुराने रुके हुए कार्यो में मध्यान के बाद सफलता मिलने की संभावना है। दूर रहने वाले प्रियजनों से शुभ समाचार मिलेंगे। सेहत उत्तम रहेगी फिर भी खान पान का ध्यान रखें।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन आप के मन के अनुरूप रहेगा। आज दिखावे आडंबर पर अधिक खर्च करेंगे। मौज-शौक मनोरंजन में दिन का अधिकांश समय व्यतीत होगा। कार्य व्यवसाय में ज्यादा समय नही देंगे फिर भी आज आशा से अधिक धन लाभ होगा। प्रतिस्पर्धा कम रहने के बाद भी ज्यादातर कामो में दिमागी कसरत करनी पड़ेगी। सामाजिक स्तर पर आज आपकी छवि धनी लोगो की तरह बनेगी। बुजुर्गो को सम्मान दें बहुत गहरा ज्ञान मिल सकता है। सेहत आपकी ही लापरवाही से नरम हो सकती है।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आपका आज का दिन भी प्रतिकूल रहने वाला है। सेहत में उतार-चढ़ाव आते रहेंगे। कार्य क्षेत्र के साथ घर पर भी आज आपके विचारों की अनदेखी हो सकती है। एक तो दिनचर्या धीमी रहेगी ऊपर से कार्य प्रयत्न करने पर भी विलम्ब से बनेंगे। आज मन में अहम् की भावना अधिक रहने से किसी की आगे झुकना पसंद नहीं करेंगे। हतोत्साहित ना हो दोपहर के बाद धन लाभ के प्रयत्न सफल होंगे। छोटी बड़ी किसी भी यात्रा से बचें।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन भी आपके लिए अधिक परिश्रम वाला रहेगा। घरेलु कार्यो एवं व्यवसाय के बीच आज तालमेल बैठाना परेशानी भरा रहेगा। दैनिक कार्यो में विलंब होने से सारे दिन की बनी बनाई योजना चौपट हो सकती है। आलस्य को त्याग लक्ष्य पर ध्यान लगाए थोडे विलम्ब से ही सही सफलता अवश्य मिलेगी। धन की आमद आज अनिश्चित रहेगी। परिजनों के साथ नरमी बरतें अन्यथा छोटी सी बात का बतंगड़ बनते देर नही लगेगी। सेहत में थोड़े बहुत उतार चढ़ाव लगे रहेंगे आप इनकी परवाह भी नही करेंगे।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपके लिए सफलता देने वाला रहेगा। कार्य क्षेत्र पर आज कम।समय देंगे फिर भी जितना समय देंगे वह आपके अनुकूल रहेगा। थोड़े प्रयास से बडा लाभ कमा सकते है धन की आमद कही न कही से हो ही जाएगी। परंतु इसके लिए व्यवहार में नरमी रखना भी आवश्यक है। नौकरी पेशा जातको की पदोन्नति में आ रही बाधा शांत होगी। सामाजिक कार्यो में रूचि लेने से मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। विरोधी आज शांत रहेंगे। घर की जगह बाहर का वातावरण अधिक भायेगा यह कलह की वजह भी बन सकता है ध्यान दें।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन का अधिकांश समय आशाओं के विपरीत रहेगा। आर्थिक एवं पारिवारिक कारणों से मन में बेचैनी रहेगी किसी से आज कोई उम्मीद लगाकर ना रखें निराश होना पड़ेगा। परिजनों की आवश्यकता पूर्ती ना होने पर घर में विवाद की स्थिति बन सकती है। कार्य क्षेत्र पर भी आज का दिन सावधानी से बिताएं गलत निर्णय लेने से अधिक हानि उठानी पड़ सकती है। जोखिम के कार्यो में निवेश से बचें। धन लाभ की जगह व्यर्थ के खर्च परेशान करेंगे। सिर, गला या छाती संबंधित समस्या हो सकती है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आपका आज का दिन भी स्वास्थ्य के लिए हानिकर रहेगा। मौसमी बीमारियों का प्रकोप रहने से शरीर शिथिल रहेगा। आज शल्य चिकित्सा भी करवानी पड़ सकती है। वाहन से दुर्घटना का भय है सावधानी रखें। कार्य क्षेत्र पर आज किसी के बहकावे में आकर धन की हानि हो सकती है। आज किसी से ना उलझें अन्यथा बात बढ़ सकती है। परिजनों के साथ अधिक समय बिताएं लेकिन मर्यादा में रहकर ही। मित्र परिचितों से छोटी सी बात पर संबंधों में खटास आने की संभावना है आज के दिन मौन का अधिकाधिक प्रयोग करना ही बेहतर रहेगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन भी मन में दुविधा रहेगी। आज मन में संदिग्ध विचार आएंगे। गलत व्यवहार अथवा आचरण के कारण घर अथवा समाज में छवि खराब हो सकती है। कार्य क्षेत्र पर आज कोई भी नए प्रयोग ना करें हानि उठानी पड़ सकती है। किसी भी कार्य मे जबरदस्ती ठीक नही अपने आप जो मिल जाये उसी में सन्तोष करें अन्यथा हाथ आया भी निकल सकता है। प्रेम-प्रसंगों के कारण आज मन व्याकुल रहेगा। व्यसनों के ऊपर धन खर्च होगा। फिजूल खर्ची से बचें। परिजनों के परामर्श से ही कार्य करें। ठंडी वस्तुओ के सेवन से बचें।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आपका आज का दिन अत्यन्त खर्चीला रहेगा। आज पारिवारिक आवश्यकताओ की पूर्ति करते-करते धन कम पड़ जाएगा। परंतु कार्य क्षेत्र पर आज लाभ के सौदे होने से आर्थिक स्थिति बराबर रहेगी। अतरिक्त आय के प्रयास भी सफल होंगे लेकिन अनैतिक कार्यो में मां हानि के योग भी है इसका विशेष ध्यान रखें। अविवाहितो को योग्य साथी की तलाश पूरी होगी। सामाजिक क्षेत्र पर परिजनों का मान बढ़ाने के अवसर मिलेंगे। घरेलू वातावरण कुछ समय के लिये अशांत होगा गलतफहमियां दूर होने पर स्वतः ही शान्त हो जाएगा। सेहत लगभग ठीक ही रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन कार्य क्षेत्र पर कुछ ज्यादा करने के लिये नही रहेगा फिर भी मध्याह्न का समय महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने वाला रहेगा आपके कार्य कुशलता की सर्वत्र प्रशंसा होगी। परन्तु अतिआत्मविश्वास आज नुक्सान भी करा सकता है। किसी कार्य में उलझने की अपेक्षा स्वतः ही होने दे लाभ अवश्य होगा। धार्मिक यात्रा होने की सम्भवना रहेगी। परिवार में वातावरण शांत रहेगा। व्यवसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। नौकरी पेशाओ को विविध घरेलू झंझटों का सामना करना पड़ेगा। सेहत अनुकूल रहेगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन भी आपको अशुभ फलदायक रहेगा। दिन के आरंभ में ही कुछ न कुछ उल्टा होने की भनक लग जायेगी परिजनों के विपरीत व्यवहार से मन दुखी होगा। किसी गुप्त चिंता के कारण अंदर ही अंदर घुटेंगे। भावुकता भी आज अधिक रहने से हास्य की बाते भी मन को चुभ सकती है। सामाजिक व्यवहार आज कम रखें मान हानि की संभावना है। व्यर्थ के विवादों से खुद को दूर रखें भलाई करने पर बुराई ही मिलेगी। शांति से आज का दिन व्यतीत करें। सेहत का विशेष ख्याल रहे।
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〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏