आज का पंचाग आपका राशि फल, सिंध का बंटवारा पंजाब और बंगाल से अलग था क्योंकि सिंधियों के प्रांत का विभाजन नहीं अपितु पूरा प्रांत छीनकर उन्हें बेघर और अनाथ कर दिया गया, कमांडर्स समिट में पीएम मोदी ने कहा ‘नए खतरों से निपटने के लिए तैयार रहे सेना’ चीन और पाकिस्तान के समुद्री चालों के लिए देश के तटों पर नियत होगी ब्रह्मोस मिसाइल

आज रामनवमी के शुभ अवसर पर कर्नाटक मे RSS के प्रयासों से 18 ईसाई परवारों ने हिंदूधर्म मे वापसी की!

🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🕉  

🌄सुप्रभातम🌄

🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻रविवार, २ अप्रैल २०२३🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:२४

सूर्यास्त: 🌅 ०६:३८

चन्द्रोदय: 🌝 १५:०९

चन्द्रास्त: 🌜२८:४३

अयन 🌖 उत्तरायणे (उत्तरगोलीय)

ऋतु: 🎋 बसंत

शक सम्वत: 👉 १९४५ (शोभकृत)

विक्रम सम्वत: 👉 २०८० (नल)

मास 👉 चैत्र 

पक्ष 👉 शुक्ल 

तिथि 👉 द्वादशी (पूर्ण रात्रि)

नक्षत्र 👉 मघा (पूर्ण रात्रि)

योग 👉 शूल (२७:२१ से गण्ड)

प्रथम करण 👉 बव (१७:२४ तक)

द्वितीय करण 👉 बालव (पूर्ण रात्रि)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

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सूर्य 🌟 मीन 

चंद्र 🌟 सिंह 

मंगल 🌟 मिथुन (उदित, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)

गुरु 🌟 मीन (अस्त, पश्चिम, मार्गी)

शुक्र 🌟 मेष (उदित, पश्चिम)

शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)

राहु 🌟 मेष 

केतु 🌟 तुला 

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५६ से १२:४६

अमृत काल 👉 २८:४४ से ०६:३१

विजय मुहूर्त 👉 १४:२६ से १५:१६

गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:३५ से १८:५८

सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:३६ से १९:४५

निशिता मुहूर्त 👉 २३:५७ से २४:४३

राहुकाल 👉 १७:०२ से १८:३६

राहुवास 👉 उत्तर

यमगण्ड 👉 १२:२१ से १३:५४

होमाहुति 👉 शनि

दिशाशूल 👉 पश्चिम

अग्निवास 👉 पाताल

चन्द्रवास 👉 पूर्व

शिववास 👉 कैलाश पर

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – उद्वेग २ – चर

३ – लाभ ४ – अमृत

५ – काल ६ – शुभ

७ – रोग ८ – उद्वेग

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – शुभ २ – अमृत

३ – चर ४ – रोग

५ – काल ६ – लाभ

७ – उद्वेग ८ – शुभ

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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पूर्व-उत्तर (पान का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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कामदा एकादशी व्रत (निम्बार्क), हरि दमनोत्सव, विष्णु द्वादशी आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज ३०:१५ तक जन्मे शिशुओ का नाम मघा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (मा, मी, मू, मे) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

मीन – २९:२० से ०६:४३

मेष – ०६:४३ से ०८:१७

वृषभ – ०८:१७ से १०:१२

मिथुन – १०:१२ से १२:२७

कर्क – १२:२७ से १४:४८

सिंह – १४:४८ से १७:०७

कन्या – १७:०७ से १९:२५

तुला – १९:२५ से २१:४६

वृश्चिक – २१:४६ से २४:०५

धनु – २४:०५ से २६:०९

मकर – २६:०९ से २७:५०

कुम्भ – २७:५० से २९:१६

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पञ्चक रहित मुहूर्त

रोग पञ्चक – ०६:०६ से ०६:४३

चोर पञ्चक – ०६:४३ से ०८:१७

शुभ मुहूर्त – ०८:१७ से १०:१२

रोग पञ्चक – १०:१२ से १२:२७

शुभ मुहूर्त – १२:२७ से १४:४८

मृत्यु पञ्चक – १४:४८ से १७:०७

अग्नि पञ्चक – १७:०७ से १९:२५

शुभ मुहूर्त – १९:२५ से २१:४६

रज पञ्चक – २१:४६ से २४:०५

शुभ मुहूर्त – २४:०५ से २६:०९

चोर पञ्चक – २६:०९ से २७:५०

शुभ मुहूर्त – २७:५० से २९:१६

रोग पञ्चक – २९:१६ से ३०:०४

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आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज के दिन आप अधिकांश कार्य बुद्धि विवेक के साथ करेंगे लेकिन स्वार्थ सिद्धि की भावना अधिक रहने के कारण अपना हित साधने के लिये किसी अन्य को परेशानी में डालने में संकोच नही करेंगे। घर अथवा बाहर पिता अथवा किसी वरिष्ठ व्यक्ति का जिद्दी स्वभाव क्रोध दिलाएगा लेकिन ध्यान रखें आज धैर्य रखने पर ही इनसे लाभ और सम्मान मिलेगा। महिलाए के मन मे कोई गुप्त युक्ति लगी रहेगी स्वभाव भी सनकियो जैसा रहने के कारण आस पास के लोगो को पसंद नही आएगा। अचल संपत्ति के कार्यो में आज ढील देना ही बेहतर है सरकारी पचड़ों से स्वयं को दूर रखें। संध्या के समय कही से आकस्मिक धन अथवा शुभ समाचार मिल सकता है। आवश्यक कार्य आज पूरा कर लें इसके बाद कलह क्लेश की भेंट चढ़ेगा। शरीर मे छोटी मोटी व्यादि लगी रहेगी। 

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज का दिन विपरीत फलदायी रहेगा स्वभाव में रखापन और बात बात पर क्रोध आने से आसपास के लोग आपके साथ व्यवहार करने में असहज अनुभव करेंगे। मध्यान तक ज्यादा आवश्यकता पड़ने पर ही बोले इसके बाद स्वभाव में नरमी आने लगेगी। कार्य क्षेत्र पर कोई भी भला बुरा निर्णय लेने से पहले अवश्य विचार करें शीघ्र ही इसकी पुनरावृति होगी। कार्य व्यवसाय को लेकर भी मध्यान तक कोई न कोई दुविधा लगी रहेगी इसके बाद कहि से आकस्मिक लाभ मिलने पर शान्ति मिलेगी। सहकर्मी अथवा किसी स्वजन पर अनैतिक दबाव ना बनाये अन्यथा स्वयं ही मुसीबत में फसेंगे। पति पत्नी एक दूसरे की भावनाओ को समझे छोटी बातों पर कलह हो सकती है। पेट संबधित संमस्या लगी रहेगी।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज का दिन आपको किसी ना किसी रूप में धन अथवा अन्य लाभ कराएगा लेकिन आज भी मन मे चल रही कामना पूर्ति होने में कोई व्यवधान अवश्य आएगा। दिन के आरम्भ में आलसी स्वभाव के कारण दिनचार्य धीमी चलेगी लेकिन मध्यान के समय कही से लाभ की संभावना बनने पर कार्य के प्रति गंभीरता आएगी। कार्य क्षेत्र पर पुरानी योजना से लाभ होगा नए कार्यो में भी निवेश कर सकते है निकट भविष्य में लाभ देगा। महिलाओ की मानसिकता आज सुखोपभोग की रहेगी जिस कारण घर के कार्य अस्त व्यस्त होंगे। आज अचल संपत्ति सम्पति संबंधित अधूरे कार्य को प्रथमिकता दे सफलता की संभावना अधिक है। विपरीत लिंगीय के प्रति शीघ्र आकर्षित हो जाएंगे।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज परिस्थियां आपके अनुकूल तो नहीं फिर भी मन को संतोष अवश्य देंगी। सुबह से ही आलस्य प्रमाद में रहेंगे कार्य क्षेत्र को लेकर किसी विशेष सोच में समय खराब होगा मौके की तलाश में रहेंगे परन्तु आज भाग दौड़ से बचने का प्रयास होने वाले लाभ में कमी लाएगा। कार्य क्षेत्र पर मंदी के कारण मन कम ही लगेगा फिर भी संध्या के आसपास कामचलाऊ धन की आमद हो जाएगी। घर मे आपका उदासीन व्यवहार परिजनों को पसंद नही आएगा बड़े बुजुर्गों से मार्गदर्शन के साथ ताने भी सुनने को मिलेंगे। सरकारी क्षेत्र से आज संभावना होने पर भी लाभ नहीं मिल सकेगा। संध्या का समय राहत वाला रहेगा किसी समारोह में सम्मिलित होंगे प्रियजनों से भेंट मन हल्का करेगी। 

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज के दिन आपका व्यवहार बच्चों जैसा रहेगा अपनी बचकाना हरकतों से नाराज लोगो को भी हंसने पर मजबूर करेंगे। दिन के आरम्भ से मध्यान तक लगभग सभी कार्यो में लापरवाही दिखाएंगे किसी की डांट फटकार सुनने के बाद ही स्वभाव में गंभीरता आएगी। मीठा बोलने वालों से आज विशेष सावधानी बरतें पीठ पीछे आपको हानि पहुँचा सकते है। कार्य व्यवसाय में दोपहर के बाद लाभ की संभावना बनेगी लेकिन टलते टलते संध्या के समय आकस्मिक रूपनसे होगी। धन आज आएगा लेकिन टिकेगा नही रूठो को मनाने अथवा पारिवारिक व्यवहारों पर खर्च करना पड़ेगा। शाम के समय थकान बनने से उत्साह हीनता बढ़ेगी। संचित कोष में कमी आएगी।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज के दिन आपका व्यवहार अनाड़ियों जैसा रहेगा सेहत आज लगभग सामान्य बनी रहेगी कार्य क्षेत्र पर अथवा अन्य कारणों से जमा पूंजी खर्च करेंगे। मध्यान तक कि दिनचार्य अस्त व्यस्त रहेगी इसके बाद ही थोड़ी स्थिरता आ पाएगी। काम धंधे को लेकर कोई नई संमस्या खड़ी होगी इसका आज निपटारा सम्भव नही जोर जबरदस्ती भी ना करें अन्यथा बात बिगड़ सकती है। आज अपने बलबूते ही कार्य करने का प्रयास करे अन्य के भरोसे बैठकर हानि हो सकती है धन की आमद खर्च से कम रहने के कारण आर्थिक विषमताओं का सामना करना पड़ेगा। मित्र परिचित के कार्य में सहभागिता देनी पड़ेगी। महिलाए आज अपने मन की करेंगी। 

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आपका आज का दिन सामाजिक कार्यो में समर्पित रहेगा आज आप परोपकार एवं स्वार्थ सिद्धि के बीच उलझे रहेंगे अपने नियत कार्यो में फेरबदल कर मित्र परिचितों के आवश्यक कार्यो में समय देना पड़ेगा लेकिन प्रशंशा की जगह आज अपमान हो सकता है विशेषकर सार्वजनिक क्षेत्र पर विपरीत लिंगीय से सावधानीपूर्वक व्यवहार करें लांक्षन लगने की संभावना है। कार्य व्यवसाय में सहकर्मी अथवा अधीनस्थों के ऊपर निर्भर रहना पड़ेगा जिससे लाभ की संभावना भी आज कम ही रहेगी। आत्मनिर्बर होकर जोभी कार्य करेंगे उसमे आरंभिक परेशानी के बाद आकस्मिक लाभ होने की संभावना है। सेहत भी अकस्मात ही नरम होगी।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन आपके लिये किसी बहुप्रतीक्षित कामना की पूर्ति कराएगा लेकिन इसके लिये व्यवहार में मिठास भी रखनी पड़ेगी अन्यथा परिणाम विपरीत भी हो सकते है। दिन के आरंभ से ही किसी जरूरी कार्य को लेकर व्यस्त रहेंगे दोपहर के बाद इसके पूर्ण होने पर राहत मिलेगी। आज किसी सार्वजनिक कार्य को लेकर भी दिनचार्य में बदलाव करना पड़ेगा। कार्य व्यवसाय स्थल पर अनुकूल वातावरण कुछ समय के लिये ही मिलेगा इसका समय रहते लाभ उठाएं अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा। धन की आमद आज बिना मेहनत के ही हो जाएगी जिससे स्वभाव में आलस्य रहेगा। महिलाओ का दिमाग बिना मेहनत सफलता मिलने पर सातवे आसमान पर रहेगा। संध्या के समय सेहत थोड़ी नरम रहने पर भी मनोरंजन के अवसर तलाशेंगे।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज के दिन आप धार्मिक कार्यो में अधिक रुचि लेंगे दिन के आरंभिक भाग में व्यस्तता में भी पूजा पाठ के लिये समय निकाल लेंगे दिन का आरंभ ऊर्जावान रहने से शेष भाग में भी मानसिक रूप से शांति बनी रहेगी। मध्यान के बाद स्वभाव में ईर्ष्या आएगी जिससे लोगो मे आपके प्रति हीनभावना बढ़ सकती है लेकिन आपके परोपकारी स्वभाव के चलते लोग छोटी मोटी बातो को अनदेखा करेंगे। कार्य व्यवसाय में लाभ के अवसर मिलेंगे यहाँ लोभ से बचे अन्यथा थोड़े बहुत लाभ से भी वंचित हो जाएंगे। घर मे आज वैचारिक मतभेद रहने के बाद भी आपके कद में वृद्धि होगी। अपच के कारण अन्य शारीरिक समस्या बन सकती है खान पान में संयम बरते।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आपको आज का दिन सावधानी से बिताने की सलाह है। जाने अनजाने कोई ऐसा काम हो सकता है जिसका भुगतान लंबे समय तक करना पड़ेगा साथ ही किसी प्रियजन से संबंधों में खटास भी बनेगीं। कार्य व्यवसाय से आज जो भी उम्मीद लगाएंगे परिणाम उसके विपरीत ही रहने वाले है इसलिए आर्थिक मामलों में अधिक सतर्कता बरते। उधार लिया धन शीघ्र लौटाने का प्रयास करें अन्यथा मान हानि हो सकती हैं। परिजन का व्यवहार भी अनापेक्षित रहेगा जिससे बात बात पर गुस्सा आएगा आज धैर्य और विवेक का परिचय दें कल से परिस्थिति सुधरने लगेगी। किसी भी प्रकार के जोखिम से बचें हानि ही निश्चित है। यात्रा टालने के प्रयास करे सेहत बिगड़ने की संभावना है।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज के दिन से आप कुछ ना कुछ लाभ अवश्य उठाएंगे आपका निखारा हुआ व्यक्तित्त्व भी कठिन कार्यो को आसान बनाने में सहायता करेगा। जिस भी कार्यो को करेंगे पूर्ण समर्पित भाव से ही करेंगे इसलिये किसी का भी गैरजिम्मेदार व्यवहार पसंद नही करेंगे। आज छोटे भाई बहन को आपसे अथवा आपको उनसे किसी भी रूप में लाभ होने की सम्भवना है। शत्रु पक्ष अपनी ही गलतियों के कारण आपके सामने आने की हिम्मत नही कर पाएंगे। व्यावसायिक स्थल पर आपकी बातों को महत्त्व मिलेगा प्रतिस्पर्धा कम रहने का पूरा लाभ उठाये लेकिन आज अतिआत्मविश्वाश और अहम की भावना से बचे अन्यथा परिणाम विपरीत हो सकते है। आर्थिक अथवा पारिवारिक कारणों से यात्रा करनी पड़ सकती है इसमे सतर्कता बरते।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज का दिन आपके लिये खर्चीला रहेगा। आपका स्वभाव भी दिखावा पसन्द रहने के कारण आवश्यकता से अधिक खर्च करेंगे। कार्य क्षेत्र पर भाग्य का साथ कम ही मिलेगा मध्यान के बाद लाभ के अवसर मिलेंगे जिन्हें लापरवाही के चलते हाथ से निकाल सकते है। धन की आमद को लेकर आज बेपरवाह रहेंगे फिर भी काम चलाऊ हो ही जायेगी। कोर्ट कचहरी अथवा अन्य सरकारी कार्यो के ऊपर भी खर्च करना पड़ेगा आज जितना हो सके व्यर्थ के खर्च से बचे नही तो बाद में आर्थिक उलझने परेशान करेंगी। नौकरी पेशाओ का अधिकारी वर्ग से अनबन होने की संभावना है जिसका परिणाम बाद में परेशान करेगा जल्दबाजी में कोई निर्णय ना लें। पति-पत्नी में किसी न किसी बात को लेकर मतभेद रहेंगे। 

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️🙏राधे राधे🙏

सिंध का बंटवारा पंजाब और बंगाल से अलग है !

सिंध को हमसे बिछड़े 75 बरस हुए !
सिंधियों की जो पीढ़ी बंटवारे के दौरान इस पार आई थी उनमें से ज्यादातर अब इस दुनिया में नहीं हैं .
बचे-खुचे कुछ बूढ़ों की धुंधली यादों के सिवा अब सिंध सिर्फ हमारे राष्ट्रगान में रह गया है .
इन 75 सालों में हमें यह एहसास ही नहीं हुआ
कि हमने सिंध को खो दिया है .
इस बीच सिंधियों की दो पीढ़ियां आ गई हैं पर सिंध और सिंधियों के पलायन के बारे में हम अब भी ज्यादा कुछ नहीं जानते.

बंटवारे का सबसे ज्यादा असर जिन तीन कौमों पर पड़ा उनमें *पंजाबी,बंगाली और सिंधी* थे .
मगर बंटवारे का सारा साहित्य फिल्में और तस्वीरें पंजाब और बंगाल की कहानियों से भरी हैं. मंटो के अफसानों से भीष्म साहनी की ‘तमस’ तक बंटवारे के साहित्य में पंजाब और बंगाल की कहानियां हैं .
सिंध उनमें कहीं नहीं है.

पंजाबी और बंगालियों के मुकाबले सिंधियों का विस्थापन अलग था.
पंजाब और बंगाल का बंटवारा एक बड़े सूबे के बीच एक लकीर खींच कर दो हिस्सों में बांटकर किया गया था .
सरहद के दोनों तरफ भाषा, खान-पान और जीने के तौर तरीके एक से थे।

सिंधियों के प्रांत का विभाजन नहीं हुआ था। उनसे पूरा का पूरा प्रांत छीनकर उन्हें बेघर और अनाथ कर दिया गया था।

यह बात हैरान करती है
कि हमारे साहित्यकारों, इतिहासकारों ने कभी यह जानने की कोशिश नहीं की, कि बंगाल और पंजाब की तरह सिंध का विभाजन क्यों नहीं हुआ ?
क्यों 12 लाख हिंदू सिंधियों को देशभर में बिखर जाना पड़ा ?

अगर विभाजन का आधार धर्म था
तो सिंध तो पश्चिम की तरफ हिंदू धर्म का आखिरी छोर माना जाता है !
वह सिंध जहां के राजा दाहिरसेन अंतिम हिंदू सम्राट माने जाते हैं !

वह सिंध जहां 1940 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के देशभर के मुकाबले सबसे अधिक प्रचारक रहते थे !
उस सिंध को सिंधी हिन्दू पूरा का पूरा छोड़ आए…?

इस सवाल को समझने के लिए
आपको विभाजन के पंजाबी और बंगाली अनुभव को भूलना होगा .

बंटवारे के वक्त सिंध का माहौल पूरे देश से अलग था. वहां न तो कोई कौमी दंगे थे ना हिंदू-मुसलमान के बीच नफरत का माहौल.
ज्यादातर सिंधी मानते थे कि बंटवारा एक अफवाह है,और हमें कहीं नहीं जाना है .

नंदिता भावनानी अपनी किताब ‘मेकिंग ऑफ एग्जाइल’ में लिखती हैं -“3 जून 1947 को माउंटबैटन ने भारत की आजादी की घोषणा की.. ” तब बिहार ,दिल्ली , लाहौर , कलकत्ता समेत तमाम जगहों पर कौमी दंगे चल रहे थे।
पर सिंध लगातार शांत बना रहा .”
इक्का-दुक्का हादसों को छोड़ दें तो सिंधी हिंदू अपने सिंधी मुसलमान भाइयों के साथ अमन और मोहब्बत के साथ रहे। शांति और भाईचारे की वजह से सिंधियों को लगा कुछ दिनों बाद सब ठीक हो जाएगा।

गांधी ने जो यूटोपियन ख्वाब देखा था सिंध
उसे सचमुच जी रहा था।
सिंध में कौमी दंगे ना होने की दो वजहें थीं।
पहली सिंधियों का सूफियाना शांत स्वभाव।
सिंधु नदी के पानी में शायद मोहब्बत की तासीर है कि सिंध में हिंदू और मुसलमान 1100 साल तक साझा बोली, साझी तहजीब के साथ प्रेम से रहे।

बेशक धर्म अलग था,
पर सिंधियों ने उसका भी तोड़ कर लिया था .
सूफी दरवेशों ने सिंध को भक्ति और इबादत का एक साझा रास्ता दिखाया
जहां हिंदू मुसलमान बगैर अपना धर्म छोड़े साथ साथ इबादत सकते थे।
सूफीइज़्म पैदा भले ही सिंध में ना हुआ हो पर शांत स्वभाव वाले सिंधियों को यह रास आ गया।
आज भी सिंध में सूफियों के मशहूर डेरे हैं जहां लाखों लोग इबादत के लिए जाते हैं ।

सूफियाना मिजाज़ और भाईचारे के अलावा सिंध में दंगे ना होने का एक व्यावहारिक कारण भी था .
एक दूसरे पर आर्थिक निर्भरता।
1843 में अंग्रेजों के आने के बाद से सिंध में हिंदुओं ने तेजी से तरक्की की।
अंग्रेजों द्वारा सिंध को बंबई प्रेसिडेंसी में शामिल करने के फैसले ने भी हिंदुओं को ताकत दी।
1947 आते आते अल्पसंख्यक हिंदुओं के पास सिंध की 40% से अधिक जमीन थी।
ज्यादातर व्यापार धंधा हिंदुओं के पास था।
सिंधी मुसलमान जान रहे थे कि हिंदुओं के जाने का मतलब काम-धंधों का खत्म होना है।
जिसका असर उनके रोजगार पर आएगा।
इसलिए मुसलमानों ने आखिरी समय तक हिंदुओं को रोकने की कोशिश की।

काम धंधे खत्म होने का उनका शक सही था।
सिंध की आर्थिक तरक्की पर हिंदुओं के जाने का बुरा असर पड़ा।
कई शहर और धंधे आज भी इस हादसे से उबर नहीं पाए हैं।

बंटवारे का पहला एहसास सिंधियों को उन मुसलमानों ने कराया
जो बिहार-यूपी और कलकत्ता से निकलकर सिंध में बसने आए।
मुहाजिर कहलाने वाले ये लोग अपने साथ कौमी दंगों के खौफनाक किस्से लाए थे।
इन लोगों ने अफवाहों और खौफ का सिलसिला चलाया।
फिर 1948 में कराची में जब दंगा हुआ तब सिंधियों का पलायन शुरू हुआ। परंतु तब भी वह घर की चाबियां पड़ोसियों को दे कर आए कि माहौल ठीक होते ही हम लौट आएंगे।

कोई सिंधी हिंदू यह सोचकर नहीं निकला
कि वह हमेशा के लिए अपनी मिठड़ी सिंध से जुदा हो रहा है।
इस मुगालते की कीमत उन्हें चुकानी ही थी।

सिंध से भारत आने के दो रास्ते थे।
पहला रेलगाड़ी द्वारा मरुस्थल पार कर जोधपुर आना और दूसरा कराची से समुद्र के रास्ते मुंबई या जामनगर।

रेलगाड़ी और जहाज कम थे और लोग ज्यादा !
इसलिए कराची में अपना नंबर आने तक कभी कभी 15 से 20 दिन इंतजार भी करना पड़ता था . पर ना तो इंतजार के दौरान और ना ही सफर के दौरान कोई बड़ा हादसा हुआ .

सफर असुविधाजनक था पर बारह लाख सिंधी हिंदू मुंबई और जोधपुर पहुंच गए .. यह और बात है कि
जोधपुर के स्टेशन और मुंबई के बंदरगाह से बाहर निकलते ही वह एक ऐसी दुनिया में आ गए थे
जहां की न बोली उन्हें आती थी ना रहन-सहन पता था . अब एक अजनबी देश में अजनबी लोगों के साथ, एक अजनबी भाषा में उन्हें अपनी रोटी कमाने की जुगाड़ करनी थी।

जाहिर है इस जद्दोजहद में उन्हें अपना साहित्य, भाषा ,गीत, खानपान और तहजीब की कुर्बानी देनी थी.

इतिहासकार मोहन गेहानी अपनी किताब ‘डेजर्ट लैंड टू मेन लैंड’ में सवाल उठाते हैं
कि बंटवारे के वक्त किसी राजनेता ने नहीं सोचा कि सिंध का बंटवारा कैसे होगा। होना तो यह चाहिए था कि सिंधियों की कुर्बानी के बदले उन्हें एक सिंध का एक हिस्सा लेकर नया प्रांत भारत में बना कर दिया जाता ,
ताकि सिंधी भाषा और संस्कृति जिंदा रह सके .

भारत में कच्छ का इलाका जिसकी भाषा का सिंधी का ही एक डायलेक्ट है, सिंधियों को बचाने के लिए एक माकूल जगह हो सकती थी। इसके लिए कोशिश भी हुई . सिंधी नेता भाई प्रताप इस बात को लेकर महात्मा गांधी से मिले .

गांधीजी ने भी कच्छ में सिंधियों को बसाने के प्रस्ताव का समर्थन किया महाराजा कच्छ ने 15000 एकड़ जमीन सिंधु रिसेटलमेंट कारपोरेशन को दान में दी। पर *सिंधियों की बदनसीबी* कि
अचानक सरकार ने राजाओं द्वारा अपनी संपत्तियां रिश्तेदारों को दान में देने से बचाने के लिए इस तरह के दानपत्र कानून बनाकर अमान्य कर दिए। यह दानपत्र भी उसी कानून की चपेट में आ गया।

फिर कानूनी लड़ाई लड़ते इतना वक्त बीत गया कि इस बीच सिंधी भारत के अलग-अलग जगहों पर बस गए।

सिंधियों के लिए अलग प्रांत की बात अब भी उठती है . बिहार के हेमंत सिंह ने एक किताब लिखी है ‘आओ हिंद में सिंध बनाएं’.

उनका कहना है -जब भारत के राष्ट्रगान में सिंध है तो जमीन पर भी होना चाहिए । पर सिंध शायद किसी मेले में भारत के इतिहास की उंगली से छूट कर गुमा हुआ बच्चा है जिसके मिलने की आस हर दिन के साथ और धुंधला जाती है। जहां तक सिंधियों का सवाल है, उन्हें अब जाकर समझ आ रहा है कि जमीन के अलावा भाषा, तहजीब और वो तमाम चीजें क्या हैं, जो बंटवारे ने उनसे छीन ली. शायद अब वे समझ पा रहे हैं कि सिंधी साहित्यकार कृष्ण खटवानी की इस बात का मतलब क्या है कि – “मैं कविता कैसे लिखूं …, मेरी कलम सिंधु नदी के किनारे बहती हवाओं में ही चलती है …”

हादसा बड़ा हो तो उसे देखने के लिए थोड़ा दूर जाना पड़ता है.शायद 75 साल वो फासला है जिसके पार जाकर हम सिंध को खोने के नुकसान का अंदाजा लगा सकें.

*रविवार, 02 अप्रैल 2023 के मुख्य सामाचार*

🔸चीन और पाकिस्तान के समुद्री खतरों से निपटेगा भारत, देश के तटों पर तैनात की जाएगी ब्रह्मोस मिसाइल

🔸कमांडर्स समिट में बोले पीएम मोदी- नए खतरों से निपटने के लिए तैयार रहे सेना

🔸पीएम मोदी की डिग्री पर संदेह और बढ़ा दिया… गुजरात हाईकोर्ट के फैसले पर बोले अरविंद केजरीवाल

🔸मार्च में 1.60 लाख करोड़ रुपए से अधिक का GST कलेक्शन, अब तक का दूसरा सबसे ज्यादा GST संग्रह

🔸बढ़ती मंहगाई को लेकर मोदी सरकार पर भड़के राहुल गांधी, कहा- मैं यूं हीं इन्हें ‘जेबकतरी सरकार’ नहीं कहता। लेकिन मंहगाई कम करने के लिए राहुल भी नहीं दे पाये कोई नीतीगत सुझाव। 

🔸फिर से आंखें दिखाने लगा कोरोना: भारत में पिछले 24 घंटे में कोविड के सामने आए 3 हज़ार के करीब नए मामले

🔸85 देशों को बेच रहे हथियार, रिकॉर्ड स्तर पर रक्षा निर्यात; भारत का बढ़ता दबदबा

🔸नालंदा के बिहारशरीफ में फिर भड़की हिंसा, 1 की मौत, शहर में कर्फ्यू

🔸Maruti का झटका: कंपनी ने व्हीकल्स के बढ़ाए दाम, नई कीमत आज से लागू

🔸शरद पवार ने वीर सावरकर को प्रगतिशील सोच वाला बताया, कांग्रेस को परोक्ष हमला

🔸VD Savarkar: सावरकर के बलिदान को कोई भी उपेक्षा नहीं कर सकता- राकांपा प्रमुख शरद पवार

🔸West Bengal: बर्द्धमान में भाजपा नेता की गोली मारकर हत्या, अपराधी फरार: पुलिस ने शुरू की जांच

🔸फिर मुश्किल में फंसे राहुल गांधी: कांग्रेस नेता के खिलाफ एक और मानहानि का मुकदमा, आरएसएस की तुलना कौरवों से करने पर दायर हुई याचिका

🔸पंजाब सरकार ने बंद किए 8 टोल प्लाजा, CM मान बोले- रोजाना लोगों को होगी 10 लाख की बचत

🔸कर्नाटकः चुनाव की घोषणा के साथ नेताओं के पाला बदलने का दौर शुरू, JDS विधायक भाजपा में शामिल

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🔹आईपीएल 2023: डकवर्थ लुईस के आधार पर पंजाब किंग्स ने 7 रन से जीता मैच, कोलकाता की टीम बारिश से खा गई मात

                 

*®️_##_बदलाव क्या है?*

📌 एक दशक पहले 3 करोड़ लोग बेघर थे, आज उनके पास पक्का प्रधानमंत्री आवास है!

📌 एक दशक पहले 11.68 करोड़ से ज्यादा घरों में शौचालय नहीं थे, आज उनके पास इज्जत घर है!

📌 एक दशक पहले कोई सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना नहीं थी, आज 50 करोड़ लोगों के पास 5 लाख तक मुफ्त इलाज सुविधा वाला आयुष्मान भारत है!

📌 एक दशक पहले 9.56 करोड़ घरों में गैस का कनेक्शन नहीं था, आज उज्ज्वला योजना का सिलेंडर है!

📌 एक दशक पहले रेलवे की पटरियों पर गंदगी बजबजाती थी, आज वंदेभारत ट्रेन चलती है!

📌 एक दशक पहले किसानों की फसलों का कोई बीमा नहीं था, आज 11.42 करोड़ किसानों के पास प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना है!

📌 एक दशक पहले 11.37 करोड़ किसानों को कोई सुविधा नहीं मिलती थी, आज पीएम सम्मान निधि मिल रही है!

📌 एक दशक पहले 50 लाख रेहड़ी पटरी वाले दुकानदारों को कोई सुविधा नहीं थी, आज श्रमयोगी मानधन योजना का सहारा है!

📌 एक दशक पहले किसानों की फसलों का उचित दाम दिलाने के लिए एक मार्केट प्लेस नहीं था, आज ई-नाम प्लेटफॉर्म से 1.74 करोड़ किसान लाभान्वित हो रहे है!

📌 एक दशक पहले सेना के पास हथियार गोलाबरूद नहीं थे, आज राफेल, चिनूक, ब्रह्मोस, तेजस, अग्नि, आकाश, जैसे हथियार/विमान है!

📌 एक दशक पहले भारत रक्षा आयातक देश था, आज हम विभिन्न हथियारों को निर्यात करने लगे है!

📌 एक दशक पहले भारत में मोबाइल फोन आयात होता था, आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता है!

📌 एक दशक पहले 18000 से भी अधिक गांव आजादी के 70 साल बाद भी अंधेरे में थे, आज एक भी ऐसा गांव नहीं है जहां बिजली न पहुंची हो!

📌 एक दशक पहले कुछ ही ग्राम पंचायत में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क था, आज 1.88 लाख ग्राम पंचायत में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क है!

📌 एक दशक पहले कॉमन सर्विस सेंटर नहीं थे, आज 5.49 लाख कॉमन सर्विस सेंटर है!

📌 एक दशक पहले 98 हजार किलोमीटर से भी कम राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क हुआ करता था, आज 1.44 लाख किलोमीटर से ज्यादा विश्वस्तरीय राष्ट्रीय राजमार्ग का नेटवर्क है!

📌 एक दशक पहले गरीबों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध नहीं थी, आज 8.9 हजार से ज्यादा जन औषधि स्टोर है जहां 60-80% कम दामों पर जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध है!

📌 एक दशक पहले 2.18 करोड़ घरों में बिजली नहीं थी, आज सौभाग्य योजना से उनका घर रौशन हुआ है!

📌 एक दशक पहले गिने चुने स्टार्टअप हुआ करते थे, आज 84 हजार से ज्यादा स्टार्टअप है!

📌 एक दशक पहले 47.78 करोड़ लोगों के पास बैंक अकाउंट नहीं था, आज प्रधानमंत्री जन धन बैंक अकाउंट है!

📌 एक दशक पहले किसानों के पास सॉइल हेल्थ कार्ड नहीं थे, आज 22.91 करोड़ किसानों के पास यह कार्ड है!

📌 एक दशक पहले भारत के पास अंतरिक्ष में युद्ध लड़ने की क्षमता नहीं थी, आज मिशन शक्ति की एक्सपर्टिज है!

📌 एक दशक पहले चीन और पाकिस्तान भारत को आंख दिखाते थे, आज हम छेड़ने वाले को छोड़ते नहीं, घर में घुसकर मारते है!

📌 एक दशक पहले भारत में बुलेट ट्रेन एक स्वप्न था, आज हकीकत के धरातल पर बुलेट ट्रेन परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है!

📌 एक दशक पहले बड़े बड़े रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन की हालत खस्ता थी, आज इनका अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ सौंदर्यीकरण किया जा रहा है!

📌 एक दशक पहले भारतीय रेलवे की हालत खस्ता थी, आज भारतीय रेलवे की कायापलट होते हम अपनी आखों से देख रहे है!

📌 एक दशक पहले तक कई दशकों से लंबित महत्वपूर्ण परियोजनाएं, आज पूरी हो रही है!

📌 एक दशक पहले भारत की अर्थव्यवस्था फ्रेजाइल फाइव में गिनी जाती थी, आज हम दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है!

📌 एक दशक पहले अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए हम कोर्ट में केस लड़ रहे थे, आज भव्य राम मंदिर बन रहा है!

📌 एक दशक पहले हमारे आस्था के केंद्रों पर सरकारें ध्यान तक नहीं देती थी, आज सभी मंदिरों, शक्तिपीठों का भव्यीकरण किया जा रहा है!

📌 एक दशक पहले नॉर्थ ईस्ट और उत्तर भारत के सुदूर पहाड़ी इलाकों में कोई इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं था, आज रेल, रोड और हवाई कनेक्टिविटी उपलब्ध है!

📌 एक दशक पहले 83% ग्रामीण घरों में नल से जल की सुविधा नहीं थी, आज 10.67 करोड़ (55.62%) ग्रामीण घरों में जल जीवन मिशन से जल पहुंच रहा है!

📌 एक दशक पहले भारत विश्व में ब्लैकआउट के लिए जाना जाता था, आज पूरे भारत में कम से कम 22 घंटे निर्बाध बिजली मिल रही है!

🙌 एक दशक पहले भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी नहीं थे, आज हैं, इसीलिए एक दशक में भारत इतना बदल चुका है!

#TrustNaMo #ModiMatters