आज का पंचाग आपका राशि फल, देवभूमि की छवि धूमिल एवं विकृत करते मांस के अस्वास्थकर कसाई और होटल व्यवसायी, इसी सप्ताह हुआ था गुरू गोविन्द सिंह के बच्चों का बलिदान, गुरु गोविंद सिंह जी की कुर्बानियों को मात्र 300 वर्षों में भुला दिया!

​ ​ 𝕝𝕝 🕉 𝕝𝕝

                  *श्री हरिहरो* 

                *विजयतेतराम्

        *🌹।।सुप्रभातम्।।🌹*

        🗓 आज का पञ्चाङ्ग 🗓

*~___________⊰⧱⊱___________~*

 

*बुधवार, २१ दिसम्बर २०२२*

 

सूर्योदय: 🌄 ०७:०९

सूर्यास्त: 🌅 ०५:२५

चन्द्रोदय: 🌝 २९:४९

चन्द्रास्त: 🌜१५:१९

अयन 🌖 दक्षिणायने 

(दक्षिणगोलीय)

ऋतु: 🌳 हेमंत

शक सम्वत:👉१९४४ (शुभकृत)

विक्रम सम्वत:👉२०७९ (नल)

मास 👉 पौष

पक्ष 👉 कृष्ण

तिथि 👉 त्रयोदशी (२२:१६ 

से चतुर्दशी)

नक्षत्र 👉 विशाखा (०८:३३ 

से अनुराधा)

योग👉धृति (२१:२६ से शू

प्रथम करण👉गर(११:३५तक)

द्वितीय करण 👉 वणिज 

(२२:१६ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 धनु

चंद्र 🌟 वृश्चिक

मंगल🌟वृष(उदित,पश्चिम,वक्री)

बुध🌟धनु(उदित,पूर्व,मार्गी)

गुरु🌟मीन(उदित,पूर्व,मार्गी)

शुक्र 🌟धनु (उदित, पश्चिम)

शनि🌟मकर(उदित,पूर्व,मार्गी)

राहु 🌟 मेष

केतु 🌟 तुला

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ❌️❌️❌️

अमृत काल 👉 २१:०१ से २२:२९

सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०८:३३ से ३०:३३

अमृतसिद्धि योग 👉 ०८:३३ से ३०:३३

विजय मुहूर्त 👉 १३:५७ से १४:३८

गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:१८ से १७:४६

सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:२१ से १८:४४

निशिता मुहूर्त 👉 २३:४८ से २४:४१

राहुकाल 👉 १२:१५ से १३:३१

राहु वास 👉 दक्षिण-पश्चिम

यमगण्ड 👉 ०८:२५ से ०९:४२

होमाहुति 👉 केतु

दिशाशूल 👉 उत्तर

नक्षत्र शूल 👉 पूर्व (३०:३३ से)

अग्निवास 👉 आकाश 

भद्रावास 👉 स्वर्ग (२२:१६ से) 

चन्द्रवास 👉 उत्तर

शिववास 👉 भोजन में (२२:१६ से श्मशान में)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – लाभ २ – अमृत

३ – काल ४ – शुभ

५ – रोग ६ – उद्वेग

७ – चर ८ – लाभ

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – उद्वेग २ – शुभ

३ – अमृत ४ – चर

५ – रोग ६ – काल

७ – लाभ ८ – उद्वेग

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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उत्तर-पश्चिम (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि, वाहन क्रय-विक्रय मुहूर्त प्रातः ११:०७ से दोपहर १२:२५ तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज ०८:३३ तक जन्मे शिशुओ का नाम विशाखा नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (तो) नामाक्षर से तथा इसके बाद ३०:३३ जन्मे शिशुओ का नाम अनुराधा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ना, नी, नू, ने) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार (नो) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

धनु – ३०:५० से ०८:५४

मकर – ०८:५४ से १०:३५

कुम्भ – १०:३५ से १२:०१

मीन – १२:०१ से १३:२४

मेष – १३:२४ से १४:५८

वृषभ – १४:५८ से १६:५३

मिथुन – १६:५३ से १९:०८

कर्क – १९:०८ से २१:२९

सिंह – २१:२९ से २३:४८

कन्या – २३:४८ से २६:०६

तुला – २६:०६ से २८:२७

वृश्चिक – २८:२७ से ३०:४६

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पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०७:०९ से ०८:३३

रज पञ्चक – ०८:३३ से ०८:५४

शुभ मुहूर्त – ०८:५४ से १०:३५

चोर पञ्चक – १०:३५ से १२:०१

शुभ मुहूर्त – १२:०१ से १३:२४

शुभ मुहूर्त – १३:२४ से १४:५८

चोर पञ्चक – १४:५८ से १६:५३

शुभ मुहूर्त – १६:५३ से १९:०८

रोग पञ्चक – १९:०८ से २१:२९

शुभ मुहूर्त – २१:२९ से २२:१६

मृत्यु पञ्चक – २२:१६ से २३:४८

अग्नि पञ्चक – २३:४८ से २६:०६

शुभ मुहूर्त – २६:०६ से २८:२७

शुभ मुहूर्त – २८:२७ से ३०:३३

रज पञ्चक – ३०:३३ से ३०:४६

शुभ मुहूर्त – ३०:४६ से ३१:०९

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आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन विपरीत फलदायी रहने से आप शारीरिक अस्वस्थ्यता अनुभव करेंगे। रक्तविकार अथवा सर्दी लगने से परेशानी होगी। कार्य क्षेत्र पर अतिरिक्त कार्य भार रहने से थकान अनुभव होगी असंयमित एवं क्रोधी व्यवहार के कारण बने हुए कार्य विवाद की भेंट चढ़ सकते है। नए कार्यो का आरंभ आज ना करें ना ही किसी को उधार दें। मध्यान बाद तक अपने आपको अकेला अनुभव करेंगे। इसके बाद परिवार के सदस्यों का सहयोग मिलने लगेगा लेकिन घरेलू आवश्यकताओं को नजरअंदाज करने से अशांति बढ़ेगी। संध्या के समय सेहत प्रतिकूल रहने पर भी मनोरंजन के अवसर तलाशेंगे। आज फिजूल खर्च से बचे ऐसे ही खर्च अधिक रहेंगे।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज का दिन भी आपके लिये शुभ फलदायी रहेगा दिन घरेलू सुख-शांति दायक रहेगा। दिन भर शारीरिक व मानसिक रूप से चुस्त रहेंगे पुराने रोग में सुधार आने से राहत मिलेगी। कार्य क्षेत्र पर कम समय देंगे इसमे भी नए प्रयोगों में रूचि दिखाएंगे। सहयोगात्मक वातावरण रहने से आवश्यक कार्य समय पर पूरा कर लेंगे सीधे की अपेक्षा अनैतिक मार्ग से लाभ होने की संभावना रहेगी कम समय में अधिक आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकेंगे। मध्यान पश्चात मित्र-परिजनों के साथ मनोरंजन के अवसर मिलेंगे धार्मिक कार्यो में भी उपस्थिति देंगे। उत्तम भोजन वाहन सुख मिलेगा। सार्वजनिक जीवन अधिक बेहतर बनेगा उधारी वाले परेशान कर सकते है।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज का दिन भी आपके लिए शुभफलदायी रहेगा। दिन के आरंभ में थोड़ी सुस्ती दिखाएंगे काम की अपेक्षा आराम का मन रहेगा लेकिन मध्यान के समय आज आप अपने कार्यो को उत्साह से निर्धारित समय पर पूर्ण कर पाएंगे। नए कार्यो का आरम्भ अथवा व्यापार में निवेश लाभदायक सिद्ध होगा लेकिन विदेशी वस्तुओ के व्यापार में आज निवेश ना करें। कार्य क्षेत्र या घर में परिवर्तन अथवा साज सज्जा में बदलाव भी कर सकते है समाज के प्रतिष्ठित लोगो से सम्मान मिलेगा लेकिन आर्थिक लाभ थोड़ा विलम्ब से होगा। दाम्पत्य सुख उत्तम रहेगा सुख सुविधा जुटाने पर खर्च करेंगे आकस्मिक यात्रा से लाभ होगा। संध्या के समय पेट सम्बंधित परेशानी हो सकती है। 

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन आपको मिश्रित फल देगा। बुद्धि विवेक रहने पर भी मन में राग-द्वेष की भावना रहने से किसी प्रिय से दूरी बन सकती है। प्रातः काल से ही बाहर घूमने-फिरने का मन बनेगा मध्यान बाद का अधिकांश समय मनोरंजन में व्यतीत करेंगे कार्य क्षेत्र पर आवेश में आकार किसी से झगड़ा मोल लेंगे। क्रय-विक्रय के व्यापार से लाभ होगा विदेशी वस्तुओ के व्यापार में निवेश आगे के लिये लाभदायक रहेगा। प्रेम प्रसंगों में आपसी सम्बन्ध बिगड़ेंगे। संध्या बाद असंयमित दिनचर्या से थकान रहेगी गैस-कब्ज-पित्त के रोग से परेशानी होगी। संध्या के समय आकस्मिक खर्च के साथ लाभ के योग भी है।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज का दिन आपके लिए अधिक परिश्रम वाला रहेगा। परिश्रम के बाद भी कार्यो में विलम्ब होने से हताशा बढ़ेगी। दिन का अधिकांश समय अशान्त रहेगा। छोटी सी बात पर घरेलु कलह विकराल रूप ले सकती है। मन में नकारात्मकता हावी रहने से कई बार दुविधा की स्थिति बनेगी। नए कार्यो को आज आरम्भ न करें प्रलोभन में पड़ने से हानि हो सकती है। आकस्मिक यात्रा के योग बनेंगे यात्रा में चोटादि का भय है सावधान रहें। सरकारी दस्तावेजो को संभाल कर रखें। संतान के कारण हानि हो सकती है। किसी विदेशी अथवा दूर रहने वाले व्यक्ति से लाभ हो सकता है। क्रोध पर संयम रखें। सेहत ठीक रहेगी लेकिन मन पर संयम नही रहेगा।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन आपके लिए व्यस्तता से भरा रहेगा। दिन आप के लिए लाभदायक रहेगा। आज स्वास्थ्य उत्तम बना रहेगा।बीते दिनों की तुलना में आज कार्यो में आसानी से सफलता मिलने से आत्मविश्वाश बढ़ेगा। घर एवं कार्य क्षेत्र पर व्यवस्थाएं सुधारने में अधिक समय देंगे बदलाव लाने के लिए खर्च भी कर सकते है। आर्थिक लाभ के लिए अधिक प्रयत्न करना पड़ेगा मध्यान के समय किसी मनोकामना की पूर्ति होने से प्रसन्न रहेंगे। परिवार के साथ मिलकर किसी शुभ आयोजन या पर्यटन के अवसर मिलेंगे ननिहाल पक्ष से शुभ समाचार मिलेंगे। लेकिन सरकार की तरफ से अशुभ समाचार भी मिल सकते है। यात्रा से थकान होगी।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज का दिन आपको मिश्रित फल प्रदान करेगा। प्रातःकाल से ही शारीरिक थकान व कमजोरी अनुभव होने से आलस्य बढ़ेगा। कार्य क्षेत्र पर भी आज का दिन सामान्य रहेगा। लाभ के लिए अधिक परिश्रम करना पड़ेगा। मन में यात्रा पर्यटन के विचार बनेंगे। धार्मिक स्थान की यात्रा हो सकती है। सामाजिक कार्यो में रूचि रहने से प्रशंशा मिलेगी। आप अपनी व्यवहार कुशलता और संतोषि स्वभाव से सम्मानित होंगे। आज उधारी वसूलने में परेशानी आ सकती है। घर में मेहमानों के आने से वातावरण आनंदित होगा। पारिवारिक खर्च बढ़ने से परेशानी भी होगी। संध्या का समय अत्यन्त थकान वाला रहेगा। बाहर का खाना पेट खराब करेगा संयम बरते।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन आपके लिए सुख-शांति वाला रहेगा। मित्र-परिजन के साथ मनोरंजन के लिए पर्यटक स्थल पर जाने का अवसर मिलेगा। खर्च अधिक रहने से धन सम्बंधित समस्याएं भी बनेंगी। पारिवारिक सदस्यों का आज कार्य क्षेत्र पर सहयोग मिलेने से थोड़े परिश्रम के बाद आशा से अधिक लाभ प्राप्त करेंगे। परिवार में उल्लास का वातावरण रहेगा आज आप मित्र परिजनों के साथ ज्यादा समय बिताना पसंद करेंगे। फिजूल खर्ची से बचें। महिलाओ का शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रहने से अधूरे कार्यो को उत्साह से पूर्ण करेंगी लेकिन मिजाज का पता नही रहेगा रंग में भंग भी डाल सकती है। संताने जिद कर बजट से अधिक खर्च करवाएंगी।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज का दिन आपके लिए प्रतिकूल परिस्थितियों वाला रहेगा जहां से लाभ की उम्मीद रहेगी वहां से निराशा मिलेगी। मध्यान तक मन में किसी अरिष्ट की आशंका से भयभीत रहेंगे। क्रोध भी आज अधिक रहने से व्यर्थ विवाद की संभावना अधिक रहेगी। किसी ग़लतफ़हमी के कारण स्वजनों से मनमुटाव होगा कार्य क्षेत्र पर भी हानि के योग है। संतान से पुराने मतभेद उभरने से पारिवारिक वातावरण अशान्त होगा। आर्थिक स्थिति बिगड़ने से कर्ज लेना पड़ सकता है। कार्य क्षेत्र पर आरंभिक बिक्री के बाद आज उदासीनता छायी रहेगी। बीमारी पर खर्च होगा। बुजुर्गो के साथ समय बिताएं मार्गदर्शन मिलेगा। यात्रा से लाभ कम थकान ज्यादा होगी।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का दिन भी आपके अनुकूल रहेगा। आज दिन भर शारीरिक और मानसिक स्फूर्ति रहेगी। आपका सामाजिक व्यवहार बढ़ेगा दिन के पूर्वार्ध में आपके समस्त कार्य सरलता से बनते चले जायेंगे लेकिन लाभ के लिए इन्तजार करना पड़ेगा धन को लेकर किसी से बहस भी होगी। नौकरी पेशाओ को अतिरिक्त कार्य मिलने से असुविधा होगी काम लापरवाही से करेंगे। मध्यान के बाद का समय मनोरंजन में बिताएंगे। मित्रो के साथ बाहर घूमने का अवसर मिलेगा। ससुराल से लाभ होगा।

पारिवारिक दायित्व बढ़ने से व्यस्तता रहेगी। स्वभाव में भावुकता एवं कामुकता अधिक रहने से अन्य व्यक्ति इसका गलत फायदा उठा सकता है। 

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज का दिन आपके अनुकूल रहेगा। आज कार्यो में मनचाही सफलता मिलने से प्रसन्न रहेंगे। लेकिन सरकारी कार्य करने के लिए आज का दिन ठीक नही उलझने बढ़ेंगी अधूरे रहेंगे। आज घर एवं बाहर क्लेश मुक्त वातावरण बनने से राहत मिलेगी रिश्तेदारो से लाभ के अवसर मिलेंगे। नौकरीपेशा जातको को मेहनत का उचित फल मिलेगा विरोधियो पर विजय प्राप्त करेंगे कोई शुभ समाचार मिलने से मन प्रसन्न रहेगा लेखक, साहित्यकार एवं पत्रकारों के लिए आज का दिन विशेष लाभदायक रहेगा। मित्र परिजनों के साथ संध्या का समय आनंद से बितायेंगे। महिला मित्र से मधुर मुलाकात होगी।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज का दिन आपके लिये पहले की तुलना में शांति दायक रहेगा आज आध्यत्म में विशेष रूचि रहेगी पूजन-सत्संग का आयोजन करेंगे शुभ धार्मिक यात्रा पर भी जा सकते है। अधूरे कार्यो के पूर्ण होने में विलम्ब होने से हताश होंगे परंतु प्रयास करते रहे थोड़े परिश्रम के बाद सफलता मिल सकती है। पूँजी निवेश के लिए आज का दिन शुभ नहीं है। उगाही से लाभ होगा कार्य क्षेत्र पर स्त्री का सहयोग मिलेगा। परिजनों के साथ मित्रवत व्यवहार रहेगा। पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति के कारण खर्च बढ़ने से असहज अनुभव करेंगे। आज किसी भी प्रकार के उधार व्यवहार से बचे। सेहत ठीक रहेगी लेकिन अपने कामो को छोड़ अन्य का काम करने में आलस्य दिखाएंगे।

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*उत्तराखंड : संसार भर से सनसनी श्रध्दालु उत्तराखंड में देवताओं के दर्शन करने आते हैं लेकिन जब वे उत्तराखंड में जगह जगह मीट मांस के फड़ दुकाने और होटल देखते हैं तो उनका मन विशाद से भर जाता है और देवभूमि की छवि धूमिल हो जाती है। नियमों के अनुसार खुले स्थानों, सार्वजनिक स्थानों पर और सड़क के अगल-बगल फुटपाथ पर खुले में किसी भी तरह का मांस मछली नहीं बिक सकती लेकिन समग्र उत्तराखंड में कसाईयों द्वारा इस तरह की फड़ ठेले और दुकानें धड़ल्ले से चल रही हैं। कसाईयों ने मंदिरों को जाने वाले मार्ग भी नहीं छोड़े हैं। देहरादून शहर जहां सभी नियम कानूनों के पुरोधा रहते हैं वहां भी ऐतिहासिक गौतम कुंड जाने वाले चंद्रबनी रोड़, माता मंदिर रोड़, चारों सिद्धों के मोटर रोड़ और यहां तक कि देवभूमि की अस्थायी राजधानी देहरादून का द्वार आईएसबीटी, अंहिसा के पुजारी महात्मा गांधी रोड़ पर कसाई खाने और खुलेआम मांस परोसने वाले अस्वास्थ्यकर होटलों के लिए कोई निमय कानून लागू नहीं होता वे कानून को ठेंगे पर रखते हैं। होटलों पर लटके कटे हुए पशुओं और मुर्गे देवभूमि की साख पर बट्टा तो लगाते ही हैं खुलेआम लोगों के स्वास्थ्य और शाकाहारी लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ भी है, इन पर कार्यवाही क्यों नहीं होती इसको समझने की आवश्यकता है। भोग विलास के लिए कुख्यात गोवा में किसी भी होटल में मृत पशुओं का मांस लटका हुआ नहीं मिलता है वहां हर होटल को मांस पर्दे में फ्रीज में रखना होता है लेकिन देवभूमि के नाम से विख्यात उत्तराखंड में मीट मांस की ऐसी हिंसक गंदगी देख कर किसी को भी अच्छा नहीं लगता और कुछ ना कर सकें तो यात्रा मार्गों और देवभूमि के राज मार्गों से ऐसे मीट मांस के कसाई खानो व दुकानों को नियमों के अनुसार अंकुश तो लगा ही सकते हैं। कुछ नहीं तो मांस लटकाने व प्रदर्शन की बजाय फ्रीज का उपयोग करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। ✍️ हरीश मैखुरी संपादक 

*21 दिसम्बर से 27 दिसम्बर तक इन्हीं 7 दिनों में गुरु गोविंद सिंह जी का पूरा परिवार शहीद हो गया था। उसी रात माता गूजरी ने भी ठन्डे बुर्ज में प्राण त्याग दिए । यह सप्ताह भारत के इतिहास में ‘शोक सप्ताह’ होता है, शौर्य का सप्ताह होता है ।*

*क्रिसमस के समय शराब में डूबने और जश्न मनाने की बजाय, यह सप्ताह उन शहीदों को याद करते हुए बितायें*..🙏
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*पूस का 13वां दिन…. नवाब वजीर खां ने फिर पूछा…. बोलो इस्लाम कबूल करते हो ?*

*6 साल के छोटे साहिबजादे फ़तेह सिंह ने नवाब से पूछा*…. *अगर मुसलमाँ हो गए तो फिर कभी नहीं मरेंगे न ?*

*वजीर खां अवाक रह गया….उसके मुँह से जवाब न फूटा तो साहिबजादे ने जवाब दिया कि जब मुसलमाँ हो के भी मरना ही है , तो अपने धर्म में ही अपने धर्म की खातिर क्यों न मरें* ?

*दोनों साहिबजादों को ज़िंदा दीवार में चिनवाने का आदेश हुआ*…🗡

*दीवार चिनी जाने लगी* ।
*जब दीवार 6 वर्षीय फ़तेह सिंह की गर्दन तक आ गयी तो 8 वर्षीय जोरावर सिंह रोने लगा*…..
*फ़तेह ने पूछा, जोरावर रोता क्यों है* ?
*जोरावर बोला, रो इसलिए रहा हूँ कि आया मैं पहले था पर कौम के लिए शहीद तू पहले हो रहा है*……

*गुरु साहब का पूरा परिवार 6 पूस से 13 पूस… इस एक सप्ताह में कौम के लिए धर्म के लिए राष्ट्र के लिए शहीद हो गया* ।

*दोनों बड़े साहिबजादों, अजीत सिंह और जुझार सिंह जी का शहीदी दिवस !*
*और स्पष्ट कर दूँ…-*
*पहले पंजाब में इस हफ्ते सब लोग ज़मीन पर सोते थे क्योंकि माता गूजरी ने 25 दिसम्बर की वो रात दोनों छोटे साहिबजादों के साथ नवाब वजीर ख़ाँ की गिरफ्त में सरहिन्द के किले में ठंडी बुर्ज़ में गुजारी थी और 26 दिसम्बर को दोनो बच्चे शहीद हो गये थे* । *27 तारीख को माता ने भी अपने प्राण त्याग दिए थे*।

*लेकिन, अंग्रेजों की देखा-देखी पगलाए हुए हम भारतीयों ने गुरु गोविंद सिंह जी की कुर्बानियों को सिर्फ 300 साल में भुला दिया* । *ये बड़े शर्म की बात है कि हमने अपने गौरवशाली इतिहास को भुला दिया, और यही मूल कारण है कि हम ग़ुलाम बने*।

*कितनी जल्दी भुला दिया हमने इस शहादत को*?

*आइए, उन सभी ज्ञात-अज्ञात महावीर-बलिदानियों को याद करें जिनके कारण आज सनातन संस्कृति बची हुई है,…,*

 
ll अहिंसा परमो धर्म: ll
*◆ अपनी मृत्यु और अपनों की मृत्यु डरावनी लगती है। बाकी तो मौत को enjoy ही करता है व्यक्ति ……*
मौत के स्वाद का 
चटखारे लेता मनुष्य …
थोड़ा कड़वा लिखा है पर मन का लिखा है …
मौत से प्यार नहीं , मौत तो हमारा स्वाद है।
बकरे का, 
गाय का,
भैंस का,
ऊँट का,
सुअर,
हिरण का,
पाए का, 
तीतर का, 
मुर्गे का, 
हलाल का, 
बिना हलाल का, 
झटके का,
ताजा बकरे का, 
भुना हुआ,
छोटी मछली, 
बड़ी मछली, 
हल्की आंच पर सिका हुआ। 
और न जाने कितने बल्कि अनगिनत स्वाद हैं मौत के।
क्योंकि मौत किसी और की, और स्वाद हमारा….
स्वाद से कारोबार बन गई मौत। 
मुर्गी पालन, मछली पालन, बकरी पालन, पोल्ट्री फार्म्स।
नाम “पालन” और उद्देश्य “हत्या”। स्लाटर हाउस तक खोल दिये। वो भी ऑफिशियल। गली गली में खुले नान वेज रेस्टॉरेंट, मौत का व्यापार नहीं तो और क्या हैं ? मौत से प्यार और उसका व्यापार इसलिए क्योंकि मौत हमारी नही है।
 जो हमारी तरह बोल नही सकते, 
अभिव्यक्त नही कर सकते, अपनी सुरक्षा स्वयं करने में समर्थ नहीं हैं, 
उनकी असहायता को हमने अपना बल कैसे मान लिया ?
 कैसे मान लिया कि उनमें भावनाएं नहीं होतीं ?
 या उनकी आहें नहीं निकलतीं ?
डाइनिंग टेबल पर हड्डियां नोचते बाप बच्चों को सीख देते है, बेटा कभी किसी का दिल नही दुखाना ! किसी की आहें मत लेना ! किसी की आंख में तुम्हारी वजह से आंसू नहीं आना चाहिए ! 
बच्चों में झुठे संस्कार डालते बाप को, अपने हाथ मे वो हडडी दिखाई नही देती, जो इससे पहले एक शरीर थी, जिसके अंदर इससे पहले एक आत्मा थी, उसकी भी एक मां थी …??
जिसे काटा गया होगा ? 
जो कराहा होगा ? 
जो तड़पा होगा ? 
जिसकी आहें निकली होंगी ? 
जिसने बद्दुआ भी दी होगी ?
जिसकी अन्तरात्मा में से चीत्कार निकली होगी?
 कैसे मान लिया कि जब जब  धरती पर अत्याचार बढ़ेंगे तो
भगवान सिर्फ तुम मनुष्यों की रक्षा के लिए अवतार लेंगे  ..?
क्या मूक जानवर उस परमपिता परमेश्वर की संतान नहीं हैं ..? 
क्या उस ईश्वर को उनकी रक्षा की चिंता नहीं है  ..?
आज कोरोना वायरस उन जानवरों के लिए, ईश्वर के अवतार से कम नहीं है। 
जब से इस वायरस का कहर बरपा है, 
जानवर स्वच्छंद घूम रहे है ।
पक्षी चहचहा रहे हैं। 
उन्हें पहली बार इस धरती पर अपना भी कुछ अधिकार सा नज़र आया है। पेड़ पौधे ऐसे लहलहा रहे हैं, जैसे उन्हें नई जिंदगी मिली हो। धरती को भी जैसे सांस लेना आसान हो गया हो।
सृष्टि के निर्माता द्वारा रचित करोङो करोड़ योनियों में से एक कोरोना ने हमें हमारी औकात बता दी। घर में घुस के मारा है और मार रहा है। और उसका हम सब, कुछ नही बिगाड़ सकते। अब घंटियां बजा रहे हो, प्रार्थना कर रहे हो, प्रेयर कर रहे हो और भीख मांग रहे हो उससे, कि वो हमें बचा ले।
धर्म की आड़ में उस परमपिता के नाम पर अपने स्वाद के लिए कभी ईद पर बकरे काटते हो, कभी दुर्गा माँ या भैरव बाबा के सामने बकरे की बली चढ़ाते हो।
कहीं तुम अपने स्वाद के लिए मछली का भोग लगाते हो । 
कभी सोचा …!!!
क्या ईश्वर का स्वाद होता है ? ….क्या है उनका भोजन ?
किसे ठग रहे हो ?
भगवान को ? 
अल्लाह को ?  
जीसस को?
या खुद को ?
मंगलवार को नानवेज नही खाता …!!!
आज शनिवार है इसलिए नहीं …!!!
अभी रोज़े चल रहे हैं ….!!!
नवरात्रि में तो सवाल ही नही उठता ….!!!
झूठ पर झूठ….
…झूठ पर झूठ
..झूठ पर झूठ …!!
फिर कुतर्क सुनो…..फल सब्जियों में भी तो जान होती है …?
 …..तो सुनो फल सब्जियाँ संसर्ग नहीं करतीं, ना ही वो किसी प्राण को जन्म देती हैं । 
इसी लिए उनका भोजन उचित है। 
ईश्वर ने बुद्धि सिर्फ तुम्हे दी । ताकि तमाम योनियों में भटकने के बाद मानव योनि में तुम जन्म मृत्यु के चक्र से निकलने का रास्ता ढूँढ सको। लेकिन तुमने इस मानव योनि को पाते ही स्वयं को भगवान समझ लिया।
तुम्ही कहते थे, की हम जो प्रकति को देंगे, वही प्रकृति हमे लौटायेगी। मौते दीं हैं हमने प्रकृति को, तो मौतें ही लौट रही हैं।
बढो …!!!
आलिंगन करो मौत का ….!!!
यह संकेत है ईश्वर का। 
प्रकृति के साथ रहो।
प्रकृति के होकर रहो।
वर्ना … ईश्वर अपनी ही बनाई कई योनियों को धरती से हमेशा के लिए विलुप्त कर चुके हैं। और आगे भी ऐसा करने में उन्हें एक क्षण भी नही लगेगा। 
इसलिये स्वाद के लिए प्राणी हत्या बंद कीजिए इंसान शाकाहार के लिए बना है मांसाहार के लिए नही🙏
*शाकाहार अपना कर स्वस्थ रहे प्रसन्न रहे. जीव हत्या के पाप से बचे.*
*शायद जगाने में सफल रहा हूँ। एक प्रयास तो कीजिये।*