ऐसे ठगों से शख्ती से निपटना होगा

हरीश मैखुरी

ये तो पूरा डेरा ही झूठा सौदा है। ये ठग न रहम है न राम
अबतक 30 लोगों के मरने की खबर है। पता नहीं लोग इन ठगों के चक्कर में फंसते क्यों हैं? जानबूझकर भीड़ क्यों बनते हैं अब पुलिस गोली चलाये तो.. खबर – – निरपराधों पर चलाई गोली पुलिस धैर्य से काम ले तो….
भीड़ तो फिर भीड़ में छिपे अपराधियों को मौका मिल जाता है।
पूर्व चेतावनी सहित धारा 144, इन्टरनेट, स्कूल कालेज दफ्तर बंद किए तो हैं, पुलिस, पैरामिलिट्री, फोर्स, कर्फ्यू लगाया तो है सरकारों ने। कोई भी लोकतांत्रिक सरकार इससे आगे कानून अपने हाथ में कैसे ले सकती है? और क्या करें जलियांवाला बाग बना देंगी पुलिस? पैलेट गन और खुजली वाले पानी की बौछार पर मानव अधिकार और राजनीतिक दलों के नेताओं के लोग रोटी सेकेंगे। वैसे ऐसे अराजक ठगों को हरिओम तत्सत् कर धरती भी पाप मुक्त नहीं हो सकती?