📖 *नीतिदर्शन…………….*✍ *अबन्धुर्बन्धुतामेति नैकट्याभ्यासयोगतः।* *यात्यनभ्यासतो दूरात्स्नेहो बन्धुषु तानवम्।।* 📝 *भावार्थ* 👉🏾 बार-बार मिलने के सम्बन्ध से अबन्धु बन्धु बन जाता है। दूरी के कारण परस्पर
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आज का पंचाग, आपका राशि फल, पंचांग क्यों पढ़ना चाहिए, और शरद ऋतु में स्वास्थ्य व आत्मरक्षा के लिए घरेलू उपचार
आदरणीय! नित्य पंचाग अवश्य पढ़ें इससे कलिकाल एवं शकरकाल का संज्ञान रहता है यानी आप अपडेट रहते हैं। समय सबसे मूल्यवान है उसकी उपयोगिता पता
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