*༺𝕝𝕝 卐 𝕝𝕝༻*
*श्री हरिहरौ**विजयतेतराम*
*सुप्रभातम**आज का पञ्चाङ्ग*
*_रविवार, २३ जून २०२४_*
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सूर्योदय: 🌄 ०५:२८, सूर्यास्त: 🌅 ०७:१७
चन्द्रोदय: 🌝 २०:५८, चन्द्रास्त: 🌜०६:०५
अयन 🌖 दक्षिणायणे
(उत्तरगोलीय) ऋतु: ⛈️ वर्षा
शक सम्वत: 👉 १९४६ (क्रोधी)
विक्रम सम्वत:👉२०८१ (काल)
मास 👉 आषाढ, पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 द्वितीया (२७:२५, से तृतीया)
नक्षत्र 👉 पूर्वाषाढ (१७:०३
से उत्तराषाढ)
योग 👉ब्रह्म(१४:२७ से इन्द्र)
प्रथम करण👉तैतिल(१६:२१तक
द्वितीय करण👉गर(२७:२५ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
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सूर्य 🌟 मिथुन
चंद्र 🌟 मकर (२२:४५ से)
मंगल 🌟 मेष(उदित,पूर्व,मार्गी)
बुध 🌟 मिथुन(उदित,पूर्व,वक्री)
गुरु 🌟 वृष (उदय, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 मिथुन(अस्त,पूर्व,मार्गी)
शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 मीन
केतु 🌟 कन्या
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५१ से १२:४७
अमृत काल 👉 १२:२६ से १३:५८
त्रिपुष्कर योग 👉 १७:०३ से २७:२५
सर्वार्थ सिद्धि योग 👉 १७:०३ से २९:१७
विजय मुहूर्त 👉 १४:४० से १५:३६
गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:२० से १९:४०
सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:२२ से २०:२१
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५९ से २४:३९
राहुकाल 👉 १७:३६ से १९:२२
राहुवास 👉 उत्तर
यमगण्ड १२:१९ से १४:०५
होमाहुति 👉 चन्द्र (१७:०३ से मंगल)
दिशाशूल 👉 पश्चिम
अग्निवास 👉 पृथ्वी
चन्द्र वास 👉 पूर्व (दक्षिण २२:४८ से)
शिववास 👉 सभा में (२७:२५ से क्रीड़ा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – उद्वेग २ – चर
३ – लाभ ४ – अमृत
५ – काल ६ – शुभ
७ – रोग ८ – उद्वेग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – शुभ २ – अमृत
३ – चर ४ – रोग
५ – काल ६ – लाभ
७ – उद्वेग ८ – शुभ
नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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दक्षिण-पूर्व (पान का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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आषाढ़ कृष्ण पक्ष आरम्भ, प्रतिपदा तिथि क्षय आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १७:०३ तक जन्मे शिशुओ का नाम
पूर्वाषाढ नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (फा, ढा) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम उत्तराषाढ नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (भे, भो) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मिथुन – २८:४६ से ०७:०१
कर्क – ०७:०१ से ०९:२३
सिंह – ०९:२३ से ११:४२
कन्या – ११:४२ से १४:००
तुला – १४:०० से १६:२१
वृश्चिक – १६:२१ से १८:४०
धनु – १८:४० से २०:४३
मकर – २०:४३ से २२:२५
कुम्भ – २२:२५ से २३:५०
मीन – २३:५० से २५:१४+
मेष – २५:१४+ से २६:४८+
वृषभ – २६:४८+ से २८:४२+
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०५:१७ से ०७:०१
चोर पञ्चक – ०७:०१ से ०९:२३
शुभ मुहूर्त – ०९:२३ से ११:४२
रोग पञ्चक – ११:४२ से १४:००
शुभ मुहूर्त – १४:०० से १६:२१
मृत्यु पञ्चक – १६:२१ से १७:०३
अग्नि पञ्चक – १७:०३ से १८:४०
शुभ मुहूर्त – १८:४० से २०:४३
रज पञ्चक – २०:४३ से २२:२५
शुभ मुहूर्त – २२:२५ से २३:५०
चोर पञ्चक – २३:५० से २५:१४+
रज पञ्चक – २५:१४+ से २६:४८+
शुभ मुहूर्त – २६:४८+ से २७:२५+
चोर पञ्चक – २७:२५+ से २८:४२+
शुभ मुहूर्त – २८:४२+ से २९:१७+
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आज का राशिफल
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन आपके लिए सुख-शांति वाला रहेगा। मित्र-परिजन के साथ मनोरंजन के लिए पर्यटक स्थल पर जाने का अवसर मिलेगा। खर्च अधिक रहने से धन सम्बंधित समस्याएं भी बनेंगी।
पारिवारिक सदस्यों का आज कार्य क्षेत्र पर सहयोग मिलेने से थोड़े परिश्रम के बाद आशा से अधिक लाभ प्राप्त करेंगे। परिवार में उल्लास का वातावरण रहेगा आज आप मित्र परिजनों के साथ ज्यादा समय बिताना पसंद करेंगे। फिजूल खर्ची से बचें। महिलाओ का शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रहने से अधूरे कार्यो को उत्साह से पूर्ण करेंगी लेकिमिजाज का पता नही रहेगा रंग में भंग भी डाल सकती है। संताने जिद कर बजट से अधिक खर्च करवाएंगी।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन विपरीत फलदायी रहने से आप शारीरिक अस्वस्थ्यता अनुभव करेंगे। रक्तविकार अथवा सर्दी लगने से परेशानी होगी। कार्य क्षेत्र पर अतिरिक्त कार्य भार रहने से थकान अनुभव होगी असंयमित एवं क्रोधी व्यवहार के कारण बने हुए कार्य विवाद की भेंट चढ़ सकते है। नए कार्यो का आरंभ आज ना करें ना ही किसी को उधार दें। मध्यान बाद तक अपने आपको अकेला अनुभव करेंगे। इसके बाद परिवार के सदस्यों का सहयोग मिलने लगेगा लेकिन घरेलू आवश्यकताओं को नजरअंदाज करने से अशांति बढ़ेगी। संध्या के समय सेहत प्रतिकूल रहने पर भी मनोरंजन के अवसर तलाशेंगे। आज फिजूल खर्च से बचे ऐसे ही खर्च अधिक रहेंगे।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन भी आपके अनुकूल रहेगा। आज दिन भर शारीरिक और मानसिक स्फूर्ति रहेगी। आपका सामाजिक व्यवहार बढ़ेगा दिन के पूर्वार्ध में आपके समस्त कार्य सरलता से बनते चले जायेंगे लेकिन लाभ के लिए इन्तजार करना पड़ेगा धन को लेकर किसी से बहस भी होगी। नौकरी पेशाओ को अतिरिक्त कार्य मिलने से असुविधा होगी काम लापरवाही से करेंगे। मध्यान के बाद का समय मनोरंजन में बिताएंगे। मित्रो के साथ बाहर घूमने का अवसर मिलेगा। ससुराल से लाभ होगा।
पारिवारिक दायित्व बढ़ने से व्यस्तता रहेगी। स्वभाव में भावुकता एवं कामुकता अधिक रहने से अन्य व्यक्ति इसका गलत फायदा उठा सकता है।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन आपके लिये पहले की तुलना में शांति दायक रहेगा आज आध्यत्म में विशेष रूचि रहेगी पूजन-सत्संग का आयोजन करेंगे शुभ धार्मिक यात्रा पर भी जा सकते है। अधूरे कार्यो के पूर्ण होने में विलम्ब होने से हताश होंगे परंतु प्रयास करते रहे थोड़े परिश्रम के बाद सफलता मिल सकती है। पूँजी निवेश के लिए आज का दिन शुभ नहीं है। उगाही से लाभ होगा कार्य क्षेत्र पर स्त्री का सहयोग मिलेगा। परिजनों के साथ मित्रवत व्यवहार रहेगा। पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति के कारण खर्च बढ़ने से असहज अनुभव करेंगे। आज किसी भी प्रकार के उधार व्यवहार से बचे। सेहत ठीक रहेगी लेकिन अपने कामो को छोड़ अन्य का काम करने में आलस्य दिखाएंगे।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपको मिश्रित फल देगा। बुद्धि विवेक रहने पर भी मन में राग-द्वेष की भावना रहने से किसी प्रिय से दूरी बन सकती है। प्रातः काल से ही बाहर घूमने-फिरने का मन बनेगा मध्यान बाद का अधिकांश समय मनोरंजन में व्यतीत करेंगे कार्य क्षेत्र पर आवेश में आकार किसी से झगड़ा मोल लेंगे। क्रय-विक्रय के व्यापार से लाभ होगा विदेशी वस्तुओ के व्यापार में निवेश आगे के लिये लाभदायक रहेगा। प्रेम प्रसंगों में आपसी सम्बन्ध बिगड़ेंगे। संध्या बाद असंयमित दिनचर्या से थकान रहेगी गैस-कब्ज-पित्त के रोग से परेशानी होगी। संध्या के समय आकस्मिक खर्च के साथ लाभ के योग भी है।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपके लिए अधिक परिश्रम वाला रहेगा। परिश्रम के बाद भी कार्यो में विलम्ब होने से मन की उचाटता बढ़ेगी।
दिन का अधिकांश समय अशान्त रहेगा। छोटी सी बात पर घरेलु कलह विकराल रूप ले सकती है। मन में नकारात्मकता हावी रहने से कई बार दुविधा की स्थिति बनेगी। नए कार्यो को आज आरम्भ न करें प्रलोभन में पड़ने से हानि हो सकती है। आकस्मिक यात्रा के योग बनेंगे यात्रा में चोटादि का भय है सावधान रहें। सरकारी दस्तावेजो को संभाल कर रखें। संतान के कारण हानि हो सकती है। किसी विदेशी अथवा दूर रहने वाले व्यक्ति से लाभ हो सकता है। क्रोध पर संयम रखें। सेहत ठीक रहेगी लेकिन मन पर संयम नही रहेगा।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आपके लिए व्यस्तता से भरा रहेगा। दिन आप के लिए लाभदायक रहेगा। आज स्वास्थ्य उत्तम बना रहेगा।बीते दिनों की तुलना में आज कार्यो में आसानी से सफलता मिलने से आत्मविश्वाश बढ़ेगा। घर एवं कार्य क्षेत्र पर व्यवस्थाएं सुधारने में अधिक समय देंगे बदलाव लाने के लिए खर्च भी कर सकते है। आर्थिक लाभ के लिए अधिक प्रयत्न करना पड़ेगा मध्यान के समय किसी मनोकामना की पूर्ति होने से प्रसन्न रहेंगे। परिवार के साथ मिलकर किसी शुभ आयोजन या पर्यटन के अवसर मिलेंगे ननिहाल पक्ष से शुभ समाचार मिलेंगे। लेकिन सरकार की तरफ से अशुभ समाचार भी मिल सकते है। यात्रा से थकान होगी।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन आपको मिश्रित फल प्रदान करेगा। प्रातःकाल से ही शारीरिक थकान व कमजोरी अनुभव होने से आलस्य बढ़ेगा। कार्य क्षेत्र पर भी आज का दिन सामान्य रहेगा। लाभ के लिए अधिक परिश्रम करना पड़ेगा। मन में यात्रा पर्यटन के विचार बनेंगे। धार्मिक स्थान की यात्रा हो सकती है। सामाजिक कार्यो में रूचि रहने से प्रशंशा मिलेगी। आप अपनी व्यवहार कुशलता और संतोषि स्वभाव से सम्मानित होंगे। आज उधारी वसूलने में परेशानी आ सकती है। घर में मेहमानों के आने से वातावरण आनंदित होगा। पारिवारिक खर्च बढ़ने से परेशानी भी होगी। संध्या का समय अत्यन्त थकान वाला रहेगा। बाहर का खाना पेट खराब करेगा संयम बरते।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन भी आपके लिए शुभफलदायी रहेगा। दिन के आरंभ में थोड़ी सुस्ती दिखाएंगे काम की अपेक्षा आराम का मन रहेगा लेकिन मध्यान के समय आज आप अपने कार्यो को उत्साह से निर्धारित समय पर पूर्ण कर पाएंगे। नए कार्यो का आरम्भ अथवा व्यापार में निवेश लाभदायक सिद्ध होगा लेकिन विदेशी वस्तुओ के व्यापार में आज निवेश ना करें। कार्य क्षेत्र या घर में परिवर्तन अथवा साज सज्जा में बदलाव भी कर सकते है समाज के प्रतिष्ठित लोगो से सम्मान मिलेगा लेकिन आर्थिक लाभ थोड़ा विलम्ब से होगा। दाम्पत्य सुख उत्तम रहेगा सुख सुविधा जुटाने पर खर्च करेंगे आकस्मिक यात्रा से लाभ होगा। संध्या के समय पेट सम्बंधित परेशानी हो सकती है।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपके लिए प्रतिकूल परिस्थितियों वाला रहेगा जहां से लाभ की उम्मीद रहेगी वहां से निराशा मिलेगी। मध्यान तक मन में किसी अरिष्ट की आशंका से भयभीत रहेंगे। क्रोध भी आज अधिक रहने से व्यर्थ विवाद की संभावना अधिक रहेगी। किसी ग़लतफ़हमी के कारण स्वजनों से मनमुटाव होगा कार्य क्षेत्र पर भी हानि के योग है। संतान से पुराने मतभेद उभरने से पारिवारिक वातावरण अशान्त होगा। आर्थिक स्थिति बिगड़ने से कर्ज लेना पड़ सकता है। कार्य क्षेत्र पर आरंभिक बिक्री के बाद आज उदासीनता छायी रहेगी। बीमारी पर खर्च होगा। बुजुर्गो के साथ समय बिताएं मार्गदर्शन मिलेगा। यात्रा से लाभ कम थकान ज्यादा होगी।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन भी आपके लिये शुभ फलदायी रहेगा दिन घरेलू सुख-शांति दायक रहेगा। दिन भर शारीरिक व मानसिक रूप से चुस्त रहेंगे पुराने रोग में सुधार आने से राहत मिलेगी। कार्य क्षेत्र पर कम समय देंगे इसमे भी नए प्रयोगों में रूचि दिखाएंगे। सहयोगात्मक वातावरण रहने से आवश्यक कार्य समय पर पूरा कर लेंगे सीधे की अपेक्षा अनैतिक मार्ग से लाभ होने की संभावना रहेगी कम समय में अधिक आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकेंगे। मध्यान पश्चात मित्र-परिजनों के साथ मनोरंजन के अवसर मिलेंगे धार्मिक कार्यो में भी उपस्थिति देंगे। उत्तम भोजन वाहन सुख मिलेगा। सार्वजनिक जीवन अधिक बेहतर बनेगा उधारी वाले परेशान कर सकते है।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन आपके अनुकूल रहेगा। आज कार्यो में मनचाही सफलता मिलने से प्रसन्न रहेंगे। लेकिन सरकारी कार्य करने के लिए आज का दिन ठीक नही उलझने बढ़ेंगी अधूरे रहेंगे। आज घर एवं बाहर क्लेश मुक्त वातावरण बनने से राहत मिलेगी रिश्तेदारो से लाभ के अवसर मिलेंगे। नौकरीपेशा जातको को मेहनत का उचित फल मिलेगा विरोधियो पर विजय प्राप्त करेंगे कोई शुभ समाचार मिलने से मन प्रसन्न रहेगा लेखक, साहित्यकार एवं पत्रकारों के लिए आज का दिन विशेष लाभदायक रहेगा। मित्र परिजनों के साथ संध्या का समय आनंद से बितायेंगे। महिला मित्र से मधुर भेंट होगी।
बर्षा कालीन फल पौधों का रोपण।
✍️ डा० राजेन्द्र कुकसाल।
बर्षात के मौसम में मुख्यत: आम, अमरूद, अनार, आंवला, लीची, कटहल,अंगूर तथा नीम्बू वर्गीय फल पौधों का रोपण किया जाता है।
उद्यान लगाने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखा जाना आवश्यक हैं।
स्थल का चुनाव-
1.वर्षाकालीन फलदार पौधों के बगीचे समुद्रतल से 1500 मी॰ ऊंचाई तक लगाये जा सकते हैं ढाल का भी ध्यान रखें पूर्व व उत्तरी ढाल वाले स्थान पश्चमी व दक्षिणी ठाल वाले स्थानौ से ज्यादा ठंडे होते हैं जो क्षेत्र हिमालय के पास हैं वहां पर आम, अमरूद, लीची के पौधों का रोपण व्यवसायिक दृष्टि से लाभकर नहीं रहते हैं, ऐसे स्थानों पर नींबू वर्गीय फलदार पौधों से उद्यान लगाने चाहिए।
2- उद्यान लगाने से पूर्व यह भी ध्यान रखना चाहिए कि जिस फल की ज्यादा मांग बाजार में हो उन्हीं फलों के उद्यान लगाये जायें।
3- उद्यान सडक के पास होना चाहिये यदि यह सम्भव न हो तो यह आवश्यक है कि उद्यान में पहुंचने के लिए रास्ता सुगम हो ताकि फलों का ढुलान सुगमता से किया जा सके।
4- सिंचाई की उपयुक्त व्यवस्था हो।
5- कार्य हेतु मजदूर आसानी से उपलब्ध होते हों।
6-उद्यान की सुरक्षा हेतु घेर बाड़ की उचित व्यवस्था हो।
भूमि का चुनाव एवं मृदा परीक्षण-
फलदार पौधे पथरीली भूमि को छोड़कर सभी प्रकार की भूमि में लगाये जा सकते हैं। जीवाँशयुक्त बलुई दोमट भूमि जिसमें जल निकास की उचित व्यवस्था हो सर्वोत्तम रहती है । जिस भूमि में उद्यान लगाना है उस भूमि का मृदा परीक्षण अवश्य कराएं जिससे मृदा में कार्वन की मात्रा , पी.एच.मान (पावर औफ हाइड्रोजन या पोटेंशियल हाइड्रोजन ) तथा चयनित भूमि में उपलव्ध पोषक तत्वों की जानकारी मिल सके।
अच्छी उपज हेतु मिट्टी में जैविक/जीवांश कार्वन 0.8 तक होना चाहिए क
*जय श्री राम* *जय श्री कृष्ण*
*🏵️ये 20 मंत्र जो हर भारतीय को सीखना और बच्चों को सिखाना चाहिए।*
*प्रत्येक माता पिता को अपने बच्चों को सनातन धर्म संस्कृति के इन 20 मंत्रों को अवश्य जानना चाहिए, क्योंकि हर जगह यह मंत्र काम में आते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इससे बच्चों का मन भटकता नहीं है और उनमें अच्छा करने की प्रेरणा मिलती है, बच्चों की स्मरण शक्ति बड़ती हैं।*
*वे बुरे मार्ग पर जाने से खुद को रोक लेते हैं।*
*_1._*
*_रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे !_*
*_रघुनाथाय नाथाय सीताया: पतये नम: !!_*
*अर्थ : राम, रामभद्र, रामचंद्र, विधाता स्वरूप, श्री रघुनाथ जी एवं माता श्री सीता जी के स्वामी की मैं वंदना करता हूं।*
*_2._*
*_राम रामेति रमे रामे मनोरमे ।_*
*_सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ॥_*
*अर्थ : शिवजी माता पार्वतीजी से कहते हैं कि श्रीराम नाम के मुख में विराजमान होने से राम राम राम इसी द्वादश अक्षर नाम का जप करो। हे पार्वति! मैं भी इन्हीं मनोरम राम में रमता हूं। यह राम नाम विष्णु जी के सहस्रनाम के तुल्य है। भगवान राम के ‘राम’ नाम को विष्णु सहस्रनाम के तुल्य कहा गया है। इस मंत्र को श्री राम तारक मंत्र भी कहा जाता है। और इसका जाप, सम्पूर्ण विष्णु सहस्त्रनाम या विष्णु के 1000 नामों के जाप के समतुल्य है। यह मंत्र श्री राम रक्षा स्तोत्रम् के नाम से भी जाना जाता है।*
3.
*_ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात् ।।_* *- यह मंत्र ईशवर ,मां गायत्री और सूर्य को समर्पित है।*
*अर्थ : सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा का वह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।*
*_4._*
*_ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |_*
*_उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||_*
*मंत्र का अर्थ : हम त्रिनेत्र को पूजते हैं, जो सुगंधित हैं, हमारा पोषण करते हैं, जिस तरह फल, शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है, वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं।*
*_5._*
*_वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ: ।_*
*_निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥_*
*अर्थ : जिनका मुख घुमावदार है। जिनका शरीर विशाल है, जो करोड़ों सूर्य के समान तेजस्वी हैं, जो ज्ञान का प्रकाश चारों ओर फैला सकते हैं, जो सभी कार्यों में होने वाले बाधाओं को दूर कर सकते है, वैसे प्रभु आप मेरे सभी कार्यों की बाधाओं को शीघ्र दूर करें। आप मुझ पर अपनी कृपा दृष्टि सदैव बनाए रखें।*
*_6._*
*_हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे।_*
*_हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे ।।_*
*अर्थ : इस राम और कृष्ण मंत्र में हरे शब्द श्री विष्णु और भगवान शिव का संबोधन माना जाता है। विष्णु जी को हरि और शिवजी को हर कहते हैं, दोनों को मिलाकर हरे हुआ। इस प्रकार से यह विष्णु, शिव, राम और कृष्ण चारों का मिला जुला मंत्र है, और यह बहुत शक्तिशाली मंत्र हैं।*
*_7._*
*_मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।_*
*_वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतम् शरणं प्रपद्ये।। – रामरक्षास्तोत्रम् 23_*
*अर्थात : जिनकी मन के समान गति और वायु के समान वेग है, जो परम जितेन्दिय और बुद्धिमानों में श्रेष्ठ हैं, उन पवनपुत्र वानरों में प्रमुख श्रीरामदूत की मैं शरण लेता हूं। कलियुग में हनुमानजी की भक्ति से बढ़कर किसी अन्य की भक्ति में शक्ति नहीं है।*
*_8._*
*_मङ्गलम् भगवान विष्णुः मङ्गलम् गरुणध्वजः।_*
*_मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः मङ्गलाय तनो हरिः॥_*
*अर्थ : भगवान विष्णु का मंगल हो, जिसके ध्वज में गरुड़ हैं उसका मंगलमय हो, जिसके कमल जैसे नेत्र हैं उसका मंगलमय हो, उस प्रभु हरि का मंगलमय हो।*
*_9._*
*_वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्।_*
*_देवकीपरमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्।_*
*अर्थ : वसुदेव के पुत्र ; कंस, चाणूर आदि का मर्दन करनेवाले, (माता) देवकी को परमानंद देनेवाले और संपूर्ण जगत के गुरु भगवान श्रीकृष्ण को मैं वंदन करता हूं।*
*_10._*
*_ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।_*
*_दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।_*
*_नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।_*
*_नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।_*
*अर्थ : जयंती, मंगला, काली, भद्रकाली, कपालिनी, दुर्गा, क्षमा, शिवा धात्री और स्वधा – इन नामों से प्रसिद्ध जगदंबे। आपको मेरा बारंबार नमस्कार है, नमस्कार है नमस्कार है।*
*_11._*
*_सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणी_*
*_विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु में सदा ॥_*
*_या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता_*
*_नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥_*
*अर्थ : हे सबकी कामना पूर्ण करने वाली माता सरस्वती, आपको नमस्कार करता हूँ। मैं अपनी विद्या ग्रहण करना आरम्भ कर रहा हूँ। मुझे इस कार्य में सिद्धि मिले। जो देवी सब प्राणियों में विद्या के रूप में विराजमान हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।*
*_12._*
*_देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव।_*
*_कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥’_*
या………………
*_ॐ शारवाना-भावाया नम: ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा_* *_वल्लीईकल्याणा सुंदरा, देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते।_*
*अपने चेतन में शरवान के भाव को प्राप्त करने वाले, ज्ञान और शक्ति के धारण स्कंद वल्ली के सखा, एककल्याणशी, सुंदर, देवसेना के मन का प्रिय, कार्तिकेय तुम्हें मेरा नमन।*
*_13._*
*_ॐ नमस्ते परमं ब्रह्मा, नमस्ते परमात्ने।_*
*_निर्गुणाय नमस्तुभ्यं, सदुयाय नमो नम: ।।_*
*अर्थ : पराशक्ति परब्रह्म परमात्मा को नमस्कार है। निर्गुण स्वरूप को नमस्कार।*
*_14._*
*_ॐ नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।_*
*_छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥_*
*मंत्र का अर्थ : जिनका शरीर नीले वर्ण का है, जो छाया और सूर्य के पुत्र हैं एवं जो यम के बड़े भाई हैं। उन शनि देव को मैं नमस्कार करता हूं।*
*_15._*
*_।। उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत ।।_*
*_क्षुरस्य धारा निशिता दुरत्यया दुर्गं पथस्तत्कवयो वदन्ति ॥14॥ – कठोपनिषद् (कृष्ण यजुर्वेद)_*
*अर्थ : (हे मनुष्यों) उठो, जागो (सचेत हो जाओ)। श्रेष्ठ (ज्ञानी) पुरुषों को प्राप्त (उनके पास जा) करके ज्ञान प्राप्त करो। त्रिकालदर्शी (ज्ञानी पुरुष) उस पथ (तत्वज्ञान के मार्ग) को छुरे की तीक्ष्ण (लांघने में कठिन) धारा के (के सदृश) दुर्गम (घोर कठिन) कहते हैं।*
*_16._*
*_।। प्रथमेनार्जिता विद्या द्वितीयेनार्जितं धनं । तृतीयेनार्जितः कीर्तिः चतुर्थे किं करिष्यति ।।_*
*अर्थ : जिसने प्रथम अर्थात ब्रह्मचर्य आश्रम में विद्या अर्जित नहीं की, द्वितीय अर्थात गृहस्थ आश्रम में धन अर्जित नहीं किया, तृतीय अर्थात वानप्रस्थ आश्रम में कीर्ति अर्जित नहीं की, वह चतुर्थ अर्थात संन्यास आश्रम में क्या करेगा ?*
*_17._*
श्लोक : *_।। विद्या मित्रं प्रवासेषु भार्या मित्रं गृहेषु च। रुग्णस्य चौषधं मित्रं धर्मो मित्रं मृतस्य च ।।_*
*अर्थात : प्रवास की मित्र विद्या, घर की मित्र पत्नी, मरीजों की मित्र औषधि और मृत्योपरांत मित्र धर्म ही होता है।*
*_18._*
श्लोक : *_।। ॐ सह नाववतु। सह नौ भुनक्तु। सह वीर्यं करवावहै। तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषावहै ॥ 19॥ (कठोपनिषद – कृष्ण यजुर्वेद)_*
*अर्थात : परमेश्वर हम शिष्य और आचार्य दोनों की साथ-साथ रक्षा करें, हम दोनों को साथ-साथ विद्या के फल का भोग कराए, हम दोनों एकसाथ मिलकर विद्या प्राप्ति का सामर्थ्य प्राप्त करें, हम दोनों का पढ़ा हुआ तेजस्वी हो, हम दोनों परस्पर द्वेष न करें। उक्त तरह की भावना रखने वाले का मन निर्मल रहता है। निर्मल मन से निर्मल भविष्य का उदय होता है।*
*_19. :_*
*_।। अलसस्य कुतः विद्या अविद्यस्य कुतः धनम् । अधनस्य कुतः मित्रम् अमित्रस्य कुतः सुखम् ।।_*
*अर्थ : आलसी को विद्या कहां, अनपढ़ या मूर्ख को धन कहां, निर्धन को मित्र कहां और अमित्र को सुख कहां।*
*_20._*
श्लोक : *_।। येषां न विद्या न तपो न दानं, ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्मः । ते मृत्युलोके भुवि भारभूता, मनुष्यरूपेण मृगाश्चरन्ति ।।_*
*अर्थ : जिसके पास विद्या, तप, ज्ञान, शील, गुण और धर्म में से कुछ नहीं वह मनुष्य ऐसा जीवन व्यतीत करते हैं जैसे एक मृग।*
*अर्थात : जिस मनुष्य ने किसी भी प्रकार से विद्या अध्ययन नहीं किया,न ही उसने व्रत और तप किया,थोड़ा बहुत अन्न-वस्त्र-धन या विद्या दान नहीं दिया,न उसमें किसी भी प्राकार का ज्ञान है,न शील है,न गुण है और न धर्म है। ऐसे मनुष्य इस धरती पर भार होते हैं।मनुष्य रूप में होते हुए भी पशु के समान जीवन व्यतीत करते हैं..!!*
*🏵️राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे ।* *सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने॥*
*🏵️सुप्रभात, आपका जीवन मंगलमय हो*
*दिन में गैस की बीमारियों पर तुरंत असर दिखाने वाला अद्भुत प्राकृतिक जड़ी बूटियों से तैयार…*
*सालों से परेशान गैस्ट्रिक, हाइपर एसिडिटी से मुक्ति…*
*_मानों या न मानो पर सच यही है…_*
*मानव में गैस की समस्या को हिंदी में “वायु गठिया” कहा जाता है।*
*शरीर मे गैस की समस्या किन किन कारणों से होती है एवं इनका क्या निवारण है…*
*शरीर में गैस की समस्या के कई कारण हो सकते हैं, जैसे खाने के समय ज्यादा खाना खाना, भोजन में तली हुई, तीखे और मसालेदार खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन, खाने के दौरान जल बिना खाना खाना, गैस पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना जैसे कि विफल कुल्चे, बीफ, राजमा, सेंधा नमक, सॉडा वगैरह।*
*इस समस्या को निवारण करने के लिए आप निम्नलिखित प्राकृतिक उपाय कर सकते हैं:*
*(1). समय पर भोजन करें और अधिक खाने से बचें।*
*(2). तले हुए, तीखे और मसालेदार खाद्य पदार्थों के सेवन को कम करें।*
*(3). विफल कुल्चे, बीफ, राजमा जैसे गैस पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों से दूर रहें।*
*(4). जल बिना भोजन खाने से बचें।*
*(5). नमक और सॉडा जैसे गैस को बढ़ाने वाले पदार्थों के सेवन से बचें।*
*(6). नियमित व्यायाम करें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।*
*(7). गैस समस्या होने पर धीरे-धीरे पेट को मले या फिर गर्म पानी की बोतल पर नीचे से दबाएं ताकि गैस निकल सके।
*ये टेबलेट्स किसी भी प्रकार के स्टेरॉइड से मुक्त हैं
यदि गैस समस्या बहुत ज्यादा हो और यह नियंत्रण में नहीं आती है, तो किसी योग्य विशेषज्ञ से भी सलाह लेने के लिए चिकित्सक से संपर्क कर सकते हैं।
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