जोशीमठ भू धंसाव : मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी के निर्देश पर उच्च स्तरीय अधिकारियों ने जोशीमठ में डाला डेरा, मुख्यमंत्री की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक तय, अग्रिम आदेशों तक वहां सभी बड़े निर्माण कार्यों पर रोक, पुलिस एलर्ट मोड पर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जनपद चमोली के जोशीमठ में हो रहे भूधसाव के सन्दर्भ में कल 6 जनवरी को उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक करेंगे। बैठक सायं 6:00 बजे सचिवालय स्थित अब्दुल कलाम भवन के चतुर्थ तल पर आहूत की गई है।
बैठक में मुख्य सचिव, सचिव आपदा प्रबंधन, सचिव सिंचाई, पुलिस महानिदेशक, आयुक्त गढवाल मण्डल, पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ, जिलाधिकारी चमोली सहित अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित रहेंगे। अधिकारियों को हर हाल में इस बैठक में उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं।*सीएम धामी के निर्देश पर जोशीमठ में अफ़सरों ने डाला डेरा*

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जनपद चमोली के जोशीमठ में हो रहे भूधसाव के सन्दर्भ में कल 6 जनवरी को उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक करेंगे। बैठक सायं 6:00 बजे सचिवालय स्थित अब्दुल कलाम भवन के चतुर्थ तल पर आहूत की गई है।

बैठक में मुख्य सचिव, सचिव आपदा प्रबंधन, सचिव सिंचाई, पुलिस महानिदेशक, आयुक्त गढवाल मण्डल, पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ, जिलाधिकारी चमोली सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहेंगे। जो अधिकारीगण मुख्यालय में उपस्थित हैं भौतिक रूप में एवं अन्य अधिकारीगण जो मुख्यालय से बाहर हैं, ये वीडियो कान्फ्रेंन्सिंग के माध्यम से प्रतिभाग करेंगे।

उधर आज सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गढवाल कमिश्नर सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रन्जीत कुमार सिन्हा, आपदा प्रबंधन के अधिशासी अधिकारी पीयूष रौतेला, एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट रोहितास मिश्रा, भूस्खलन न्यूनीकरण केन्द्र के वैज्ञानिक सांतुन सरकार, आईआईटी रूडकी के प्रोफेसर डा.बीके माहेश्वरी सहित तकनीकी विशेषज्ञों की पूरी टीम जोशीमठ पहुंच गई है। गढवाल कमिश्नर एवं आपदा प्रबंधन सचिव ने तहसील जोशीमठ में अधिकारियों की बैठक लेते हुए स्थिति की समीक्षा की गई। विशेषज्ञों की टीम द्वारा प्रभावित क्षेत्रों का विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है।

जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या के दृष्टिगत जिला प्रशासन ने बीआरओ के अन्तर्गत निर्मित हेलंग वाई पास निर्माण कार्य, एनटीपीसी तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के अन्तर्गत निर्माण कार्य एवं नगरपालिका क्षेत्रान्तर्गत निर्माण कार्यो पर अग्रिम आदेशों तक तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। साथ जोशीमठ-औली रोपवे का संचालन भी अग्रिम आदेशों तक रोका गया है।

प्रभावित परिवारों को शिफ्ट करने हेतु जिला प्रशासन ने एनटीपीसी व एचसीसी कंपनियों को एहतियातन अग्रिम रुप से 2-2 हजार प्री-फेब्रिकेटेड भवन तैयार कराने के भी आदेश जारी किए है।

जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या को लेकर प्रशासन प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद पहुंचाने में जुटा है। प्रभावित परिवारों को नगरपालिका, ब्लाक, बीकेटीसी गेस्ट हाउस, जीआईसी, गुरुद्वारा, इंटर कालेज, आईटीआई तपोवन सहित अन्य सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था की गई है। जोशीमठ नगर क्षेत्र से 43 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से शिफ्ट कर लिया गया है। जिसमें से 38 परिवार को प्रशासन ने जबकि पांच परिवार स्वयं सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो गए है।

भू-धसाव बढने से खतरे की जद में आए भवनों को चिन्हित किया जा रहा है। ताकि कोई जानमाल का नुकसान न हो। राहत शिविरों में बिजली, पानी, भोजन, शौचालय एवं अन्य मूलभूत व्यवस्थाओं के लिए नोडल अधिकारी नामित करते हुए जिम्मेदारी दी गई है। 

जिलाधिकारी हिमांशु खुराना द्वारा लगातार स्थिति की समीक्षा की जा रही है। अपर जिलाधिकारी डा.अभिषेक त्रिपाठी एवं संयुक्त मजिस्ट्रेट डा.दीपक सैनी सहित प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद है। जोशीमठ भू-धंसाव के खतरे से निपटने के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस सुरक्षा बल को अलर्ट मोड पर रखा गया है।

जोशीमठ में चिंतित करने वाला भू धंसाव हो रहा है। मकानों और खेतों में दरार आ रही है। सरकार इसका अविलम्ब संज्ञान लेते हुए उपचार आरंभ करे। जिनकी छति हो रही है उनको मुआवजा दिया जाय, जो खतरे में हैं उनके विस्थापन रिहेब्लिटेशन की प्रक्रिया चलाई जाय। जोशीमठ ऐतिहासिक महत्व का स्थल है इसलिए भू धंसाव होते ही सरकारी तंत्र भले धीमा है पर कुछ ऐजेन्डा धारी यहां तत्काल अपनी विकास विरोधी दुकान चमकाने पंहुंच गये, उनका तर्क है कि जो यहां मोटर मार्ग और जल विद्युत परियोजना आदि के विकास कार्य चल रहे हैं उसी से भू धंसाव हो रहा है। भाई मेरे जहाँ विकास कार्य नहीं हो रहे वहां भू स्खलन और भू धंसाव नहीं होता क्या? चलो हम ही बता देते हैं जिला मुख्यालय गोपेश्वर के सामने दुगड़ी कांडई के बाईं ओर घने जंगल हैं और वहां बिना कोई विकास कार्य भी नहीं हो रहे हैं लेकिन वह क्षेत्र दशकों से बडे़ भारी भूधंसाव की चपेट में है। 

लेकिन नहीं साहब प्रकृति की प्राकृतिक गतिविधि को विकास विरोधी सदैव अपना ऐजेन्डा सैट करने के लिए ऐसे ही उपयोग करते हैं। सुना है विकास विरोधियों द्वारा चारधाम परियोजना में अडंगा डालने वाले किसी खोपड़ा जी को भी अब जोशीमठ बुलाया गया है। जबकि वे न भू वैज्ञानिक हैं न पर्यावरण की उनको कोई जानकारी है। 

जोशीमठ भू धंसाव की चपेट में इसलिए आ रहा है कि है कि शहरीकरण के चलते जिस #ओल्ड_लैंड_स्लाइडिंग_डंपिग_जोन पर जोशीमठ शहर बसाया गया गया है, उसकी क्षमता से अधिक भवनों का निर्माण और शौचालय पिट वहां बन गये और वहां के सभी फलदार आदि भू धंसाव रोकने वाले पेड़ इन भवनों की भेंट चढ़ गये। जबकि अतिक्रमण भी अंधाधुंध हो गया है, जिस कारण ड्रेनेज सिस्टम चरमरा गया है। 

 #भूगर्भीय गतिविधि या हलचल #प्रकृति का अपना आयाम है नियम है और संतुलन है। इसी के बीच हमने मनुष्य के लिए भी आधार भूत सुविधाओं का #विकास करना होता है। इन ऐजेन्डा धारियों को सुविधाएं चाहिए इंग्लैंड जैसी और खड़े रहेंगे विकास कार्यों के विरोध में। ये बिडम्बना है देश की जिसका सबसे बड़ा #शिकार उत्तराखंड बना है। 

जोशी मठ का #ड्रेनेज सिस्टम सुदृढ़ किया जाय नालियों से तत्काल अतिक्रमण हटाया जाय। जोशीमठ में पंयां पांगर देवदार बांज आदि का सघन वृक्षारोपण किया जाय। जैसे स्व चक्रधर तिवाड़ी जी ने गोपेश्वर शहर में किया है। लम्बे समय के लिए मारवाड़ी बाईपास का कार्य रोकना उचित नहीं है लेकिन जोशीमठ के वर्तमान भूधंसाव का स्थाई उपचार किया जाय और वहां के भारी भवन निर्माण के दबाव को बड़ा गांव और तपोवन तक विस्तारित करने की कार्ययोजना बने। आवश्यक रूप से बड़ागांव तपोबन क्षेत्र में एक अच्छा आधुनिक आवासीय बड़ा गुरूकुल और चिकित्सालय बने। साथ ही भू धंसाव की आड़ लेकर विकास विरोधी ऐजेन्डा धारियों से जोशीमठ को बचाया जाय

इस ज्वलंत समस्या पर #भारतीय_जनता_पार्टी के प्रदेश #अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने प्रदेश ने बताया कि जोशीमठ में भूधसांव की घटना को लेकर वह बहुत चिंतित हैं जिसके चलते उनके द्वारा #मुख्यमंत्री #धामी से इस समस्या को लेकर भेंट कर वार्ता की गई । उन्होंने बताया कि उनके द्वारा #जोशीमठ शहर में भूस्खलन एवं भवनों में दरार आने की वर्तमान एवं पूर्ववृति घटनाओं की जानकारी दी गयी । उन्होंने सीएम से प्रभावित लोगों एवं कारोबारियों को इस घटना से हो रही क्षति की जानकारी साझा करते हुए, उन्हें अधिक से अधिक सहायता पहुंचाने का अनुरोध किया । उन्होंने स्थानीय लोगों की व्यवहारिक परेशानियों के मद्देनजर इस भूगर्भीय समस्या का पूर्णतया समाधान करने के लिए विस्तृत नीति बनाने पर जोर दिया । 

श्री भट्ट ने कहा कि चर्चा के उपरांत मुख्यमंत्री धामी ने जिलाधिकारी से तत्काल वार्ता कर शीघ्र #विशेषज्ञ कमेटी की विस्तृत रिपोर्ट भेजने और प्रभावितों को सभी संभव राहत पहुंचाने के निर्देश दिए है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट पर बिना देर किए उचित कार्यवाही की जाएगी। उसके तहत प्रभावितों का जोशीमठ में ही स्थान्तरित करना हो या अन्य जगह पलायन कराना या कोई अन्य उपाय, जो भी बेहतर होगा उसपर तत्काल विचार किया जाएगा ✍️ डाॅ #हरीश_मैखुरी