NDFB के सभी चार गुटों के 2259 उग्रवादियों द्वारा 355 हथियारों व विस्फोटक सहित समर्पण से आतंकवाद खत्म ?

हरीश मैखुरी
असम में उग्रवाद की समाप्ति के लिए केंद्र सरकार के प्रयास सफल हो रहे हैं। BodoAgreement के मुताबिक बोडोलैंड की मांग करने वाले NDFB के सभी चार गुटों के 1615 कैडरों ने 178 हथियार और विस्फोटक के साथ आत्मसमर्पण किया है। 23 जनवरी को भी 8 प्रतिबंधित संगठनों के 644 उग्रवादियों ने 177 हथियारों के साथ मुख्यमंत्री सोनोवाल की उपस्थिति में हथियार डाले हैं। इस प्रकार NDFB के सभी चार गुटों के 2259 उग्रवादियों द्वारा 355 हथियारों व विस्फोटक सहित समर्पण होने से देश में आतंकवाद खत्म होने की दिशा में शुरूआत हो गयी है। कश्मीर हो या पूर्वोत्तर मोदी सरकार आने के बाद देश में आतंकवादियों के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई। इसके अंतर्गत सबसे पहले आतंकवाद की फंडिंग के स्रोत कट किए जाने की रणनीति पर काम किया गया। साथ ही आतंकवादियों को मुख्यधारा में लाने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। जो आतंकवादी मुख्यधारा में नहीं आ पाते और आतंकवाद पर अड़ियल रुख अपनाए रखते हैं उनके लिए अब भारत में दो ही जगह बची है या तो वह जेल में होंगे या जहन्नुम भेज दिए जाएंगे। इससे भारत का न केवल आतंकवाद पर होने वाला खर्च कम होगा बल्कि देश भी सुरक्षित रहेगा। 6 साल पहले जगह-जगह होने वाले बम विस्फोटों को देश आज भूल चुका है।
असम के उग्रवादी भी फंडिंग की कमी की वजह से धीरे-धीरे या तो आतंकवाद छोड़ रहे हैं या वहां की बीजेपी सरकार प्रयास के चलते सरेंडर कर रहे हैं। 
यह केन्द्र की भाजपा सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है आतंकवाद को खत्म करने के आगे महंगाई बेरोजगारी और मंदी के मुद्दे काफी छोटे हैं,
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उम्मीद की जा रही है कि इस पर भी काम चल रहा होगा और बहुत जल्दी जनसंख्या नियंत्रण कानून अस्तित्व में आएगा क्योंकि महंगाई बेरोजगारी और असुविधाओं की जड़ में जनसंख्या विस्फोट ही सबसे बड़ा कारण है।