आज का पंचाग आपका राशि फल, लोहड़ी पर्व आज, एशिया का सबसे बड़ा मंदिर कंबोडिया में, ‘भारत आठ सौ वर्षों की नहीं करोड़ों वर्ष प्राचीन सभ्यता’ मोहन भागवत के सच बोलने से तिलमिलाए कट्टरपंथी !

🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🕉  

🌄सुप्रभातम🌄

🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻शुक्रवार, १३ जनवरी २०२३🌻

सूर्योदय: 🌄 ०७:१

सूर्यास्त: 🌅 ०५:४०

चन्द्रोदय: 🌝 २३:१९

चन्द्रास्त: 🌜११:०२

अयन 🌖 दक्षिणायने (दक्षिणगोलीय)

ऋतु: 🎄 शिशिर

शक सम्वत: 👉 १९४४ (शुभकृत)

विक्रम सम्वत: 👉 २०७९ (राक्षस)

मास 👉 माघ 

पक्ष 👉 कृष्ण 

तिथि 👉 षष्ठी (१८:१७ से सप्तमी)

नक्षत्र 👉 उत्तराफाल्गुनी (१६:३६ से हस्त)

योग 👉 शोभन (१२:४६ से अतिगण्ड)

प्रथम करण 👉 वणिज (१८:१७ तक)

द्वितीय करण 👉 विष्टि (३०:५४ तक)

॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 धनु 

चंद्र 🌟 कन्या 

मंगल 🌟 वृष (उदित, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 धनु (उदित, पूर्व, वक्री)

गुरु 🌟 मीन (उदित, पूर्व, मार्गी)

शुक्र 🌟 मकर (उदित, पश्चिम)

शनि 🌟 मकर (उदित, पूर्व, मार्गी)

राहु 🌟 मेष 

केतु 🌟 तुला 

 

शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 १२:०५ से १२:४६

अमृत काल 👉 ०८:४४ से १०:२९

रवियोग 👉 १६:३६ से ३१:१४

विजय मुहूर्त 👉 १४:०९ से १४:५१

गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:३४ से १८:०२

सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:३७ से १८:५९

निशिता मुहूर्त 👉 २३:५८ से २४:५३

राहुकाल 👉 ११:०८ से १२:२६

राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व

यमगण्ड 👉 १५:०१ से १६:१९

होमाहुति 👉 गुरु

दिशाशूल 👉 पश्चिम

नक्षत्र शूल 👉 उत्तर (१६:३६ तक)

अग्निवास 👉 पृथ्वी (१८:१७ तक)

भद्रावास 👉 पाताल 

चन्द्रवास 👉 दक्षिण

शिववास 👉 भोजन में (१८:१७ से श्मशान में)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – चर २ – लाभ

३ – अमृत ४ – काल

५ – शुभ ६ – रोग

७ – उद्वेग ८ – चर

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – रोग २ – काल

३ – लाभ ४ – उद्वेग

५ – शुभ ६ – अमृत

७ – चर ८ – रोग

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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दक्षिण-पूर्व (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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लोहड़ी पर्व, बुध पूर्व में उदय १८:३१ से,

वाहन क्रय-विक्रय मुहूर्त दोपहर १२:३६ से ०१:५५ तक, गृहप्रवेश मुहूर्त प्रातः ०७:२१ से ११:१६ तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज १६:३६ तक जन्मे शिशुओ का नाम उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (प, पी) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम हस्त नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (पू, ष, ण) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

धनु – २९:२० से ०७:२३

मकर – ०७:२३ से ०९:०४

कुम्भ – ०९:०४ से १०:३०

मीन – १०:३० से ११:५४

मेष – ११:५४ से १३:२७

वृषभ – १३:२७ से १५:२२

मिथुन – १५:२२ से १७:३७

कर्क – १७:३७ से १९:५९

सिंह – १९:५९ से २२:१८

कन्या – २२:१८ से २४:३६

तुला – २४:३६ से २६:५६

वृश्चिक – २६:५६ से २९:१६

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पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०७:१४ से ०७:२३

रज पञ्चक – ०७:२३ से ०९:०४

शुभ मुहूर्त – ०९:०४ से १०:३०

चोर पञ्चक – १०:३० से ११:५४

रज पञ्चक – ११:५४ से १३:२७

शुभ मुहूर्त – १३:२७ से १५:२२

चोर पञ्चक – १५:२२ से १६:३६

शुभ मुहूर्त – १६:३६ से १७:३७

रोग पञ्चक – १७:३७ से १८:१७

शुभ मुहूर्त – १८:१७ से १९:५९

मृत्यु पञ्चक – १९:५९ से २२:१८

अग्नि पञ्चक – २२:१८ से २४:३६

शुभ मुहूर्त – २४:३६ से २६:५६

रज पञ्चक – २६:५६ से २९:१६

शुभ मुहूर्त – २९:१६ से ३१:१४

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आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज के दिन आपके हानि लाभ बराबर रहेंगे धन लाभ समय से थोड़ा विलंब से होगा जिससे थोड़ी असुविधा होगी इसके कारण कार्यक्रम में बदलाव भी करना पड़ेगा। मध्यान बाद दिनचर्या स्थिर बनेगी पर व्यस्तता भी बढ़ेगी कार्य क्षेत्र के साथ सामाजिक व्यवहारों के लिये भी समय निकालने से परेशानी आएगी घर के बड़ो का सहयोग मिलने से इसका भी समाधान हो जाएगा। व्यवसायी वर्ग दैनिक कार्यो के साथ नए कार्यो में भी भाग्य आजमाएंगे इसमे लाभ होगा लेकिन आशाजनक नही। घरेलू वातावरण गलतमहमी के कारण थोड़ी देर के लिये अशांत बनेगा कुछ देर में सामान्य भी हो जाएगा लेकिन किसी की जिद पूरी करने के बाद ही। सेहत संध्या बाद विपरीत होने की संभावना है ठंडे प्रदार्थो से परहेज करें। धार्मिक यात्रा के योग है इससे मन को शान्ति मिलेगी।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज आप दिन के आरंभ से ही आलस्य में भरे रहेगें मध्यान तक कि दिनचर्या धीमी रहेगी इसके बाद भी काम तो करेंगे लेकिन ध्यान कही और ही रहेगा। कार्य व्यवसाय में धन लाभ के अवसर अवश्य मिलेंगे लेकिन आज सुख सुविधाओं को बढ़ाने पर आवश्यकता से अधिक खर्च करेंगे जिससे धन संचय नही हो पायेगा। कार्य क्षेत्र पर अधिक कार्य भार सौपने पर आपसे अधीनस्थ लोग नाराज रहेंगे। नौकरी पेशाओ के लिये दिन आरामदायक रहेगा छोटे मोटे घरेलू कार्य को छोड़ अन्य किसी कार्य को नही करेंगे। सामाजिक क्षेत्र के लिये समय नही देने से प्रेमीजन नाराज होंगे लेकिन मित्र वर्ग से अच्छी पटेगी। घर मे भी समय पर आवश्यकता पूर्ति करने पर शांति बनी रहेगी। उत्तम भोजन वाहन पर्यटन के अवसर मिलेंगे सेहत बनी रहेगी।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज का दिन भी छोटी मोटी घटनाओं से अशांत बनेगा फिर भी बीते कल की तुलना में थोड़ी शांति भी रहेगी। प्रातः काल घर के सदस्यों से बीती बातो के कारण मतभेद रहेंगे केवल मतलब से ही व्यवहार करेंगे लेकिन मध्यान बाद स्थिति बदलेगी घर के सभी सदस्य स्वार्थ से एक मत होंगे बाहर घूमने पर्यटन के अवसर मिलने से भी कड़वाहट में कमी आएगी लेकिन घर के बुजुर्गों को आज संतुष्ट नही कर पाएंगे। पैतृक संपत्ति के मामलों को छेड़ने की जगह अभी विराम दे अन्यथा दिन खराब हो सकता है। कार्य व्यवसाय से आज ज्यादा आशा नही रहेगी फिर भी अकस्मात लाभ होने से खुशी मिलेगी। महिलाए आज अधिक खर्चीली रहेंगी लेकिन खर्च घरेलू सामान पर अधिक करेंगी। संध्या बाद का समय दिन की तुलना में शांति से बीतेगा लेकिन सेहत में बदलाव भी आने से असहज रहेंगे।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन आपको किसी न किसी रूप में लाभ देकर जाएगा। दिन के आरंभी भाग में आलस्य दिखाएंगे मेहनत से बचने की मानसिकता रहने से आवश्यक कार्यो में विलंब होगा जिससे घर के सदस्यों से फटकार भी सुनने को मिलेगी। दोपहर का समय कार्य व्यवसाय के लिये शुभ रहेगा प्रतिस्पर्धा कम रहने से इसका जमकर लाभ उठाएंगे धन की आमद आशासे अधिक होगी लेकिन सहकर्मी का व्यवहार आज परेशान करने वाला रहेगा फिर भी संध्या से पूर्व ही दिन भर की पूर्ति कर लेंगे। संध्या का समय काम की जगह मनोरंजन में बिताना अधिक पसंद करेंगे। मौज शौक पर खर्च अधिक होगा व्यसनों से बचे अन्यथा अपमानित हो सकते है। जरूरी कार्य भी आज ही निपटा ले कल कुछ न कुछ व्यवधान आने से लटक सकते है।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज के दिन आपका स्वभाव बीते कुछ दिनों से संतोषि रहेगा। आज धन संबंधित उलझने रहने के बाद भी पारिवारिक कार्यो एवं आपसी संबंधों को अधिक महत्त्व देंगे। मध्यान तक घर मे कोई न कोई आपसे असंतुष्ट रहेगा लेकिन संध्या बाद खर्च करने के बाद नाराजगी प्रसन्नता में बदल जाएगी मनोरंजन सुख वृद्धि के लिये खर्च में कमी नही करेंगे। भाई बंधुओ से ईर्ष्या युक्त संबंध कुछ समय के लिये मानसिक रूप से अशांत बनाएँगे पैतृक कारणों से बहस होने की संभावना है फिर भी आपका व्यवहार आज थोड़ा शालीन रहने से स्थिति को संभाल लेंगे। कार्य व्यवसाय से लाभ मेहनत के बाद ही साधारण रहेगा। संध्या के समय भाग दौड़ से बचने का प्रयास करेंगे दुर्व्यसनों पर भी खर्च होगा। सेहत में थोड़ी समस्या रहेगी।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन आपके लिये शुभफलदायी रहेगा स्वभाव में थोड़ी चंचलता अवश्य रहेगी लेकिन इससे आस पास का वातावरण खुशनुमा ही बनाएंगे। कार्य क्षेत्र पर आज किसी के भटकाने से गलत निर्णय हो सकते है देखभाल कर ही कार्य करें व्यवसाय में चाहकर भी निवेश करना पड़ेगा इसका भविष्य में सामान्य लाभ मिल जाएगा। उधारी के व्यवहार कुछ समय के लिये बेचैनी बढ़ाएंगे पुरानी शीघ्र चुकाने के प्रयास करें नई करने से बचे अपमानित हो सकते है। दोपहर के बाद काम करने का मन नही करेगा मित्र परिजनों के साथ धार्मिक अथवा एकांत स्थान की यात्रा करेंगे दिखावे से बचे नाहाई तो बाद में आर्थिक विषमताएं बनेगी। सेहत में आज सुधार रहेगा।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज का दिन हानिकर रहने वाला है किसी भी कार्य मे जल्दबाजी से बचे सोच समझकर अनुभवी व्यक्ति की सलाह के बाद ही कोई कदम उठाए। कार्य व्यवसाय आज भगवान भरोसे रहेगा लाभ होते होते किसी अन्य के पक्ष में जाने से निराशा होगी। आज जहां से सहायता की उम्मीद लगाएंगे वही आपको टरकायेगा ज्यादा जोर देने पर आगे के लिये संबंध खराब होने का भर रहेगा। धन की आमद अत्यंत सीमित होगी वह भी पुराने व्यवहारों से ही कार्य क्षेत्र पर स्वयं अथवा नौकरों के हाथ नुकसान हो सकता है क्रोध से बचे। घर मे भी परिजनों के द्वारा हानि होने की संभावना है। सेहत ठीक रहेगी लेकिन आकस्मिक चोटादि का भय है उपकरणों से काम करते समय सावधानी बरतें। 

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन आपको सामाजिक क्षेत्र से मान-सम्मान दिलाएगा आप भी आज परोपकार में रुचि लेंगे धार्मिक क्षेत्र पर भी दान पुण्य करने के अवसर मिलेंगे परन्तु दिखावे की वृत्ति भी रहेगी। ठाठ-बाट की जीवनशैली रहने पर समाज मे आपकी पहचान धनी जैसी बनेगी। कार्य क्षेत्र पर आज समय कम देंगे फिर भी अल्प समय मे दिन भर की पूर्ति हो जाएगी। धन लाभ एक हाथ से होगा दूसरे हाथ से चला जायेगा। मध्यान बाद भी लाभ के अवसर मिलेंगे लेकिन मनोरंजन में रुचि होने पर ज्यादा ध्यान नही देंगे। लंबी दूरी की यात्रा के प्रसंग बनेंगे परन्तु किसी कारण स्थगित करने पड़ेंगे अगर करनी भी पड़े तो सामान और सेहत का अधिक ध्यान रखें। घरेलू वातावरण में विश्वास की कमी दिखेगी इसलिये बाहर समय बिताना अधिक भायेगा।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज का दिन भी आपके लिये कुछ न कुछ लाभ देकर जाएगा दिन के आरंभ में कामो की गति धीमी रहेगी दैनिक कार्य भी आलस्य में करेंगे लेकिन मध्यान से पहले बाहर घूमने की योजना बनने पर शरीर मे चुस्ती आ जायेगी दिन का अधिकांश समय यात्रा पर्यटन में बीतेगा उत्तम भोजन वाहन सुख मिलने से मन प्रसन्न भी रहेगा लेकिन सेहत में नरमी आने से रंग में भंग पड़ने वाली स्थिति बनेगी। कार्य क्षेत्र के प्रति आज उदासीन रहेंगे अन्य लोगो के भरोसे रहने के कारण उचित लाभ से वंचित रह जाएंगे फिर भी धन लाभ जरूरत के अनुसार हो ही जायेगा। घरेलू सामान की आवश्यकता पड़ने पर भी कंजूस वृति के कारण खर्च करने में आनाकानी करेंगे जिससे परिजनों से कहासुनी होगी। संध्या के समय पेट की समस्या गैस कब्ज वमन की शिकायत रहेगी।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज के दिन सुख शांति की चाह में रहेंगे लेकिन फल इसके विपरीत ही मिलेगा। आज दिन के पूर्वार्ध को छोड़ मध्यान बाद तक किसी न किस काम से भाग दौड़ लगी रहेगी। घर मे आज मन नही लगेगा लेकिन कई दिनों से लटके घरेलुकार्य आज एकसाथ सर पर आने से असहजता बनेगी फिर भी मध्यान तक धीरे धीरे काफी हद तक पूर्ण कर लेंगे। परिजनों का व्यवहार अत्यंत स्वार्थी रहेगा कामनापूर्ति करने पर ही चैन से बैठने देंगे। कार्य व्यवसाय से आज ज्यादा धन लाभ की आशा ना रखे नाहाई ज्यादा समय देंगे जिससे सीमित लाभ से ही संतोष करना पड़ेगा। संध्या के समय वरिष्ठ लोगो के टोकने के बाद भी किसी की नही सुनेंगे अपने मन की करेंगे बाद में पछतायेंगे भी। मनोरंजन के अवसर मिलेंगे पर अनैतिक कार्यो से बचे सेहत अकस्मात खराब हो सकती है।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज के दिन भी सेहत का साथ कम मिलेगा लेकिन बीते कल की तुलना में सुधार भी आयेगा। मध्यान तक कार्यो के प्रति लापरवाही करेंगे सोचने में ही समय खराब होगा मध्यान बाद व्यवसाय में अधूरे कार्य को पूर्ण करने की चिंता में रहेंगे प्रयास करने पर भी पूरे नही कर सकेंगे अधिकारी वर्ग से अनबन होगी। लेकिन थोड़ा बहुत धन लाभ जोड़ तोड़ कर कही न कही से अवश्य हो जाएगा। मध्यान बाद आरोग्य लाभ मिलेगा लेकिन कार्य करने की जगह मनोरंजन एवं व्यर्थ की गतिविधियों में रुचि लेंगे। विवेक से काम ले आज भी कामोतेजना अधिक रहेगी रंगीन मिजाजी के कारण घर मे कलह हो सकती है। गृहस्थी के कार्यो मे रुचि नही लेंगे बल्कि आस पड़ोसियों की बाते सुनने में आनंद आएगा। छोटी यात्रा हो सकती है।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज के दिन आपको कार्य क्षेत्र पर कल जैसी अनुकूलता नही मिलेगी फिर भी छोटे मोटे कार्यो में सफलता मिलने से धन की आमद निश्चित होगी। शरीर आलस्य में रहने के कारण आज ज्यादा उलझनों में पड़ने से बचेंगे घरलू कार्य भी चार बाते सुनने के बाद ही करेंगे। मध्यान तक दिनचार्य अस्त व्यस्त रहेगी मित्र अथवा रिश्तेदारी में जाने के कारण अन्य कार्यो में फेरबदल करना पड़ेगा। मध्यान बाद का समय दिन की तुलना में बेहतर रहेगा खर्च करने के बाद सुख सुविधा और आनंद में वृद्धि होगी। महिलाओ में आज अन्य लोगो से तुलना करने पर हीं भावना आएगी। धार्मिक अथवा पर्यटन क्षेत्र की योजना बनते बनते अंत समय मे निरस्त करने पर घर मे उदासीनता छाएगी। सेहत आज संध्या बाद खराब हो सकती है।

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️🙏राधे राधे🙏

🚩🙏🏻 मकर संक्रांति*

15 जनवरी 2023 रविवार को 

🙏🏻 *मकर संक्रांति (15 जनवरी 2023 रविवार को पुण्यकाल सूर्योदय से सूर्यास्त तक )*

 

🌞 जिस दिन भगवान सूर्यनारायण उत्तर दिशा की तरफ प्रयाण करते हैं, उस दिन उतरायण (मकर संक्रांति) का पर्व मनाया जाता है | इस दिन से अंधकारमयी रात्रि कम होती जाती है और प्रकाशमय दिवस बढ़ता जाता है | उत्तरायण का वाच्यार्थ है कि सूर्य उत्तर की तरफ, लक्ष्यार्थ है आकाश के देवता की कृपा से ह्दय में भी अनासक्ति करनी है | नीचे के केन्द्रों में वासनाएँ, आकर्षण होता है व ऊपर के केन्द्रों में निष्कामता, प्रीति और आनंद होता है | संक्रांति रास्ता बदलने की सम्यक सुव्यवस्था है | इस दिन आप सोच व कर्म की दिशा बदलें | जैसी सोच होगी वैसा विचार होगा, जैसा विचार होगा वैसा कर्म होगा | हाड-मांस के शरीर को सुविधाएँ दे के विकार भोगकर सुखी होने की पाश्चात्य सोच है और हाड-मांस के शरीर को संयत, जितेन्द्रिय रखकर सदभाव से विकट परिस्थितियों में भी सामनेवाले का मंगल चाहते हुए उसका मंगलमय स्वभाव प्रकट करना यह भारतीय सोच है |

*सम्यक क्रांति…. ऐसे तो हर महिने संक्रांति आती है लेकिन मकर संक्रांति साल में एक बार आती है | उसी का इंतजार किया था भीष्म पितामह ने | उन्होंने उत्तरायण काल शुरू होने के बाद ही देह त्यागी थी |*

पुण्यपुंज व आरोग्यता अर्जन का दिन

*💥 मकर संक्राति के दिन इस प्रकार सूर्य भगवान को अर्घ्य देने से धन धान्य की वृद्धि होगी और सुख शांति बढेगी* 

🌞 जो संक्रांति के दिन स्नान नहीं करता वह ७ जन्मों तक निर्धन और रोगी रहता है और जो संक्रांति का स्नान कर लेता है वह तेजस्वी और पुण्यात्मा हो जाता है | संक्रांति के दिन उबटन लगाये, जिसमे काले तिल का उपयोग हो |

🌞 *भगवान सूर्य को भी तिलमिश्रित जल से अर्घ्य दें | इस दिन तिल का दान पापनाश करता है, तिल का भोजन आरोग्य देता है, तिल का हवन पुण्य देता है पानी में भी थोड़े तिल डाल के पियें तो स्वास्थ्यलाभ होता है तिल का उबटन भी आरोग्यप्रद होता है | इस दिन सुर्योद्रय से पूर्व स्नान करने से १० हजार गौ दान करने का फल होता है | जो भी पुण्यकर्म उत्तरायण के दिन करते हैं वे अक्षय पुण्यदायी होते हैं तिल और गुड के व्यंजन, चावल और चने की दाल की खिचड़ी आदि ऋतु-परिवर्तनजन्य रोगों से रक्षा करती है तिलमिश्रित जल से स्नान आदि से भी ऋतु-परिवर्तन के प्रभाव से जो भी रोग-शोक होते हैं, उनसे आदमी भिड़ने में सफल होता है |*

🌞 सूर्यदेव की विशेष प्रसन्नता हेतु मंत्र

*ब्रम्हज्ञान सबसे पहले भगवान सूर्य को मिला था | उनके बाद राजा मनु को, यमराज को…. ऐसी परम्परा चली | भास्कर आत्मज्ञानी हैं, पक्के ब्रम्ह्वेत्ता हैं | बड़े निष्कलंक व निष्काम हैं | कर्तव्यनिष्ठ होने में और निष्कामता में भगवान सूर्य की बराबरी कौन कर सकता है ! कुछ भी लेना नहीं, न किसी से राग है न द्वेष है | अपनी सत्ता-समानता में प्रकाश बरसाते रहते हैं, देते रहते हैं |*

 

🌞 ‘पद्म पुराण’ में सूर्यदेवता का मूल मंत्र है : ॐ ह्रां ह्रीं स: सूर्याय नम: | अगर इस सूर्य मंत्र का ‘आत्मप्रीति व आत्मानंद की प्राप्ति हो’ – इस हेतु से भगवान भास्कर का प्रीतिपूर्वक चिंतन करते हुए जप करते हैं तो खूब प्रभु-प्यार बढेगा, आनंद बढेगा |

 

🌞 *ओज-तेज-बल का स्त्रोत : सूर्यनमस्कार*

 

सूर्यनमस्कार करने से ओज-तेज और बुद्धि की बढ़ोत्तरी होती है | ॐ सूर्याय नम: | ॐ भानवे नम: | ॐ खगाय नम: ॐ रवये नम: ॐ अर्काय नम: |….. आदि मंत्रो से सूर्यनमस्कार करने से आदमी ओजस्वी-तेजस्वी व बलवान बनता है | इसमें प्राणायाम भी हो जाता है, कसरत भी हो जाती है |

*सूर्य की उपासना करने से, अर्घ्य देने से, सूर्यस्नान व सूर्य-ध्यान आदि करने से कामनापूर्ति होती है | सूर्य का ध्यान भ्रूमध्य में करने से बुद्धि बढती है और नाभि-केंद्र में करने से मन्दाग्नि दूर होती है, आरोग्य का विकास होता है |*

🌞 आरोग्य व पुष्टि वर्धक : सूर्यस्नान

*सूर्य की धूप में जो खाद्य पदार्थ, जैसे-घी, तेल आदि २ – ४ घंटे रखा रहे तो अधिक सुपाच्य हो जाता है | धूप में रखे हुए पानी से कभी –कभी स्नान कर सकते हैं | इससे सूखा रोग (Rickets) नहीं होता और रोगनाशिनी शक्ति बरक़रार रहती है |*

🌞 सूर्य की किरणों से रोग दूर करने की प्रशंसा ‘अथर्ववेद’ में भी आती है | कांड – १, सूक्त २२ के श्लोकों में सूर्य की किरणों का वर्णन आता है |

*लेटे–लेटे सूर्यस्नान करना और भी हितकारी होता है लेकिन सूर्य की कोमल धूप हो, सूर्योदय से एक-डेढ़ घंटे के अंदर-अंदर सूर्यस्नान कर लें | इससे मांसपेशियाँ तंदुरस्त होती हैं, स्नायुओं का दौर्बल्य दूर होता है | सूर्यस्नान का यह प्रसाद अनुभव होता है स्नायु की दुर्बलता, शरीर में दुर्बलता, थकान व कमजोरी हो तो प्रतिदिन सूर्यस्नान करना चाहिए |*

 

🌞 सूर्यस्नान से त्वचा के रोग भी दूर होते हैं, हड्डियाँ मजबूत होती हैं | रक्त में कैल्शियम, फ़ॉस्फोरस व लोहें की मात्राएँ बढती हैं, ग्रंथियों के स्त्रोतों में संतुलन होता है | सूर्यकिरणों से खून का दौरा तेज, नियमित व नियंत्रित चलता है | लाल रक्त कोशिकाएँ जाग्रत होती हैं, रक्त की वृद्धि होती है | गठिया, लकवा और आर्थराइटिस के रोग में भी लाभ होता है | रोगाणुओं का नाश होता है, मस्तिष्क के रोग, आलस्य, प्रमाद, अवसाद, ईर्ष्या-द्वेष आदि शांत होते हैं | मन स्थिर होने में भी सूर्य की किरणों का योगदान है | नियमित सूर्यस्नान से मन पर नियंत्रण, हार्मोन्स पर नियंत्रण और त्वचा व स्नायुओं में क्षमता, सहनशीलता की वृद्धि होती है |

 

🌞 *नियमित सूर्यस्नान से दाँतों के रोग दूर होने लगते हैं | विटामिन ‘डी’ की कमी से होनेवाले सूखा रोग, संक्रामक रोग आदि भी सूर्यकिरणों से भगाये जा सकते हैं |*

 

🌞 अत: आप भी खाद्य अन्नों को व स्नान के पानी को धूप में रखों तथा सूर्यस्नान का खूब लाभ लो |

 

*दृढ़ संकल्पवान व साधना में उन्नत होने का दिन*

 

🌞 उत्तरायण यह देवताओं का ब्राम्हमुहूर्त है तथा लौकिक व अध्यात्म विद्याओं की सिद्धि का काल है | तो मकर संक्रांति के पूर्व की रात्रि में सोते समय भावना करना कि ‘पंचभौतिक शरीर पंचभूतों में, मन, बुद्धि व अहंकार प्रकृति में लीन करके मैं परमात्मा में शांत हो रहा हूँ | और जैसे उत्तरायण के पर्व के दिन भगवान सूर्य दक्षिण से मुख मोडकर उत्तर की तरफ जायेंगे, ऐसे ही हम नीचे के केन्द्रों से मुख मोडकर ध्यान-भजन और समता के सूर्य की तरफ बढ़ेंगे | ॐ शांति …. ॐ आनंद …. ‘*

🌞 *रात को ‘ॐ सूर्याय नम: |’ इस मंत्र का चिंतन करके सोओगे तो सुबह उठते-उठते सूर्यनारायण का भ्रूमध्य में ध्यान भी सहज में कर पाओगे | उससे बुद्धि का विकास होगा |*

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✍️*ज्योतिष आचार्य पांडुरंगरावशास्त्री*

*एशिया का सबसे बड़ा चर्च भारत में*

*एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद भारत में….*

*एशिया का सबसे बड़ा मंदिर “कंबोडिया” में….*
😏😏 😡👺😡

मोहन भागवत जिस दिन कुछ बोलते हैं , हंगामा होता ही है !
कल उन्होंने कुछ कहा लंबा साक्षात्कार दिया तो मिर्ची लगनी ही थी , लग भी गई !
मोहन भागवत से अलग अमित शाह ने भी भारत के इतिहास , 1857 की क्रांति और भारत की प्राचीनता पर बोला !
सच कड़वा होता है अतः कड़वा लगता भी है , लगना भी चाहिए !

जो लोग सोचते हैं कि उनके पुरखों ने 800 साल भारत पर राज किया सो भारत के संसाधनों पर उनका अधिकार ज्यादा है , वे गलती पर हैं !
भारत 800 साल नहीं करोड़ों वर्ष पुराना है !
बेशक आज भारत सबका है , देश के संविधान ने जो बताया उसके हिसाब से सबका बराबर है !
लेकिन जो लोग यह कहते हैं कि उनके पुरखों के मुकुट अजायबघरों में रक्खे हैं वे समझ लें कि वे आक्रांता थे , उनका कोई वंशज आज भारत में नहीं हैं !

हिंदू हों या मुसलमान या भारत के ईसाई ; सबके पुरखे राम कृष्ण हैं , गौतम कणाद हैं , बुद्ध और महावीर हैं ; गजनवी , इल्तुतमिश , बख्तियार खिलजी , अकबर या औरंगजेब नहीं !
उनका कोई वंशज आज के भारत में नहीं रहता !

तमाम मुस्लिम भारत के वंशज हैं , ईरान , इराक , अफगानिस्तान या अरब देशों के नहीं । इतमिनान रखिए , कईं बार साफ किया जा चुका है कि भारत के हिंदू और मुसलमान का डीएनए एक है । यकीन मानिए , अधिकांश भारतीय ईसाइयों का डीएनए हिंदुओं वाला ही है । वैसे भी मुस्लिम धर्म और ईसाई धर्म क्रमशः 1450 और 2023 वर्ष पुराने ही तो हैं । आक्रांता मुगल थे और उनका कोई वंशज आज के भारत में नहीं रहता । भारत का रहने वाला हर शख्स बराबर है , समान अधिकारों वाला है । इस मुल्क के संसाधनों पर सबका बराबर हिस्सा है । मजहब के आधार पर किसी का कम ज्यादा नहीं ।

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी यही कहा है । वे लंबा बोले तो किन्हीं को भ्रम हो सकता है । देश का संपूर्ण विपक्ष यह कहता आया है कि भाजपा को आरएसएस चलाता है । यह सच है तो फिर भाजपा भी तो सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास की ही बात करती है ? फिर कुछ लोगों को डर क्यूं लगता है ? आरएसएस या बीजेपी पर वे अलगाव के आरोप क्यों मढ़ते हैं ?
भारतवर्ष संविधान से चलता है । संविधान ने सबको समान अधिकार और समान कर्तव्य दिए हैं । तो फिर एक ध्वज , एक विधान होते हुए समान कानूनों से परेशानी क्यों है ?
✍️अवधेश प्रताप सिंह कानपुर उत्तर प्रदेश,