शायद भगवान की कैबिनेट को भी प्रकाश पंत की जरूरत होगी


डॉ हरीश मैखुरी

विश्वास नहीं होता हे राम¡ प्रकाश पंत ना केवल परेशानियों के समय में भारतीय जनता पार्टी के 1 मुख्य खेवनहार नेताओं में शुमार थे बल्कि प्रदेश के ऐसे राजनेताओं में से एक थे जो अपनी सौम्य छवि, पारखी दृष्टि, प्रदेश के लिए चिंतन और बिना किसी भेदभाव के कुशल राजनीति के पुरोधा थे। पक्ष विपक्ष उनकी शालीनता का कायल रहा है। प्रकाश पंत सदैव टिच रहने वाले और सारे प्रोटोकॉल व नियम को फॉलो करते थे, वह उत्तराखंड के उन चुनिंदा नेताओं में शुमार थे जिनके यहां मिलने जाने वाले फरियादी बेहिचक अपने काम करवाते, वह सभी के साथ सामान्य दृष्टि से व्यवहार करते थे। यात्रा सीजन शुरू होने से पहले एक दिन मैं उनसे मिला, स्वास्थ्य नाशाद होने के बावजूद सुबह से ही वह मिलने वालों के काम निपटा रहे थे। थोड़ी सी बातचीत में उन्होंने कहा कि पिथौरागढ़ उत्तरकाशी और गोचर की हवाई पट्टी को चुस्त-दुरुस्त करने की दिशा में प्रयासरत हैं। साथ धार्मिक स्थलों के आसपास शराब की बिक्री के पक्ष में नहीं थे। आबकारी मंत्री होने के बावजूद कभी कोई दाग प्रकाश पंत को छू नहीं सका। कुछ दिन पहले ही उन्हें लंग कैंसर के इलाज के लिए दिल्ली के एक आईसीयू से अमेरिका शिफ्ट किया गया था। अमेरिका के एक सघन चिकित्सा केन्द्र में ही उन्होनें अंतिम सांस ली। उनके यूं अचानक दुनियां को अलविदा कहने से उत्तराखंड आंदोलनकारियों को समान पेंशन और आरक्षण देने का उनका वादा अब अधूरा रह जायेगा। प्रकाश जी आपके जाने के बावजूद आपका प्रकाश सदैव उत्तराखंड को विकास की गति देता रहेगा। भगवान प्रकाश पंत के परिवार को इस संकट की घड़ी में अपार दु:ख को सहने की शक्ति दे प्रकाश पंत को भावभीनी श्रद्धांजलि। – हरीश मैखुरी ? ? ?

उनकी मौत पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उत्तराखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लिखा कि “भारी मन के साथ, अत्यंत पीड़ा से कह रहा हूं कि प्रकाश पंत के रूप में मैंने आज अपना छोटा भाई खो दिया। केवल एक राजनेता के तौर पर नहीं बल्कि आकर्षक व्यक्तित्व के धनी प्रकाश पंत जी की कमी सदैव खलेगी। सदन में सबको साथ लेकर चलने की आपकी कुशलता, वित्तीय मामलों पर आपका ज्ञान, और विपक्ष के हर तीखे वार का एक मीठी मुस्कान से जवाब देना, ये सब अब यादों में रहेगा। पार्टी ने आज एक मजबूत स्तंभ खोया है, जनता ने सौम्य राजनेता खोया है। इस दुःखद घड़ी में ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने और परिजनों को धैर्य प्रदान करने की कामना करता हूं”

अपने शोक संदेश में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लिखा” भारी मन के साथ, अत्यंत पीड़ा से कह रहा हूं कि प्रकाश पंत के रूप में मैंने आज अपना छोटा भाई खो दिया। केवल एक राजनेता के तौर पर नहीं बल्कि आकर्षक व्यक्तित्व के धनी प्रकाश पंत जी की कमी सदैव खलेगी। सदन में सबको साथ लेकर चलने की आपकी कुशलता, वित्तीय मामलों पर आपका ज्ञान, और विपक्ष के हर तीखे वार का एक मीठी मुस्कान से जवाब देना, ये सब अब यादों में रहेगा। पार्टी ने आज एक मजबूत स्तंभ खोया है, जनता ने सौम्य राजनेता खोया है।
इस दुःखद घड़ी में ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने और परिजनों को धैर्य प्रदान करने की कामना करता हूं। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लिखा बहुत हृदयविदारक समाचार मिला है। अग्रिम चिकित्सा के लिये अमेरिका गये मेरे बहुत प्यारे-प्यारे छोटे भाई और हमारे राज्य के एक बहुत होनहार नेता व मंत्री, एक बहुत काबिल व्यक्ति जो हमारे भविष्य थे, वो हमारे बीच नहीं रहे। श्री प्रकाश पंत जी के निधन का समाचार अभी-अभी मालूम हुआ, मन बहुत दुःखी है। उनका यूंही चला जाना बहुत खल गया। हर व्यक्ति अपने को ठगा सा महसूस कर रहा है। प्रकाश जी, जब बड़ी गौर से सुन रहा था जमाना, जब हम सब आपकी तरफ निगाहें लगाये हुए देख रहे थे, आप नहीं रहे।
बहुत याद आएंगे आप”

पत्रकार दिनेश कंवाल ने लिखा कि” अच्छे लोगों की जरूरत शायद भगवान की केबिनेट में भी है… इसीलिए पंत जी को भी बुला लिया।

प्रकाश पंत के आकस्मिक निधन पर उत्तराखंड में एक दिन का अवकाश और तीन दिनों का राजकीय शोक घोषित किया गया है और राजकीय सम्मान के साथ उनके अंतिम संस्कार के लिए आदेश भी जारी किया गया है।

? बद्रीनाथ के विधायक महेन्द्र भट्ट, कर्णप्रयाग के विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी थराली की विधायक मुन्नीदेवी सहित अनेक जन प्रतिनिधियों ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए अपने आगे के कार्यक्रम तीन दिन के लिए स्थगित किए हैं। उत्तराखंड के अनेक मंत्री , सुबोध उनियाल, धनसिंह रावत, रेखा आर्या ,यशपाल आर्य ,सतपाल महाराज , हरक सिंह रावत, ने अपने सन्देश में शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रकाश पंत जी के आकस्मिक निधन की सूचना अत्यंत दुखद है। ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार को इस दुख की घड़ी से लड़ने की शक्ति दे|

       प्रकाश पंत का पार्थिव शरीर शनिवार तक देहरादून पहुँच सकता है  बताया गया कि पिथौरागढ़ में होगा उनका अंतिम संस्कार ।

स्व. पन्त का♦जीवन परिचय

नाम- प्रकाश पन्त

पिता का नाम- श्री मोहन चन्द्र पन्त

माता का नाम- श्रीमती कमला पन्त
पत्नी का नाम- श्रीमती चन्द्रा पन्त
जन्म तिथि- 11.11.1960
स्थाई पता- ग्राम खड़कोट, पो.ऑ. पिथौरागढ़, जनपद पिथौरागढ़
शिक्षा- स्नातक, डिप्लोमा इन फ़ार्मेसी
सामाजिक यात्रा- 1984 सरकारी सेवा में स्वच्छन्द रूप से समाज सेवा न कर पाने के कारण पद से त्यागपत्र दिया और भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
आदर्श पंडित दीन दयाल उपाध्याय
अभिरुचि साहित्य :
एक आवाज़ ( काव्य संग्रह)
प्रारब्ध ( काव्य संग्रह)
एक थी कुसुम ( कहानी )
आदि कैलाश यात्रा ( यात्रा वृतांत )
मैं काली नदी
खेल
राष्ट्रीय निशानेबाजी में रजत पदक (जी०बी मावलंकर शूटिंग प्रतियोगिता कोयम्बटूर वर्ष 2004)
राज्य स्तरीय निशानेबाजी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक वर्ष (2004)
भ्रमण चीन, जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, ब्राजील, इंग्लैंड, मलेशिया, दुबई, मोरिसस
आत्मकथन- नर सेवा, नारायण सेवा
लक्ष्य अंतिम व्यक्ति के जीवन में सुधार लाना

राजनीतिक कैरियर
प्रकाश पंत जी का राजनीतिक जीवन-वृत्त
( एक नजर में)
1977
छात्र राजनिति में सक्रिय, सैन्य विज्ञान परिषद में महासचिव, श.स्नातकोत्तर महासचिव
1988
नगर पालिक परिषद पिथौरागढ़ में सदस्य निर्वाचित
1998
विधानसभा उत्तरप्रदेश में सदस्य निर्वाचित
2001
प्रथम विधानसभा अध्यक्ष, उत्तराखंड
2002
पपिथौरागढ़ विधानसभा से सदस्य निर्वाचित
8/3/2007
द्वितीय निर्वाचित सरकार में कैबिनेट मंत्री
18/7/2017
चतुर्थ निर्वाचित सरकार में कैबिनेट मंत्री
18/7/2017
उत्तराखंड कीी चतुर्थ निर्वाचित सरकार में कैबिनेट मंत्री