आज का पंचाग आपका राशि फल, हिंदी दिवस की शुभकामनाएं, आये दिन होने वाली ७ बिमारियों के प्रभाव कारी घरेलू उपचार, मूत्र विसर्जन में परेशानी है तो क्या करें

🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️

, ⭕ *आज का पञ्चाङ्ग*⭕ 

      *दिनांक – 14 सितम्बर 2022*

               *दिन – बुधवार*

            ⭕⭕⭕⭕

🌤️ *विक्रम संवत – 2079 (गुजरात-2078)*

🌤️ *शक संवत -1944*

🌤️ *अयन – दक्षिणायन*

🌤️ *ऋतु – शरद ॠतु* 

🌤️ *मास – अश्विन (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार भाद्रपद)*

🌤️ *पक्ष – कृष्ण* 

🌤️ *तिथि – चतुर्थी सुबह 10:25 तक तत्पश्चात पंचमी*

🌤️ *नक्षत्र – अश्विनी सुबह 06:58 तक तत्पश्चात भरणी*

🌤️ *योग – व्याघात 15 सितम्बर प्रातः 05:36 तक तत्पश्चात हर्षण*

🌤️ *राहुकाल – दोपहर 12:34 से दोपहर 02:06 तक*

🌞 *सूर्योदय – 06:26*

🌦️ *सूर्यास्त – 18:41*

👉 *दिशाशूल – उत्तर दिशा में*

🚩 *व्रत पर्व विवरण – पंचमी का श्राद्ध, भरणी श्राद्ध*

 

         💮चोघडिया, दिन💮

लाभ 06:05 – 07:37 शुभ

अमृत 07:37 – 09:10 शुभ

काल 09:10 – 10:42 अशुभ

शुभ 10:42 – 12:15 शुभ

रोग 12:15 – 13:47 अशुभ

उद्वेग 13:47 – 15:19 अशुभ

चर 15:19 – 16:52 शुभ

लाभ 16:52 – 18:24 शुभ

 

🚩चोघडिया, रात

उद्वेग 18:24 – 19:52 अशुभ

शुभ 19:52 – 21:19 शुभ

अमृत 21:19 – 22:47 शुभ

चर 22:47 – 24:15* शुभ

रोग 24:15* – 25:42* अशुभ

काल 25:42* – 27:10* अशुभ

लाभ 27:10* – 28:38* शुभ

उद्वेग 28:38* – 30:05* अशुभ

 

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

 

*💮दिशा शूल ज्ञान———-उत्तर*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

    

*~〰〰〰〰〰〰〰〰~*

आज जन्मे शिशुओं का नामकरण

*~〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*

आज ०६:५८ तक जन्मे शिशुओ का नाम 

अश्विनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (ला) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम भरणी नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ली, लू, ले, लो) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

*~〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰~**⛅व्रत पर्व विवरण – राष्ट्रभाषा दिवस, चतुर्थी एवं पंचमी का श्राद्ध*

*⛅ विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है ।*

*(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

 

*🌹श्राद्धकर्म व उसके पीछे के सूक्ष्म रहस्य -*

 

*🔹जिन पूर्वजों ने हमें अपना सर्वस्व देकर विदाई ली, उनकी सद्गति हो ऐसा सत्सुमिरन करने का अवसर यानी ‘श्राद्ध पक्ष’ ।*

 

*🔹श्राद्ध पक्ष का लम्बा पर्व मनुष्य को याद दिलाता है कि ‘यहाँ चाहे जितनी विजय प्राप्त हो, प्रसिद्धि प्राप्त हो परंतु परदादा के दादा, दादा के दादा, उनके दादा चल बसे, अपने दादा भी चल बसे और अपने पिताजी भी गये या जाने की तैयारी में हैं तो हमें भी जाना है।’*

 

*🔹श्राद्ध हेतु आवश्यक बातें🔹*

 

*🔹जिनका श्राद्ध करना है, सुबह उनका मानसिक आवाहन करना चाहिए । और जिस ब्राह्मण को श्राद्ध का भोजन कराना है उसको एक दिन पहले न्योता दे आना चाहिए ताकि वह श्राद्ध के पूर्व दिन संयम से रहे, पति-पत्नी के विकारी व्यवहार से अपने को बचा ले । फिर श्राद्ध का भोजन खिलाते समय -*

 

*देवताभ्यः पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च ।*

*नमः स्वधायै स्वाहायै नित्यमेव नमो नमः ॥*

( अग्नि पुराण : ११७.२२)

 

*🔹यह श्लोक बोलकर देवताओं को, पितरों को, महायोगियों को तथा स्वधा और स्वाहा देवियों को नमस्कार किया जाता है और प्रार्थना की जाती है कि ‘मेरे पिता को, माता को… (जिनका भी श्राद्ध करते हैं उनको) मेरे श्राद्ध का सत्त्व पहुँचे, वे सुखी व प्रसन्न रहें ।’*

 

*🔹श्राद्ध के निमित्त गीता के ७वें अध्याय का माहात्म्य पढ़कर पाठ कर लें और उसका पुण्य जिनका श्राद्ध करते हैं उनको अर्पण कर दें, इससे भी श्राद्धकर्म सुखदायी और साफल्यदायी होता है ।*

 

*🔹श्राद्ध करने से क्या लाभ होता है ?🔹*

*🔹आप श्राद्ध करते हैं तो (१) आपको भी पक्का होता है कि ‘हम मरेंगे तब हमारा भी कोई श्राद्ध करेगा परंतु हम वास्तव स में नहीं मरते, हमारा शरीर छूटता शरीर के मरने के बाद भी हमारा अस्तित्व रहता है इसका आपको पुष्टीकरण होता है ।*

 

 *(२) देवताओं, पितरों, योगियों और स्वधा-स्वाहा देवियों के लिए सद्भाव होता है ।*

 

*(३) भगवद्गीता का माहात्म्य पढ़ते हैं, जिससे पता चलता है कि पुत्रों द्वारा पिता के लिए किया हुआ सत्कर्म पिता की उन्नति करता है और पिता की शुभकामना से पुत्र-परिवार में अच्छी आत्माएँ आती हैं ।*

 

*🔹ब्रह्माजी ने सृष्टि करने के बाद देखा कि ‘जीव को सुख-सुविधाएँ दीं फिर भी वह दुःखी है’ तो उन्होंने यह विधान किया कि एक-दूसरे का पोषण करो । आप देवताओं-पितरों का पोषण करो, देवता पितर आपका पोषण करेंगे । आप सूर्य को अर्घ्य देते हैं, आपके अर्घ्य के सद्भाव से सूर्यदेव पुष्ट होते हैं और यह पुष्टि विरोधियों, असुरों के आगे सूर्य को विजेता बनाती है । जैसे रामजी को विजेता बनाने में बंदर, गिलहरी भी काम आये ऐसे ही सूर्य को अर्घ्य देते हैं तो सूर्य विजयपूर्वक अपना दैवी कार्य करते हैं, आप पर प्रसन्न होते हैं और अपनी तरफ से आपको भी पुष्ट करते हैं ।*

 

*देवान्भावयतानेन ते देवा भावयन्तु वः । परस्परं भावयन्तः श्रेयः परमवाप्स्यथ ॥*

 

*🔹’तुम इस यज्ञ (ईश्वरप्राप्ति के लिए किये जानेवाले कर्मों) के द्वारा देवताओं को तृप्त करो और (उनसे तृप्त हुए) वे देवगण तुम्हें तृप्त करें । इस प्रकार (निःस्वार्थ भाव से) एक-दूसरे को तृप्त या उन्नत करते हुए तुम परम कल्याण को प्राप्त हो जाओगे ।’* (गीता : ३.११)

 

*🔹देवताओं का हम पोषण करें तो वे सबल होते हैं और सबल देवता वर्षा करने, प्रेरणा देने, हमारी इन्द्रियों को पुष्ट करने में लगते हैं । इससे सबका मंगल होता है ।*

🌷 *जानिए पुराणों के अनुसार श्राद्ध का महत्व*🌷

 🙏 *कुर्मपुराण : कुर्मपुराण में कहा गया है कि ‘जो प्राणी जिस किसी भी विधि से एकाग्रचित होकर श्राद्ध करता है, वह समस्त पापों से रहित होकर मुक्त हो जाता है और पुनः संसार चक्र में नहीं आता।’*

 🙏 *गरुड़ पुराण : इस पुराण के अनुसार ‘पितृ पूजन (श्राद्धकर्म) से संतुष्ट होकर पितर मनुष्यों के लिए आयु, पुत्र, यश, स्वर्ग, कीर्ति, पुष्टि, बल, वैभव, सुख, धन और धान्य देते हैं।*

 🙏 *मार्कण्डेय पुराण : इसके अनुसार ‘श्राद्ध से तृप्त होकर पितृगण श्राद्धकर्ता को दीर्घायु, सन्तति, धन, विद्या सुख, राज्य, स्वर्ग और मोक्ष प्रदान करते हैं।*

 🙏 *ब्रह्मपुराण : इसके अनुसार ‘जो व्यक्ति श्रद्धा-भक्ति से श्राद्ध करता है, उसके कुल में कोई भी दुःखी नहीं होता।’ साथ ही ब्रह्मपुराण में वर्णन है कि ‘श्रद्धा एवं विश्वास पूर्वक किए हुए श्राद्ध में पिण्डों पर गिरी हुई पानी की नन्हीं-नन्हीं बूंदों से पशु-पक्षियों की योनि में पड़े हुए पितरों का पोषण होता है। जिस कुल में जो बाल्यावस्था में ही मर गए हों, वे सम्मार्जन के जल से तृप्त हो जाते हैं।*

     

          🌷 *भरणी श्राद्ध* 🌷

🙏🏻 *14 सितम्बर 2022 बुधवार को भरणी नक्षत्र होने के कारण भरणी श्राद्ध है। भरणी नक्षत्र के देवता यमराज होने के कारण भरणी श्राद्ध का विशेष महत्व है। सामान्यतः आश्विन पितृपक्ष (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार भाद्रपद) में चतुर्थी अथवा पंचमी को ही भरणी नक्षत्र आता है। कहा जाता है लोक – लोकान्तर की यात्रा जन्म, मृ्त्यु व पुन: जन्म उत्पत्ति का कारकत्व भरणी नक्षत्र के पास है अतः भरणी नक्षत्र के दिन श्राद्ध करने से पितरों को सद्गति मिलती है। महाभरणी श्राद्ध में कहीं भी श्राद्ध किया जाए, फल गयाश्राद्ध के बराबर मिलता है। यह श्राद्ध सभी कर सकते हैं।*

👉🏻 *भरणी नक्षत्र में श्राद्ध करने से श्राद्धकर्ता को उत्तम आयु प्राप्त होती है।*

💥 *भरणी नक्षत्र में ब्राह्मण को काले तिल एवं गाय का दान करने से सद्गति प्राप्ति होती है व कष्ट कम होता है।*

              आज का राशिफल

             🐐🐂💏💮🐅👩

              〰️〰️〰️〰️〰️〰️

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन लगभग ठीक ठाक ही रहेगा आपकी मानसिकता सुखोपभोग की अधिक रहेगी इसके ऊपर खर्च करने में सोचेंगे नही। भाग्य का साथ भी मिलने से जिस कार्य को करेंगे उसमे अन्य की तुलना में शीघ्र ही सफलता पा लेंगे धन लाभ भी आज आवश्यकता से अधिक होगा। कार्य क्षेत्र पर विवेक का परिचय दे भागीदारों अथवा अन्य सहकर्मियो से किसी बात को लेकर गलतफहमी पनपेगी। घर का वातावरण आनददायक रहेगा माता से विशेष लगाव होने से मनोकामना पूर्ति हो सकेगी लेकिन संतान संबंधित कोई नई समस्या से परेशान होंगे संध्या बाद का समय दिन की तुलना में शांति से बिताएंगे परोपकार की भावना आज कम ही रहेगी। सेहत आज ठीक ही रहेगी।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज भी परिस्थियां आपके विपरीत ही रहने वाली है कल से स्थिति में सुधार आने लगेगा इसलिये महत्त्वपूर्ण निर्णय कल के ऊपर टालना बेहतर रहेगा। आज दिन के पूर्वार्द्ध से ही मन किसी अनजाने भय से व्याकुल रहेगा। कार्य व्यवसाय में भी नुकसान के कारण डर कर कार्य करेंगे। उधारी के धन को लेकर भी मन मे चिंता लगी रहेगी। आज कोई भी अनैतिक कार्य करने से बचे अन्यथा कानूनी उलझनों में फंस सकते है। असफलता के कारण स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहने से घर का वातावरण अशांत होगा। मध्यान के बाद से स्थिति में सुधार तो आएगा लेकिन साहस की कमी निर्णय लेने से रोकेगी। घर का वातावरण संध्या बाद से सामान्य होने लगेगा लेकिन स्नेह की कमी फिर भी रहेगी। शरीर मे छोटे मोटे विकार लगे रहेंगे।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज का दिन आपके लिये उतार चढ़ाव से भरा रहेगा लेकिन स्वभाव से परोपकारी रहने का लाभ किसी न किसी रूप में अवश्य मिलेगा। धर्म कर्म में आज भी काफी निष्ठा रहेगी लेकिन पूजा पाठ के लिये समय कम ही मिल पायेगा। कार्य व्यवसाय को लेकर मन में सुबह से ही योजना बनाते रहेंगे लेकिन आज सहयोग की कमी अथवा किसी अन्य के विलंब के कारण मध्यान के बाद ही सोची योजना पर कार्य आरंभ हो सकेगा। धन की आमद संभावना होने पर भी अंतिम क्षण में आगे के लिये लटक सकती है। आज आपको कोई मूल्यवान वस्तु मिलने की संभावना है लेकिन इसके गलत हाथ मे जाने से हानि भी हो सकती हैं। हर किसी पर विश्वाश ना करें। सन्तानो को छोड़ घर के अन्य सभी सदस्य एकमत रहेंगे खास कर पति पत्नी में अच्छी पटेगी। कुछ समय के लिये शारीरिक शिथिलता भी बनेगी।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज के दिन आप अपनी ही मस्ती में मस्त रहेंगे किसी कार्य मे सहज सफलता मिलने से मन ही मन प्रसन्न भी रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर आज व्यवसाय आशानुकूल नही रहेगा फिर भी पैतृक व्यवसाय से अल्प लाभ हो जाएगा। खाद्य प्रदार्थ स्वर्ण एवं सफेद वस्तुओ में निवेश आगे लाभ दिलाएगा।पिता अथवा पैतृक मामलों में किसी परिजन से तीखी बहस हो सकती है व्यवहार में नरमी बरते अन्यथा आगे के लिये परेशानी होगी। भाई बंधुओ के ऊपर भी खर्च हो सकता है। सरकारी एवं जमीनी मामलों को आज प्राथमिकता दे लेदेकर सफल होने के ज्यादा आसार है। घर मे पति अथवा पत्नी की सेहत अकस्मात खराब होगी।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज का दिन आप शांति से बिताने का प्रयास करेंगे लेकिन घर अथवा कार्य क्षेत्र का वातावरण क्रोध के लिये उकसाएगा। काम धंधे को लेकर आज ज्यादा भागदौड़ करनी पड़ेगी फिर भी परिणाम आशाजनक नही मिलेंगे केवल कमीशन वाले कार्यो से जुड़े लोग कम मेहनत में अधिक मुनाफा कमा सकेंगे अन्य व्यवसायी वर्ग को लाभ के लिये इंतजार करना पड़ेगा नौकरी पेशा लोग अपने व्यवहार में मिठास रखें अन्यथा स्थान परिवर्तन या नौकरी खतरे में पड़ सकती हैं पति अथवा संतान का व्यवहार दुखी करेगा फिर भी महिलाएं आज बेतुकी बयानबाजी से बचे। वायु विकार से शरीर मे दर्द एवं गैस बदहजमी की शिकायत होगी।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

बीते दिन की असंयमित दिनचार्य का प्रभाव आज दिन के पहले भाग में देखने को मिलेगा थकान एवं शरीर मे अकड़न की शिकायत के चलते दैनिक कार्य भी जबरदस्ती करने पड़ेंगे पुरुषों की अपेक्षा महिलाओ को अधिक कमजोरी अनुभव होगी। मध्यान से राहत मिलने लगेगी फिर भी आज आपका मन उखड़ा हुआ ही रहेगा। कार्य व्यवसाय से थोड़ा बहुत लाभ आसानी से हो जावेगा ज्यादा लोभ से बचे आयात निर्यात अथवा बाहरी क्षेत्र संबंधित कार्यो से कुछ ख़र्च करने के बाद धन लाभ हो सकता है लेकिन आज धन को रोक नही पाएंगे। संध्या से पहले किसी भी कार्य मे जोखिम ना ले संध्या के बाद किया निवेश शीघ्र ही फलती होगा। बिजली के उपकरण एवं वाहनादि से सावधानी बरतें।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज के दिन आपका व्यवहार एक समान नही रहेगा जिससे स्वार्थ होगा उसी से व्यवहार करना पसंद करेंगे विपरीत लिंगीय आकर्षण आज भी अधिक रहेगा नियंत्रण में रहे अन्यथा निकट भविष्य में किसी मुसीबत में फंस सकते है। कार्य व्यवसाय आज अनिश्चितता रहेगी मध्यान के आस पास आकस्मिक लाभ की संभावना है लापरवाही ना करें वरना आपके हिस्से का लाभ किसी प्रतिद्वन्दी के हिस्से में भी जा सकता है। आज सार्वजिक क्षेत्र पर कम बोलने पर ही सम्मान मिलेगा इसका भी ध्यान रखें। कार्य क्षेत्र पर स्वार्थी व्यवहार के कारण पुराने संबंध खराब हो सकते है। दाम्पत्य जीवन मे भी आज तालमेल कम ही रहेगा पति पत्नी एक दूसरे की कमियां निकालेंगे लेकिन संताने विवेकी व्यवहार करेंगी। मूत्राशय संबंधित रोग हो सकता है।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज के दिन आपका स्वभाव अत्यंत जिद्दी रहेगा लेकिन इसका कुछ न कुछ लाभ भी मिलेगा। आज जिस कार्य को हाथ मे लेंगे उसे लाभ हानि की परवाह किये बिना पूर्ण करने के बाद ही चैन से बैठेंगे। मध्यान के समय व्यवसाय अथवा नौकरी में सहकर्मी अधिकारी से अहम को लेकर टकराव की स्थिति बनेगी लेकिन थोड़े ही देर में कोई शुभ समाचार मिलने पर वातावरण शांत हो जाएगा। आज आध्यात्म से अवश्य जुड़े रहे इसका अप्रत्यक्ष लाभ जरूर मिलेगा। घर मे भी सदस्यों में श्रेष्ठ दिखने की होड़ रहेगी। भाई बंधुओ से व्यवहार बनाये रहे आकस्मिक लाभ मिल सकता है। पर्यटन की योजना बनेगी निकट भविष्य में इसपर अधिक खर्च होगा। नेत्र संबन्धित विकार हो सकता है।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज आपका पल पल में बदलता स्वभाव स्वयं के साथ आस पास के लोगो को भी असमंजस में डालेगा। घर अथवा कार्य क्षेत्र पर बदलाव लाने का विचार बनेगा परन्तु आज ना ही करे तो बेहतर रहेगा कार्य व्यवसाय से लाभ की संभावना दिन भर बनी रहेगी लेकिन होगा आकस्मिक ही। आर्थिक कारणों से किसी से कलह होने की संभावना है धैर्य से काम के अन्यथा संबंध खराब हो सकते है। संतान का महत्त्वपूर्ण सहयोग कार्य क्षेत्र पर मिलेगा लेकिन इससे कोई विशेष लाभ नही उठा पाएंगे। आज सहकर्मी एवं पति-पत्नी के प्रति मन मे हीन भावना आएगी। हरि वस्तुओ की दलाली से अच्छा लाभ मिल सकता है। आवश्यक कार्य दिन रहते कर ले कल से परिस्थिति हानिकारक बनने वाली है। स्वास्थ्य में शाम से गिरावट अनुभव करेंगे।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज के दिन आपसे भावनाओ में बहकर कोई अनैतिक कार्य हो सकता है जिसका बाद में पछतावा भी होगा। कार्य क्षेत्र पर कई बार लाभ की संभावना बनेगी लेकिन लाभ आज मुश्किल से ही हो पायेगा। सफेद वस्तुओ के व्यवसाय में आज तेजी रहेगी लेकिन व्यवसायी वर्ग भविष्य के लिये काली वस्तुओ में निवेश करे लाभ की संभावना अधिक रहेगी किसी को उधार देना पड़ेगा। शल्य चिकित्सा के योग भी है कराने से पहले अनुभवी की सलाह अवश्य लें। घर का वातावरण नरम गरम रहेगा पतिपत्नी के बीच शंका जन्म लेने से कलह हो सकती है। सन्तानो से भी संबंधों में चंचलता आएगी। सिर अथवा हड्डी संबंधित विकार से परेशानी हो सकती है।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज के दिन आप मेहनत करने में कमी नही रखेंगे फिर भी सफलता संदिग्ध ही रहेगी। नौकरी वाले जातको का ध्यान कार्य मे कम इधर उधर की बातों में अधिक रहेगा व्यवसाय से जुड़े लोग आज सौंदर्य अथवा साज सज्जा के सामान एवं दैनिक उपयोग की वस्तुओ एवं पर बिना विचार निवेश कर सकते है परन्तु तुरंत लाभ की उम्मीद न रखे निकट भविष्य में अवश्य धन मिलेगा। आज भी आवश्यकता अनुसार धन कही न कहींसे मिल ही जायेगा। पति पत्नी के बीच संबंधों में निकटता आएगी छोटी मोटी बातो को अनदेखा करें संतान के विषय मे अशुभ समाचार मिलने से चिंता होगी। माता की सेहत भी चिंता का विषय बनेगी।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज के दिन आपका स्वभाव तो संतोषि रहेगा परिस्थिति के अनुसार स्वयं को ढाल लेंगे लेकिन घर के सदस्यों की महात्त्वकांक्षाये अधिक रहेगी खास कर महिलाए एवं संतान देखादेखी में किसी महंगी वस्तु की मांग कर दुविधा में डालेंगी।परिवार के बुजुर्ग को छोड़ अन्य सभी आपके उदासीन व्यवहार से चिड़ेंगे। भाई बंधुओ से भी किसी बात को लेकर जिद बहस होगी लेकिन आपका नरम व्यवहार मामले को गंभीर नही होने देगा। सरकार संबंधित कार्य से भागदौड़ के बाद आज भी कोई परिणाम नही मिलने से मन परेशान होगा। लेकिन बेरोजगार लोग प्रयास जारी रखें कहीं से शुभ समाचार मिल सकते है। संध्या के समय धन संबंधित मामलों को लेकर मन मे हीं भावना आएगी।*अगर ब्लैडर चोक हो जाए…*

______________________

यदि मूत्राशय भरा हुआ है और पेशाब नहीं हो रहा है, मूत्र विसर्जन में परेशानी है तो क्या करें?

 

यह एक प्रसिद्ध एलोपैथी चिकित्सक का अनुभव है। वह 70 वर्षीय ईएनटी विशेषज्ञ हैं। आइए सुनते हैं उनका एक अनुभव।

 

वे एक सुबह अचानक उठे। उन्हें पेशाब करने की जरूरत थी, लेकिन वे नहीं कर सके। कुछ लोगों को बाद की उम्र में कभी-कभी यह समस्या होती है। अगर वे दो या तीन बार कोशिश करते हैं तो वे सफल हो सकते हैं। उसने बार-बार कोशिश की, लेकिन लगातार कोशिश नाकाम रही। तब उन्होंने महसूस किया कि एक समस्या थी।

 

एक डॉक्टर होने के नाते, वे ऐसी शारीरिक समस्याओं से अछूते नहीं थे; क्योंकि वे हर किसी की तरह, मांस और खून से बने हुए इंसान है। अब उसका निचला पेट भारी हो गया था। वे बैठ या खड़े नहीं हो सकते थे, और दबाव निर्माण से पीड़ित थे।

 

उन्होंने एक जाने-माने यूरोलॉजिस्ट को फोन पर बुलाया और स्थिति के बारे में बताया। मूत्र रोग विशेषज्ञ ने उत्तर दिया: “मैं इस समय एक बाहरी क्षेत्र के एक अस्पताल में हूँ। मैं आपके क्षेत्र के क्लिनिक में दो घंटे में पहुँच जाऊँगा। क्या आप इतने लंबे समय तक इसका सामना कर सकते हैं?”

उन्होंने उत्तर दिया: “मैं कोशिश करूँगा।”

उसी समय, उन्हें बचपन के एक अन्य एलोपैथिक डॉक्टर का इनकमिंग कॉल आया। बड़ी मुश्किल से बूढ़े डॉक्टर ने अपने दोस्त को स्थिति के बारे में बताया।

 

उनके दोस्त ने उत्तर दिया: “ओह, आपका मूत्राशय भर गया है। और आप पेशाब नहीं कर सकते। चिंता न करें। जैसा मैंने सुझाव दिया है वैसा ही करें। आप इससे छुटकारा पा सकते हैं।”

और उसने निर्देश दिया: “सीधे खड़े हो जाओ, और जोर से कूदो। कूदते समय अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाएं। मानो जैसे आप किसी पेड़ से आम तोड़ रहे हों। ऐसा 15 से 20 बार करें।”

बूढ़े डॉक्टर ने सोचा: “क्या? वह कहना चाहता है कि मैं इस स्थिति में कूद जाऊं?”

वृद्ध डॉक्टर ने यह कोशिश की, हालांकि इलाज थोड़ा संदिग्ध लग रहा था। जब उन्होंने 3 से 4 बार छलांग लगाकर पेशाब करना शुरू किया तो उन्हें राहत मिली। उन्होंने इतनी सरल विधि से समस्या को हल करने के लिए अपने मित्र डॉक्टर को सहर्ष धन्यवाद दिया। अन्यथा, उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती, जहां वे मूत्राशय, इंजेक्शन, एंटीबायोटिक्स आदि के साथ साथ अंदर कैथेटर डालते। बनाम नतीजतन, उनके और उनके करीबी लोगों के लिए शारीरिक और मानसिक तनाव के अलावा, लाखों का बिल भी होता।

कृपया वरिष्ठ नागरिकों के साथ साझा करें। यह असहनीय अनुभव वाले किसी भी व्यक्ति के लिए यह एक बहुत ही सरल उपाय है।

 

 *Ⓜदादी नानी के 7 प्रभाव कारी घरेलू उपचार , जो सेहत समस्या होने पर बड़े काम आएंगे*

 

1. गैस की तकलीफ से तुरंत राहत पाने के लिए लहसुन की 2 कली छीलकर 2 चम्मच शुद्ध घी के साथ चबाकर खाएं। फौरन आराम होगा।

 

2. प्याज के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से उल्टियां आना बंद हो जाती हैं।

 

3. सूखे तेजपान के पत्तों को बारीक पीसकर हर तीसरे दिन एक बार मंजन करने से दांत चमकने लगते हैं।

 

4. हिचकी चलती हो तो 1-2 चम्मच ताजा शुद्ध घी, गरम कर सेवन करें।

 

5. ताजा हरा धनिया मसलकर सूंघने से छींके आना बंद हो जाती हैं।

 

6. प्याज का रस लगाने से मस्सों के छोटे-छोटे टुकड़े होकर जड़ से गिर जाते हैं।

 

7. यदि नींद न आने की शिकायत है, तो रात में सोते समय तलवों पर सरसों का तेल लगाएं

*☘️ *_छाछ :अत्यधिक तनाव कम कर दिमाग को ठंडा रखती है और भी जानिए इसे पीने के फायदे और नुस्खे_*

 

1 छाछ का सेवन भुने जीरे के साथ किया जाए, तो पाचन अच्छे से होता है और पेट की गर्मी व अन्य समस्याओं से बचा जा सकता है। यह तरलता बनाए रखने में भी मददगार है।

 

 2 मोटापा अधिक होने पर छाछ को छौंककर सेंधा नमक डालकर पीने से फायदा होता है। उच्च रक्तचाप होने पर गिलोय का चूर्ण मट्ठे के साथ लेना चाहिए। वहीं सुबह-शाम मट्ठा या दही की पतली लस्सी पीने से स्मरण शक्ति तेज होती है।

 

 3 बार-बार हिचकी आने की समस्या हो, तो छाछ में एक चम्मच सौंठ डालकर सेवन करना लाभदायक होगा। ऊल्टी आने या जी मचलाने पर छाछ में जायफल घिसकर इसके मिश्रण को पीने से लाभ मिलता है।

 

 4 सौंदर्य समस्याओं के लिए भी छाछ बेहद फायदेमंद चीज है। छाछ में आटा मिलाकर बनाए गए लेप को लगाने से त्वचा की झुर्रियां कम होती हैं। इसके अलावा गुलाब की जड़ को छाछ में पीसकर चेहरे पर लगाने से मुहांसे खत्म हो जाते हैं।

 

 5 अगर आप अत्यधिक तनाव से गुजर रहे हैं, तो नियमित छाछ का सेवन आपके लिए लाभदायक होगा। वहीं शरीर के साथ-साथ दिमाग की गर्मी को कम करने में भी छाछ का सेवन लाभप्रद है।

 

 6 शरीर के किसी भाग में जल जाने पर तुरंत छाछ लगाने से लाभ होता है। खुजली की समस्या होने पर अमलतास के पत्ते छाछ में पीस लें और शरीर पर मलें। कुछ देर बाद स्नान करें। शरीर की खुजली नष्ट हो जाती है।

 

 7 बाल झड़ने पर भी छाछ असरकारी है। इसके लिए बासी छाछ से सप्ताह में दो दिन बालों को धोना लाभप्रद होता है।