आज का पंचाग आपका राशि फल, भारतीय जनता पार्टी के ‘अबकी बार 400 पार’ नारे का उदेश्य, छोटा शकील का खेल खत्म! मुंबई में चलाता था ट्रैवल एजेंसी, ऐसे बना अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद का राइट हैंड

उत्तराखंड में ग्रीष्म ऋतु में प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले फल किरमोड़ काफल और हिंसोल विटामिन मिनरल और फाईबर से भरपूर। पक्षियों के लिए

Read more

आज का पंचाग आपका राशि फल, क्या हाईवे पर एक्सिडेंट का एक बड़ा कारण पंचर जिहाद भी है!, अभिनंदन की याद है ? पाकिस्तान के हाथ लग गया था? भारतीय के लिए दुनियां को हिला देनेवाला प्रधानमंत्री हमसे वोट मांगने को विवश है और हम अपना स्वार्थ देख रहे यह शर्म की बात है

‌ चतुर्थ केदार एकानन भगवान रूद्रनाथ जी के कपाट १८ मई को भक्तों के लिए खुल गये हैं। इस वर्ष वहां गोपेश्वर गांव के महादेव

Read more

आज का पंचाग आपका राशि फल, चरक संहिता : प्रारब्ध यानी कर्मफल के कारण ही भाग्य रोग और भोग भी पूर्व निश्चित होता है

   *༺𝕝𝕝 卐 𝕝𝕝༻​​**श्री हरिहरौ**विजयतेतराम* *सुप्रभातम**आज का पञ्चाङ्ग*    *_मंगलवार, १४ मई २०२४_* *═══════⊰⧱⊱═══════* सूर्योदय: 🌄 ०५:३५, सूर्यास्त: 🌅 ०६:५९ चन्द्रोदय: 🌝 १०:४६, चन्द्रास्त: 🌜२४:५६

Read more

आज का पंचाग आपका राशि फल, भगवान केदारेश्वर की डोली आज पंहुचेगी फाटा, विमान शास्त्र के जनक महर्षि भारद्वाज ऋषि इसी आधार पर पंडित सुब्बाराय शास्त्री ने वह वैमानिका शास्त्र रचा जिसके कारण राईट ब्रदर्स से बहुत पहले ही शिवकर बापूजीतलपड़े ने1895 में ‘मरुत्सख’ नाम से अपनी उड़ान बनाई

।। *ॐ* ।।🌞 *सुप्रभातम्* 🌞 ««« *आज का पंचांग* »»» कलियुगाब्द……………………5126 विक्रम संवत्…………………..2081 शक संवत्………………………1946 रवि………………………….उत्तरायण मास……………………………बैशाख पक्ष………………………………कृष्ण तिथी…………………………चतुर्दशी प्रातः 11.42 पर्यंत पश्चात अमावस्या सूर्योदय(इंदौर)……प्रातः

Read more

आज का पंचाग आपका राशि फल, पंच वृक्ष नवग्रह वाटिका नक्षत्र वृक्षों के निरूपण की समृद्ध परंपरा ही वनाग्नि सुरक्षा धरा में नमी और वातावरण नियमितीकरण का माध्यम हो सकता है, यदि भारतीय जम कर मतदान नहीं करेंगे तो अल्पमत सरकारों में विदेशी मानसिकता वाले आपरेटिंग सिस्टम हावी हो सकता है

 ।। 🕉 ।। 🌞 *सुप्रभातम्* 🌞   ««« *आज का पञ्चांग* »»» कलियुगाब्द…………………….5126 विक्रम संवत्……………………2081 शक संवत्………………………1946 मास……………………………..बैशाख पक्ष……………………………….कृष्ण तिथी……………………………द्वादशी संध्या 05.41 पर्यंत पश्चात त्रयोदशी रवि……………………………उत्तरायण

Read more