भैरवीचक्र पर विद्यमान सतयुग के धाम भगवान बद्रीविशाल मंदिर के कपाट मानव पूजा हेतु खुले, पहले ही दिन रिकार्ड श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी और अध्यक्ष मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं को दी शुभकामनाएं

चमोली/बद्रीनाथ 8 मई 2022

रिपोर्ट ✍️हरीश मैखुरी

कलियुग पापहारी श्रीनारायणहरिविष्णु भू वैकुण्ठ धाम श्रीबद्रीविशाल जी के कपाट आज प्रातः 6:15 पर वेद ऋचाओं, धार्मिक अनुष्ठान व पारंपरिक विधि विधान के साथ ही श्रद्धालुओं व भक्तजनों के दर्शनार्थ खुल गए हैं, इस पुनीत अवसर पर करीब बीस हजार से अधिक श्रद्धालुओं को श्रीधाम बद्रीनारायण के दर्शनों का सौभाग्य मिला।

विश्व प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट रविवार सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर वैदिक मंत्रोच्चारण एवं विधि विधान के साथ श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ के लिए खोल दिए गए। ग्रीष्मकाल के छह माह अब श्रद्धालु भगवान बद्रीविशाल के दर्शन व पूजा अर्चना बद्रीनाथ मंदिर में कर सकेंगे। कपाटोद्घाटन के अवसर पर मंदिर को भव्य रूप से गेंदे के फूलों से सजाया गया था। सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों एवं जय बद्रीविशाल के जयकारों के साथ देश-विदेश से आये हजारों श्रद्धालु कपाट खुलने के साक्षी बने। श्री बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलते ही चारधाम की यात्रा विधिवत शुरू हो गई है। उल्लेखनीय है कि 3 मई को श्री गंगोत्री व श्री यमुनोत्री धाम औऱ 6 मई को श्री केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ के लिए खोले गए। दो वर्ष कोविड के कारण चारधाम यात्रा प्रभावित रही। लेकिन इस बार कपाट खुलने के दौरान से ही भारी संख्या में श्रद्धालु व भक्तगण चार धामों में पहुंचे है तथा यह सिलसिला लगातार जारी है। बद्रीनाथ धाम में कपाटोद्घाटन के अवसर पर जहां संस्कृत महाविद्यालयों के छात्रों के वेदपाठ व मंत्रोच्चार किया वहीं गढ़वलश्र स्काउट के वैंड की सुमधुर ध्वनि भी गुंजायमान हुई। गढ़वाल स्काउट ने विशेष भंडारे का भी आयोजन किया। अनेक संगठनों व संस्थाओं द्वारा भंडारे के कारण श्रद्धालुओं की अच्छी सहयोग मिला। श्रद्धालु व भक्तजन देर रात से ही भगवान बद्रीविशाल के दर्शन करने हेतु कतार पर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं द्वारा बारी बारी से भगवान बद्रीविशाल के दर्शन किये।

इस अवसर पर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुकतेश्वरान्नद जी महाराज, ने कहा वे बदरीनाथ केदारनाथ काशी विश्वनाथ धाम में जीर्णोद्धार कार्य किया जाय लेकिन यह जीर्णोद्धार वैदिक विधि-विधान से हो और अच्छा हो कि यहाँ का सारा निर्माण कार्य भी राम राम कह कर ईंट रखने वाले शिल्पयों से करवाया जाय, मुस्लिम कारीगर को भला हमारे मंदिरों के वास्तु शिल्प और श्रध्दा से क्या वास्ता? उन्होंने कहा कि ये केंद्र हमारे हजारों वर्ष की वैदिक परम्परा और पूजा पद्धति के कारण प्रतिष्ठित शक्ति पुंज बने हैं। जहां श्रद्धालुओं को सीधे आध्यात्मिक उर्जा की अनुभूति मिलती है। न कि धार्मिक पर्यटन के कारण इनका महत्व है। उन्होंने मंदिरों पर सरकारी आधिपत्य को अनुचित बताया और कहा कि मंदिर अपने गुरूकुल परम्पराओं को पुनर्स्थापित करें। 

   इस अवसर पर बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के माननीय अध्यक्ष दर्जाधारी राज्यमंत्री अजेंद्र अजय श्री बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी श्री रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी,नायब रावल श्री अमरनाथ नंबूदरी,धर्माधिकारी आचार्य भुवन चंद्र उनियाल,बद्री केदार मंदिर सामिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, बदरीनाथ विधानसभा के विधायक बद्रीनाथ राजेन्द्र भंडारी,पूर्व विधायक महेंद्र भट्ट, डीजीपी अशोक कुमार,आशुतोष डिमरी, वीरेंद्र असवाल,हरीश सेमवाल,जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, एसपी श्वेता चौबे, विद्या भारती के क्षेत्र संगठन मंत्री  श्रीमान डोमेश्वर साहू , प्रान्त निरीक्षक उत्तराखंड डॉ. विजयपाल जी, सरस्वती विद्यामंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य आदरणीय शम्भू प्रसाद चमोला, विश्व हिंदू परिषद चमोली विभाग सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। ब्रेकिंग उत्तराखंड डाट काम न्यूज संस्थान आप सभी भक्तजनों व श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत व अभिनंदन करते हुए सुखद व मंगलमय यात्रा की कामना करता है।