आज का पंचाग आपका राशि फल, ज्ञानवापि काशी विश्वनाथ का वास्तविक इतिहास, गाय पालने से आरोग्य और समृद्धि भी मिलती है और आश्चर्यचकित करने वाले परोक्ष लाभ पूरे संसार को मिलते हैं

*सोच का प्रभाव, मन पर होता है ;*
*मन का प्रभाव, तन पर होता है ;*
*तन और मन दोनों का प्रभाव*
*सारे जीवन पर होता है ।।*
*इसलिए सदा अच्छा सोचें और*
*खुश रहें, मुसकुराते रहें ……*

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉

🌄सुप्रभातम🌄

🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻शुक्रवार, ०३ दिसम्बर २०२१🌻

 

सूर्योदय: 🌄 ०६:५७

सूर्यास्त: 🌅 ०५:२१

चन्द्रोदय: 🌝 ३०:४५

चन्द्रास्त: 🌜१६:२७

अयन 🌕 दक्षिणायने (दक्षिणगोलीय

ऋतु: शरद्रा

शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)

विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)

मास 👉 मार्गशीर्ष

पक्ष 👉 कृष्ण

तिथि 👉 चतुर्दशी (१६:५५ तक)

नक्षत्र 👉 विशाखा (१३:४५ तक)

योग 👉 अतिगण्ड (१२:५७ तक)

प्रथम करण 👉 शकुनि (१६:५५ तक)

द्वितीय करण 👉 चतुष्पाद (२७:०५ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥

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सूर्य 🌟 वृश्चिक

चंद्र 🌟 वृश्चिक (०८:२६ से)

मंगल 🌟 तुला (उदित, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 वृश्चिक (अस्त, पूर्व, मार्गी)

गुरु 🌟 कुंम्भ (उदय, पूर्व, मार्गी)

शुक्र 🌟 धनु (उदय, पश्चिम, मार्गी)

शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, मार्गी)

राहु 🌟 वृष

केतु 🌟 वृश्चिक

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४६ से १२:२७

अमृत काल 👉 २५:४० से २७:०५

सर्वार्थसिद्धि योग 👉 १३:४५ से ३०:५८

विजय मुहूर्त 👉 १३:५० से १४:३१

गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:०६ से १७:३०

निशिता मुहूर्त 👉 २३:४० से २४:३४

राहुकाल 👉 १०:४९ से १२:०७

राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व

यमगण्ड 👉 १४:४२ से १५:५९

होमाहुति 👉 केतु

दिशाशूल 👉 पश्चिम

अग्निवास 👉 पृथ्वी (१६:५५ तक)

चन्द्रवास 👉 पश्चिम (उत्तर ०८:२७ से)

शिववास 👉 श्मशान में (१६:५५ गौरी के साथ)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥

१ – चर २ – लाभ

३ – अमृत ४ – काल

५ – शुभ ६ – रोग

७ – उद्वेग ८ – चर

॥रात्रि का चौघड़िया॥

१ – रोग २ – काल

३ – लाभ ४ – उद्वेग

५ – शुभ ६ – अमृत

७ – चर ८ – रोग

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।

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शुभ यात्रा दिशा

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उत्तर-पश्चिम (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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श्रीबालाजी जयन्ती आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण

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आज १३:४५ तक जन्मे शिशुओ का नाम

विशाखा नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ते, तो) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम अनुराधा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमश (ना, नी, नू) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

वृश्चिक – २९:४२ से ०८:००

धनु – ०८:०० से १०:०३

मकर – १०:०३ से ११:४५

कुम्भ – ११:४५ से १३:१०

मीन – १३:१० से १४:३४

मेष – १४:३४ से १६:०८

वृषभ – १६:०८ से १८:०२

मिथुन – १८:०२ से २०:१७

कर्क – २०:१७ से २२:३९

सिंह – २२:३९ से २४:५८

कन्या – २४:५८ से २७:१६

तुला – २७:१६ से २९:३७

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पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०६:५७ से ०८:००

चोर पञ्चक – ०८:०० से १०:०३

शुभ मुहूर्त – १०:०३ से ११:४५

रोग पञ्चक – ११:४५ से १३:१०

शुभ मुहूर्त – १३:१० से १३:४५

मृत्यु पञ्चक – १३:४५ से १४:३४

रोग पञ्चक – १४:३४ से १६:०८

शुभ मुहूर्त – १६:०८ से १६:५५

मृत्यु पञ्चक – १६:५५ से १८:०२

अग्नि पञ्चक – १८:०२ से २०:१७

शुभ मुहूर्त – २०:१७ से २२:३९

रज पञ्चक – २२:३९ से २४:५८

शुभ मुहूर्त – २४:५८ से २७:१६

चोर पञ्चक – २७:१६ से २९:३७

शुभ मुहूर्त – २९:३७ से ३०:५८

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आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन भी प्रतिकूल फल देने वाला रहेगा सेहत में विकार रहने से कार्य करने में उत्साह कम ही दिखाएंगे। वात-कफ अथवा नेत्र संबंधित परेशानी पाचन शक्ति में कमी रह सकती है। कार्य व्यवसाय में भी स्थिति संघर्ष वाली रहेगी ना चाहते हुए भी भागदौड़ करनी पड़ेगी फिर भी परिणाम निराश करने वाले मिलेंगे लेकिन निर्वाह योग्य आय के साधन जुटा ही लेंगे। मध्यान बाद सेहत में सुधार आने लगेगा विचार भी धार्मिक बनेंगे भाई बहन का सुख न्यून रहेगा लेकिन थोड़ी चापलूसी करने पर अकस्मात लाभ भी करा सकते है। शत्रु पक्ष आज निर्बल रहेगा फिर भी इसका कोई विशेष लाभ नही उठा पाएंगे। लंबी दूरी की यात्रा के प्रसंग बनेंगे सम्भव हो तो आज टाले अथवा रात्रि में करने पर लाभ दायक रहेगी।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज के दिन आप धन की तुलना में प्रतिष्ठा का अधिक ध्यान रखेंगे। कुछ समय के लिये व्यवहार विक्षिप्तों जैसा रहेगा शत्रु पक्ष का थोड़ा भय होने पर भी विजय मिलेगी परन्तु परिवार में किसी न किसी से रूठना मनाना लगा रहेगा। कार्य क्षेत्र पर संघर्ष भाग दौड़ अधिक करनी पड़ेगी बैठ कर कमाने की कामना में ना रहे अन्यथा अल्प लाभ से संतोष करना पड़ेगा धन लाभ प्रयास करने पर अवश्य होगा। आज पैतृक साधनों में वृद्धि भी करेंगे लेकिन इसके लिये काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। परस्त्री आकर्षण से बचें अन्यथा मान एवं धन दोनो की हानि निश्चित है। आज विदेश यात्रा के प्रयासों में आशानुकूल सफलता मिल सकती है। स्त्री के कारण अथवा मूत्र संबंधित समस्या रहेगी।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन आप अपने लापरवाह व्यवहार के कारण लोगो से शत्रुता मोल लेंगे दिन का अधिकांश समय अनुकूल रहेगा छोटी मोटी घरेलू कहा सुनी तुरंत शांत हो जाएगी लेकिन बाहर किसी से बिना बात ना उलझें अन्यथा लेने के देने पड़ सकते है। आज लोग आपके मुह पर मीठा बोलेंगे लेकिन मन मे ईर्ष्या भारी रहेगी पीठ पीछे कुछ न कुछ हानि पहुचाने का प्रयास करेंगे पर आज सफल नही हो सकेंगे बाहर के लोगो से आवश्यकता के समय ही बोले मन का भेद आज परिजनों को भी ना दे। कार्य व्यवसाय धन लाभ की प्रबल संभावना है परंतु किसी पर अनैतिक दबाव या काम ना कराये। आध्यात्म में आज मन कम ही लगेगा।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन बीते दिन की तुलना में सुधार वाला रहेगा किसी से किये अभद्र आचरण का पश्चाताप होगा लेकिन फिर भी स्वभाव में बदलाव लाने का प्रयास नही करेंगे। अपना काम निकालने के लिये प्रिय वचन बोलेंगे काम ना बनने पर मन ही मन कोसेंगे। कार्य क्षेत्र पर आय के एक से अधिक साधन सुलभ होंगे लेकिन सहयोग की कमी के कारण सभी से लाभ नही उठा सकेंगे फिर भी जीविकोपार्जन के लिये ज्यादा संघर्ष नही करना पड़ेगा। सामाजिक क्षेत्र पर आप भाग्यशाली माने जाएंगे लेकिन घरेलू मामलों में कुछ कमी अनुभव होगी। गूढ़ विषयो में रुचि लेंगे दूरदर्शी सोच रहने के कारण कार्यो की गति धीमी रहेगी। शेयर सट्टे के प्रति रुचि अधिक रहेगी भविष्य में इससे लाभ ही मिलेगा।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज के दिन आप सामाजिक क्षेत्र पर अपने बुद्धि कौशल का आवश्यकता से अधिक प्रदर्शन करेंगे इससे जो लोग आपको अभी तक अत्यंत बुद्धिमान मान रहे थे उनकी विचार धारा में कमी आएगी। भूमि भवन वाहन का सुख तो मिलेगा लेकिन किसी अन्य के भाग्य से ही आज भूमि भवन संबंधित कार्य टालना ही बेहतर रहेगा कार्य अंतिम समय मे किसी कमी के चलते अधूर रह जाएंगे। कार्य व्यवसाय की स्थित सामान्य से उत्तम रहेगी उतार चढ़ाव के बाद भी स्वयं को परिस्थितियों अनुसार ढाल कर संचय कोष में वृद्धि करेंगे लेकिन खर्च करने में कंजूसी करेंगे। माता अथवा अन्य स्त्री पक्ष से झूठ बोलने से बचे आगे कलह हो सकती है। आपकी सेहत ठीक पर किसी परिजन की खराब होने पर दुविधा होगी।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन शुभ फलदायी है आज आप विपरीत परिस्थिति में भी अपने पराक्रम से धन कमाएंगे। स्वभाव में भावुकता अधिक रहेगी परिवार में किसी न किसी से ईर्ष्या युक्त संबंध रहने पर भी अपनी तरफ से स्नेह देने का प्रयास करेंगे लेकिन बदले में भाई की अपेक्षा बहन से अधिक स्नेह मिलेगा। कार्य व्यवसाय में परिश्रम करने से पीछे नही हटेंगे इसी के बल पर आज धन लाभ भी होगा। सार्वजनिक क्षेत्र पर आपकी पहचान गंभीर व्यक्तित्व लेकिन मिलनसार जैसे बनेगी। चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े जातको को विशेष लाभ मिलने की संभावना है। मन मे यात्रा की योजना बनेगी लेकिन अकस्मात ही होगी अथवा निरस्त करनी पड़ेगी। पिता का सहयोग समय पर ना मिलने का दुख मन मे रहेगा। रक्त अथवा उदर संबंधित शिकायत रह सकती है।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज आपका व्यवहार अत्यंत लचीला रहेगा पूर्व में मिली सफलता से मन मे अहम के भाव भरे रहेंगे अपने कार्य समय से एवं बेहतर रूप से करेंगे लेकिन अन्य लोगो के काम मे नुक्स निकलना कलह को निमंत्रण देगा। कार्य व्यवसाय से मध्यान तक सोची हुई सफलता ना मिलने से मन दुखी होगा फिर भी पुराने व्यवहारों के बल पर थोड़ी बहुत आय हो जाएगी लेकिन थोड़े विलंब से। मध्यान बाद का समय सार्वजनिक क्षेत्र के लिये महत्तवपूर्ण रहेगा लोगों को आपके परामर्श की आवश्यकता पड़ेगी इसमे टालमटोल ना करे वरना संबंधों में खटास आएगी भविष्य के लाभ से भी वंचित रह जाएंगे। परिवार में सौहार्द पूर्ण वातावरण रहेगा कुछ मामलों में आपसी समझ की कमी भी रहेगी फिर भी तालमेल बना रहेगा सेहत आज लगभग सामान्य ही रहेगी।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन आपके लिए आनंददायक रहेगा घरेलू एवं व्यावसायिक उलझनों के बाद भी स्वयं प्रसन्न रहेंगे साथ मे रहने वालों को भी प्रसन्न रखेंगे। आज आपका व्यक्तित्त्व भी निखरा रहेगा संपर्क में आने वाला प्रशंशा अवश्य करेगा। मन मे थोड़ी चंचलता लेकिन धार्मिक एवं सात्विक मनोवृति रहेगी पूजा पाठ के लिये व्यस्त दिनचर्या से समय निकाल लेंगे। कला संगीत में भी रुचि लेंगे लेखन कार्य से जुड़े जातक अल्प समय मे नई रचना का निर्माण कर सकेंगे। कार्य व्यवसाय में धन की आमद अवश्य होगी परन्तु रुक रुक कर होने से थोड़े अधीर भी रहेंगे। घर का माहौल शांत रहेगा छोटी मोटी नोकझोंक वातावरण को प्रभावित नही कर पायेगी। विपरीत लिंगीय आकर्षण धोखे का कारण बन सकता है सतर्क रहें।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज का दिन भी विपरीत फलदायी रहेगा परन्तु आज आपकी दूरदर्शी सोच भविष्य में होने वाली हानि से बचाव करेगी। व्यावसायिक क्षेत्र पर हानि के योग अधिक रहेंगे फिर भी व्यवहार कुशलता से इस पर कुछ हद तक अंकुश पा ही लेंगे। दिन के आरम्भ से मध्यान तक मन पर नकारात्मकता हावी रहेगी लेकिन संध्या बाद से स्थिति में सुधार आने लगेगा शारीरिक एवं मानसिक रूप दृढ़ता आएगी लेकिन आज आपके अनैतिक संबंधों में पड़ने अथवा इनके कारण घर मे कुछ ना कुछ कोहराम मचने की भी संभावना है। अपनी गलती ना मान बहस कर छोटे से विवाद को बढ़ाएंगे। सरकारी उलझनों से आज दूर ही रहे कल से परिस्थितियां अनुकूल बनने लगेंगी तब तक धर्य धारण करें।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज के दिन आपका उदार स्वभाव सार्वजनिक क्षेत्र पर प्रतिष्ठा दिलाएगा लेकिन उदारता केवल अपने काम निकालने के लिये ही रहेगी किसी के आनाकानी करने अथवा आपके काम के लिये मना करने पर उग्र रूप धारण कर लेंगे। व्यवसाय से मध्यान बाद धन की आमद होगी परन्तु धन के बीमारी, व्यसन अथवा अकस्मात खर्च होने पर बचत ना के बराबर ही होगी। भाग्य पक्ष बलवान रहने पर भी कुछ न कुछ कमी अनुभव होगी। परिवार में वातावरण धार्मिक रहेगा धर्म क्षेत्र की यात्रा अथवा दान पुण्य पर भी खर्च करेंगे संध्या बाद सुखोपभोग की कामना अधिक रहेगी पिता से किसी पुरानी बात पर बहस हो सकती है धर्य का परिचय दें।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आपका आज का दिन शुभता दायक रहेगा। बोल चाल में दक्षता आएगी स्वभाव भी आज विनोदप्रिय रहेगा। आज आपको पैतृक कार्यो से किसी न किसी रूप में लाभ होगा साथ ही विदेश अथवा अन्य मन इच्छित स्थान की यात्रा में आ रही बाधा शांत होगी अथवा इन क्षेत्रों से लाभदायक समाचार मिलेंगे। घर परिवार में वातावरण आनंदित रहेगा भाई बंधुओ में परस्पर स्नेह बढेगा लेकिन थोड़ी स्वार्थ सिद्धि की भावना भी रहेगी। कार्य व्यवसाय में मध्यान तक उदासीनता रहेगी इसके बाद अकस्मात काम आने से व्यस्तता बढ़ेगी धन की आमद भी निश्चित होगी। विद्यार्थी वर्ग को पढ़ाई में परेशानी आएगी शारीरिक रूप से कमजोरी अनुभव करेंगे। संध्या बाद दिन भर की गतिविधियों से संतोष होगा।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज के दिन आपका स्वाभिमानी स्वभाव जिस लाभ के अधिकारी है उसमें कुछ कमी ला सकता है। तर्क-वितर्क करने में आज निपुण रहेंगे अपनी मीठी बातो से किसी को भी आकर्षित कर लेंगे लेकिन व्यवसाय में तुरंत लाभ पाने की चाह ना रखे लाभ हर हाल में आवश्यकता अनुसार होगा पर धीरे धीरे ही। आज एकल व्यवसाय की तुलना में सांझेदारी के कार्यो अथवा जोखिम के कार्यो में लाभ की संभावना अधिक है कार्य क्षेत्र पर थोड़ी बहुत कहा सुनी भी होगी परिचितों पर भी सोच समझ कर भरोसा करें। खान पान उत्तम मिलेगा इसमे संयम रखना आवश्यक है पेट संबंधित व्यादि हो सकती है। विपरीत लिंगीय आकर्षण अधिक रहेगा। दूर स्थान से शुभ समाचार मिलेंगे।

______________________________🙏राधे राधे🙏जीव दीक्षित ने सारे आंकड़े कोर्ट के सामने रखे. एक स्वस्थ गाय का वजन साढ़े तीन क्विंटल होता है। लेकिन, जब इसे काटा जाता है, तो केवल 70 किलो मांस ही प्राप्त होता है। जब एक किलो बीफ का निर्यात किया जाता है, तो आपको 5050 मिलते हैं, यानी रु। 3,500. हड्डियों के लिए 25 लीटर खून, 1,500 रुपये से 2,000 रुपये और 1,000 रुपये से 1,200 रुपये। इसका मतलब यह हुआ कि एक कसाई जो गाय को मारकर उसका मांस, खून और हड्डियाँ बेचता है उसे अधिकतम 7,000 रुपये ही मिलेंगे। (और ये आंकड़े स्वस्थ गायों के लिए हैं। बूढ़ी गायों को इतनी आय नहीं मिलती है।) लेकिन, अगर आप उसे जीवित रखते हैं तो आपको कितना पैसा मिलेगा? अब उनके आंकड़े देखिए।

एक गाय प्रतिदिन 10 किलो गोबर और 3 लीटर गोमूत्र देती है। 1 किलो गोबर से 33 किलो खाद मिलती है। इसे जैविक खाद कहते हैं। न्यायाधीश ने आश्चर्य से पूछा, “यह कैसे संभव है?”

दीक्षित ने कहा, “हमें समय और स्थान दो। हम इसे साबित करेंगे।” कोर्ट की इजाजत से दीक्षित ने अपनी बात साबित कर दी.

उन्होंने न्यायाधीश से कहा, “अब आईआरसी चलो शोधकर्ताओं को बुलाते हैं और गोबर का परीक्षण करते हैं।”

जब गोबर को शोध के लिए भेजा गया तो शोधकर्ताओं ने कहा,

“इसमें 18 प्रकार के सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं। इन सभी को कृषि भूमि की सख्त जरूरत है। उदा. *मैंगनीज, फॉस्फोरस, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, कोबाल्ट, सिलिकॉन आदि। हेवलेट-पैकार्ड रासायनिक उर्वरकों में केवल तीन पोषक तत्व हो सकते हैं। इसका मतलब है कि खाद रासायनिक खाद से छह गुना अधिक गुणकारी है*। कोर्ट राजी हो गया।

दीक्षित ने कहा, ‘मेरे पिता और दो भाई किसान हैं। पिछले 15 साल से हम गोबर से खेती कर रहे हैं। * 1 किलो गोबर से 33 किलो खाद बनती है। 10 किलो गोबर से रोजाना 330 किलो। (अर्थात 1 टन प्रति माह) और रु. 1800 से 1900 प्रति दिन रु. यानी रु. 70,000 से अधिक*.

एक गाय का जीवनकाल 20 वर्ष मानकर एक गाय जीवन भर में एक करोड़ 40 लाख से अधिक की आय देती है*। खास बात यह है कि वह मरते दम तक, आखिरी दिन तक गोबर देती रहती है।”

हजारों साल पहले हमारे शास्त्रों में लिखा था कि गाय के गोबर में लक्ष्मी होती है।
मैकाले के आधुनिक मानसिक पुत्र ने यही किया। वे सोचते हैं कि धर्म, संस्कृति, सभ्यता सब जुमलेबाजी है। लेकिन गोबर में लक्ष्मी होती है, यह उपरोक्त आंकड़ों से सिद्ध हो चुका है। इसके प्रयोग से अनाज पैदा होता है। यह पूरे भारतवर्ष का पेट भरता है।

अब गौमूत्र के बारे में सोचते हैं। मुझे प्रतिदिन दो से तीन लीटर गोमूत्र मिलता है। *गोमूत्र बनाता है 48 प्रकार के रोगों की दवा*।

*यदि एक लीटर गोमूत्र औषधि के रूप में बिकता है तो उसकी कीमत रु. यह 500 था। भारतीय बाजार में, अंतरराष्ट्रीय बाजार उच्च कीमतों की पेशकश करता है।

*अमेरिका भारत से गोमूत्र का आयात करता है और इसका उपयोग मधुमेह की दवा बनाने में करता है।*

संयुक्त राज्य अमेरिका में गोमूत्र के लिए तीन पेटेंट हैं।

अमेरिकी बाजार की गणना करें तो इसकी *दर प्रति लीटर है। 1200, वह 1300 है। यानी एक गाय सालाना 11,000,000 (11 लाख) कमाती है। यानी 20 साल के जीवन में 2,20,00,000 (दो करोड़ बीस लाख रुपये)*।

फिर से गाय के गोबर से मिथेन गैस बनती है। हमारे घरेलू सिलेंडर में भी ऐसा ही है। और जिस तरह एलपीजी पर चार पहिया वाहन चल सकता है, उसी तरह इस गैस से भी चल सकता है।

जज को विश्वास नहीं हुआ। तब दीक्षित ने कहा, ”हमने अपनी कार में गोबर से बना मीथेन का सिलेंडर लगाया. आपको बस गाड़ी चलानी है।” वह मान गया। और तीन महीने तक चलाई। और कहा, “बहुत बढ़िया !!”

क्योंकि, इनकी कीमत *सिर्फ 50 से 60 पैसे प्रति किलोमीटर* होती है। वहीं डीजल की कीमत 4 रुपये प्रति किमी (सात गुना) है।

इसके अलावा, *मीथेन पर चलने वाली कार से कोई धुआं नहीं होता है*, वातावरण में कोई सीसा नहीं फैलता है, और शोर कम होता है। ये सारे मामले जज महाराज के संज्ञान में आए। तब दीक्षित ने कहा, ”20 साल में 10 किलो गोबर प्रतिदिन से कितनी गैस मिलेगी?”

* भारत में 17 करोड़ गाय हैं। अगर इनका गोबर इकट्ठा किया जाए तो देश को 1 लाख 32 हजार करोड़ की बचत होगी। और बिना एक बूंद के भी पूरे देश में बिना डीजल या पेट्रोल के आयात किया जा सकता है*। यह सातवें भाग से सस्ता भी है। अरब जगत तक पहुंचने या अमेरिकी डॉलर में पेट्रोल खरीदने की जरूरत नहीं होगी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में रुपया मजबूत होगा।

दीक्षित ने जब ये सारे आंकड़े जजों के सामने पेश किए तो उन्होंने माना कि गाय को बचाना देश को बचाने से ज्यादा आर्थिक लाभ है।

कसाईयों ने जब अदालत की इस राय को समझा, तो वे क्रोधित हो गए। हमारी हार उन्हें दिखाई दे रही थी।

उन्होंने कहा था कि गोहत्या से उन्हें 70 हजार रुपये मिलते हैं. लेकिन अगर उसे नहीं मारा जाता है, तो उससे करोड़ों रुपये की कमाई होती है। और आज तक किसी ने कहा भी नहीं। इसलिए इसे साबित करने की कोई जरूरत नहीं है।

(और अगर हम गायों के प्रजनन को बढ़ाते हैं, तो हम गैस का निर्यात भी कर सकते हैं। ईंधन की कोई समस्या नहीं होगी। हम अपने बच्चों को अधिक दूध दे सकते हैं।)

तब कसाई ने अपना इक्का निकाला। उन्होंने कहा, “गाय वध हमारा धार्मिक अधिकार है।”

दीक्षित ने कहा, ”उसके लिए हम कुरान, शरीयत, हदीस जैसी तमाम किताबें कोर्ट के सामने लाते हैं. हम यह भी जानना चाहते हैं कि गाय को मारो कहां कहता है। आप देखेंगे कि इसमें कहीं भी यह नहीं लिखा है कि गायों को मारें।

इसके बजाय, * ‘गाय की रक्षा करें!’ हदीस में भी ऐसा ही कहा गया है, क्योंकि यह आपकी रक्षा भी करता है*। गाय एक गूंगा जानवर है, इसलिए उस पर दया करो, पैगंबर मुहम्मद कहते हैं।

गाय को मारोगे तो नर्क में जगह नहीं मिलेगी, नर्क में जगह नहीं मिलेगी, ऐसा दूसरी जगह कहा गया है।

तो उन्हें गाय को मारने का अधिकार कब मिला? इन कसाईयों से पूछो।”

तब कसाई अवाक हो गया।

दीक्षित ने आगे कहा, ”मक्का, मदीना में अगर कोई शास्त्र हैं तो उन्हें भी ले आओ.”

इसके बाद कोर्ट ने एक महीने का समय दिया। उन्होंने यह भी आदेश दिया कि अगर कोई दस्तावेज है जो कहता है कि गाय को मारना इस्लाम का मौलिक अधिकार है, तो उसे लाया जाना चाहिए।

एक महीने में कोई सबूत नहीं मिला। कोर्ट ने 26 अक्टूबर 2005 (ठीक 15 साल पहले) को फैसला सुनाया कि और समय नहीं दिया जा सकता।

इस निर्णय की एक प्रति www.supremecourtcaselaw.com पर देखी जा सकती है।

यह *परिणाम पत्रक 66 पृष्ठों* का है। कोर्ट ने यह फैसला देकर इतिहास रच दिया है।

*फैसले में कोर्ट ने कहा कि गाय को मारना संवैधानिक अपराध है, धार्मिक पाप*। मवेशियों की रक्षा और पालन-पोषण करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। यह सरकार के अंतर्गत आता है। लेकिन नागरिक भी ऐसा ही करें।

अब तक के संवैधानिक कर्तव्य (जैसे राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना, क्रांतिकारियों का सम्मान करना, देश की अखंडता और एकता को बनाए रखना), *अब संवैधानिक कर्तव्यों में गायों की सुरक्षा को भी जोड़ा गया है।

भारत के 1998 के परमाणु विस्फोट के बाद दुनिया ने भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए। लेकिन भारत पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ा। अमेरिका ने इसका विशेष अध्ययन किया और भारत की ताकत को देखा और एक बड़े बजट के साथ इसे नष्ट करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम तैयार किया।
भारत की
* 1. पारंपरिक खेती,*
* 2. पारिवारिक व्यवस्था*
* 3. भारतीय नीति मूल्य *
इन तीन चीजों को नष्ट किए बिना भारत कभी भी पूर्ण नहीं होगा। *गोधन का अंत,* *भारतीय वंश का अंत*, तथाकथित विचारक, मीडिया के माध्यम से
*पारिवारिक मूल्यों का अंत*
यह एक सुनियोजित घटना है।
*गाय वध इसका एक अंग है।*

*ये बहुत बड़ी साजिश है*।
*सब समझेंगे तो ही कोई हल निकलेगा*।

2005 के अदालत के फैसले को 2014 की शुरुआत में लागू किया जाना था।
यही सब है इसके लिए …..

*अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचें*।
3

*यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण संदेश है, इसे पढ़ने के लिए हर कोई प्रेरित है*

#श्रीश्रीकाशिविश्वनाथ मंदिर के निर्माण और विनाश का लंबा इतिहास, हिंदू बलिदान की जीत की कहानी आपके लिए है…………
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सच्चाई को सहने से कुछ लोगों को दुख होता है। इसीलिए कायर, कायर, अज्ञानी और आत्मकेंद्रित हिंदू जो खुद को धर्मनिरपेक्ष कहता है उसे सच सुनना पसंद नहीं है और जो सच कह रहा है उसे #समुदाय ………… ……

श्री काशी #बिश्वनाथ मंदिर की उत्पत्ति और विशेषताएं हमारे विभिन्न शास्त्रों और पुराणों में विस्तार से वर्णित हैं। शिव पुराण, स्कंद पुराण, लिंग पुराण, पद्म पुराण और ब्रह्म वैबर्ता पुराण सभी का विस्तार से वर्णन किया गया है।

शिव पुराण के अनुसार, भगवान विष्णु ने स्वयं शिव की पूजा की और काशी में विश्वनाथ मंदिर की स्थापना की। काशी खंड के अनुसार ज्ञान बम्पी के उत्तर में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर है और भारत में पूजे जाने वाले सर्वश्रेष्ठ #12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

शास्त्रों के अनुसार सम्राट विक्रमादित्य ने श्री विश्वनाथ मंदिर समेत काशी में करीब पांच मंदिरों का पुनर्निर्माण कराया था।

630 ई. चीनी इतिहासकार युआन चांग के अनुसार काशी में 100 से अधिक मंदिर हैं, कुल मिलाकर 100 से अधिक शहर हैं, जिनमें कुल 20 शहर हैं, जिनमें से 100 फुट ऊंचा श्री बिश्वनाथ मंदिर सबसे अच्छा है, और मंदिर धन और सोने के गहनों से भरपूर हैं। यह न केवल एक आध्यात्मिक केंद्र था, बल्कि एक धार्मिक केंद्र, आत्मा का केंद्र, ज्ञान का केंद्र और हिंदू समाज में शासन का केंद्र भी था। मंदिर को हर हिंदू की गरिमा और स्वाभिमान के प्रतीक के रूप में बनाया गया था।

कहा जाता है कि ग्यारहवीं शताब्दी में राजा हरिश्चंद्र ने काशी विश्वनाथ के खंडहर हो चुके मंदिर का जीर्णोद्धार कराया और इसकी सुंदरता को बढ़ाया।

अरब इतिहासकार फरिस्ता के अनुसार 1033 ई. में उनके भतीजे सलवार मसूद और नियाल टिगिन ने भारत के काशी विश्वनाथ मंदिर और उनके काशी विश्वनाथ मंदिर को आक्रांता #महम्मदजानी के उकसाने पर नष्ट करने के लिए भारत के खिलाफ अभियान चलाया था। उनका मुख्य कार्य मूर्तिपूजक हिंदुओं को मारना और काफिर और काफिर को मारना और उनके विश्वास के मंदिर को नष्ट करना और नष्ट करना था। उन्होंने दिल्ली आक्रमण के समय भारत के सैकड़ों प्रमुख मंदिरों को नष्ट कर दिया।

लेकिन #राम जन्मभूमि मंदिर पर हमला करने से पहले अयोध्या के राजा सुहैल देव की सेना द्वारा बुरी तरह पीटा गया हमलावर सलवार मसूद बहराइच जिले के पास सरजू तट के पास हजारों सैनिकों के साथ मारा गया.

यह सच है कि एक अन्य शिकार नियाल तिगिनी काशी पर हमला किया गया था, लेकिन उसकी सेना ने भंग कर दिया और हिंदू नायक पर हमला किया, जो अपनी जान जोखिम में डालकर युद्ध के मैदान से भाग गया था।

116 ईस्वी में, भारत ने लूटपाट के लिए एक और कुख्यात डाकू #Mahammadghori पर हमला किया। काशी में एक हजार से अधिक मंदिरों को लूट लिया गया और नष्ट कर दिया गया, और एक अन्य संक्रमित रिश्तेदार को राजा ने राजा घोषित कर दिया। श्री बिश्वनाथ मंदिर के विध्वंस की खबर सुनकर, हिंदू क्रोधित हो गए और काशी को अलग करने और फिर से बर्बाद विश्वनाथ मंदिर में पूजा करने के लिए संघर्ष किया।

126 ई. में, श्री बिश्वनाथ के मंदिर का लाखों भक्तों द्वारा एक भव्य और बड़े प्रयास में पुनर्निर्माण किया गया था।

कुछ सदियों बाद, इस महीने की 16 तारीख को, मोहम्मद शाह ने काशी विश्वनाथ मंदिर सहित एक अन्य मंदिर पर हमला किया और नष्ट कर दिया, जो सर्कस वंश के जैनपुर के सुल्तान थे।

1545 में राजा टोडर मॉल की मदद से पंडित नारायण भट्ट द्वारा मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया था।

1932 में, एक और क्रूर मुगल शासक, शाह शाहजान ने अपने चाचा विजयद को काशी के सभी मंदिरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया। विजयद ने काशी में चार मंदिरों को नष्ट कर दिया लेकिन हिंदू नायकों के कड़े विरोध के कारण श्री विश्वनाथ मंदिर को छू नहीं सके। हजारों श्रद्धालुओं की बलि पर मंदिर पूरी तरह सुरक्षित रहा। विजयद युद्ध के दौरान भारी हताहतों के साथ बच निकला।

18 अप्रैल को, एक और मुगल शासक, औरंगजेब ने अपनी सेना को वाराणसी में सभी मंदिरों, मठों, मंदिरों, गुरुकुलों और पुस्तकालयों को नष्ट करने और मस्जिदों और मदरसों का निर्माण करने का आदेश दिया। काफिर (हिंदुओं) को शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से इस्लाम में परिवर्तित होने के लिए मजबूर किया जाना चाहिए। विशेष रूप से ब्राह्मणों को इस्लाम में परिवर्तित होने या मारने के लिए मजबूर किया जाना चाहिए।

मुस्लिम सेना के कहने पर हमलावर ने दोपहर के कुछ देर बाद काशी थाने के सामने हमला कर दिया. यह उस समय के सबसे भयानक धार्मिक युद्धों में से एक था, जिसमें श्री बिश्वनाथ मंदिर की रक्षा के लिए युवा और वृद्ध बनिता, संतों, भक्तों और जीवन के सभी क्षेत्रों के भक्तों ने काशी आंदोलन में भाग लिया था। मजबूत हिंदू प्रतिरोध और भयंकर प्रतिरोध के सामने मुगल सेना विश्वनाथ मंदिर को नष्ट करने में असमर्थ थी। इसलिए वे चूने के किले से तोपखाने लाए और श्री बिश्वनाथ मंदिर को नष्ट करने की कोशिश की लेकिन असफल रहे। मंदिर के कुछ हिस्सों को ध्वस्त कर दिया गया, और औरंगजेब के आदेश पर बर्बाद मंदिर के खंडहरों पर एक मस्जिद बनाई गई। मंदिर के पास (बम्फी) एक कुआं था। कुएं के अनुसार मस्जिद को ज्ञानबंपी मस्जिद कहा जाता था। #मालिश के तल पर मंदिर के अवशेष और नक्काशी अभी भी लगभग 10 फीट तक दिखाई देती है।

1901 में, मूल विश्वनाथ मंदिर का मूल (अब एक मंदिर) रानी #अहल्या बाई होल्कर द्वारा बनवाया गया था।

समय के साथ, काशी ब्लॉक या वाराणसी ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया, जिसके परिणामस्वरूप मूल मंदिर (ज्ञानबम्पी) का पुनर्निर्माण हुआ।

1806 में, हिंदुओं ने #ज्ञानबम्फिम मस्जिद पर कब्जा कर लिया, जो मंदिर के खंडहरों पर स्थित थी।

रानी अहिल्या बाई द्वारा निर्मित वर्तमान श्री विश्वनाथ मंदिर को बाद में राजा रणजीत सिंह ने 1953 में 1,000 किलो शुद्ध सोने के आभूषणों से सजाया था।

श्री बिश्वनाथ मंदिर के निर्माण और विध्वंस का इतिहास सिर्फ एक इतिहास नहीं है, यह मुगल काल के दौरान मुसलमानों द्वारा हिंदू उत्पीड़न और नरसंहार का सच्चा इतिहास है। इस्लाम को नकारने वाले हजारों हिंदुओं ने अपने प्राणों की आहुति दी है।

यह सही है- यह आज मुगलों के बारे में नहीं है
ज्ञानबम्फी मस्जिद के तहत सैकड़ों साल के बुरे कर्म, मंदिर के खंडहरों की नग्न तस्वीरें आज भी हिंदुओं को आकर्षित करती हैं।

“दुर्भाग्य से, हम अपने इतिहास को नहीं जानते, क्योंकि मुस्लिम इतिहास में, ये सभी सत्य हमारे इतिहास की किताबों में नहीं मिलते हैं, लेकिन हमारे इतिहास के पन्नों में, हिंदू हत्यारों और लुटेरों बाबर, गोरी, गजनी, अकबर और औरंगजेब को महान के रूप में चित्रित किया गया था। ।”

इसके लिए कौन जिम्मेदार है ???

किसकी गलती ???

फैसला आपका है…………
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शुक्रिया
#मानसबैरिशल्या
भारत माता की जय