मोदी सरकार द्वारा प्रस्तुत ‘बजट’ में सात लाख तक की आय पर नहीं देना होगा कोई टैक्स, ग्रामीण क्षेत्रों और गरीबों के आर्थिक विकास पर फोकस, बनेंगे ५० नये हवाई अड्डे

सात लाख आय तक नहीं देना होगा कोई टैक्स मध्यम वर्ग को राहत गरीबों के लिए गांवों ही रोजगार के अवसर पैदा करने हेतु बजट में फोकस। पचास नये हवाई अड्डे बनेंगे। कई रेलवे स्टेशनों का होगा कायाकल्प, दर्जनों नये राष्ट्रीय राजमार्गों का होगा निर्माण, उत्तराखंड के लिए भी अनेक राजमार्गों हेतु बजट में व्यवस्था। भारत के रक्षा बजट और न्यूक्लियर मिशन के लिए भी बजट में अभूतपूर्व प्रावधान। सफाईकर्मियों को मेन होल में जाने की नहीं रहेगी आवश्यकता मशीनों से मेन होल सफाई हेतु विशेष व्यवस्था हेतु बजट में व्यवस्था, विपक्ष ने इसे चुनावी बजट बताया, बता दें कि वर्ष २०१४ से पूर्व ‘गरीबी हटाओ’ बजट तक केवल ढाई लाख तक इनकम टैक्स रिवेट थी और वर्षभर का उतना कुल मिलाकर वेतन ही नहीं होता था जितने पर मोदी सरकार में इनकम टैक्स पर छूट देदी गयी है। यानी आम लोगों की आय भी बढ़ी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार 5वीं बार देश का आम बजट पेश किया। यह रिकॉर्ड अपने नाम करने वाली वह देश की छठी वित्त मंत्री हैं। इस दौरान उन्होंने श्री अन्न योजना, पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान स्कीम समेत कई योजनाओं का ऐलान किया। उन्होंने बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया। हालांकि बजट पेश करने के दौरान उन्होंने एक मामूली गलती भी कर दी, जिससे संसद का माहौल कुछ पल के लिए हल्का हो गया और सभी सांसद हंसने लगे। दरअसल स्क्रैपिंग पॉलिसी में इंसेंटिव का ऐलान करते हुए वित्त मंत्री को ‘रिप्लेसिंग द ओल्ड पॉलिटिकल’ बोल गईं। इस पर सभी सांसद हंसने लगे और वित्त मंत्री ने सॉरी कहकर तुरंत अपनी बात में सुधार किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम संपूर्ण बजट पेश किया. निर्मला सीतारमण ने कहा है कि यह अमृतकाल का पहला बजट है. बजट के दौरान वित्त मंत्री ने टैक्स स्लैब को लेकर बड़ा ऐलान किया है. आयकर छूट 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख कर दी गई है. वहीं, सालाना कमाई के अनुसार भी कर की दरों में बदलाव कर दिया गया है. हालांकि, यह बदलाव नई टैक्स व्यवस्था में किया गया है। यानी जो लोग नई कर व्यवस्था को चुनेंगे, बस उन्हें ही ये छूट मिलेगी. जो लोग पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत डिडक्शन क्लेम करते हैं, उन्हें 7 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट का फायदा नहीं मिलेगा। 

इनकम टैक्स की नई दरों के अनुसार, तीन लाख तक सालाना कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं देना होगा. वहीं 3 से 6 लाख सालाना कमाई पर 5 फीसदी, 6 से 9 लाख सालाना कमाई पर 10 फीसदी, 9 से 12 लाख कमाई पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख कमाई पर 20 फीसदी और 15 से ज्यादा लाख सालाना कमाई पर 30 फीसदी टैक्स वसूला जाएगा।

बता दें कि नई टैक्स व्यवस्था को केंद्र सरकार ने एक अप्रैल, 2020 को लागू किया था. नई टैक्स व्यवस्था में नए टैक्स स्लैब बनाए गए थे। 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने बजट में उत्तराखंड के मोटर सडकें और अनेक योजनाएं दिए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने पचास नये हवाई अड्डों में से कम से कम दो हवाई अड्डे उत्तराखंड को देने की उम्मीद भी जताई। 

*पूरी दुनिया की नज़रें भारत के बजट पर हैं *

(इकॉनोमिक सर्वे)

– बजट सत्र की शुरुआत में मोदी का अहम बयान यही है कि दुनिया भारत के बजट की तरफ देख रही है

– वर्ल्ड बैंक के मुताबिक वैश्विक विकास दर 2023 में सिर्फ 1.7 प्रतिशत रहने वाली है लेकिन संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में अनुमान है कि भारत 2023 में 6.7 प्रतिशत की विकास दर से आगे बढेगा यानी निगेटिव में जा रही दुनिया की अर्थव्यवस्था को भारत ने पॉजिटिव किया है ।

– दुनिया में साख निर्धारित करने वाली अमेरिका की कंपनी S & P ने सितंबर 2022 में भारत को लेकर टिप्पणी की थी कि वैश्विक मंदी के दौर में भी भारत चमचमाता हुआ सितारा है ।

– इकॉनोमिक सर्वे में कहा गया है कि भारत ने कोरोना के दौरान अर्थव्यवस्था में हुई गिरावट को खत्म किया है यानी अर्थव्यवस्था की रिकवरी हो गई है

– 2023 का बजट प्रधानमंत्री मोदी के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट है । इसके बाद साल 2024 में लोकसभा के चुनाव होंगे और इसीलिए 2024 में अंतरिम बजट ही पेश किया जाएगा ।

– प्रधानमंत्री ने साल 2014 में संकल्प लिया था कि साल 2024 तक भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बना देंगे । लेकिन कोरोना की वजह से टारगेट मिस हुआ । अब अनुमान ये है कि साल 2023 तक भारत 3.7 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा ।

– हालांकी भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़कर दुनिया में पांचवे नंबर की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है । अब प्रधानमंत्री का नया टारगेट ये है कि साल 2047 तक भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है

 

– केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के बयान के मुतबिक दिसंबर 2021 से दिसंबर 2022 तक भारत में डीजल की कीमतें 3 फीसदी बढ़ी हैं इसके अलावा इसी समय अवधि में डीजलों की कीमतें अमेरिका में 34 फीसदी, कनैडा में 36 फीसदी बढ़ी हैं, स्पेन में 25 प्रतिशत बढ़ी हैं और ब्रिटेन में 10 प्रतिशत तक बढ़ी हैं । यानी भारत की स्थिति बेहतर है

– लेकिन पेट्रोल के मामले में देखा जाए तो 7 महीनों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दामों में 32 प्रतिशत की गिरावट हुई है लेकिन पेट्रोल के दाम नहीं घटे हैं ।

– एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2021 में भारत के अंदर SIP धारक 4 करोड़ 90 लाख थे लेकिन दिसंबर 2022 में भरत के अंदर SIP धारक 6 करोड 12 लाख हुए । यानी भारत के अंदर SIP धारकों की संख्या में 1 करोड़ 21 लाख 63 हजार की बढोत्तरी हुई है

– 2021 की तुलना में 2022 में देश के अंदर स्टार्ट अप्स की संख्या में भी करीब 50 हजार का इजाफा बताया जा रहा है

– हाल ही में UAE और ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट यानी मुक्त व्यापार समझौता किया है खुशी की बात ये है कि ऑस्ट्रेलिया के अंदर भारत की 6 हजार वस्तुओं पर अब कोई टैक्स नहीं लग रहा है

– भारत की 7 वंदेभारत रेलगाडियों ने कुल 23 लाख किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय किया है और इन ट्रेनों में अब तक 40 लाख से ज्यादा यात्री सफर कर चुके हैं ।  चीन के साथ व्यापार घाटा अब भी भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है 2022 में चीन के साथ व्यापार घाटा 100 अरब डॉलर के पार जा चुका है । लेकिन दुनिया में स्मार्ट फोन के बाजार में भारत ने चीन के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है ।

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