आज का पंचाग आपका राशि फल, तुलसीदास कृत बजरंगबाण सभी प्रकार की भूत प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए अमोघ अस्त्र है, विद्याशंकर मंदिर चिकमंगलूर मंदिर बारह खम्भों की परिक्रमा करते हैं भगवान सूर्य नारायण

*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 08 जून 2023*
*⛅दिन – गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2080*
*⛅शक संवत् – 1945*
*⛅अयन – उत्तरायण*
*⛅ऋतु – ग्रीष्म*
*⛅मास – आषाढ़ (गुजरात, महाराष्ट्र में ज्येष्ठ)*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – पंचमी शाम 06:58 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*⛅नक्षत्र – श्रवण रात्रि 09:02 तक तत्पश्चात धनिष्ठा*
*⛅योग – इन्द्र शाम 06:59 तक तत्पश्चात वैधृति*
*⛅राहु काल – दोपहर 02:20 से 04:01 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:53*
*⛅सूर्यास्त – 07:24*
*⛅दिशा शूल – दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:29 से 05:11 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:18 से 01:01 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष – पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹सगर्भावस्था के दौरान आचरण🔹*

*👉🏻 दिन में नींद व देर रात तक जागरण न करें । दोपहर में विश्रांति लें, गहरी नींद वर्जित है ।*

*👉🏻 सीधे व घुटने मोडकर न सोये अपितु करवट बदल-बदलकर सोये ।*

*👉🏻 सख्त व् टेढ़े स्थान पर बैठना, पैर फैलाकर और झुककर ज्यादा समय बैठना वर्जित है ।*

*👉🏻 गर्भिणी अपानवायु, मल, मूत्र, डकार, छींक, प्यास, भूख, निद्रा, खाँसी, आयासजन्य श्वास, जम्हाई, अश्रु इन स्वाभाविक वेंगो को न रोके तथा यत्नपूर्वक वेंगों को उत्पन्न न करें ।*

*👉🏻 इस काल में समागम सर्वथा वर्जित है ।*

*👉🏻 सुबह की शुद्ध हवा में टहलना लाभप्रद है ।*

*👉🏻आयुर्वेदानुसार ९ मास तक प्रवास वर्जित है ।*

*👉🏻 चुस्त व गहरे रंग के कपड़े न पहनें ।*

*👉🏻 अप्रिय बात न सुनें व वाद-विवाद में न पड़े । जोर से न बोले और गुस्सा न करे । मन में उद्वेग उत्पन्न करनेवाले वीभत्स दृश्य, टीवी सीरियल न देखे व ऐसे साहित्य, नॉवेल आदि भी पढ़े-सुने नहीं । तीव्र ध्वनि एवं रेडिओ भी न सुनें ।*

*👉🏻 दुर्गन्धयुक्त स्थान पर न रहें तथा इमली के वृक्ष के नजदीक न जाएं ।*

*👉🏻 शरीर के समस्त अंगों को सौम्य कसरत मिले इस प्रकार के घर के कामकाज करते रहना गर्भिणी के लिए अति उत्तम होता है ।*

*👉🏻 सगर्भावस्था में प्राणवायु की आवश्यकता अधिक होती है अत: दीर्घ श्वसन (दीर्घ श्वास) व हलके प्राणायम का अभ्यास करें । पवित्र, कल्याणकारी, आरोग्यदायक भगवन्नाम-जप करें ।*

*👉🏻 मन को शांत व शरीर को तनावरहित रखने के लिए प्रतिदिन थोडा समय शवासन (शव की नाई पड़े रहना) का अभ्यास अवश्य करें ।*

*👉🏻 शांति होम एवं मंगल कर्म करे । देवता, ब्राम्हण, वृद्ध एवं गुरुजनों को प्रणाम करें ।*

*👉🏻 भय, शोक, चिंता, क्रोध को त्यागकर नित्य आनंदित व प्रसन्न रहे ।*

*🔹 ऊपर दी गयी सावधानियों का गर्भ व मन से गहरा संबंध होता है । अत: गर्भिणी दिये गये निर्देशों के अनुसार अपनी दिनचर्या निर्धारित करें ।*

*🔹गुरुवार विशेष 🔹*

*🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।*

*🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*

*🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।*

*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*

*🌹 फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।*

*🔸गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।*

*🔸गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।**💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

❤️❤️आज का राशिफल ❤️❤️

🐏मेष

दूसरे से अधिक अपेक्षा करेंगे। जल्दबाजी से काम में बाधा उत्पन्न होगी। दौड़धूप अधिक रहेगी। बुरी सूचना मिल सकती है, धैर्य रखें। बनते कामों में देरी होगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। मित्रों के साथ समय अच्छा व्यतीत होगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। आय में निश्चितता रहेगी।

 

🐂वृष

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। कोई मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। परिवार में प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी से हानि संभव है। शरीर कष्ट से बचें।

 

👫मिथुन

भूमि, भवन, दुकान, शोरूम व फैक्टरी इत्यादि की खरीद-फरोख्त हो सकती है। बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। विवाद को बढ़ावा न दें। कुसंगति से बचें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। धन प्राप्ति सुगम होगी। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

🦀कर्क

जल्दबाजी से काम बिगड़ेंगे तथा समस्या बढ़ सकती है। विरोध होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। बाहर जाने की योजना बनेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का सहयोग कार्य में आसानी देगा। घर-बाहर सुख-शांति बने रहेंगे। नौकरी में चैन रहेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा।

 

🐅सिंह

चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। लापरवाही न करें। किसी व्यक्ति से व्यर्थ विवाद हो सकता है। मानसिक क्लेश होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में कमी हो सकती है। व्यापार ठीक चलेगा। लोगों से अधिक अपेक्षा न करें।

🙍‍♀️कन्या

किसी धार्मिक स्थल की यात्रा की आयोजना हो सकती है। सत्संग का लाभ मिलेगा। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन सहायता प्राप्त होगी। धन प्राप्ति में बाधाएं दूर होंगी। ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा व्यय हो सकता है।

⚖️तुला

कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। योजना फलीभूत होगी। कारोबार में वृद्धि पर विचार हो सकता है। नौकरी में अधिकारीगण प्रसन्न रहेंगे। मातहतों का सहयोग मिलेगा। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। व्यापार में मनोनुकूल लाभ होगा। उत्साह व प्रसन्नता रहेगी। स्वास्थ्‍य उत्तम रहेगा। शुभ समय।

🦂वृश्चिक

परिवार तथा मित्रों के साथ कोई मनोरंजक यात्रा का आयोजन हो सकता है। रुका हुआ पैसा मिलने का योग है। मित्रों के सहयोग से कार्य पूर्ण होंगे। नया कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रशंसा प्राप्त होगी। समय अनुकूल है। आलस्य त्यागकर प्रयास करें।

🏹धनु

पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। विवाद को बढ़ावा न दें। किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय भावना में बहकर न करें। बुद्धि का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। आय बनी रहेगी। थकान महसूस होगी।

🐊मकर

नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति पर व्यय होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। नए मित्र बनेंगे। नया उपक्रम प्रारंभ करने की योजना बन सकती है। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। शुभ समय।

🍯कुंभ

दूर से सुखद सूचना मिल सकती है। घर में मेहमानों का आगमन होगा। व्यय होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बड़ा काम करने का मन बनेगा। परिवार का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। बुद्धि का प्रयोग करें। लाभ बढ़ेगा। मित्रों के साथ अच्छा समय बीतेगा।

🐟मीन

मेहनत का फल मिलेगा। सामाजिक कार्य करने में रुचि रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। किसी प्रभावशाली व्यक्ति से परिचय बढ़ेगा। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय सताएगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। किसी मनोरंजक यात्रा की योजना बनेगी। बुरे लोगों से दूर रहें।

🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏

*🌞🚩🚩 *” ll जय श्री राम ll “* 🚩🚩🌞*

#बजरंग_बाण

बजरंग बाण की रचना संत गोस्वामी तुलसीदास जी ने उस समय की, जब उनके ऊपर हर ओर से तंत्र आदि के माध्यम से प्रेत पिसाच भूत आदि के द्वारा आक्रमण किया जा रहा था। इन सबसे तुलसीदास जी अत्यंत पीड़ित होकर भगवान श्री हनुमान जी से प्रार्थना करने लगे। यही प्रार्थना है “श्री बजरंग बाण”।
बजरंग बाण हर प्रकार की भूत प्रेत आदि की बाधा से मुक्ति दिलाता है, एवम् ऐसे कार्य के लिए अमोघ अस्त्र के रूप में कार्य करता है, इसलिए इसका नाम बजरंग बाण है।

बजरंग बाण 4 चरणों में कहा गया है, जो इस प्रकार से है:

1. निश्चय प्रेम प्रतीति ते विनय करें सनमान, तेहि के कारज सकल शुभ सिद्ध करें हनुमान।। यहां पर ये बताया गया है की हनुमान जी किनके कार्य सिद्ध करते हैं। यानी निश्चय के साथ या संकल्प लेकर प्रेम पूर्वक जो विनय से झुककर श्री हनुमान जी से प्रार्थना करेगा, उसके सभी कार्य हनुमान जी स्वयं सिद्ध कर देंगे।

2. जय हनुमंत संत हितकारी सुन लिजै प्रभु विनय हमारी…. से लेकर।। लाह समान लंक जर गई, जय जय ध्वनि सुरपुर नभ भई।। यहां तक जो भाग में इसमें श्री हनुमान जी स्तुति की गई, उनकी महिमा का बखान किया गया है की कैसे उन्होंने सिंधु लांघा, सुरसा की परीक्षा पार करी, कैसे अक्षय कुमार का संघार किया, लंका विध्वंस किया, सीता माता का पता लगाया, विभीषण को सुख प्रदान किया।

जब हम अपने किसी बड़े से कोई कार्य सिद्ध कराते हैं तो पहले विधिवत उसकी महिमा कहते हैं उसे प्रसन्न करते हैं उसकी स्तुति करते हैं, यही नियम है और यही कार्य तुलसीदास जी ने किया है। एवम् हमे भी ये सदैव ध्यान रखना चाहिए की अपने से श्रेष्ठ के सम्मुख किस प्रकार से अपनी प्रार्थना रखनी चाहिए यही तुलसीदास जी ने हमें बताया है।

3. अब विलंब केही कारण स्वामी, कृपा करूह उर अंतर्यामी…. से लेकर।। अपने जन को तुरंत उबारो, सुमिरत होय आनंद हमारे।।

अब हनुमान जी की विधिवत स्तुति करने के उपरांत तुलसीदास जी ने अपनी समस्या श्री हनुमानजी को बताई है एवम् अपनी असमर्थता बताते हुए यहां पर समर्पण करते हुए श्री हनुमान जी को अनेक प्रकार से शपथ दिलाई की प्रभु दया करो, रक्षा करो, कल्याण करो। भूत, प्रेत, पिसाच, निशाचर, अग्निबेताल, काल, मारी, मार इन्हे मारने की शपथ दिलाई हनुमान जी को, पूजा, जप, तप, विधि विधान, आचार विचार कुछ नही जानता आपका ये दास, परंतु किसी अवस्था में भी आपके नाम से सहारे कही भी रह सकते हैं चाहे वन उपवन हो या कोई अन्य स्थान। अर्थात जब अपने श्रेष्ठ से, गुरु से माता पिता से अपनी समस्या या व्यथा बताता हो तो फिर पूर्ण रूप से बिना संकोच के सब बता देना चाहिए कुछ भी नही छुपाना चाहिए। एवम् प्रेमवश यदि शपथ भी देना पड़े तो इसमें भी कोई दोष नही है। यही तुलसीदास जी ने बताया है।

4. यह बजरंग बाण जेहि मारए ताहि कहो फिर कवन उबारय, पाठ करे बजरंग बाण की हनुमत रक्षा करै प्राण की।।… से लेकर।। धूप देय जो जपे हमेशा, तन नही ताके रहे कलेशा।।

जैसा की अधिकतर स्तोत्र एवम् स्तुति में होता अंतिम में उसकी फलश्रृति कही गई है कि, बजरंग पाठ करने से क्या क्या लाभ होगा। बजरंग बाण पाठ करने वाले को भूत प्रेत आदि से भय नहीं होता, उसके शरीर के क्लेश समाप्त होने लगते हैं, एवम्

सबसे महत्वपूर्ण की जो बजरंग बाण का पाठ करेगा हनुमान जी उसके प्राणों की रक्षा अवश्य करेंगे।

विद्याशंकर मंदिर… चिकमंगलूर, कर्नाटक। इस मंदिर में बारह ख़ंबे हैं। जिन पर सुबह के वक्त सूर्य की किरणें पड़ती हैं लेकिन अचरज की बात ये है कि हिंदू वर्ष के अनुसार जो महीना चल रहा होता है। उसी नं. के ख़ंबे पर सूर्य किरण पड़ती है। और महीना बदलते ही उससे अगले वाले ख़ंबे पर अगले एक महीने तक सूर्य किरण पड़ती है… ऐसी अनोख़ी इंजिनियरिंग का प्रयोग करने वाले हमारे पूर्वजों के बारे में हमें कभी कहीं कुछ नही पढ़ाया गया। बल्कि जो हमारे देश को लूटने आए थे और जिन्होने हमारे ऐसे ही महान वास्तुकला से भरपूर हजारों मंदिर गिरा दिये। उन आक्रांताओं की स्तुति करती किताबें हमें पढाई गई… जय सनातन जय हिंदू राष्ट्र।।oaqwa