आज का पंचाग आपका राशि फल, सर्वपितृ अमावस्या आज, बन रहा है गजछाया योग, रत्न विज्ञान, गुलाब के फूल के अद्भुत उपयोग एवं लाभ 

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻बुधवार, ०६ अक्टूबर २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:१८
सूर्यास्त: 🌅 ०५:५९
चन्द्रोदय: 🌝 ❌❌❌
चन्द्रास्त: 🌜१८:०९
अयन 🌕 दक्षिणायने (दक्षिणगोलीय
ऋतु: ❄️ शरद
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 आश्विन
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 अमावस्या (१६:३४ तक)
नक्षत्र 👉 हस्त (२३:२० तक)
योग 👉 ब्रह्म (०८:३३ तक)
प्रथम करण 👉 नाग (१६:३४ तक)
द्वितीय करण 👉 किंस्तुघ्न (२७:१२ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कन्या
चंद्र 🌟 कन्या
मंगल 🌟 कन्या (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 कन्या (अस्त, पश्चिम, वक्री)
गुरु 🌟 कुम्भ (उदय, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 वृश्चिक (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ❌❌❌
अमृत काल 👉 १७:४७ से १९:१६
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०६:१३ से २३:२०
विजय मुहूर्त 👉 १४:०२ से १४:४९
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:४५ से १८:०९
निशिता मुहूर्त 👉 २३:४० से २४:३०
राहुकाल 👉 १२:०५ से १३:३३
राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०७:४१ से ०९:०९
होमाहुति 👉 सूर्य
दिशाशूल 👉 उत्तर
अग्निवास 👉 पृथ्वी (१६:३४ तक)
चन्द्रवास 👉 दक्षिण
शिववास 👉 गौरी के साथ (१६:३४ से श्मशान में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – लाभ २ – अमृत
३ – काल ४ – शुभ
५ – रोग ६ – उद्वेग
७ – चर ८ – लाभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – उद्वेग २ – शुभ
३ – अमृत ४ – चर
५ – रोग ६ – काल
७ – लाभ ८ – उद्वेग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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दक्षिण-पूर्व (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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देवपितृ कार्ये सर्वपितृ अमावस्या (श्राद्ध-स्नान-दान) आदि के लिए, अमावस्या तिथि का श्राद्ध, श्राद्ध पक्ष पूर्ण आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २७:२६ तक जन्मे शिशुओ का नाम
मघा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (मा, मी, मू, में) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमश (मो) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कन्या – २८:५० से ०७:०८
तुला – ०७:०८ से ०९:२९
वृश्चिक – ०९:२९ से ११:४८
धनु – ११:४८ से १३:५२
मकर – १३:५२ से १५:३३
कुम्भ – १५:३३ से १६:५९
मीन – १६:५९ से १८:२२
मेष – १८:२२ से १९:५६
वृषभ – १९:५६ से २१:५०
मिथुन – २१:५० से २४:०५
कर्क – २४:०५ से २६:२७
सिंह – २६:२७ से २८:४६
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रोग पञ्चक – ०६:१३ से ०७:०८
शुभ मुहूर्त – ०७:०८ से ०९:२९
मृत्यु पञ्चक – ०९:२९ से ११:४८
अग्नि पञ्चक – ११:४८ से १३:५२
शुभ मुहूर्त – १३:५२ से १५:३३
रज पञ्चक – १५:३३ से १६:३४
अग्नि पञ्चक – १६:३४ से १६:५९
शुभ मुहूर्त – १६:५९ से १८:२२
मृत्यु पञ्चक – १८:२२ से १९:५६
अग्नि पञ्चक – १९:५६ से २१:५०
शुभ मुहूर्त – २१:५० से २३:२०
रज पञ्चक – २३:२० से २४:०५
शुभ मुहूर्त – २४:०५ से २६:२७
चोर पञ्चक – २६:२७ से २८:४६
शुभ मुहूर्त – २८:४६ से ३०:१४
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आपको अधूरे कार्य पूर्ण करने की जल्दी रहेगी जल्दबाजी में कुछ कार्य बिगड़ भी सकते है इसका ध्यान रखें। कार्य क्षेत्र पर अपनी गलती का गुस्सा भी अन्य व्यक्ति के ऊपर निकालने से गर्मा गर्मी बढ़ेगी फिर भी अधिकांश कार्य समय से थोड़ा आगे पीछे पूर्ण हो ही जायेंगे। धन लाभ की कामना संध्या के समय पूर्ण हो जायेगी। नौकरी पेशा जातक आयवश्यक कार्य से लंबे अवकाश का मन बना सकते है। धार्मिक कार्यो में भी विशेष रूचि लेंगे टोने टोटको पर प्रयोग कर सकते है। पारिवारिक वातावरण मध्यम रहेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आप स्वयं को अन्य लोगो से कम आंकेंगे जिससे मन हीन भावना से ग्रस्त रहेगा। कार्यो के आरम्भ अथवा बीच में ही हार मान लेने के कारण धन सम्बंधित आयोजन असफल रह सकते है। सरकारी कार्यो में नई उलझने बढ़ेंगी कागजी काम आज ना करें। व्यवसाय में भी आकस्मिक हानि अथवा खर्च बढ़ने से परेशानी होगी। आय की अपेक्षा खर्च अधिक रहेंगे। आज व्यर्थ में व्यसनों एवं दिखावे पर ज्यादा खर्च होगा। किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के कारण किसी की खुशामद भी करनी पड़ेगी फिर भी कार्य सफलता संदिग्ध ही रहेगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन फिर से व्यावसायिक उलझने बढ़ने के कारण नई परेशानी खड़ी होगी। हाथ आये अनुबंध निरस्त हो सकते है सहकर्मियो के साथ भी तकरार होने की संभावना है आज आपका क्रोध अकस्मात ही किसी के ऊपर निकल सकता है। व्यवहार में नरमी बरतें काम निकालने के लिए किसी की झूठी तारीफ भी करनी पड़े तो करें आज लाभ पाने के लिए ये हथकंडे अपनाने ही पड़ेंगे। किसी महिला अथवा पुरुष के प्रति जरूरत से ज्यादा मोह मानसिक रूप से दुखी रखेगा। घर का वातावरण भी अस्त-व्यस्त रहेगा कोई भी आपकी बात को महत्त्व नहीं देगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज आप दिन भर कार्य क्षेत्र पर व्यस्त रहेंगे व्यवसाय सम्बंधित वादे पूरे करने के लिए कठोर परिश्रम करना पड़ेगा इसका उचित फल भी धन लाभ के रूप में यथा शीघ्र मिल जाएगा। विरोधी बनते कामो में अड़ंगा डालेंगे इसकी परवाह नहीं करे अपने कार्य पर ध्यान केंद्रित रखें सफलता अवश्य मिलेगी। दाम्पत्य के उत्तरदायित्वों की पूर्ति करने में अधिक खर्च करना पड़ेगा परन्तु इससे घर में खुशहाली बढ़ेगी। मध्यान के बाद से धन की आवक आरंभ हो जायेगी जो की संध्या तक रुक रुक कर चलती रहेगी। मनोरंजन के अवसर भी हाथ से नहीं जाने देंगे।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन मिश्रित फलदायी रहेगा। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धा के चलते अधिक मशक्कत करनी पड़ेगा फिर भी लाभ आशा से कम ही रहेगा। धन के व्यवहार के चलते किसी से तीखी झड़प हो सकती है उधार लिया धन अति शीघ्र वापस करने का प्रयास करें अन्यथा स्वयं के साथ परिवार की प्रतिष्ठा ख़राब होगी। आवश्यकता पड़ने पर ही किसी से बात करें अनजाने में अपनी कमजोरी स्वयं ही लोगो को बताने के कारण बाद में मुश्किल होगी। परिजन की ख़राब सेहत को लेकर भी भाग-दौड़ करनी पड़ेगी धन खर्च आकस्मिक होगा। संताने परीक्षा में आशा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाएंगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपके लिए आशा से अधिक लाभकारी रहेगा। घर एवं बाहर आश्चर्यजनक घटनाएं घटित होंगी। आज जहाँ आप हानि की संभावना रखेंगे वहां से भी लाभ मिलेगा। कार्य क्षेत्र पर आरंभ में थोड़ी परेशानी हो सकती है लेकिन बाद में स्थिति अनुकूल बनने लगेगी कई साधनो से एक साथ धन लाभ होगा। विरोधी भी आपकी कार्यकुशलता की प्रशंशा करेंगे सामाजिक क्षेत्र पर मान बढ़ेगा परन्तु गृहस्थ में इसके विपरीत वातावरण रहने से होत्साहित हो सकते है। परिजन आपकी बात का जल्दी से विश्वास नहीं करेंगे।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आप परिस्थितियों से हार मान लेंगे मानसिक अशांति अधिक रहेगी। समझौते वाली प्रवृति भी आज काम् नहीं आने वाली। मन अनैतिक कार्यो की और अधिक आकर्षित रहेगा। सामाजिक क्षेत्र पर मान हानि के योग है इसलिए कोई भी निर्णय सोच समझ कर लें। परिवार के सदस्य भी उलाहना देंगे मन में नकारात्मक भाव अधिक रहने के कारण मिलने वाले लाभ से भी वंचित रह सकते है। सेहत भी अकस्मात ख़राब होगी। कार्य क्षेत्र पर बेमन से कार्य करने के कारण अधिकारियो की फटकार सुननी पड़ेगी। गृहस्थ में उथल-पुथल रहेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आप सामाजिक गतिविधियो में अधिक सक्रिय रहेंगे। समाज के वरिष्ठ लोगों के साथ संपर्क बढ़ेंगे सम्मान में वृद्धि होगी। आज दिखावा भी अधिक रहने के कारण अतरिक्त खर्च बढ़ेंगे। कार्य व्यवसाय में अधिक रुचि नहीं रहने पर भी धन लाभ होने से उत्साहित रहेंगे। बेरोजगारों को रोजगार की उम्मीद जगेगी परन्तु दौड़-धुप अधिक करनी पड़ेगी। विदेश यात्रा में आरही बाधा शांत होने से आगे का मार्ग प्रशस्त होगा फिर भी आज लंबी यात्रा करने से बचे चोटादि का भय है। संताने आपकी बाते मानेंगी। स्त्री सुख भी सामान्य रहेगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आपको पारिवारिक समस्याओं का स्थायी समाधान मिल सकेगा किसी वरिष्ठ व्यक्ति का इसमें महत्त्वपूर्ण सहयोग रहेगा पूजा-पाठ के आयोजन की रूप रेखा भी बनेगी। व्यावसायिक क्षेत्र पर भी अधिक ध्यान देने से कार्य समय से पूर्ण कर लेंगे। लेकिन नौकरी वाले जातक आज आलस्य के कारण कार्य अधूरे छोड़ेंगे। जमीन-जायदाद अथवा सरकारी कार्य आगे के लिए लंबित होंगे बेहतर रहेगा आज इनमे समय ख़राब ना करें। सामाजिक कार्यो में भागीदारी देने की सहमति देंगे दान-पुण्य पर खर्च करेंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज आप किसी धार्मिक क्षेत्र से जुड़ेंगे जिससे आध्यात्मिक उन्नति होगी मन शांत रहेगा हास्य परिहास वाले स्वभाव के कारण आसपास का वातावरण खुशनुमा करेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी आशा के अनुकूल व्यवसाय रहेगा परन्तु आज जितना भी कमाएंगे उससे संतोष नहीं होगा। आलसी वृति के कारण कार्यो में विलम्ब होगा। परिवार के सदस्यों की गतिविधियों पर शक करने से अशांति फ़ैल सकती है। मनचाही वस्तुओ पर खर्च करने के बाद भी शांति स्थापना के प्रयास विफल होंगे। मध्यान के बाद धन लाभ की संभावनाएं अंत समय में टलने से दुःख होगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आपको मिला जुला फल मिलेगा। एक पल में ख़ुशी के समाचार मिलने से आनंदित हो उठेंगे अगले ही पल किसी अन्य कारण से चिंता की स्थिति बनेगी। कार्य स्थल पर आपको प्रलोभन दिए जाएंगे इनपर आगे भविष्य की हानि-लाभ परख कर ही निर्णय लें। भाई बंधू आपसे स्वार्थ सिद्धि की भावना के कारण अत्यन्त मीठा व्यवहार करेंगे। किसी प्रियजन से कई दिनों बाद हुई भेंट से प्रसन्नता होगी। धन लाभ भी अवश्य होगा परन्तु इसके लिए बौद्धिक परिश्रम एवं प्रतीक्षा अधिक करनी पड़ेगी। गृहस्थ में भी उतार चढ़ाव लगा रहेगा। बाहर घूमने की योजना बनाएंगे।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज आपके द्वारा बनाई योजनाएं शीघ्र फलीभूत होंगी। सभी महत्त्वपूर्ण कार्य आज सरलता से पूर्ण होने की संभावना अधिक रहेगी। कार्य व्यस्तता के कारण घरेलु कार्यो की अनदेखी पारिवारिक क्लेश का कारण बन सकती है फिर भी धन लाभ होने से संतुष्टि रहेगी। स्वास्थ्य उत्तम बना रहेगा। धर्म कर्म में विश्वास रहने पर भी समय नहीं दे सकेंगे तंत्र मंत्र में अधिक रूचि लेंगे। आज आप सभी को साथ लेकर चलेंगे जिससे अधिक स्नेह एवं सम्मान मिलेगा। परंतु घर के बुजुर्ग एवं अधिकारी वर्ग से सावधान रहें मतभेद के चलते गर्मा-गर्मी हो सकती है।
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〰〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏

सर्वपितृ अमावस्या आज

आज बन रहा है गजछाया योग
राजेश मंत्री
आज सर्वपितृ अमावस्या पर गजछाया योग बन रहा है।
इस योग के दौरान श्राद्ध करने से पीढ़ियों पुराना कर्ज भी उतर जाता है।

पितृ पक्ष का आखिरी दिन अश्विन महीने की अमावस्या तिथि को होता है। इस अमावस्‍या को सर्वपितृ अमावस्या कहते हैं क्‍योंकि इस दिन उन सभी पितरों का तर्पण-श्राद्ध किया जा सकता है जिनके निधन की तिथि मालूम नहीं होती है। इस साल 6 अक्टूबर, बुधवार को सर्वपितृ अमावस्‍या है।

खास बात यह है कि इस साल सर्वपितृ अमावस्‍या पर ऐसा शुभ योग बन रहा है जो कई सालों में बनता है। साल 2021 की सर्वपितृ अमावस्‍या के बाद यह शुभ योग 8 साल बाद 2029 में बनेगा।

बन रहा है गजछाया योग

पितृ पक्ष 2021 की सर्वपितृ अमावस्‍या पर गजछाया योग बन रहा है। इससे पहले यह योग 11 साल पहले 2010 में बना था। 6 अक्‍टूबर को सूर्य और चंद्रमा दोनों ही सूर्योदय से लेकर शाम 04:34 बजे तक हस्त नक्षत्र में होंगे। यह स्थिति गजछाया योग बनाती है। धर्म-शास्‍त्रों के मुताबिक इस योग में श्राद्ध करने से पितृ प्रसन्‍न होते हैं और कर्ज से मुक्ति मिलती है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि आती है। कहते हैं कि गजछाया योग में किए गए श्राद्ध और दान से पितरों की अगले 12 सालों के लिए क्षुधा शांत हो जाती है।

गजछाया योग में करें यह काम

श्राद्ध के लिए बेहद शुभ माने गए गजछाया योग में पितरों के लिए श्राद्ध करें और घी मिली हुई खीर का दान करें। ऐसा करने से पितृ कम से कम 12 सालों के लिए तृप्त हो जाते हैं। इसके अलावा इस समय में जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को भोजन कराएं. उन्‍हें अन्न-कपड़े दान करें।

इस ​तरह करें श्राद्ध

वैसे तो आप ​अपने सभी पितरों की श्राद्ध एक साथ सर्व​ पितृ अमावस्या को कर सकते हैं। लेकिन शास्त्रों में सर्व पितृ अमावस्या को 16 ब्राह्मणों को भोजन कराना अत्यंत शुभ बताया गया है। श्राद्ध करते समय घर की दक्षिण दिशा में सफ़ेद वस्त्र पर पितृ यंत्र स्थापित करें। उनके निमित्त, तिल के तेल का दीपक जलाएं और सुगंधित धूप अर्पित करें। चंदन व तिल मिले जल से तर्पण दें। कुश के आसन पर बैठकर गीता के 16वें अध्याय का पाठ करें। इसके बाद ब्राह्मणों के लिए जो भोजन बनाया है, उसमें से 5 हिस्से निकालें, देवताओं, गाय, कुत्ते, कौए और चींटियों के लिए निकालें. इसके बाद ब्राह्मणों को खीर, पूड़ी, सब्ज़ी, मिष्ठान, लौंग-इलाएची व मिश्री आदि अन्य चीजें श्रद्धा पूर्वक​ खिलाएं। इसके बाद ब्राह्मणों को वस्त्र-दक्षिणा देकर विदा करें और पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें।

दीप दान करें

मान्यता है कि सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितर अपने पितृ लोक लौट जाते हैं। इसलिए अमावस्या के दिन दीप दान किया जाता है, ताकि उन्हें सही से रास्ता दिखाई दे। दीप दान के लिए सूर्यास्त के बाद घर की दक्षिण दिशा में तिल के तेल के 16 दीपक जलाएं। इस तरह पितरों को सम्मानपूर्वक भेजने पर वे संतुष्ट होकर जाते हैं और अपने बच्चों को आशीर्वाद देते हैं। जिससे परिवार में सुख समृद्धि और खुशियां आती हैं।

ध्यान रखें ये बातें
राजेश मंत्री
श्राद्ध का भोजन पूरी शुद्धता से बनाएं और उसमें प्याज और लहसुन का इस्तेमाल न करें।

श्राद्ध हमेशा सुबह या दोपहर चढ़ने से पहले ही कर लेना चाहिए ! दोपहर के बाद नहीं करना चाहिए।

श्राद्ध का भोजन जब भी ब्राह्मणों को खिलाएं तो दोनों हाथों से परोसें।

जो सब्जियां जमीन के अंदर से उगती हैं उन्हें ब्राह्मणों को नहीं खिलाना चाहिए।

श्राद्ध पक्ष में पितरों के निमित्त ​जो भी शुभ काम किए जाते हैं, उससे उन्हें तृप्ति मिलती है। इसलिए जरूरतमंद लोगों को सामर्थ्य के अनुसार खाना, कपड़े आदि बांटें।

हस्तरेखा ज्योतिष: ज्योतिष में रत्नों का महत्व

पं वेद प्रकाश तिवारी ज्योतिष एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ
9919242815 निशुल्क परामर्श उपलब्ध

रत्नों का ज्योतिष के क्षेत्र में महत्व पूर्ण
स्थान है सभी रत्नों में अपूर्व दैवी शक्ति निहित है रत्नों का मानव जीवन पर जो प्रभाव पड़ता है वहः ग्रहो के अनेक प्रकार की किरणों की उत्सर्जन क्षमता के कारण है अतः ज्योतिष के अनुसार कोन सा ग्रह कोन से रंग की किरण से power full होता है उसी के अनुसार ग्रहों के रत्न निर्धारित

किसी भी ग्रह के निर्धारित रत्न द्वारा उसके रंग की किरणें मानव शरीर मे प्रवेश कर उत्सर्जन से अपना प्रभाव सुदृढ बनाती है रत्न एक प्रकार से यन्त्र के समान कार्य करता है और मानव शरीर मे उन किरणों की आवश्यकता अनुसार हानि या लाभ पहुचाता है।

कोनसा रत्न कबं उपयुक्त होगा और कब हानि पर्द होगा इसमें सभी ज्योतिष विद्वानों की एक राय निहि है कुछ विद्वान कहते है कि जो ग्रह कुंडली मे पीड़ा कारक होता है उस ग्रह का रत्न सुभ् फल कारक होता है कुछ विद्वान का मत है कि अशुभ फल देता ग्रह का रत्न धारण करने से पीड़ा और बढ़ जाती है

ज्योतिष का एक मत कहता है कि शुभ् ग्रहो के रत्न ही आवश्यकता अनुसार धारण करने चाहिए

एक ज्योतिष मत कहता है कि जो ग्रह जिस महा दशा का स्वामी हो उस ग्रह का रत्न उसकी महा दशा में धारण करना चाहिये चाहे महादशा का स्वामी कुंडली मे असुभ ही क्यो न हो !

अतः जन्म कुंडली का परीक्षण करके ये देख लेना चाहिय कि कोनसा ग्रह अशुभ है

मेरी निजी राय में अशुभ ग्रहों का रत्न जातक को कभी धारण निहि करना चाहिये

आज के युग मे रत्न धारण करना एक फैशन होगया है और astrologer भी जातक को बिना हिचकिचाहट के रत्न धारण करने की सलाह प्रदान करते है

आखिर रत्न धारण करने का समुचित आधार क्या है ???

जन्म पत्रिका में शुभ व कारक ग्रह का ही रत्न धारण करना चाहिये

विशेष कर उसी ग्रह का रत्न धारण करना चाहिए जो कुंडली मे शुभ हो और उसकी दशा या अंतर दशा runing में हो

यदि अशुभ ग्रह की दशा चल रही होतो उसकी प्रत्यंतर दशा में जो शुभ ग्रह आने वाला हो उनकी अंतर दशा का रत्न धारण करे

मित्र ग्रहों के रत्न एक साथ धारण कर सकते है परंतु शत्रु ग्रहों के रत्न एक साथ धारण नही करने चाहिये अन्यथा वो अशुभ फल ही प्रदान करेंगे

सूर्य – मंगल – वरहस्पति मित्र ग्रह है यदि जातक की कुंडली मे इनकी स्थिति शुभ है तो माणिक्य – मूंगा व पुखराज पहन सकते है

शनि – बुध – शुक्र मित्र है अतः नीलम हीरा व पन्ना एक साथ पहन सकते है

परन्तु शुक्र – वृहस्पति सुभ ग्रह होते हुए भी एक दूसरे के शत्रु है अतः इनके रत्न एकसाथ नही पहनने चाहिये !!

आम धारणा है कि त्रिकोण सैदेव शुभ होता है परंतु इन तीनो में भी कोई ग्रह शुभह स्थित न हो तो भी इनका रत्न धारण नही करना चाहिये

सुभ ग्रह यदि अस्त है या कुंडली मे निर्बल है तो उस ग्रह का रत्न अवश्य धारण करना चाहिए !!

भाग्येश अगर निर्बल है या अस्त है तो उसका रत्न अवश्य धारण करना चाहिए

अगर त्रिकोण भाव का स्वामी नीच का है तो उस भाव का रत्न धारण नही करना चाहिए ¡¡

कभी भी मारक – बाधक या अशुभ ग्रह कारत्न धारण नही करना चाहिए !!

किसी भी शुभ ग्रह की दशा या अंतर दशा आने पर ही उक्त ग्रह का रत्न धारण करना लाभकारी होता है

व्यर्थ में रत्न धारण करने से कोई लाभ नही होता है

, किसी भी ग्रह के शुभ फल प्राप्ति हेतु कोनसे रत्न धारण करने चाहिय : — —

ज्योतिष शास्त्र में रत्न पहनने के पूर्व कई निर्देश दिए गए हैं। रत्नों में मुख्यतः नौ ही रत्न ज्यादा पहने जाते हैं। सूर्य के लिए माणिक, चन्द्र के लिए मोती, मंगल के लिए मूंगा, बुध के लिए पन्ना, गुरु के लिए पुखराज, शुक्र के लिए हीरा, शनि के लिए नीलम, राहु के लिए गोमेद, केतु के लिए लहसुनियां।

रत्न धारण करने में जितनी भूमिका रत्न की होती है उतनी ही भूमिका रत्न के विदिवत धारण करने की होती है अतः कोई भी रत्न जातक को शुभ महूर्त के अनुसार ही धारण करना चाहिये

कब रत्न धारण ना करें

रत्न धारण करने से पहले यह देख लें कि कहीं 4, 9 और 14 तिथि तो नहीं है. इनफ़तेह चंद तारीखों को रत्न धारण नहीं करना चाहिए. यह भी ध्यान रखें कि जिस दिन रत्न धारण करें उस दिन गोचर का चंद्रमा आपकी राशि से 4,8,12 में ना हो. अमावस्या, ग्रहण और संक्रान्ति के दिन भी रत्न धारण ना करें.

किस नक्षत्र में रत्न धारण करें

मोति, मूंगा जो समुद्र से उत्पन्न रत्न हैं, यदि
रेवती, अश्विनी, रोहिणी, चित्रा, स्वाति और विशाखा नक्षत्र में धारण करें तो विशेष शुभ माना जाता है. सुहागिन महिलाएं रोहिणी, पुनर्वसु, पुष्य नक्षत्र में रत्न धारण ना करें. ये रेवती, अश्विनी, हस्त, चित्रा, अनुराधा नक्षत्र में रत्न धारण करें, तो विशेष लाभ होता है.,

 🔶आरोग्य🔶 

गुलाब के फूल के अद्भुत उपयोग एवं लाभ 
🌹गुलाब बेहद सुंदर और खुशबूदार पौधा है जो अपने इन गुणों की वजह से सभी लोगों को अच्छा लगता है।
लेकिन क्या आपको पता है यह पौधा अपने औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है।
राजेश मंत्री
गुलाब के फायदे :
(1)- कान में दर्द होने पर गुलाब की पत्तियों के रस की थोड़ी बूंदे कान में डालने से कान के दर्द में राहत मिलेगी।

(2)- गुलाब के अर्क में नींबू का रस मिलाकर दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।

(3)- जी मिचलाना, गले में जलन, सीने में जलन जैसे रोगों को दूर करने के लिए एक कप गुलाबजल, चैथाई कप संतरे का रस और चौथाई कप चूने का पानी को मिलाकर दिन में 2 बारी सेवन करें आपको इन रोगों से निजात मिल जायेगी।

(4)- शरीर में जलन होने पर या हाथ पैर में जलन होने पर गुलाबजल को चंदन में मिलाकर इसका लेप लगाएं।

(5)- खाना खाने के बाद गुलकंद खाने से हाजमा ठीक रहता है।

(6)- मुंह की बदबू को दूर करने के लिए गुलाब के फूल, लौंग और चीनी को गुलाब जल में पीसकर गोलियां बनाकर चूसें। यह मुंह की दुर्गंध को दूर करता है।

(7)- चंदन के तेल में गुलाब के अर्क को मिलाकर मालिश करने से शीत पित्त में फायदा मिलता है।

(8)- सनाय की पत्ती को गुलकंद के साथ सेवन करने से कब्ज दूर होती है।

(9)- अत्याधिक गर्मी लगने पर या जलन होने पर 5 इलायची, 10 ग्राम गुलाब की पंखुड़ी, 5 काली मिर्च और 10 ग्राम मिश्री को पीसकर हर चार घंटे पर पीएं। आपको आराम मिलेगा।

(10)- सफेद चंदन पाउडर में कपूर और गुलाब जल को मिलाकर माथे पर लगाने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।

(11)- मुंह के छालों से निजात पाने के लिए सुबह सुबह गुलकंद का सेवन करें।

(12)- लू लगने पर ठंडे पानी में गुलाबजल मिलाकर माथे पर पट्टी रखें।

(13)- टीबी की बीमारी से होने वाली कमजोरी को दूर करने के लिए गुलकंद का नियमित सेवन करने से कमजोरी ठीक हो जाती है।

(14)- माइग्रेन के दर्द में 12 ग्राम गुलाबजल में 1ग्राम असली नौसादर को मिलाकर अच्छे से मिला कर हिलाएं। और इसकी चार पांच बूंदे नाक के अंदर खीचें। ऐसा करने से माइग्रेन का दर्द ठीक हो जाता है। नोट:- यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिये है !