मुख्यमंत्री की पहल पर टिहरी बांध के ऊपर 24 घंटे आवागमन और 26 प्रतिशत की भागीदारी उत्तराखंड को, अब पता चला भारत में खाद्यान्न की उपलब्धता, भुखमरी और कुपोषण पर आंकड़े जारी करने वाली संस्थाओं और देशों के स्वयं के पास न गेहूँ है और न ही शक्कर, आज का पंचाग आपका राशि फल

वेदानां सामवेदोऽस्मि देवानामस्मि वासवः ।

इंद्रियाणां मनश्चास्मि भूतानामस्मि चेतना ॥ 

मैं सभी वेदों में सामवेद हूँ, मैं सभी देवताओं में स्वर्ग का राजा इंद्र हूँ, सभी इंद्रियों में मन हूँ, और सभी प्राणियों में चेतना स्वरूप जीवन-शक्ति हूँ।

🙏🌹 जय श्री कृष्ण🌹

टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा आयोजित “जर्नी ऑफ टिहरी डैम” कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग किया टिहरी बांध के ऊपर 24 घंटे आवाजाही, 26 प्रतिशत हिस्सेदारी बाँध की उत्तराखंड को देने की टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय की मांग को भी केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया है। 

... अब पता चला कि भारत में खाद्यान्न की उपलब्धता, भुखमरी और कुपोषण पर आंकड़े जारी करने वाली संस्थाओं और देशों के स्वयं के पास न गेहूँ है और न ही शक्कर।
न उनके देशों में उगता है न ही वे उत्पादन करते हैं और हर छह माह में बड़ी बड़ी सारणियाँ जारी कर भयंकर चौधराहट छांटते फिरते हैं।
फिर इन सारणियों पर डिसकस करने वाले एक्सपर्ट, पत्रकार, पेनालिस्ट और बड़ी बिंदी लगाकर बकवास करने वाली मोहतरमाओं को तो यह भी पता नहीं कि गेहूँ के पौधे होते हैं या पेड़?
और ये सब भारत की जनता के बड़े हितैषी बने फिरते हैं, हीनभावना का संचार करते हैं, किसानों को भड़काते हैं और हमारी सरकारों को सदैव डराते रहते हैं कि ऐसा करो वरना ये हो जाएगा।
कितनी अजीब विडम्बना है कि मात्र चंद बयान देकर या कुछ पन्ने रंगकर ये दुनिया में बड़े ओपिनियन मेकर्स बनकर रह रहे थे।
ये लगभग ऐसा ही था कि किसी घर के बाहर बैठे भिखारी उसी घर से रोटी खाकर पनीर कोफ्ता पर ज्ञान दें, उसी को यह सलाह दें कि तुम्हारी रसोई में क्या क्या बनना चाहिए।
अब जब भारत ने गेहूँ, शक्कर इत्यादि पर नियंत्रण किया है, इन सबकी घिग्घी बन्ध गई है। अभी तो ऐसा बहुत कुछ है जिससे भारत #दुनिया_की_पूंगी बजा सकता है।
आगामी दस वर्ष अच्छे अच्छों की पन्नी उतरने का समय है। चाहे वे इतिहासकार हों, मजहबी आका हों, डेटा अनालिसिस्ट हों या दुनिया के पंच हों।
ये मोदिया खेल पहले करता है, हँसता बहुत बाद में है। वो भी कहीं अकेले में। कभी कभी हँसता ही नहीं और खेल पूरा होने के बाद ही पता चलता है कि इनका भारत विरोधी षड्यंत्र भी  हवा हवाई बकवास रहता था। 

*🌞 ~ आज का हिन्दू पंचांग ~ 🌞*
*⛅दिनांक 27 मई 2022*
*⛅दिन – शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत – 2079*
*⛅शक संवत – 1944*
*⛅अयन – उत्तरायण*
*⛅ऋतु – ग्रीष्म*
*⛅मास – ज्येष्ठ*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – द्वादशी सुबह 11:47 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
*⛅नक्षत्र – आश्विनी रात्रि 12:39 तक तत्पश्चात भरणी*
*⛅योग – सौभाग्य रात्रि 10:09 तक तत्पश्चात शोभन*
*⛅राहुकाल – सुबह 10:56 से दोपहर 12:37 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:55*
*⛅सूर्यास्त – 07:19*
*⛅दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 04:30 से 05:12 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12.16 से 12:58 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण- प्रदोष व्रत*
*⛅ विशेष – द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*⛅स्कंद पुराण के अनुसार द्वादशी के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*

*🔹प्रदोष व्रत🔹*
*हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 27 मई, शुक्रवार को प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए…*
👉🏻 *ऐसे करें व्रत व पूजा*
*- प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।*
*- इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।*
*- पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।*
*- भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।*
*- भगवान शिवजी की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें।उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।*
👉🏻 *ये उपाय करें*
*सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।*

*🔹विद्यार्थी ऐसा संकल्प करें🔹*
*सुबह उठकर संकल्प करोः ‘आज के दिन मैं समय का सदुपयोग करूँगा। खेलने के समय मन लगाकर खेलूँगा, पढ़ने के समय मन लगाकर पढूँगा, काम करने के समय दिल लगाकर काम करूँगा और दिल लगाकर दाता (भगवान) का सुमिरन व ध्यान करूँगा।’*

 

*🙏🌞जय श्री राम🌞🙏*