गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पगड़ी की बजाय पहनी ब्रह्मकमल वाली उत्तराखंड की टोपी, देश भर में टोपी की चर्चा

✍️हरीश मैखुरी

       प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का परिधान केवल वस्त्र मात्र नहीं होते वह देश काल परिस्थिति और समय की मांग के अनुरूप ड्रेसिंग सेंस रखते हैं। आज गणतंत्र दिवस दिवस के अवसर पर उनकी गढवाली टोपी ने पूरे समारोह में सबका ध्यान आकर्षित किया। हर कोई जानना चाहता था कि आज पगड़ी के स्थान पर उत्तराखंड की टोपी का राज क्या है! क्या यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उत्तराखंड के प्रति असीम अनुराग का प्रतिबिंब है? जब समूचा देश गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश भक्ति के रंगों में अभिसिंचित है। राजधानी दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस की सतरंगी परेड दुनियाभर का मन मोह कर मनमोहक झांकियों के साथ भारतीय सेनाएं अपने शौर्य प्रदर्शन कर रही थी। राजपथ पर भारत की विविधता पूर्ण संस्कृति, एकता, शौर्य और इतिहास के जीवंत दर्शनों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उत्तराखंड की विशेष टोपी भी सबका ध्यान खींच रही थी। 

राजपथ पर संसार के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की शक्ति दर्शन के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टोपी से भी लोगों का ध्यान आकर्षित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह टोपी उत्तराखंड की संस्कृति से जुड़ी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर जो टोपी पहनी हुई है, उस पर ब्रह्मकमल का फूल बना हुआ है। ब्रह्मकमल जहां उत्तराखंड का राजकीय पुष्प है वहीं यह टोपी उत्तराखंड की संस्कृति और पहनावे का एक महत्वपूर्ण और पौराणिक अंग भी है।समझा जाता है कि इससे उत्तराखंड की इस टोपी की शानदार ब्रेंडिंग भी हो गयी। देश का प्रधानमंत्री जिस टोपी को पहन दे वह अब सामान्य टोपी नहीं रही। जो काम उत्तराखंड के सभी विधायक मिल कर भी नहीं कर पाये वह कार्य प्रधानमंत्री ने बिना लाग लपेट कर दिया और गढ़वाली टोपी की धूम मच गयी। दुकानों में इस टोपी की अचानक मांग बढ़ने लगी है। 
 गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड राज्य की विशेष झांकी में सतयुग का धाम बदरीनाथ। लक्षमण तीर्थ हेमकुंड और  टिहरी डैम और डोबरा-चांठी पुल रहे और 73 वें गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर 73 हवाई जहाजों का प्रदर्शन भी चर्चा में रहा।