सिद्ध पुरुष तुलसीदास जी के सुन्दरकांड के दोहे “ढोल गंवार शूद्र पशु नारी ‘सकल’ ‘ताड़न’ के अधिकारी” की व्याकरण में व्याख्या और अपने उद्देश्य साधने के लिए शब्दार्थ करने वालों का षड्यंत्र, आज का पंचाग आपका राशि फल

 महान कवि और सिद्ध पुरुष जिन्हें भगवान राम और राम भक्त हनुमान से स्वयं आ कर दर्शन दिए, जिन्होंने रामायण में 16 हजार से अधिक सुन्दर श्लोक लिखे हों वो भी एक एक शब्द नहीं अपितु अक्षर भी मोतियों की भांति पिरोया हो वे तुलसीदास जी ‘सुन्दरकांड’ जैसे परम कल्याणकारी अध्याय में ‘ढोल गंवार शूद्र पशु नारी’ सकल” ‘ताड़न’ के अधिकारी’ जैसा दोहा लिखते हैं। इसके लिए हमें इस दोहे की व्याकरणीय व्याख्या देखे बिना ही शब्दार्थ करने वालों का षड्यंत्र समझना होगा।

यहां नारी का कोई विशेषण नहीं है। नारीत्वावच्छिन्न सकल नारियां ताड़ना की अधिकारिणी नहीं हैं। अन्यथा प्रत्यवाय की प्रसक्ति होगी।

और सामाजिक विरोध भी। गरुड़ पुराण के श्लोक-

“दुर्जना: शिल्पिनो दासा दुष्टाश्च पटहा: स्त्रिय: ।।
ताडिता मार्दवं यान्ति न ते सत्कारभाजनम्।।

–गरुडपुराण-आचारकाण्ड-109/31

” में दुष्टाश्च विशेषण प्रयुक्त है। और उसका अन्वय दुर्जनेतर सभी के साथ है। वहां कोई आपत्ति नहीं है।
दुर्जना: पद से सभी दुष्ट पुरुष संगृहीत हो जायेंगे ।

नानापुराणनिगमागम की प्रतिज्ञा करने वाले गोस्वामी जी की इस चौपाई का अर्थ दुष्ट = दोषयुक्त ढोल, दोषयुक्त पशु, दोषयुक्त नारी= स्त्री, करना अधिक उपयुक्त है।

जैसे क्षत्रियकुलद्रोही परशुराम जी को कहा गया है। इसका अर्थ ” जहि दुष्टान् नृपोत्तमान्” पौराणवचन को ध्यान में रखकर करते हैं कि परशुराम जी दुष्ट राजा रूप जो क्षत्रिय,उनके कुल के द्रोही थे ।

इस प्रकार समग्र क्षत्रियकुल के द्रोही भगवदवतार परशुराम जी सिद्ध नहीं हो सकते।

वैसे ही “ढोल गंवार शूद्र पशु नारी”
में दुष्ट पद का अध्याहार करके मदुक्त अर्थ करना पड़ेगा ।

दुष्ट जो भी हो उसे ताड़ना दी ही जायेगी । चाहे वह पुरुष हो या नारी । यहां गंवार पद से दुष्ट पुरुष और नारी पद से दुष्ट नारी का ग्रहण श्रेयस्कर है। किन्तु दुष्ट पद का अध्याहार किये विना चौपाई का अर्थ बाधित हो जायेगा; क्योंकि निर्दुष्ट ढोल निर्दुष्ट अश्वादि पशु, निर्दुष्ट शूद्र और निर्दुष्ट नारी की ताड़ना कोई कुधी ही करेगा।
रही समुद्र के ताड़ना की बात। तो गंवार पद से समुद्र का ग्रहण हो जायेगा।
नारी का अर्थ यदि नारीत्वावच्छिन्न लिया जाय तब यह अर्थ सभी सुशील नारियों के ताड़नानर्ह होने से बाधित हो जायेगा।

ऐसी परिस्थिति में रूढ्यर्थ का परित्याग करके योगार्थ लिया गया था।

कुछ विद्वान् नारी का अर्थ स्त्री कर रहे हैं। यह उचित है। किन्तु दुष्ट पद का अध्याहार करके ही नारी का अर्थ स्त्री होगा। दुष्ट पुरुषवत् दुष्ट नारी भी ताडनार्ह है । सकल नारियां नहीं। यही स्थिति ढोल आदि के साथ भी है। जो पूर्व में निर्दिष्ट हो चुका है।’ तुलसीदास चंदन घिसें तिलक करें रघुवीर’ यानी तुलसी दास जी चंदन घिसने के साथ ही रघुवीर अर्थात भगवान राम का तिलक कर रहे हैं। ऐसे महान सिद्ध कवि को बोना बनाने का षड्यंत्र समझिए कि सोलह हजार परम सुन्दर कल्याणकारी दोहे चौपाई छोड़ कर एक दोहे ढोल गंवार शूद्र पशु नारी’ सकल” ‘ताड़न’ के अधिकारी’ का मनगढ़ंत शब्दार्थ बताया जाता है।’ताड़न’ अर्थात दृष्टि रखना’ सकल’ अर्थात समग्रता से यानी इनकी अपने बच्चों के समान देखरेख करनी चाहिए यह अर्थ नहीं बताया जाता है। सनातन संस्कृति के विरूद्ध इस षड्यंत्र को समझिए। 

जय श्रीराम

–#आचार्यसियारामदासनैयायिक से प्रेरित 

. ‼️ 🕉️ ‼️
🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩
📜««« *आज का पञ्चांग* »»»📜
कलियुगाब्द…………………….5124
विक्रम संवत्……………………2079
शक संवत्………………………1944
मास…………………………….श्रावण
पक्ष………………………………कृष्ण
तिथी…………………………….दशमी
प्रातः 11.29 पर्यंत पश्चात एकादशी
रवि…………………………दक्षिणायन
सूर्योदय………….प्रातः 05.54.38 पर
सूर्यास्त………….संध्या 07.12.14 पर
सूर्य राशि………………………….कर्क
चन्द्र राशि………………………..वृषभ
गुरु राशी………………………….मीन
नक्षत्र………………………….कृत्तिका
संध्या 07.03 पर्यंत पश्चात रोहिणी
योग………………………………..गंड
दोप 01.04 पर्यंत पश्चात वृद्धि
करण……………………………..विष्टि
प्रातः 11.29 पर्यंत पश्चात बव
ऋतु……………………………….वर्षा
*दिन………………………..शनिवार*

*🇮🇳 राष्ट्रीय सौर श्रावण, दिनांक ०१*
*( नभमास ) !*

*🇬🇧 आंग्ल मतानुसार दिनांक*
*२३ जुलाई सन् २०२२ ईस्वी !*

☸ शुभ अंक………………………5
🔯 शुभ रंग…………………….नीला

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.06 से 12.59 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
प्रात: 09.15 से 10.54 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त -*
*कर्क*
05:29:28 07:45:39
*सिंह*
07:45:39 09:57:28
*कन्या*
09:57:28 12:08:08
*तुला*
12:08:08 14:22:45
*वृश्चिक*
14:22:45 16:38:55
*धनु*
16:38:55 18:44:33
*मकर*
18:44:33 20:31:40
*कुम्भ*
20:31:40 22:05:14
*मीन*
22:05:14 23:36:25
*मेष*
23:36:25 25:17:09
*वृषभ*
25:17:09 27:15:47
*मिथुन*
27:15:47 29:29:28

🚦 *दिशाशूल :-*
पूर्व दिशा – यदि आवश्यक हो तो अदरक या उड़द का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 07.35 से 09.14 तक शुभ
दोप. 12.32 से 02.11 तक चर
दोप. 02.11 से 03.49 तक लाभ
दोप. 03.49 से 05.28 तक अमृत
संध्या 07.07 से 08.28 तक लाभ
रात्रि 09.49 से 11.11 तक शुभ ।

📿 *आज का मंत्र :-*
॥ ॐ महाकायाय नमः ॥

📢 *संस्कृत सुभाषितानि -*
मृगमीनसज्जनानां तृणजलसंतोषवृत्तीनाम् ।
लुब्धकधीवरपिशुनाः निष्कारणमेव वैरिणो जगति ॥
अर्थात :-
घास, पानी ओर संतोष से जीनेवाले हिरण, मछलियाँ सज्जन के अनुक्रम से पारधी, मच्छीमार ओर दुष्ट निष्कारण बैरी होते हैं ।

🍃 *आरोग्यं सलाह :-*
*थायराइड रोग के बचने के टिप्स -*
3. अगर आप थायराइड के मरीज हैं तो गोभी, ब्रोकली और पालक खाने से बचें। दरअसल, गोभी, ब्रोकली और पालक में फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है जो थायराइड हार्मोंस के स्त्राव को जल्दी प्रभावित करता है।

. ⚜ *आज का राशिफल* ⚜

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
रोजगार मिलेगा। अप्रत्याशित लाभ होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। विवाद न करें। नौकरी करने वालों को ऐच्छिक स्थानांतरण एवं पदोन्नति मिलने की संभावना है। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न करें।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
फालतू खर्च होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें। चिंता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। नवीन मुलाकातों से लाभ होगा। आमदनी बढ़ेगी। रुका धन मिलने से निवेश में वृद्धि होने के योग हैं। उदर संबंधी विकार हो सकते हैं।

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
विवाद से क्लेश होगा। शारीरिक कष्ट संभव है। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा सफल रहेगी। आपसी मतभेद, मनमुटाव बढ़ेगा। किसी से मदद की उम्मीद नहीं रहेगी। आर्थिक समस्या बनी रहेगी। व्यसनाधीनता से बचें। व्यापार, रोजगार मध्यम रहेगा।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
घर-बाहर तनाव रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। जल्दबाजी न करें। नई योजना बनेगी। नए अनुबंध होंगे। किसी मामले में कटु अनुभव मिल सकते हैं। सरकारी, कानूनी विवाद सुलझेंगे। जोखिम, लोभ, लालच से बचें। नया काम, व्यवसाय आदि की बात बनेगी।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। यात्रा सफल रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। कानूनी बाधा दूर होकर लाभ होगा। पूँजी निवेश बढ़ेगा। पहले किए गए कार्यों का लाभदायी फल आज मिल सकेगा। संतान के कामों से खुशी होगी। व्यापार-व्यवसाय में तरक्की होगी।

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। परिवार की स्थिति अच्छी रहेगी। रचनात्मक काम करेंगे। कर्मचारियों पर निगाह रखें। परिवार की समस्या का उचित समाधान होगा।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
शारीरिक कष्‍ट से बाधा संभव है। भागदौड़ रहेगी। घर-परिवार का सहयोग प्राप्त होगा। राजकीय सहयोग मिलेगा। कार्यकुशलता सहयोग से लाभान्वित होंगे। काम में मन लगेगा। स्वयं का सोच अनुकूल रहेगा। रिश्तेदारों से संबंधों की मर्यादा बनाए रखें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
चोट व रोग से बाधा संभव है। बेचैनी रहेगी। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। रोजगार मिलेगा। संतान के स्वास्थ्य में सुधार होगा। सोचे कामों में मनचाही सफलता मिलेगी। व्यापारिक निर्णय समय पर लेना होंगे। पुरानी बीमारी उभर सकती है।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग को सफलता मिलेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। नए कार्यों, योजनाओं की चर्चा होगी। लाभदायी समाचार आएँगे। समाज में आपके कार्यों की प्रशंसा होगी। साहस, पराक्रम बढ़ेगा। विश्वासप्रद माहौल रहेगा।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
पुराना रोग उभर सकता है। भागदौड़ रहेगी। दु:खद समाचार मिल सकता है। धैर्य रखें। अस्वस्थता बनी रहेगी। खुद के प्रयत्नों से ही जनप्रियता एवं सम्मान मिलेगा। रोजगार के क्षेत्र में संभावनाएँ बढ़ेंगी। स्थायी संपत्ति संबंधी खटपट हो सकती है।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
प्रयास सफल रहेंगे। प्रशंसा प्राप्त होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। लाभ होगा। व्यवसाय अच्छा चलेगा। कार्य क्षेत्र में नई योजनाओं से लाभ होगा। लगन, मेहनत का उचित फल मिल सकेगा। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें। विवाद सुलझेंगे।

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
पुराने संगी-साथियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ होगा। परिश्रम का पूरा परिणाम मिलेगा। अच्छी व सुखद स्थितियाँ निर्मित होंगी। विरोधी आपकी छवि खराब करने का प्रयास कर सकते हैं। व्यावसायिक सफलता से मनोबल बढ़ेगा।

. *🚩 🎪 ‼️ 🕉️ शं शनैश्चराय नमः ‼️ 🎪 🚩*

*☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ☯*

. *‼️ शुभम भवतु ‼️*
. *‼️ जयतु भारती ‼️*

. 🚩 🇮🇳 ‼️ *भारत माता की जय* ‼️ 🇮🇳 🚩
*ßß*

*🚩जय सत्य सनातन🚩*

*🚩आज की हिंदी तिथि*

*🌥️ 🚩युगाब्द-५१२४*
*🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०७९*
*⛅ 🚩तिथि – दशमी सुबह 11:27 तक तत्पश्चात एकादशी*

https://t.me/PrashasakSamitiSamskritam/238

*⛅दिनांक – 23 जुलाई 2022*
*⛅दिन – शनिवार*
*⛅शक संवत – 1944*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – वर्षा*
*⛅मास – श्रावण*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅नक्षत्र – कृतिका शाम 07:03 तक तत्पश्चात रोहिणी*
*⛅योग – गण्ड दोपहर 01:08 तक तत्पश्चात वृद्धि*
*⛅राहु काल – सुबह 09:26 से 11:06 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:06*
*⛅सूर्यास्त – 07:26*
*⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*⛅ब्रह्म मुहूर्त – प्रातः 04:41 से 05:24 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:25 से 01:08 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅ विशेष – दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है । एकादशी को चावल खाना वर्जित है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🌹कामिका एकादशी🌹*
*एकादशी 23 जुलाई शनिवार सुबह 11:28 से 24 जुलाई रविवार दोपहर 01:45 तक ।*

*🔸व्रत उपवास 24 जुलाई रविवार को रखें ।*

*🌹शनिवार के दिन विशेष प्रयोग*🌹

*🌹 ‘ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं – ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी । जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी ।’ (ब्रह्म पुराण)*

*🌹शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष को दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ मन्त्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)*

*🌹हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)*

*🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹*

*🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ’ मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*

*🔹बुद्धि का विकास और नाश कैसे होता है ?*🔹

*बुद्धि का नाश कैसे होता है और विकास कैसे होता है ? विद्यार्थियों को तो ख़ास समझना चाहिए न ! बुद्धि नष्ट कैसे होती है ? बुद्धि: शोकेन नश्यति । भूतकाल कि बातें याद करके ‘ऐसा नहीं हुआ, वैसा नही हुआ…’ ऐसा करके जो चिंता करते हैं न , उनकी बुद्धि का नाश होता है । और ‘मैं ऐसा करके ऐसा बनूंगा, ऐसा बनूंगा…’ यह चिंतन बुद्धि-नाश तो नहीं करता लेकिन बुद्धि को भ्रमित कर देता है । और ‘मैं कौन हूँ ? सुख-दुःख को देखनेवाला कौन ? बचपन बीत गया फिर भी जो नहीं बीता वह कौन ? जवानी बदल रही है, सुख-दुःख बदल रहा है , सब बदल रहा है, इसको जाननेवाला मैं कौन हूँ ? प्रभु ! मुझे बताओ …’ इस प्रकार का चिंतन, थोड़ा अपने को खोजना, भगवान के नाम का जप और शास्त्र का पठन करना- इससे बुद्धि ऐसी बढ़ेगी, ऐसी बढ़ेगी कि दुनिया का प्रसिद्द बुद्धिमान भी उसके चरणों में सिर झुकायेगा ।*

*🔹बुद्धि बढ़ाने के ४ तरीके🔹*

*१] शास्त्र का पठन*

*२] भगवन्नाम-जप, भगवद-ध्यान*

*३] आश्रम आदि पवित्र स्थानों में जाना*

*४] ब्रह्मवेत्ता महापुरुष का सत्संग-सान्निध्य*

*🔹जप करने से, ध्यान करने से बुद्धि का विकास होता है । जरा – जरा बात में दु:खी काहे को होना ? जरा – जरा बात में प्रभावित काहे को होना ? ‘यह मिल गया, वह मिल गया…’ मिल गया तो क्या है !*

*🔹ज्यादा सुखी – दु:खी होना यह कम बुद्धिवाले का काम है । जैसे बच्चे की कम बुद्धि होती है तो जरा- से चॉकलेट में, जरा-सी चीज में खुश हो जाता है, और जरा-सी चीज हटी तो दु:खी हो जाता है । वही जब बड़ा होता है तो चार आने का चॉकलेट आया तो क्या, गया तो क्या ! ऐसे ही संसार की जरा-जरा सुविधा में जो अपने को भाग्यशाली मानता है उसकी बुद्धि का विकास नहीं होता और जो जरा-से नुकसान में आपने को अभागा मानता है उसकी बुद्धि मारी जाती है । अरे ! यह सब सपना है, आता-जाता है । जो रहता है, उस नित्य तत्त्व में जो टिके उसकी बुद्धि तो गजब की विकसित होती है ! सुख-दुःख में, लाभ-हानि में, मान-अपमान में सम रहना तो बुद्धि परमात्मा में स्थित रहेगी और स्थित बुद्धि ही महान हो जायेगी ।*

 

🙏🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉️