आज का पंचाग आपका राशि फल, अजा एकादशी आज, पैनखंडा की ‘नंदा जात’ फ्यूंलानारायण से रोखनी बुग्याल तक जाएगी, घुटने दर्द के कारण और निवारण

😂नींद सबेरे खुलती है लेकिन आंखे कभी कभी😂

🌹🍁🌹🍁त्रिपुष्कर योग 🍁🌹🍁🌹🍁

🙏🌹 अजा एकादशी 🌹🙏
अजा एकादशी का व्रत हर साल भादों महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस बार अजा एकादशी का व्रत 23 अगस्त को रखा जाएगा। अजा एकादशी व्रत भगवान श्रीहरि को समर्पित है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, अजा एकादशी व्रत के दिन भगवान श्रीहरि की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि अजा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से घर में धन-धान्य में वृद्धि होती है। भक्तों के सभी पापों का नाश हो जाता है। भक्त सभी सुखों को भोगकर अंत में विष्णु लोक को प्राप्त होते है।

पंचांग के मुताबिक, एकादशी तिथि 22 अगस्त, सोमवार को प्रात: 3 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ होगी और अगले दिन यानी  23 अगस्त 2022 को प्रात: 6 बजकर 8 मिनट पर समाप्त होगी। वैष्णव अजा एकादशी व्रत 23 अगस्त को रखा जाएगा। व्रत का पारण 24 अगस्त को किया जाएगा।

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🔔 श्रीगणेश तिथि पञ्चाङ्ग 🔔
🔱 23 – अगस्त – 2022 🔱
☀ पंचांग
🔅 तिथि एकादशी 06:08:47
🔅 नक्षत्र आर्द्रा 10:44:43
🔅 करण :
बालव 06:08:47
कौलव 19:22:13
🔅 पक्ष कृष्ण
🔅 योग सिद्धि 24:37:09
🔅 वार मंगलवार

☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
🔅 सूर्योदय 05:51:53
🔅 चन्द्रोदय 26:45:59
🔅 चन्द्र राशि मिथुन
🔅 सूर्यास्त 18:51:31
🔅 चन्द्रास्त 16:32:00
🔅 ऋतु वर्षा

☀ हिन्दू मास एवं वर्ष
🔅 शक सम्वत 1944 शुभकृत
🔅 कलि सम्वत 5124
🔅 दिन काल 12:59:38
🔅 विक्रम सम्वत 2079
🔅 मास अमांत श्रावण
🔅 मास पूर्णिमांत भाद्रपद

☀ शुभ और अशुभ समय
☀ शुभ समय
🔅 अभिजित 11:55:43 – 12:47:41
☀ अशुभ समय
🔅 दुष्टमुहूर्त 08:27:48 – 09:19:47
🔅 कंटक 06:43:51 – 07:35:50
🔅 यमघण्ट 10:11:46 – 11:03:44
🔅 राहु काल 15:36:37 – 17:14:04
🔅 कुलिक 13:39:40 – 14:31:39
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 08:27:48 – 09:19:47
🔅 यमगण्ड 09:06:47 – 10:44:15
🔅 गुलिक काल 12:21:42 – 13:59:09
☀ दिशा शूल
🔅 दिशा शूल उत्तर

☀ चन्द्रबल और ताराबल
☀ ताराबल
🔅 अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद
☀ चन्द्रबल
🔅 मेष, मिथुन, सिंह, कन्या, धनु, मकर
🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹. *।। ॐ ।।* 

     🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩

📜««« *आज का पंचांग* »»»📜

कलियुगाब्द…………………….5124

विक्रम संवत्……………………2079

शक संवत्………………………1944

रवि…………………………दक्षिणायन

मास……………………………भाद्रपद

पक्ष………………………………कृष्ण

तिथी……………………………द्वादशी

दुसरे दिन प्रातः 08.31 पर्यंत पश्चात त्रयोदशी

सूर्योदय………….प्रातः 06.06.19 पर

सूर्यास्त………….संध्या 06.50.37 पर

सूर्य राशि………………………….सिंह

चन्द्र राशि……………………….मिथुन

गुरु राशि…………………………..मीन

नक्षत्र…………………………….आर्द्रा

प्रातः 10.41 पर्यंत पश्चात पुनर्वसु

योग……………………………..सिद्धि

रात्रि 12.30 पर्यंत पश्चात व्यतिपात

करण………………………….कौलव

संध्या 07.19 पर्यंत पश्चात तैतिल

ऋतु………………………………वर्षा

दिन…………………………मंगलवार

 

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*

23 अगस्त सन 2022 ईस्वी ।

 

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*

दोप 12.03 से 12.54 तक ।

 

👁‍🗨 *राहुकाल :-*

दोप 03.38 से 05.13 तक । 

 

☸ शुभ अंक…………………5

🔯 शुभ रंग……………केसरिया

 

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*

*सिंह*  

05:43:25  

07:55:15

*कन्या*  

07:55:15 10:05:55

*तुला*  

10:05:55 12:20:32

*वृश्चिक*  

12:20:32 14:36:43

*धनु*  

14:36:43 16:42:20

*मकर*  

16:42:20 18:29:27

*कुम्भ*  

18:29:27 20:03:01

*मीन*  

20:03:01 21:34:12

*मेष* 

21:34:12 23:14:56

*वृषभ*  

23:14:56 25:13:34

*मिथुन*  

25:13:34 27:27:16 

*कर्क*  

27:27:16 29:43:25

 

🚦 *दिशाशूल :-*

उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

 

✡ *चौघडिया :-*

प्रात: 09.18 से 10.53 तक चंचल

प्रात: 10.53 से 12.28 तक लाभ

दोप. 12.28 से 02.03 तक अमृत

दोप. 03.38 से 05.12 तक शुभ

रात्रि 08.12 से 09.38 तक लाभ । 

 

📿 *आज का मंत्र :-*

।। ॐ महावीराय नमः ।।

 

📯 *संस्कृत सुभाषितानि :-*

दुर्जन दूषितमनसां पुंसां सुजनेऽप्यविश्र्वासः ।

बालः पायसदग्धो दध्यपि फूल्कृत्य भक्षयति ॥ 

अर्थात :-

दुर्जन से जिसका मन दूषित होता है एसा मानव सज्जन पर भी अविश्वास करता है । दूध से जला बालक दहीं भी फ़ूँक कर पीता है ।

 

🍃 *आरोग्यं :*-

*वजन कम करने के लिए 5 आसान योग -*

 

*2. भुजंगासन -*

भुजंगासन एक ऐसी योग मुद्रा है जो पेट के निचले हिस्से और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है। इसके अलावा यहा नितंबों को मजबूत करने और कूल्हों में फैट के संचय को कम करने में भी सहायता करता है। यह शरीर को लचीला बनाता है और कंधों को मजबूत करता है।

 

*भुजंगासन करने की विधि -*

 

इसके लिए चटाई पर पेट के बल लेट जाएं। हथेलियों को नीचे जमीन पर रखिये और मांसपेशियों को शिथिल करते हुए अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को उठाइए। धीरे-धीरे सिर को व कन्धों को जमीन से ऊपर उठाइये तथा सिर को जितना पीछे की ओर ले जा सकें, ले जाइये। इस अवस्था में आप 10 सेकेंड तक बने रहिए और फिर रिलेक्स की मुद्रा में आ जाइए।

 

⚜ *आज का राशिफल :-*

 

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*

*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*

मित्रों की सहायता कर पाएंगे। मेहनत का फल मिलेगा। मान-सम्मान मिलेगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता रहेगी। नया उपक्रम प्रारंभ करने की योजना बनेगी। व्यापार मनोनुकूल लाभ देगा। समय अनुकूल है। प्रसन्नता रहेगी।

 

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*

*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*

आशंका-कुशंका के चलते कार्य की गति धीमी रह सकती है। घर-परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्‍य की चिंता रहेगी। वैवाहिक प्रस्ताव प्राप्त हो सकता है। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। सभी ओर से सफलता प्राप्त होगी। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। लाभ होगा।

 

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*

*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*

जीवनसाथी से कहासुनी हो सकती है। संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। बेरोजगारी दूर होगी। करियर बनाने के अवसर प्राप्त होंगे। नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी। पारिवारिक सहयोग से कार्य में आसानी होगी। दूसरों के कार्य में दखल न दें। प्रमाद से बचें।

 

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*

*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*

बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। लाभ के असवर हाथ आएंगे। यात्रा में सावधानी रखें। किसी पारिवारिक आनंदोत्सव में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शत्रु पस्त होंगे। विवाद न करें। बेचैनी रहेगी।

 

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*

*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*

कोई बुरी खबर प्राप्त हो सकती है। पारिवारिक चिंताएं रहेंगी। मेहनत अधिक तथा लाभ कम होगा। दूसरों से अपेक्षा न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। मातहतों का सहयोग नहीं मिलेगा। कुसंगति से बचें, हानि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय में निश्चितता रहेगी। प्रमाद न करें।

 

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*

*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*

स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में विशेषकर स्त्रियां सावधानी रखें। कार्यों की गति धीमी रहेगी। बु‍द्धि का प्रयोग करें। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। निराशा हावी रहेगी। आय में निश्चितता रहेगी। व्यापार ठीक चलेगा। लाभ होगा।

 

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*

*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*

विवेक का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। कोई बड़ी बाधा से सामना हो सकता है। राजभय रहेगा। जल्दबाजी व विवाद करने से बचें। रुका हुआ धन मिल सकता है। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। किसी अपने के व्यवहार से दु:ख होगा। नौकरी में उच्चाधिकारी का ध्यान खुद की तरफ खींच पाएंगे।

 

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*

*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*

प्रेम-प्रसंग में जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट से कार्य में रुकावट होगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। लाभ में वृद्धि होगी। निवेश में जल्दबाजी न करें। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। जरूरी वस्तु गुम हो सकती है।

 

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*

*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*

अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। यात्रा में जल्दबाजी न करें। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। स्वास्थ्‍य पर बड़ा खर्च हो सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। आय में कमी रहेगी। व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बेचैनी रहेगी।

 

🏹 *राशि फलादेश मकर :-*

*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*

दूर से अच्‍छी खबर प्राप्त हो सकती है। आत्मविश्वास बढ़ेगा। कोई बड़ा काम करने की योजना बनेगी। पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। घर में अतिथियों पर व्यय होगा। किसी मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है। व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रु शांत रहेंगे। प्रसन्नता रहेगी।

 

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*

*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*

राजकीय अवरोध दूर होंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। धर्म-कर्म में मन लगेगा। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। निवेश शुभ रहेगा। प्रभावशाली व्यक्तियों से परिचय होगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें।

 

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*

समाजसेवा में रुझान रहेगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। नई आर्थिक नीति बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। पुरानी व्याधि से परेशानी हो सकती है। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। व्यापार वृद्धि होगी। ऐश्वर्य पर व्यय होगा। भाइयों का सहयोग मिलेगा। समय अनुकूल है। लाभ लें। प्रमाद न करें।

 

☯ *आज मंगलवार है अपने नजदीक के मंदिर में संध्या 7 बजे सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ में अवश्य सम्मिलित होवें |*

 

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

 

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩
🙏 आपका दिन शुभ एवं सुखमय जीवन हो 

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🙏 🌺 श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार |
बरनउ रघुबर विमल जसु, जौ दायक फल चारु ||
बुद्धि हीन तनु जानिके, सुमिरों पवन कुमार |
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहु क्लेश विकार || 🌺 🙏

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🙏 🌺 अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं, दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं, रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि!! 🌺🙏

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🙏🌺 मनोजवं मारुततुल्यवेगम जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणम् प्रपद्ये॥ 🌺🙏

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पैन खंडा क्षेत्र में भी नंदा लोक जात की तैयारी जोरों पर ‌ उरगम घाटी जोशीमठ 

कल्प क्षेत्र में लोग जात की तैयारी शुरू हो गई है पंच केदार पंच बद्री एवं पैनखंडा क्षेत्र में लोग जात की तिथियां निर्धारित हो गई है प्रतिवर्ष होने वाली लोग जात में परण खंडेश्वरी क्षेत्र में विशेष महत्व है अधिकांश जोशीमठ के गांव में नंदा जात के समय नंदा उत्सव मनाने की परंपरा रही है नीति घाटी से लेकर पंच केदार के कल्पेश्वर और बद्री विशाल पाखी गांव तक नंदा उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है लोग जात के लिए लोग गांव से हिमालय की ओर जाते हैं कुछ गांव में परंपराएं हैं कि नंदा को बुलाओ के लिए वुगयाल में जाकर भगवती नंदा को मायका बुलाने की की परंपरा रही है। वही विश्व प्रसिद्ध नंदाराज जात में नंदा को कैलाश भेजने की परंपराई रही है। पैनखण्डेशंवरी श्री क्षेत्र में नंदा को हिमालय से बुलाकर गांव में लाते हैं और विशेष भंडारा देकर उनको कैलाश को विदाई करते हैं। मुख्य रूप से उरगम कल्प क्षेत्र की जात की तिथियां 29 अगस्त 2022 को देवग्राम की गौरव मंदिर से भगवती की छतोली फ्यूंलानारायण मंदिर प्रस्थान करेगी 30 अगस्त को फ्यूंलानारायण से रोखनी बुग्याल तक जाएगी यहां पर विशेष पूजा अर्चना की बात वापस फ्यूंलानारायण पहुंचेगी यहां विशेष पूजा-अर्चना होगी उसके बाद कल्पेश्वर होते हुए देवग्राम गौरा मंदिर पहुंचेगी यहां पर फुल कोठे का आयोजन किया जाएगा। 1 सितंबर 2022 को अधिकांश गांव में जात के लिए नंदा के लिए कलेवा तैयार किया जाएगा 2 सितंबर 2022 को कल्प क्षेत्र उरगम घाटी के सभी गांवो से छतोलिया अलग अलग स्थानों के लिए प्रस्थान करेगी जिसमें मुख्य रुप से उरगम की घंटा करण मंदिर में इकट्ठा होगी । दुसरी तरफ फ्यूंलानारायण कल्प क्षेत्र की छोतोलिया भरकी पंचनाम देवता की चौक में इकट्ठा होती है इन छतोलियो में डुमक गांव से स्वनुल देवी छतोली, पल्ला गांव से स्वनुल देवी छतोली,पोखनी गांव से स्वनुल देवी छतोली के अलावा भरकी, भेंटा, पिलखी, ग‌‌‌वाणा,अरोसी,उरगम की स्वनुल देवी छतोलिया़ इस यात्रा में सम्मिलित रहेगी पहला पड़ाव फ्यूंलानारायण मंदिर 2 सितंबर को 3 सितंबर को भनाई मैं जात कार्यक्रम संपन्न किया जाएगा वापस फ्यूंलानारायण पहुंचेगी यहां विशेष पूजा का आयोजन किया जाएगा नारायण को ब्रह्म कमल से सजाया जाएगा देवी को विशेष भोग लगाया जाएगा इस दिन रात्रि विश्राम यही मंदिर में होगा। 4 सितंबर को नंदा को 16 किलो का (भात)चावल का भोग लगेगा उसके वाद वापस भरकी गांव पहुंचेगी गांव में स्वागत के साथ अपने अपने गांव के लिए छतोलिया प्रस्थान करेगी। इसी तरह उरगम घाटी में घंटाकरणमंदिर में 2 सितंबर को क्षेत्र की छोतोलियां इकट्ठा होकर बंसी नारायण के लिए प्रस्थान करेगी रिखडार गुफा पर रात्रि विश्राम होगा यहां पर पंच गै के छतोलिया का मिलन होगा पल्ला,जखोला,किमाणा,कलगोठ, दिंग तपोण के जात उनका यात्री से मिलन होगा 3 सितंबर को मेन मैनवा खाल में भगवती नंदा की जात संपन्न की जाएगी इस दिन रिखडार गुफा में रात्रि विश्राम होगा 4 सितंबर को यात्रा अपने गांव के लिए वापस लौट जाएगी उरगम थात की छतोलिया वापस गांव उरगम वैली के फूलाणा, नंदा मंदिर होते हुए घंटाकर्ण मंदिर में ब्रह्मकमल चढ़ाकर अपने अपने घरों को जाति यात्री चले जाएंगे। इसी तरह जोशीमठ क्षेत्र में अधिकांश गांव में सप्तमी की जात का विधान है कुछ गांव में अष्टमी की जात भी होती है बामणी गांव बद्रीनाथ में सप्तमी की जात और अष्टमी नंदा की पूजा का विधान है थैग गांव में भी सप्तमी के दिन ब्रह्म कमल तोड़े जाते हैं अष्टमी को जात यात्री वापस आते हैं नवमी दशमी को गांव में विशेष मेला लगता है इसी तरह जोशीमठ के अधिकांश गांव में नंदा अष्टमी का पर्व भव्य रूप से बनाए जाते हैं। जोशीमठ के खीरों भंयूडार, डाडों,मेरग, बड़ागांव,डाक,लाता,मेहर गांव,नीती,भल्ला सुकी गांव,सुभाई,करछी,तुगासी,करछो मलारी , भगंयूल,ठुमक गांव में नंदा अष्टमी के तिथि पर घोड़ी सागडी के पास नंदा देवी की जात यात्रा संपन्न की जाती है इसमें दसौली ब्लॉक से भी नंदा की छोतोलीया जात में सम्मिलित रहती है। फोटो साभार रघुवीर नेगी फेसबुक से लक्ष्मण सिंह नेगी की रिपोर्ट”

शस्त्र नहीं उठाओगे तो अपना राष्ट्र खो दोगे और शास्त्र नहीं पढ़ोगे तो अपनी संस्कृति को खो दोगे! अतः दोनों आवश्यक हैं।”

जयश्रीराम

*घुठने का दर्द आदमी को किसी भी उम्र में हो सकता है.!*

इससे बूढे और जवान दोनों समान रूप से प्रभावित हो सकतें है।

जवानों में चोट घुटने की एक खास वजह होती है और

बूढों में अर्थराइटिस इंजयूरी घुटने के दर्द का कारण बनता है।

घुठने के दर्द के साधारण कारणों को खुद के सावधानी और उपचार से दूर किया जा सकता है।

*कारण…*

घुटने के दर्द के बहुत से कारण हो सकते हैं जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित कारण हो सकते है;

*लिगामेंट इंज्यूरी:*

लिगामेंट इंज्यूरी अकसर खेल के गतिविधियों के दौरान होती है और घुटने के दर्द और परेशानी का कारण बन जाता है।

घुटने के दर्द का कारण घुटने के इंटेरियर क्रुसिएट लिगमेंट ख्एसीएल, पोस्टेरियर क्रुसिएट लिगमेंट, पीसीएल और मेडिकल क्रूसिएट लिगमेंट इंज्यूरी भी हो सकता है।

 

*अर्थराइटिस:*

बूढों के घुटने में दर्द का सबसे बड़ा कारण यही होता है।

सामान्य अर्थराइटिस के साथ रूमेंटॉयड अर्थराइटिस, ओस्टियोअर्थराइटिस और गठिया भी हो सकता है।

 

*बेकर्स काइस्ट:*

घुटने के अन्दर का फलुइड कम होने से भी घुटने में दर्द हो सकता है!

 

*बरसाइटिस:*

घुटने में चोट, ज्यादा भाग दौड़ के कारण घुटने पर पड़ने वाले जोर के कारण घुटने के आस पास के बरसा में सूजन होने से भी घुटने में दर्द हो सकता है।

ल्यूपस जैसे कनक्टिव टिश्‍यू के अस्त व्यस्त होने से भी दर्द हो सकता है।

 

घुटने के ढक्कन का अपने स्थान से हट जाने पर घुटने में संक्रमण होने पर, घुठने में मोच, टेनडिनाइटिस, और टॉर्न कार्टलिज जैसी इंज्यूरी होना।

*लक्षण…*

इसमे लक्षण दर्द के पीछे होने वाले कारणों पर निर्भर करता है।

घुटने के सामान्य दर्द का लक्षण निम्नलिखित हो सकता है;

*लिगमेंट इंज्यूरी :*

एक बूंद लिगामेंट का भी नुकसान हो जाने पर घुटने में दर्द हो सकता है।

 

अचानक उठने वाला दर्द जो चलना फिरना और घुठने का मोड़ना भी मुश्‍किल कर देता हो।

 

घुटने से निकलने वाली आवाज…

प्रभावित घुठने से वजन उठाने में परेशानी होना।

घुठने के छिटकने जैसा प्रतीत होना!

*टेन्‍डन इंज्यूरी या टेनडेंटाइटिस:*

इस में प्रकट होने वाले लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं;

 

असहनीय दर्द होना और चलने फिरने, कूदने और सीढियां चढने में परेशानी होना।

 

एक या दोनो घुठने में दर्द और सूजन होना।

पंव को पूरा फैलाने या मोड़ने में घुठने में दर्द होना।

*थ्मनिसकस इंज्यूरी:*

इस तरह के इंज्यूरी के संकेत और लक्षण;

दर्द, सूजन, घुठने से पांव को पूरा फैलाने और मोड़ने में परेशानी होना।

घुटना जाम होने जैसा महसूस होना।

*बरसाइटिस:*

बरसाइटिस के संकेत और लक्षण…

घुठनों और उसके आसपास का त्वचा लाल होना, जलन, सूजन होना,

दर्द और एंठन होना,

घुठनों के बल बैठने और सीढियां चढने उतरने से दर्द में वृद्धि होना।

ब्रसा के संक्रमित होने पर घुठने में दर्द, सूजन और बुखार लगना।

*सेप्टिक अर्थराइटिस:*

घुठने में संक्रमण के लक्षण और संकेत के रूप् में मरीज को बुखार लगना, घुठने में दर्द, सूजन और त्वचा लाल पड़ जाता है।

 

*अर्थराइटिस:*

किसी भी प्रकार के अर्थराइटिस के दर्द के लक्षणों के तरह इसमें निम्न लक्षण प्रकट हो सकते है;

दर्द, सूजन, जोड़ों में दर्द और एंठन।

जोड़ों के मूवमेंट में कमी।

घुठने के मोड़ने और फैलाने के गति कम हो जाना।

 

*जांच और निदान…*

घुठने के दर्द के कारणों के ढेर सारी संभावनाएं होने के कारण इसके पक्के और वास्तविक कारणों की पहचान करना काफी मुश्‍किल हो जाता है। इसमें किसी एक या दो जांच कराकर बीमारी का पता लगा पाना काफी मुश्‍किल भरा काम होता हैं, इसमें डॉक्टर रोग निदान के लिए मरीज के पूरे मेडिकल हिस्टरी का अध्ययन और घुटने के फिजिकल जांच के साथ साथ लैबोरेटरी जांच करवाने के बाद ही किसी निष्‍कर्ष पर पहुंच पाता है।

 

मेडिकल हिस्ट्री में दर्द के स्थान, समय और तीव्रता आदि के बारे में मरीज से सवाल पूछा जा सकता है।