‼️ 🕉️ ‼️
🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩
📜««« *आज का पञ्चांग* »»»📜
कलियुगाब्द……………………5123
विक्रम संवत्…………………..2078
शक संवत्……………………..1943
रवि………………………….उत्तरायण
मास……………………………आषाढ़
पक्ष……………………………..शुक्ल
तिथी………………………..एकादशी
संध्या 07.16 पर्यंत पश्चात द्वादशी
सूर्योदय…………प्रातः 05.53.12 पर
सूर्यास्त…………संध्या 07.13.31 पर
सूर्य राशि………………………..कर्क
चन्द्र राशि……………………..वृश्चिक
गुरु राशि………………………..कुम्भ
नक्षत्र…………………………अनुराधा
रात्रि 08.25 पर्यंत पश्चात ज्येष्ठा
योग……………………………..शुक्ल
संध्या 07.25 पर्यंत पश्चात ब्रह्मा
करण…………………………..वणिज
प्रातः 08.39 पर्यंत पश्चात विष्टि
ऋतु………………………………ग्रीष्म
*दिन………………………मंगलवार*
*🇮🇳 राष्ट्रीय सौर आषाढ़, दिनांक २९*
*( शुचिमास ) !*
*🇬🇧 आंग्ल मतानुसार दिनांक*
*२० जुलाई सन २०२१ ईस्वी !*
☸ *तिथि विशेष :*
*देवशयनी (हरिशयनी) एकादशी (द्राक्ष) -*
*पद्मा (आषाढ़ शुक्ल)* –
*चातुर्मास प्रारम्भ* –
पुराणों के अनुसार चार माह (श्रावण, भादौ, अश्विन एवं कार्तिक) के लिए विष्णु भगवान क्षीरसागर में शयन के लिए चले जाते हैं। तीनों लोकों के स्वामी होने की वजह से भगवान का शयनकाल संपूर्ण संसार का शयनकाल माना जाता है।
देवशयनी या हरिशयनी एकादशी या देशज भाषा में देवसोनी ग्यारस आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है। चूँकि एकादशी व्रत भगवान विष्णु की आराधना का व्रत है, इसलिए देवसोनी व देवउठनी एकादशियों का विशेष महत्व है। आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी तक का चार माह का समय हरिशयन का काल समझा जाता है।
वर्षा के इन चार माहों का संयुक्त नाम चातुर्मास्य दिया गया है। इसके दौरान जितने भी पर्व, व्रत, उपवास, साधना, आराधना, जप-तप किए जाते हैं उनका विशाल स्वरूप एक शब्द में ‘चातुर्मास्य’ कहलाता है। चातुर्मास से चार मास के समय का बोध होता है और चातुर्मास्य से इस समय के दौरान किए गए सभी व्रतों/ पर्वों का समग्र बोध होता है।
पुराणों में इस चौमासे का विशेष रूप से वर्णन किया गया है। भागवत में इन चार माहों की तपस्या को एक यज्ञ की संज्ञा दी गई है। वराह पुराण में इस व्रत के बारे में कुछ उदारवादी बातें भी बताई गई हैं। उदाहरण के लिए, इस व्रत को आषाढ़ शुक्ल एकादशी के स्थान पर द्वादशी (बारस) या आषाढ़ी पूर्णिमा से भी शुरू किया जा सकता है और चार माह पूर्ण करने के लिए इसका समापन उधर कार्तिक शुक्ल द्वादशी या कार्तिक पूर्णिमा तक किया जा सकता है।
संभवतः यह दृष्टिकोण इसलिए समाहित किया गया होगा क्योंकि यात्रा के दौरान किसी निश्चित स्थान पर पहुँचने में विलंब हो सकता है। उस युग में आज की तरह यात्रा के साधन नहीं थे, इसलिए यह विचार शुमार किया गया होगा। चूँकि चौमासे के व्रत में एक ही स्थान पर रहना आवश्यक है, इसलिए इस परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त तथ्य सारगर्भित लगता है।
शास्त्रों व पुराणों में इन चार माहों के लिए कुछ विशिष्ट नियम बताए गए हैं। इसमें चार महीनों तक अपनी रुचि व अभीष्ठानुसार नित्य व्यवहार की वस्तुएँ त्यागना पड़ती हैं। कई लोग खाने में अपने सबसे प्रिय व्यंजन का इन माहों में त्याग कर देते हैं। चूँकि यह विष्णु व्रत है, इसलिए चार माहों तक सोते-जागते, उठते-बैठते ‘ॐ नमो नारायणाय’ के जप की अनुशंसा की गई है।
इन चार माहों के दौरान शादी-विवाह, उपनयन संस्कार व अन्य मंगल कार्य वर्जित बताए गए हैं। पुराणों के अनुसार चार माहों के लिए विष्णु भगवान क्षीरसागर में शयन के लिए चले जाते हैं। तीनों लोकों के स्वामी होने की वजह से भगवान का शयनकाल संपूर्ण संसार का शयनकाल माना जाता है। चार मास की अवधि के पश्चात देवोत्थान एकादशी को भगवान जागते हैं।
⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.06 से 12.59 तक ।
👁🗨 *राहुकाल :-*
दोप 03.51 से 05.30 तक ।
☸ शुभ अंक………………….4
🔯 शुभ रंग……………….सफ़ेद
🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*कर्क*
05:22:56 07:43:52
*सिंह*
07:43:52 10:01:32
*कन्या*
10:01:32 12:18:12
*तुला*
12:18:12 14:38:05
*वृश्चिक*
14:38:05 16:57:02
*धनु*
16:57:02 19:01:23
*मकर*
19:01:23 20:43:58
*कुम्भ*
20:43:58 22:11:41
*मीन*
22:11:41 23:36:52
*मेष*
23:36:52 25:12:20
*वृषभ*
25:12:20 27:08:10
*मिथुन*
27:08:10 29:22:56
🚦 *दिशाशूल :-*
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 09.14 से 10.53 तक चंचल
प्रात: 10.53 से 12.32 तक लाभ
दोप. 12.32 से 02.11 तक अमृत
दोप. 03.50 से 05.29 तक शुभ
रात्रि 08.29 से 09.50 तक लाभ ।
📿 *आज का मंत्र :-*
।। ॐ पुष्कराक्षाय नम: ।।
📯 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
ज्ञानं तु द्विविधं प्रोक्तं शाब्दिकं प्रथमं स्मृतम् ।
अनुभवाख्यं द्वितीयं तुं ज्ञानं तदुर्लभं नृप ॥
अर्थात :-
हे राजा ! ज्ञान दो प्रकार के होते हैं; एक तो स्मृतिजन्य शाब्दिक ज्ञान, और दूसरा अनुभवजन्य ज्ञान जो अत्यंत दुर्लभ है ।
🍃 *आरोग्यं :*-
*आंखों के नीचे सूजन को कम करने के तरीके -*
*4. कॉफी पाउडर -*
एक चम्मउच कॉफी पाउडर में दो चम्मेच कच्चाू दूध मिलाकर पेस्ट् बना लें और इस लेप को आंखों के नीचे लगाकर 5 से 10 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर पानी से धो लें। इस बात का ध्यान दें कि ये आंख के अंदर न जाए। आपको खुद फर्क महसूस होगा और आंखों की सूजन कम होने लगेगी।
⚜ *आज का राशिफल* ⚜
🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। विवेक से कार्य करें। लाभ में वृद्धि होगी। फालतू की बातों पर ध्यान न दें। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में उन्नति होगी। व्यापार-व्यवसाय की गति बढ़ेगी। चिंता रह सकती है। थकान रहेगी। प्रमाद न करें।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
मस्तिष्क पीड़ा हो सकती है। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है या समय पर नहीं मिलेगी। पुराना रोग उभर सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। हल्की हंसी-मजाक करने से बचें। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। चिंता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। यश बढ़ेगा।
👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें। किसी अनहोनी की आशंका रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है। लेन-देन में लापरवाही न करें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। शेयर मार्केट से बड़ा लाभ हो सकता है।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
किसी भी तरह के विवाद में पड़ने से बचें। जल्दबाजी से हानि होगी। राजभय रहेगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। घर में मेहमानों का आगमन होगा। व्यय होगा। सही काम का भी विरोध हो सकता है। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। निवेश शुभ रहेगा। सट्टे व लॉटरी के चक्कर में न पड़ें।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। जल्दबाजी न करें। आवश्यक वस्तुएं गुम हो सकती हैं। चिंता तथा तनाव रहेंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। भेंट व उपहार देना पड़ सकता है। प्रयास सफल रहेंगे। कार्य की बाधा दूर होगी। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि तथा सम्मान में वृद्धि होगी।
🙎🏻♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
शत्रुओं का पराभव होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। दु:खद समाचार मिल सकता है। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। काम पर ध्यान नहीं दे पाएंगे। बेवजह किसी व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। दूसरों के बहकावे में न आएं। फालतू बातों पर ध्यान न दें। लाभ में वृद्धि होगी।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
शारीरिक कष्ट संभव है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी प्रभावशाली व्यक्ति मार्गदर्शन प्राप्त होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। झंझटों में न पड़ें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
भूमि व भवन संबंधी खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। आर्थिक उन्नति होगी। संचित कोष में वृद्धि होगी। देनदारी कम होगी। नौकरी में मनोनुकूल स्थिति बनेगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। शेयर मार्केट आदि से बड़ा फायदा हो सकता है। परिवार की चिंता बनी रहेगी।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
प्रतिद्वंद्विता कम होगी। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। बात बिगड़ सकती है। शत्रुभय रहेगा। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल रहेंगे। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। स्त्री वर्ग से सहायता प्राप्त होगी। नौकरी व निवेश में इच्छा पूरी होने की संभावना है।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
शत्रुभय रहेगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। विवाद से क्लेश होगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। ऐश्वर्य के साधनों पर सोच-समझकर खर्च करें। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे कि बाद में पछताना पड़े। दूसरे अधिक अपेक्षा करेंगे। नकारात्मकता हावी रहेगी।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। चोट व रोग से बचें। सेहत का ध्यान रखें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। झंझटों में न पड़ें। व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि होगी। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। परिवार में प्रसन्नता रहेगी।
🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
सही काम का भी विरोध होगा। कोई पुरानी व्याधि परेशानी का कारण बनेगी। कोई बड़ी समस्या बनी रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक कार्य करने के प्रति रुझान रहेगा। मान-सम्मान मिलेगा। रुके कार्यों में गति आएगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में चैन बना रहेगा।
☯ *आज मंगलवार है अपने नजदीक के मंदिर में संध्या ०७.०० बजे सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ में अवश्य सम्मिलित होवें !*
*🚩 🎪 ‼️ 🕉️ हं हनुमते नमः ‼️ 🎪 🚩*
*☯ आज का दिन भी के लिए मंगलमय हो ☯*
*‼️ शुभम भवतु ‼️*
🚩 🇮🇳 ‼️ *भारत माता की जय* ‼️ 🇮🇳 🚩
जय श्री राधे…
*देवशयनी एकादशी…*
*आषाढ़ शुक्ल एकादशी (20 जुलाई 2021)…*
धर्मराज युधिष्ठिर ने कहा- हे केशव! आषाढ़ शुक्ल एकादशी का क्या नाम है? इस व्रत के करने की विधि क्या है और किस देवता का पूजन किया जाता है?
श्रीकृष्ण कहने लगे कि हे युधिष्ठिर! जिस कथा को ब्रह्माजी ने नारदजी से कहा था वही मैं तुमसे कहता हूं। एक समय नारजी ने ब्रह्माजी से यही प्रश्न किया था।
तब ब्रह्माजी ने उत्तर दिया कि हे नारद तुमने कलियुगी जीवों के उद्धार के लिए बहुत उत्तम प्रश्न किया है। क्योंकि देवशयनी एकादशी का व्रत सब व्रतों में उत्तम है। इस व्रत से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और जो मनुष्य इस व्रत को नहीं करते वे नरकगामी होते हैं।
इस व्रत के करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। अब मैं तुमसे एक पौराणिक कथा कहता हूं। तुम मन लगाकर सुनो। सूर्यवंश में मांधाता नाम का एक चक्रवर्ती राजा हुआ है, जो सत्यवादी और महान प्रतापी था। वह अपनी प्रजा का पुत्र की भांति पालन किया करता था।
उसकी सारी प्रजा धनधान्य से भरपूर और सुखी थी। उसके राज्य में कभी अकाल नहीं पड़ता था।
एक समय उस राजा के राज्य में तीन वर्ष तक वर्षा नहीं हुई और अकाल पड़ गया। प्रजा अन्न की कमी के कारण अत्यंत दुखी हो गई। अन्न के न होने से राज्य में यज्ञादि भी बंद हो गए।
एक दिन प्रजा राजा के पास जाकर कहने लगी कि हे राजा! सारी प्रजा त्राहि-त्राहि पुकार रही है, क्योंकि समस्त विश्व की सृष्टि का कारण वर्षा है।
वर्षा के अभाव से अकाल पड़ गया है और अकाल से प्रजा मर रही है। इसलिए हे राजन! कोई ऐसा उपाय बताओ जिससे प्रजा का कष्ट दूर हो।
राजा मांधाता कहने लगे कि आप लोग ठीक कह रहे हैं, वर्षा से ही अन्न उत्पन्न होता है और आप लोग वर्षा न होने से अत्यंत दुखी हो गए हैं। मैं आप लोगों के दुखों को समझता हूं।
ऐसा कहकर राजा कुछ सेना साथ लेकर वन की तरफ चल दिया। वह अनेक ऋषियों के आश्रम में भ्रमण करता हुआ अंत में ब्रह्माजी के पुत्र अंगिरा ऋषि के आश्रम में पहुंचा। वहां राजा ने घोड़े से उतरकर अंगिरा ऋषि को प्रणाम किया।
मुनि ने राजा को आशीर्वाद देकर कुशलक्षेम के पश्चात उनसे आश्रम में आने का कारण पूछा। राजा ने हाथ जोड़कर विनीत भाव से कहा कि हे भगवन! सब प्रकार से धर्म पालन करने पर भी मेरे राज्य में अकाल पड़ गया है।
इससे प्रजा अत्यंत दुखी है। राजा के पापों के प्रभाव से ही प्रजा को कष्ट होता है, ऐसा शास्त्रों में कहा है। जब मैं धर्मानुसार राज्य करता हूं तो मेरे राज्य में अकाल कैसे पड़ गया? इसके कारण का पता मुझको अभी तक नहीं चल सका।
अब मैं आपके पास इसी संदेह को निवृत्त कराने के लिए आया हूं। कृपा करके मेरे इस संदेह को दूर कीजिए। साथ ही प्रजा के कष्ट को दूर करने का कोई उपाय बताइए।
इतनी बात सुनकर ऋषि कहने लगे कि हे राजन! यह सतयुग सब युगों में उत्तम है। इसमें धर्म को चारों चरण सम्मिलित हैं अर्थात इस युग में धर्म की सबसे अधिक उन्नति है। लोग ब्रह्म की उपासना करते हैं और केवल ब्राह्मणों को ही वेद पढ़ने का अधिकार है।
ब्राह्मण ही तपस्या करने का अधिकार रख सकते हैं, परंतु आपके राज्य में एक शूद्र तपस्या कर रहा है। इसी दोष के कारण आपके राज्य में वर्षा नहीं हो रही है।
इसलिए यदि आप प्रजा का भला चाहते हो तो उस शूद्र का वध कर दो। इस पर राजा कहने लगा कि महाराज मैं उस निरपराध तपस्या करने वाले शूद्र को किस तरह मार सकता हूं।
आप इस दोष से छूटने का कोई दूसरा उपाय बताइए। तब ऋषि कहने लगे कि हे राजन! यदि तुम अन्य उपाय जानना चाहते हो तो सुनो।
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पद्मा नाम की एकादशी का विधिपूर्वक व्रत करो। व्रत के प्रभाव से तुम्हारे राज्य में वर्षा होगी और प्रजा सुख प्राप्त करेगी क्योंकि इस एकादशी का व्रत सब सिद्धियों को देने वाला है और समस्त उपद्रवों को नाश करने वाला है। इस एकादशी का व्रत तुम प्रजा, सेवक तथा मंत्रियों सहित करो।
मुनि के इस वचन को सुनकर राजा अपने नगर को वापस आया और उसने विधिपूर्वक पद्मा एकादशी का व्रत किया। उस व्रत के प्रभाव से वर्षा हुई और प्रजा को सुख पहुंचा।
अत: इस मास की एकादशी का व्रत सब मनुष्यों को करना चाहिए। यह व्रत इस लोक में भोग और परलोक में मुक्ति को देने वाला है। इस कथा को पढ़ने और सुनने से मनुष्य के समस्त पाप नाश को प्राप्त हो जाते हैं।
एकादशी महारानी की जय…😊
उत्तराखंड पंचाग
चक्रधर प्रसाद शास्त्री: 🕉️ श्री गणेशाय नमः 🕉️ जगत् जनन्यै जगदंबा भगवत्यै नम 🕉️ नमः शिवाय 🕉️ नमो भगवते वासुदेवाय नमः सभी मित्र मंडली को आज का पंचांग एवं राशिफल भेजा जा रहा है इस का लाभ उठाएंगे भगवान हनुमान जी सभी मित्र मंडली की मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे
मंगल ग्रह स्तुति:–
*धरणी गर्भ सम्भूतं, विद्युत् कान्ति समप्रभम्।कुमारं शक्तिहस्तं तं,मंगलं प्रणमाम्यहम्*।।
हिन्दी ब्याख्या:– पृथ्वी के उदर से जिनकी उत्पत्ति हुई विद्युत पुंज बिजली के सामान जिनकी प्रभा है जो हाथों में शक्ति धारण किए रहते हैं उन मंगल देव को मैं प्रणाम करता हूं।
भौम गायत्री मंत्र:–🕉️ *भूमि पुत्राय विद्महे लोहितांगाय धीमहि तन्नो भौम: प्रचोदयात्*।।
भौम गायत्री का यथाशक्ति जप करने के बाद खादिर युक्त पायस घी से दशांश हवन करें।
आपका अपना *पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली*फलित ज्योतिष शास्त्री* ✡️
✡️दैनिक पंचांग✡️
✡️वीर विक्रमादित्य संवत्✡️
✡️2078✡️
✡️श्रावण मासे ✡️
✡️05 प्रविष्टे गते ✡️
✡️दिनांक :20 – 07 – 2021(मंगलवार)✡️
✡️सूर्योदय :05.56 पूर्वाह्न✡️
✡️सूर्यास्त :07.10 अपराह्न✡️
✡️सूर्य राशि :कर्क✡️
✡️चन्द्रोदय :03.36 अपराह्न✡️
✡️चंद्रास्त :02.41 पूर्वाह्न✡️
✡️चन्द्र राशि :वृश्चिक✡️
✡️विक्रम सम्वत : 2078✡️
✡️अमांत महीना :आषाढ़ 10✡️
✡️पूर्णिमांत महीना :आषाढ़ 26✡️
✡️पक्ष :शुक्ल 11✡️
✡️तिथि :एकादशी 7.17✡️ ✡️अपराह्न तक, बाद में द्वादशी
नक्षत्र :अनुराधा 8.32 अपराह्न तक, बाद में ज्येष्ठा✡️
✡️योग :शुक्ल 7.34 अपराह्न तक, बाद में ब्रह्म✡️
✡️करण :वणिज 8:40 पूर्वाह्न तक, बाद में विष्टि 7:17 अपराह्न तक, बाद में बव✡️
✡️राहु काल :3.52 अपराह्न से – 5.32 अपराह्न तक✡️
✡️कुलिक काल :12.31 अपराह्न से – 2.11 अपराह्न तक✡️
✡️यमगण्ड :9.11 पूर्वाह्न से – 10.51 पूर्वाह्न तक✡️
✡️अभिजीत मुहूर्त :12.06 अपराह्न से- 12.59 अपराह्न तक✡️
✡️दुर्मुहूर्त :08:34 पूर्वाह्न से- 09:27 पूर्वाह्न तक, 11:28 अपराह्न से – 12:11 पूर्वाह्न तक✡️ *मित्रों राहुकाल यमघंट काल एवं दूर मुहूर्त में यात्रा एवं शुभ कार्य आरंभ नहीं करने चाहिए अभिजीत मुहूर्त एवं कुलिक काल में यात्रा एवं शुभ कार्य आरंभ करने चाहिए धन्यवाद*
[20/7, 07:12] चक्रधर प्रसाद शास्त्री: ☸️☸️☸️☸️☸️☸️☸️☸️☸️☸️☸️☸️मित्रों बहुत से मित्रों ने राशि नाम एवं प्रसिद्ध नाम के माध्यम से राशिफल देखने की प्रक्रिया जाननी चाही इसके विषय में महर्षि पाराशर जी ने पाराशरी नामक ग्रंथ में लिखा है कि:–
*देशे ग्रामे गृहे युद्धे, सेवायां व्यवहार के। नाम राशे प्रधानत्वं , जन्म राशि न चिंन्तयेत्*।।
हिंदी ब्यख्या:–
प्रदेश में घर के बाहर गांव में युद्ध के समय सेवारत में व्यवहारिक नाम की प्रधानता होती है स्थानों पर जन्म राशि का चिंतन न करके प्रचलित नाम की राशि का चिंतन करना चाहिए।
*विवाह सर्वमांगल्यै, यात्रायां ग्रह गोचरे । जन्म राशे प्रधानत्वम्, नाम राशि न चिंन्तयेत्*।।
हिन्दी ब्याख्या:–
विवाह के समय मां सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों में यात्रा में ग्रह गोचर दशा के पूजन में जन्म राशि की प्रधानता होती है प्रसिद्ध नाम राशि का चिंतन नहीं करना चाहिए।।🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
आज के लिए राशिफल (20-07-2021)
✡️मेष✡️
20-07-2021
आज लाभकारी विकास संभव है जो भविष्य में आपको अच्छे परिणाम देगा। आप में से कुछ को अपनी पसंद की जगह पर स्थानांतरित किया जा सकता है। छात्र अपना ध्यान उचित प्रयासो में लगाएं। आर्थिक रूप से आप समृद्धि रहेंगे और नवीन सौदे भी प्रगति करेंगे। आपको परिवार और दोस्तों का अच्छा सहयोग मिलेगा। ऐसे मजबूत संकेत हैं कि अविवाहितों के लिए शादी की घंटी जल्द ही बज जाएगी। आप किसी पवित्र स्थान की यात्रा भी कर सकते हैं।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 7
भाग्यशाली रंग : हरा रंग
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✡️वृष ✡️
20-07-2021
आज आपका दिन उत्तम रहेगा। आपको बिजनेस के क्षेत्र में कुछ लोगों से मदद मिलेगी। दाम्पत्य जीवन में आपसी समझ और प्यार संबंधों को और भी बेहतर बनायेंगे। आपका सामाजिक जीवन भी आज हर तरह से बेहतर बना रहेगा। कार्यक्षेत्र में आपको काम के लिये वाहवाही मिलेगी। आर्थिक स्थिति में प्रगति होगी। आप खुद को सही साबित करने में सफल रहेंगे। किसी काम को पूरा करने के लिए आपको कोई नया आईडिया सूझेगा। स्टूडेंट्स को आगे बढ़ने के अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। गाय को हल्दी का टीका लगाएं, समाज में मान- सम्मान बढ़ेगा।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 1
भाग्यशाली रंग : लाल रंग
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✡️मिथुन ✡️
20-07-2021
बिजनेस में दोस्तों से मदद मिल सकती है। रोजमर्रा के मामलों में दिन बहुत अच्छा हो सकता है। अपने पेशे में पूरी तरह सफल हो सकते हैं। अधूरे काम निपट सकते हैं। पुरानी चीजों में सुधार या बदलाव की संभावना है। संपत्ति के कामों में रुचि बढ़ने के योग हैं। फायदा होसकता है। अविवाहित प्रेमियों के लिए दिन अच्छा हो सकता है, लेकिन कुछ पुरानी बातों को भूलना होगा तो सब ठीक हो जाएगा। छोटी-सी बात पर गुस्सा कर के आप अपनी बनी-बनाई बात बिगाड़ भी सकते हैं।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
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🕉️कर्क ✡️
20-07-2021
आज आपको दूसरों के साथ आपका व्यवहार भाग्यशाली बना सकता है। आप लोकप्रियता हासिल करेंगे, व्यापार से आपकी कमाई बढ़ेगी और आपको अधिकारियों से मदद मिलेगी। आप अभिजात वर्ग की पृष्ठभूमि की महिला से कुछ विशेष लाभों का आनंद ले सकते हैं। स्वास्थ्य के संबंध में आपको अधिक ध्यान रखना चाहिए। घाटे को रोकने के लिए आपको अटकलों से दूर रहना चाहिए। पारिवारिक जीवन संतोषप्रद रहेगा।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : गुलाबी रंग
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✡️सिंह ✡️
20-07-2021
आज आपका दिन सामान्य रहेगा। नौकरीपेशा लोगों को नया प्रोजेक्ट मिल सकता है। आगे चलकर ये प्रोजेक्ट आपको फायदा दिलायेगा। इस राशि के विद्यार्थियों के लिए आज का दिन ठीक-ठाक रहने वाला है। मेहनत के बल पर उन्हें अपने करियर में सफलता हासिल होगी। ऑफिस में एक साथ कई तरह के काम हाथ में लेने से आपको तनाव महसूस हो सकता है। कुछ कामों में ओवर कॉन्फिडेंस के कारण आपको नुकसान भी हो सकता है। दुर्गा चालीसा का पाठ करें, आपके साथ सब अच्छा होगा।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : बैंगनी रंग
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✡️कन्या✡️
20-07-2021
नौकरी में बेकार के कामों में आप उलझ सकते हैं। अच्छे नतीजों के लिए जरूरत से ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है। नौकरी बदलने का मूड है तो संभलकर रहें। आज ऐसी कोशिश न करें। छोटी-मोटी बहस से मूड खराब होने के योग हैं। अपने मन की बात किसी से शेयर नकरें। आज आप जरूरी कामों पर ध्यान दें। वैवाहिक जीवन सुखमय रहेगा। प्रेम संबंधों में सफलता के योग हैं। सरदर्द और कफ रोग की संभावना है। आज अपनी सेहत का ध्यान रखें।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 2
भाग्यशाली रंग : भूरा रंग
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✡️तुला ✡️
20-07-2021
यह आपके लिए सबसे अच्छे दिनों में से एक हो सकता है। कार्यक्षेत्र पर किए गए प्रयास आने वाले दिनों में आपकी सफलता और प्रगति में योगदान करेंगे। आपका परिवारिक जीवन, परिवार के सभी सदस्यों के साथ आनंदमय और आरामदायक होगा। आप में से कुछ विलासिता पर खर्च करेंगे जो आपकी सामाजिक स्थिति को बढ़ाएंगे।आज आपको अपने या पिता के स्वास्थ्य की स्थिति चिंता का विषय हो सकती है।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : नीला रंग
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✡️वृश्चिक ✡️
20-07-2021
आज आपका दिन पहले की अपेक्षा बेहतर रहेगा। थोड़ी-सी मेहनत से ही आपको बड़ा मुनाफा मिल सकता है। आप जीवनसाथी के साथ डिनर का प्लान बना सकते हैं। आप दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ेंगी। बच्चे दोस्तों के साथ किसी पिकनिक स्पॉट पर जा सकते हैं। आपको करियर से जुड़ा कोई सुनहरा मौका मिलेगा। आपके कामकाज में बदलाव होने के योग बन रहे हैं। जो छात्र विदेश में जाकर शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, उनके सपने साकार हो सकते हैं। गायत्री मंत्र का जप करें, शिक्षा के क्षेत्र में सफलता हासिल होगी।
भाग्यशाली दिशा : पूर्वोत्तर
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
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धनु
20-07-2021
दिनभर व्यस्त हो सकते हैं। अधिकारी आपकी बातों को महत्व देंगे। कार्यक्षेत्र में सम्मान मिलेगा। ज्यादा मेहनत करने से ही सफलता मिल पाएगी। रुका हुआ पैसा मिल सकता है। बिजनेस अच्छा चलेगा। इनकम बढ़ने के योग हैं। आज महत्वपूर्ण लोगों से कॉन्टैक्ट के योग बन रहे हैं।आपकी कार्यक्षमता बढ़ सकती है। आपकी सेहत में भी सुधार होने के योग हैं। पति-पत्नी की लव लाइफ अच्छी हो सकती है।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 7
भाग्यशाली रंग : हरा रंग
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✡️मकर ✡️
20-07-2021
आज आपके सहकर्मी समूह के बीच आपकी लोकप्रियता में वृद्धि संभव है। व्यावसायिक रूप से चीजें सुचारू रहेंगी और आपको अच्छी प्रगति प्राप्त होगी। आपकी आमदनी बढ़ेगी और आपको आर्थिक लाभ प्राप्त करने के नवीन रास्ते भी मिलेंगे। भाई-बहनों और बड़ों के साथ संबंध सौहार्दपूर्ण और प्रेमपूर्ण रहेंगे। परिवार के सदस्यों के साथ छोटी यात्राओं या भ्रमण की योजना बन सकती है। आपका पारिवारिक-जीवन आनंदमय और खुशहाल रहेगा।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
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✡️कुंभ ✡️
20-07-2021
आज आपका दिन फेवरेबल रहेगा। आप खुद को एनर्जेटिक महसूस करेंगे। साथ ही आपके परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। आपको आनंद की अनुभूति होगी। आपकी किसी खास व्यक्ति से मुलाकात हो सकती है। आप किसी खास विषय पर उनसे बातचीत भी कर सकते हैं। आप बच्चों को कहीं घूमाने ले जायेंगे। आज कामकाज के सिलसिले में की गई यात्रा आपके लिये फायदेमंद साबित होगी। अधिकारी वर्ग आपसे प्रसन्न होंगे। मंदिर की साफ- सफाई में अपना सहयोग दें, परिवार का माहौल खुशनुमा बना रहेगा।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : गुलाबी रंग
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✡️मीन ✡️
20-07-2021
बिजनेस में फायदा कुछ कम होगा। ट्रांसफर की स्थिति बन सकती है या ऐसी कोई खबर भी आपको मिल सकती है। नौकरी और कारोबार में पैसों का मामला उलझ सकता है। टेंशन बना रह सकता है। कोई खास काम निपटाना भी भूल सकते हैं। पुराने दोस्त अचानक सामने आसकते हैं और उनसे मदद मिल सकती है। जहां जरूरत लगे, वहां समझौता करने के लिए तैयार रहें।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : हल्का पीला
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*आपका अपना पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाडी पट्टी नन्दाक जिला चमोली गढ़वाल उत्तराखंड फोन नंबर ✡️ 8449046631,9149003677*