*कस्तुरी तिलकम ललाटपटले, वक्षस्थले कौस्तुभम।*
*नासाग्रे वरमौक्तिकम करतले, वेणु करे कंकणम॥*
*सर्वांगे हरिचन्दनम सुललितम, कंठे च मुक्तावलि।*
*गोपस्त्री परिवेश्तिथो विजयते, गोपाल चूडामणी॥*
*हे श्री कृष्ण ! आपके माथा कस्तूरी के पवित्र चिन्हों और छाती पर कौस्तुभ गहना से सुशोभित है, आपकी नाक को जिसे एक चमकता हुआ मोती से सजाया गया है, आपकी हाथों की उंगलिया एक बांसुरी पकड़े हुए हैं, आपकी कलाई को सुन्दर कंगन से खूबसूरती से सजाया गया है, आपका पूरा शरीर चंदन के लेप से महक रहा है, मानो खेल-खेल में आपका अभिषेक किया गया हो, और गर्दन को मोतियों के हार से सजाया गया हो, आप चरवाहों के लिए मुक्ति (मोक्ष) के दाता हैं जो आपके चारों ओर चक्कर लगाते हैं; हे भगवान, आपकी विजय – ग्वालों के आभूषणों का आभूषण।*
*जिसकी मति और गति सत्य और धर्म की हो,*
*उसका रथ आज भी श्री कृष्ण चलाते हैं।”*
*श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं |*
*”जय श्री कृष्णा”*🙏🌹🙏🚩‼️ओ३म्‼️🚩
🪷🪷🪷🌹🕉️🌹🪷🪷🪷
वेदवेदांग – विज्ञान के महान् विशेषज्ञ,
विश्वजीत, महान् योगेश्वर, महान् पराक्रमी,
दुष्टों के संहारक, अद्वितीय जितेन्द्रीय,
प्राणीमात्र के हितैषी,विश्व के महान् नायक
सज्जनों के प्रतिपालक, राष्ट्र एवम् राजाओं के निर्माता, जीवनमुक्त अवस्था को सम्प्राप्त,
विश्व के अद्वितीय राजनीति विशारद,
परमपिता परमात्मा के महान् उपासक,
वैदिक धर्म के महान् प्रतिपालक एवम् सरक्षण,
धर्मपथ से कभी च्युत न होने वाले अर्थात् अच्युत
योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण का सत्य परक
जीवन चरित्र सनातन वैदिक दृष्टिकोण
आज योगीराज भगवान श्रीकृष्ण जी महाराज का पुनः जन्मदिन मना रहे हैं। वही श्रीकृष्ण जी जिसे पौराणिकों ने लीलाधर, रसिक, गोपी प्रेमी, कपड़े चोर, माखन चोर और न जाने क्या-क्या लिखा। सही रूपो में हम उनके वास्तविक जीवन चरित्र के बारे में कम जानते है। लोगो ने अपना स्वार्थ सिद्धि के लिए न जाने क्या-क्या चरित्र गढ़ लिए जिससे उनका मनोरथ तो पूरा हो गया लेकिन कहीं न कहीं योगीराज श्रीकृष्ण जी का वास्तविक चरित्र नष्ट हो गया।
एक छोटी सी घटना उदाहण स्वरूप देना चाहूँगा कि छतीसगढ़ राज्य के एक आदि वासी गांव में भोले-भाले लोगों को एक पादरी प्रवचन दे रहा था पादरी ने पूछा तुम सब भगवान श्रीकृष्ण को मानते हो ना? सभी ने एक सुर में कहा, हाँ मानते हैं। अचानक पादरी ने चेहरे पर गंभीर भाव लाकर कहा इसी वजह से तुम लोग गरीब और दरिद्र हो क्योंकि एक चोर को भगवान मानते हो। गुस्से से कुछ लोग भड़क गये। पादरी का स्वर धीमा पड़ गया और उसने सफाई देते हुए कहा ऐसा मैं नहीं आप लोगों के ही ग्रन्थ कहते हैं कि वह कपड़े और माखन आदि चुराता था। भीड़ से पहले तो इक्का-दुक्का इसके बाद बहुमत से आवाज आनी शुरू हुई कि हाँ हमने भी सुना है एक धीमी कुटिल मुस्कान के साथ पादरी का हौंसला बढ़ गया उसने अपने शब्दों से हमारे महापुरषों पर अधिक तेज हमला किया और अंत में उसने कहा छोडो इन राम और श्रीकृष्ण को यदि सच्चे ईश्वर पुत्र को जानना है तो अपनी दरिद्रता दूर करनी है तो जीसस को जानो।
यह घटना मात्र समझाने की है क्योंकि सनातन वैदिक धर्म को हिन्दू धर्म कहने वालों ने महापुरषों की जीवनी इस कदर बिगाड़ दी और उनमें इस तरह से संशय पैदा कर दिए जिसका लाभ सदैव से अन्य मतों-पंथों के लोग उठाते आये हैं।
आज बड़ा दुःख होता है की हम अपने महापुरुषो का जितना अपमान व् चरित्र का हनन करते है उतना कोई भी अन्य संप्रदाय के लोग अपने महापुरषों का करते हो ?
योगिराज श्रीकृष्ण चंद्र जी महाराज के चरित्र को किस तरह उन्होंने पेश किया- लिख दिया १६ हजार गोपियाँ थी, वे छिपकर कपड़े चुराने जाया करते थे, गीत बना दिए कि मनिहार का वेश बनाया श्याम चूड़ी बेचने आया, अश्लील कथा जोड़ दी कि उनके आगे पीछे करोड़ो स्त्रियाँ नाचती थी वो रासलीला रचाते थे। यदि कोई हमारे सामने हमारे माता-पिता के बारे में ऐसी टिप्पणी करे तो क्या हम सहन करेंगे? नहीं ना! जबकि सच्चाई यह है उन्होंने केवल एक स्त्री से विवाह किया, जिसका नाम रुकमणी था, चरित्र इतने ऊँचे रहे क़ि एक अपने जैसा पुत्र उत्पन्न करने के लिए बारह वर्षो तक गृहस्थ होते हुए भी ब्रह्मचर्य जीवन व्यतीत किया ।
हजारों वर्ष तक श्रीकृष्ण के जीवन को हर किसी ने अपने तरीके से रखा, भागवत कथा सुनाने लगे। श्रीकृष्ण का जो असली चरित्र, जो वीरता का चरित्र था, जो साहस का था, जो ज्ञान और नीति का था जिसमें युद्ध की कला थी वो सब हटा दिया और मनगढंत श्रीकृष्ण रासलीला वाला खड़ा कर दिया। गीता की व्याख्या बदल दी। जिसका परिणाम आने वाली पीढियां ज्ञानहीन होती गयीं। हमारी अहिंसा की बात के पीछे हमारी कायरता छिप कर बैठ गई है। हम नहीं लड़े, बाहरी लोग हम पर भारी हो गये, हमें दास बना लिया और फिर हम उनकी सेना में सम्मलित होकर उनकी तरफ से दूसरों से लड़ते रहे। हम दास भी रहे और अपनी दासता से बचाने के लिए लड़ते रहे।
इस्कान के मन्दिरों में नाचने से श्रीकृष्ण को नहीं पाया जा सकता। उसके लिए अर्जुन बनना पड़ेगा तभी श्रीकृष्ण को समझा जा सकता है।
श्रीकृष्ण जैसा कोई दूसरा उदहारण फिर पैदा नहीं हुआ। यदि स्त्री जाति के सम्मान की बात आये तो श्रीकृष्ण जैसा दूसरा उदाहरण नहीं मिलेगा उन्होंने भरी सभा में द्रोपती के चिर हरन को रोकते होते हुए उनके आत्म सम्मान की रक्षा की और हजारो स्त्रियों को जो दुष्ट राजाओ के द्वारा बंधक बना कर शील भंग किये हुए स्त्रियों को उनको समाज में आत्म सम्मान और गौरव दिलाने का काम किये ।
इस धराधाम पर स्त्री को समभाव समदर्शिता समदृष्टि से स्नेह केवल श्रीकृष्ण ने देखा। वहीं हम जब उनके बाद गत कुछ शताब्दियों में इस धराधाम पर अन्य मतों के नायकों या महापुर्षो को स्त्रियों के सम्बन्ध देखें तो बुद्ध ने स्त्री को दीक्षित करने से मना किया। महावीर ने तो उसे मोक्ष के लायक ही नहीं समझा, मुहम्मद ने उसे पुरुषों की खेती कहा, तो जीसस ने तो उनके बीच प्रवचन करने से मना कर दिया।
जो आजीवन धर्म की स्थापना के लिए जीवन भर संघर्ष करते रहे जिनके श्रीमुख से गीता का सन्देश विश्व कल्याण के लिए श्रेष्ट ज्ञान के रूप में प्रगट हुए हों ऐसा जानने पर श्रीकृष्ण का जन्म दिखाई देगा, उनका विराट स्वरूप।
💥ज्ञान रहित भक्ति अंधविश्वास है।
भक्ति रहित ज्ञान नास्तिकता है
संक्षेप में भगवान कृष्ण का जन्म धर्म की संस्थपना* और धर्म की रक्षा के लिए हुआ है जैसा भगवान ने स्वयं कहा है कि यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत:। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ अर्थ – हे भारत, जब-जब धर्म का लोप होता है और अधर्म में वृद्धि होती है, तब-तब मैं धर्म के अभ्युत्थान के लिए स्वयम् की रचना करता हूं अर्थात अवतार लेता हूंँ ✍️डाॅ0 हरीश मैखुरी
*༺𝕝𝕝 卐 𝕝𝕝༻*
*श्री हरिहरौ**विजयतेतराम**सुप्रभातम* *आज का पञ्चाङ्ग**_सोमवार, २६ अगस्त २०२४_*
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सूर्योदय: 🌄 ०५:५९, सूर्यास्त: 🌅 ०६:४५
चन्द्रोदय: 🌝 २३:१२, चन्द्रास्त: 🌜१२:५७
अयन 🌖 दक्षिणायणे(उत्तरगोलीय)
ऋतु: 🎄 शरद
शक सम्वत: 👉 १९४६ (क्रोधी)
विक्रम सम्वत: 👉 २०८१ (काल)
मास 👉 भाद्रपद, पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 अष्टमी (२६:१९ से नवमी)
नक्षत्र 👉 कृत्तिका (१५:५५ से रोहिणी)
योग 👉 व्याघात (२२:१७से हर्षण)
प्रथम करण👉बालव(१४:५५तक
द्वितीय करण 👉 कौलव(२६:१९ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 सिंह, चंद्र 🌟 वृष
मंगल🌟 मिथुन(उदित,पूर्व,मार्गी)
बुध 🌟 कर्क(अस्त,पश्चिम,वक्री)
गुरु 🌟वृष(उदय,पश्चिम, मार्गी)
शुक्र 🌟 कन्या (उदय, पूर्व, मार्गी)
शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मीन
केतु 🌟 कन्या
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५२ से १२:४४
अमृत काल 👉 १३:३६ से १५:०९
सर्वार्थ सिद्धि योग 👉 १५:५५ से २९:५१
विजय मुहूर्त 👉 १४:२८ से १५:१९
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:४६ से १९:०८
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:४६ से १९:५३
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५६ से २४:४१
राहुकाल 👉 ०७:२७ से ०९:०४
राहुवास 👉 उत्तर-पश्चिम
यमगण्ड 👉 १०:४१ से १२:१८
होमाहुति 👉 गुरु (१५:५५ से राहु)
दिशाशूल 👉 पूर्व
नक्षत्र शूल 👉 पश्चिम (१५:५५ से)
अग्निवास 👉 पाताल
(२६:१९ से पृथ्वी)
चन्द्रवास 👉 दक्षिण
शिववास 👉 गौरी के साथ
(२६:१९ से सभा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – अमृत २ – काल
३ – शुभ ४ – रोग
५ – उद्वेग ६ – चर
७ – लाभ ८ – अमृत
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – चर २ – रोग
३ – काल ४ – लाभ
५ – उद्वेग ६ – शुभ
७ – अमृत ८ – चर
नोट👉 दिन और रात्रि के
चौघड़िया का आरंभ क्रमशः
सूर्योदय और सूर्यास्त से
होता है। प्रत्येक चौघड़िए की
अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
दक्षिण-पूर्व (दर्पण देखकर अथवा खीर का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत (सबका), दशाफल व्रत, संत ज्ञानेश्वर जयंती, मंगल मिथुन में १५:२६ से, कालाष्टमी, गोकुलाष्टमी, अगस्त उदय, विवाहादि मुहूर्त (हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा आदि प्रांतों के लिये) धनु- कर्क ल० (दोपहर ०३:५५ से अंतरात्रि ०४:५७ तक), व्यवसाय आरम्भ मुहूर्त+ देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०९:१७ से १०:५२ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १५:५५ तक जन्मे शिशुओ का नाम
कृतिका नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (उ, ए) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम रोहिणी नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (ओ, वा, वी) नामाक्षर से नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
सिंह – २९:११ से ०७:३०
कन्या – ०७:३० से ०९:४८
तुला – ०९:४८ से १२:०९
वृश्चिक – १२:०९ से १४:२८
धनु – १४:२८ से १६:३२
मकर – १६:३२ से १८:१३
कुम्भ – १८:१३ से १९:३९
मीन – १९:३९ से २१:०२
मेष – २१:०२ से २२:३६
वृषभ – २२:३६ से २४:३१+
मिथुन – २४:३१+ से २६:४६+
कर्क – २६:४६+ से २९:०७+
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पञ्चक रहित मुहूर्त
चोर पञ्चक – ०५:५० से ०७:३०
शुभ मुहूर्त – ०७:३० से ०९:४८
रोग पञ्चक – ०९:४८ से १२:०९
शुभ मुहूर्त – १२:०९ से १४:२८
मृत्यु पञ्चक – १४:२८ से १५:५५
अग्नि पञ्चक – १५:५५ से १६:३२
शुभ मुहूर्त – १६:३२ से १८:१३
रज पञ्चक – १८:१३ से १९:३९
शुभ मुहूर्त – १९:३९ से २१:०२
शुभ मुहूर्त – २१:०२ से २२:३६
रज पञ्चक – २२:३६ से २४:३१+
शुभ मुहूर्त – २४:३१+ से २६:१९+
चोर पञ्चक – २६:१९+ से २६:४६+
शुभ मुहूर्त – २६:४६+ से २९:०७+
रोग पञ्चक – २९:०७+ से २९:५१+
आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आप का आज का दिन मिश्रित फलदायी है। दिन के पूर्वार्ध में सेहत में गिरावट आने से बेचैनी बढ़ेगी। बीमारी पर आकस्मिक खर्च होगा। आज मनोकामना पूर्ति में कुछ ना कुछ बाधा अवश्य आएगी। भाई-बंधुओ के बीच मनमुटाव हो सकता है। अपनी वाणी एवं व्यवहार में सावधानी बरतें। जमीन-जायदाद सम्बंधित कार्यो को फिलहाल स्थगित करें। अनापेक्षित यात्रा से थकान बढ़ेगी। धन की उधारी आज ना करें। मध्यान बाद का समय दिन की अपेक्षा बेहतर रहेगा। व्यवसाय अथवा घरेलू सम्बन्धो से धन की प्राप्ति होगी। महिलाये स्पष्ट बोलने के कारण अन्य लोगो को अखरेगी।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आप आनंद मनोरंजन में बितायेंगे। पूर्व में किये गए प्रयास आज सफल होने से मानसिक शांति मिलेगी। नए कार्य अनुबंधों की योजना तैयार रखें शीघ्र ही इसपर कार्य आरम्भ करना पड़ेगा। आज पूँजी निवेश भविष्य के लिए उत्तम रहेगा। प्रेम प्रसंगों में निकटता का अनुभव होगा लेकिन दूर रहने वाले रिश्तेदारों एवं आसपडोसियो से संबंध सामान्य नही रहेंगे। महिलाओ को भी धन सम्मान का लाभ मिलेगा संध्या बाद का समय परिजनों के साथ शांति से व्यतीत होगा। लंबी दूरी की यात्रा आज ना करें लाभ की जगह खर्च होगा साथ ही चोटादि का भय भी रहेगा।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन आपके लिए हानिकर रहेगा। पूर्व में किये निवेश का लाभ नहीं मिलने से निराश होंगे। महत्त्वपूर्ण कार्य अधूरे रहने से आर्थिक समस्या खड़ी होगी। प्रतिस्पर्धा अधिक रहने से कार्य क्षेत्र पर मंदी का सामना करना पड़ेगा। कमीशन के कार्यो से मध्यम लाभ होगा। पारिवारिक वातावरण आज घरेलू कलह से अशांत रहेगा अपनी गलती ना मानने से मतभेद के लंबे खिंचने के आसार है। आसपडोसियो से भी तकरार होने की संभावना है। संध्या के बाद थोड़ी बहुत शांति मिलेगी फिर भी आज के दिन मौन धारण करने से कई समस्याओं का समाधान स्वतः ही हो जाएगा।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आर्थिक दृष्टिकोण से आज का दिन आकस्मिक फायदे कराने वाला रहेगा। आज आप किसी से अधिक व्यवहार करना पसंद नहीं करेंगे इससे कई समस्याओं से भी बचे रहेंगे। सामाजिक क्षेत्र पर भी आज आपके योगदान की प्रशंसा होगी। वरिष्ठ जनो के साथ नविन संपर्क बनेंगे संध्या के समय व्यवसाय में तेजी आने से धन की आमद आशा से अधिक रहेगी। स्त्री-पुत्र से भी आज लाभदायक समाचार मिल सकते है। विपरीत लिंगीय आकर्षण आज कम रहेगा। संध्या बाद का समय मनोरंजन में व्यतीत करेंगे लंबी यात्रा पर्यटन की योजना बनेगी। महिलाओ की मांगे तुरंत पूरी करें अन्यथा परेशानी होगी।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आप शारीरिक एवं मानसिक रूप से चुस्त-दुरुस्त रहेंगे। परिवार के प्रति आज अधिक संवेदनशील रहेंगे फिर भी सभी को एक साथ प्रसन्न नही रख पाएंगे। कार्य व्यवसाय में मध्यान के बाद ही संतोषजनक लाभ होगा।। आज मनोरंजन एवं आराम में अधिक समय बितायेंगे मौज शौक के साथ ही घरेलू सुख सुविधा जुटाने पर भी खर्च होगा। धार्मिक स्थानों के पर्यटन का अवसर मिलेगा। परिजनों के साथ धार्मिक कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। महिलाये आज कामना पूर्ति ना होने पर कुंठित मन से कार्य करेंगी। बुजुर्ग आपके व्यवहार से आहत होंगे विवेकी व्यवहार अपनाएं।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन भाग्योदयकारक रहेगा।
व्यवसाय के साथ ही सामाजिक दृष्टिकोण से भी दिन लाभदायी रहेगा। आज आपको प्रत्येक कार्य का शुभफल प्राप्त होगा। व्यापार में मनोवांछित सफलता मिलने से मन हर्षित रहेगा पुराने कार्यो से धन लाभ होगा नए सौदे भी हाथ लगेंगे परन्तु इनपर कार्य आरंभ आज नही हो सकेगा। आज सांसारिक सुख सुविधाओं की वस्तुएं संकलित करने पर धन खर्च होगा। विवाहोत्सुकों के लिए योग्य साथी की तलाश पूरी हो सकती है महिलाये आज स्वयं की गलती के कारण परेशान रहेंगी। पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति सहज होगी। मनोरंजन के अवसर मिलेंगे।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आपका मन अनिर्णय की स्थिति में रहेगा। दिन के पूर्वार्ध में प्रत्येक कार्य सोच विचार कर करें। नए कार्य का आरम्भ आज करना उचित नहीं। कार्य अधूरे रहेंगे गलत निर्णय के कारण हानि होने की संभावना भी है। परिवार के बुजुर्गो अथवा कार्य क्षेत्र में अधिकारियो के साथ मनमुटाव हो सकता है। महिलाये घर एवं बाहर की जिम्मेदारियों में आज लापरवाही करेंगी जिससे अव्यवस्था बढ़ेगी। क्रोध एवं वाणी में संयम रखकर आज का दिन शांति से बिताना ही हितकर रहेगा। संध्या के बाद सम्बन्धो को लेकर ज्यादा सतर्क रहें।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन व्यावसायिक दृष्टिकोण से आपके लिए लाभदायक रहेगा। आज के दिन आप अपनी वाकपटुता और मीठी वाणी से लाभप्रद व्यापारिक सम्बंध विकसित कर सकेंगे सार्वजनिक क्षेत्र पर आपको किसी आयोजन में आमंत्रित किया जा सकता है परन्तु सतर्क रहें खुशनुमा माहौल किसी से कहा सुनी होने पर प्रतिष्ठा में कमी आ सकती है। आज आप में वैचारिक निखार आएगा लोगो की मदद भी बिना विचार करेंगे। परिजनों से सम्बन्ध मधुर रहेंगे स्त्री वर्ग किसी कारण से केवल दिखावे के लिए नाराज होंगी। शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे। पुत्र से मतभेद हो सकते है।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन भी आपके लिए अधिक परिश्रम वाला रहेगा। घरेलु कार्यो एवं व्यवसाय के बीच आज तालमेल बैठाना परेशानी भरा रहेगा सहकर्मियों से नाराजगी के चलते कार्य पूर्ण तो होंगे परन्तु कुछ ना कुछ त्रुटि बनी रहेगी। दैनिक कार्यो में विलंब होने से सारे दिन की बनी बनाई योजना चौपट हो सकती है। आलस्य को त्याग लक्ष्य पर ध्यान लगाए थोडे विलम्ब से ही सही सफलता अवश्य मिलेगी। परिजनों के साथ नरमी बरतें। महिलाये आज ज्यादा भावुक रहेंगी मामूली बातो को दिल पर ले लेगी। धर्म कर्म में निष्ठा रहने पर भी कम समय देंगे तंत्र मंत्र में प्रयोग करेंगे।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपको मिला जुला फल देने वाला रहेगा। आज आप पुराने कार्यो को विराम दे नए अनुबंध हाथ में लेने के प्रयास करेंगे परंतु इसमें कई व्यवधान आ सकते है प्रयासरत रहें सफलता अवश्य मिलेगी। नौकरी पेशा जातको को आज अतरिक्त कार्य करने पर परेशानी होगी लेकिन इसका शुभ फल भी मिलेगा। आर्थिक प्रयोजन में विलम्ब होगा फिर भी आवश्यकता से अधिक लाभ अर्जित कर सकेंगे अनैतिक कार्यो से आज बचकर रहें हानि हो सकती है। परिजनों में किसी ना किसी से वैचारिक मतभेद रहेंगे। महिला वर्ग काम के बोझ से अस्वस्थ हो सकती है।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन विपरीत फल प्रदान करने वाला है। आज दिन भर सतर्क रहने की आवश्यकता है। सेहत नरम रहने से स्वभाव मे चिढ़चिढ़ापन आएगा फलस्वरूप किसी प्रियजन से मन मुटाव के प्रसंग बनेंगे। आर्थिक कारणों से चिंता बैचेनी रहेगी। कार्य क्षेत्र पर आज मन नहीं लगेगा। आज कानूनी उलझनों में फंसने की संभावना है। महिलाये आज दयनीय स्थिति से गुजरेंगी अनावश्यक परेशान ना करें। आध्यत्म से जुड़ने पर मानसिक शांति मिल सकती है। संतानो के विषय मे भी आज कोई अशुभ समाचार मिलने की सम्भावना है।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन आप के मन के अनुरूप रहेगा। आज दिखावे आडंबर पर अधिक खर्च करेंगे। मौज-शौक मनोरंजन में दिन का अधिकांश समय व्यतीत होगा। कार्य व्यवसाय में आज आशा से अधिक धन लाभ होगा लेकिन हाथ खुला रहने से बचत मुश्किल से ही कर पाएंगे। प्रतिस्पर्धा भी अधिक रहने से दिमागी कसरत करनी पड़ेगी। सामाजिक स्तर पर आज आपकी छवि धनवानों जैसी रहेगी महिलाये आज इसके विपरीत कंजूसी करेंगी संचय को ज्यादा महत्त्व देंगी। बुजुर्गो का सम्मान करें उनकी आवश्यकताओं पर भी ध्यान दें अन्यथा नई समस्या खड़ी हो सकती है। सेहत सामान्य रहेगी।
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*लालू यादव पहली बार मुख्यमंत्री बने: BJP के सहयोग से
*मुलायम सिंह यादव पहली बार मुख्यमंत्री बने: BJP के सहयोग से
*मायावती जी पहली बार मुख्यमंत्री बनीं: BJP के सहयोग से
*मोहन यादव मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनाये बीजेपी ने
*देश को पहला दलित राष्ट्रपति मिला: BJP के सरकार में
*देश को पहला आदिवासी राष्ट्रपति मिला: BJP की सरकार में
*OBC आयोग को संवैधानिक दर्जा मिला: BJP की सरकार में
*बाबा साहब को भारत रत्न मिला: बीजेपी की सरकार में
* सबसे अधिक OBC मंत्री: BJP की सरकार में
*सबसे अधिक आदिवासी मंत्री: BJP की सरकार में
* छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसा आदिवासी राज्य कब बना: BJP की सरकार में
आरक्षण का सबसे अधिक किसने विरोध किया: सैक्युलर दलों बामपंथियों और पारिवारिक दलों ने
लेकिन narrative क्या फैलाया गया भाजपा आरक्षण समाप्त करना चाहती है?
https://www.facebook.com/share/JNz2NtnMXGueD3eU/?mibextid=oFDknk
आरक्षण एक तरह से राजनीतिक दलों का वोट कब्जाने का हथियार भले हो लेकिन इससे भारत की प्रतिभाओं की हत्या हो गयी है। यह जातियों के नाम पर एक तरह की संवैधानिक मारकाट और प्रतिभाओं की हत्या का षड्यंत्र है। जातियों के नाम पर राजनीतिक निरंकुशता का ऐसा तांडव संसार के किसी देश में नहीं है।
राजनीतिक दल गरीबों एवं आरक्षण प्राप्त जाति के लोगों को निशुल्क शिक्षा निशुल्क स्वास्थ्य निशुल्क वस्त्र निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था करें। लेकिन प्रतियोगिता परीक्षाओं में प्रतिभाओं का सम्मान करें, जो अपने परिश्रम और लगन से मैरिट में आये हैं उन्हे चयनित करो न कि जातियों का चयन करें पूरे देश में एक परीक्षा एक विधान करो। कम से कम शिक्षा स्वास्थ्य एवं इंजीनियरिंग में आरक्षण कदापि उचित नहीं है। आज बहुत सी सरकारी विज्ञप्तियों में समान्य के लिए सीट ही नहीं होती है। ऐसे में देश का सामान्य वर्ग कहाँ जायेगा! स्वतंत्रता के बाद से आरक्षित विषमता और चरमपंथियों के आतंक के चलते भारत से पांच करोड़ प्रतिभाओं ने विदेशों में पलायन कर दिया है इस ब्रेन ड्रेन के कारण एक तरह से भारतीय की आत्मा निकल चुकी है। भारत की प्रतिभाएं विदेशों के वातावरण में ढल गयी हैं और वहां की इकोनॉमी में योगदान दे रहे हैं जबकि उनके बच्चे वहीं के हो गए हैं वे भारत में आने को तैयार नहीं हैं। भारत के राजनीतिक दल अपना वोट बैंक बनाने के षड्यंत्र में देश का बेड़ा गड़क कर रहे हैं। अखिलेश लालू राहुल गांधी ममता आदि के पारिवारिक दलों को जातिगत जहर परोसने और देश उद्योगपतियों को धमकाने उनका अपमान करने और भारत के इस्लामीकरण करने के लिए कभी माफ नहीं करेगा।✍️हरीश मैखुरी