केवल 11 वर्षों में कर्जदार भारत को संसार की चौथी अर्थव्यवस्था बनाने और इस्लामिक व नक्शल आतंकवाद पीड़ित भारत को घुस मारने वाला शक्तिशाली भारत बनाने का नाम मोदी सरकार है।
एक दशक में 27 करोड़ लोगों को गरीबी से छुटकारा दिलाने वाला भारत संसार में एकमात्र देश है
भारत के नवनिर्माण के शिल्पकार मा० प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी को सेवा, सुशासन एवं गरीब कल्याण के अभूतपूर्व 11 वर्ष पूर्ण करने पर भारतवंशियों और मा० मोदी जी को हार्दिक बधाई ।
पिछले 11 वर्ष जनाकांक्षाओं के पूर्ण होने के वर्ष रहे हैं । संपूर्ण देश अभूतपूर्व तथा ऐतिहासिक कार्यों का साक्षी बना है ।
मा० मोदी जी के नेतृत्व में बीते 11 वर्षों में सशक्त, समृद्ध, समर्थ और आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव रखी गई है, जिससे ‘विकसित भारत’ के विराट संकल्प की सिद्धि हो रही है ।
मा० मोदी जी राष्ट्रनिर्माण में ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र और ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ के भाव को चरितार्थ कर राष्ट्र को सर्वसमर्थ बनाने हेतु अग्रसर हैं ।
यह 11 वर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा, समग्र विकास, राष्ट्रीय गौरव, युवाशक्ति, महिला उत्थान, किसान एवं गरीब कल्याण को समर्पित रहे हैं ।
हम सभी भारतवंशियों के लिए अत्यंत हर्ष व गौरव का विषय है कि हमारे पास 24 घण्टे भारत के विकास की नई गाथा लिखने वाले मा० मोदी भारत का सशक्त नेतृत्व कर रहे हैं । भारत माँ की सेवा में मा० प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के अमूल्य योगदान के लिए कोटि कोटि अभिनंदन है ।
। 💐✍️हरीश मैखुरी
भारतीय सभ्यता संस्कृति संस्कार संस्कृति पर कुठाराघात है कबीलों की विदेशी शिक्षा पद्धति, आज का पंचाग आपका राशिफल
पाकिस्तान दो वर्ष के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा समिति का अस्थायी सदस्य है, अब पाकिस्तान को यूएनएससी की तालिबान प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष और आतंकवाद-रोधी समिति का उपाध्यक्ष चुना गया है। भारत के विरोधी ऐजेंबाज #यूएन आतंक विरोधी समिति में रखे जाने के समाचार को पाकिस्तान की बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं।
वास्तविक तथ्य यह है कि अब #यूनाइटेड_नेशन की ही अपनी कोई वकत रह नहीं गयी। #यून को अब भारत, अमेरिका, चीन जापान, इस्त्राइल और रूस जैसे शक्तिशाली देश टॉयलेट पेपर की तरह उपयोग करते हैं। ऊपर बताए गए सभी देश यूनाइटेड नेशन को पूछते भी नहीं हैं, ये देश जब चाहते हैं अपने दुश्मन को #घर में #घुसकर #फोड़_फाड़ देते हैं। #रूस_यूक्रेन #युद्ध तीन वर्षों से चल रहा है #यूएन कुछ नहीं कर पा रहा है। #तालिबानी आतंकवाद ही पाकिस्तान की #उपज है तब यूएन तमाशा देखता रहा, पिछले पचास वर्ष से #पाकिस्तान भारत सहित पूरे संसार में भाड़े पर आतंकी भेज रहा है यून की आंख अभी तक नहीं खुली। अमेरिका #ट्वीन_टावर 26/11 का आतंकवादी #ओसामा पाकिस्तानी सेना की सुरक्षा में था, जिसे अमेरिका ने पाकिस्तान के #एब्टाबाद में घुस कर मारा। #छछुंदर यून ने एक बार भी #पाकिस्तान से नहीं पूछा तूने अपने यहां रेड कार्नर आतंकी क्यों छियाया?पिछले दो वर्षों से इस्त्राइल गाजा का बाजा बजा रहा है केवल इसलिए कि हमास के आतंकी उसके बंधकों को छोड़ दे लेकिन यूएन की बंधकों को छुड़ाने में कोई भूमिका नहीं दिखाई दी।
इसलिए भारत भी अब यूनाइटेड नेशन में अपनी बात रख कर चल देता है जिसे सुनना है सुने ना सुने तो भारत के जूते पर। यूनाइटेड नेशन के पास इस समय अपनी काउंसिल में बैठाने तक के लिए इन देशों से कोई जनप्रतिनिधि नहीं मिला! तो चारों ओर से पिट रहा आतंक की #फैक्ट्री पाकिस्तान यूनाइटेड नेशन के खांचे पर फिट बैठा! ये तो वही बात हो गयी चोरी की निगरानी डकैत के हाथ में।
हां इतना अवश्य बताना चाहते हैं कि एक जमाने में भारत को मिली हुई यूएन #वीटो पावर तत्कालीन प्रधानमंत्री #नेहरू ने चीन को दिला दी थी, यह बात भारत के लिए लम्बे समय तक पछतावे का कारण रही, आज तो मोदी राज में भारत अपने आप में #स्वयं एक शक्तिशाली #वीटो बन चुका है।✍️ हरीश मैखुरी
इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या का राज अब खुलता नजर आ रहा है। उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी, जो हनीमून मनाने उनके साथ शिलांग गई थीं और कई दिनों से लापता थीं।
इंदौर निवासी ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या की गुत्थी अब सुलझती नजर आ रही है। राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी, जो पति के साथ हनीमून मनाने शिलांग गई थीं और लापता थीं, आखिरकार उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक ढाबे पर बदहवास हालत में मिली हैं। नंदगंज थाना पुलिस ने सोनम को बरामद कर वन स्टॉप सेंटर भेजा है। इसके साथ ही इस मामले में अब एक और बड़ा खुलासा किया है।
पत्नी ही निकली कातिल
इस सनसनीखेज मामले में बड़ा खुलासा तब हुआ जब मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड कोंगकल संगमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर इस मामले को लेकर एक पोस्ट साझा किया। उन्होंने जानकारी दी कि राजा रघुवंशी की हत्या में सोनम खुद शामिल थी और उसने आत्मसमर्पण कर लिया है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश के तीन हमलावरों को भी गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक अन्य आरोपी की तलाश अब भी जारी है।
11 मई को हुई थी शादी
इंदौर में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय करने वाले राजा रघुवंशी की शादी 11 मई को सोनम से हुई थी। शादी के करीब 8 दिन बाद 20 मई को दोनों हनीमून पर निकले। सबसे पहले दोनों गुवाहाटी पहुंचे। वहां कामाख्या देवी के दर्शन किए। इसके बाद वहीं पर दोनों में शिलांग जाने का प्लान बनाया। ये जानकारी उन्होंने घर पर दी। इसके बाद दोनों 23 मई को मेघालय के शिलांग पहुंचे। 23 मई को दोपहर बाद से सोनम और राजा का परिवार से संपर्क टूट गया। 24 मई को दोनों के फोन बंद हो गए। कई कोशिशों के बाद भी जब बात नहीं हो पाई तो सोनम के भाई गोविंद और राजा के भाई विपिन शिलांग पहुंचे और पुलिस के साथ खोज शुरू की।
इससे जुड़ी खबर पढ़ें: शिलांग की खाई में मिला जैकेट सोनम का, स्कूटर की डिक्की में रखा था
घरवालों ने उठाई थी सीबीआई जांच की मांग
सोनम की तलाश में नाकामी को लेकर परिजनों ने मेघालय पुलिस और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए थे। साथ ही मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखा गया था। इसके बाद सीएम यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भेजा था। हालांकि सीबीआई जांच शुरू होने से पहले ही सोनम की बरामदगी हो गई। फिलहाल पुलिस सोनम से पूछताछ कर रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि वह इस हत्याकांड की पूरी सच्चाई उजागर करेगी और बताएगी कि आखिर शिलांग में ऐसा क्या हुआ जिससे ये हनीमून एक खौफनाक वारदात में बदल गया।
*पाकिस्तान के नूर खान बेस पर बैठकर क्या गुल खिला रहा अमेरिका, भारत ने किया तबाह; सीजफायर की वजह कहीं यह एयरबेस तो नहीं*
*पाकिस्तानी सुरक्षा विश्लेषक इम्तियाज गुल ने यह चौंकाने वाला खुलासा किया है कि नूर खान एयरबेस पूरी तरह से अमेरिकी नियंत्रण में है। इस एयरबेस को भारत ने निशाना बनाया था।*
नूर खान एयरबेस के तबाह होने के बाद पाकिस्तान को यह एहसास हुआ कि भारत की जवाबी कार्रवाई इतनी घातक है कि वो तबाही के कगार पर पहुंच सकता है।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि नूर खान एयरबेस पर हमला इस बात की चेतावनी थी कि भारत का अगला निशाना पाकिस्तान का परमाणु कमांड सेंटर हो सकता है, जो इस्लामाबाद से सिर्फ 10 किलोमीटर दूर था।
नूर खान एयरबेस पाकिस्तानी नहीं बल्कि अमेरिकी सेना का ठिकाना है।
पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों को भी एयरबेस में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं है।
नूर खान एयरबेस पाक एयरफोर्स के हवाई गतिशीलता संचालन (एरियल मॉबिलिटी ऑपरेशन) के लिए कमांड सेंटर के रूप में काम करता है।
यहां C-130 हरक्यूलिस और IL-78 मिड-एयर रिफ्यूलर जैसे महत्वपूर्ण परिवहन स्क्वाड्रन हैं।
ये स्क्वाड्रन लॉजिस्टिकल और रणनीतिक एयरलिफ्ट क्षमताओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।
भारत की ओर से इस एयरबेस को ब्रह्मोस मिसाइल से तबाह कर दिया गया था।
*‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत ने पाकिस्तान के कई एयरबेस को तबाह किया था। इनमें से एक था रावलपिंडी के सैन्य मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर का नूर खान एयरबेस। इसे ब्रह्मोस मिसाइल से निशाना बनाया गया था। इसके बाद ही सबसे पहले ट्रंप ने सीजफायर का ट्वीट किया था।*
■ इससे पाकिस्तान की संप्रभुता पर सवाल उठ रहे हैं और देश के लोगों की अपनी जमीन पर विदेशी प्रभाव और पारदर्शिता की कमी पर चिंताएं बढ़ गई हैं।
■ पाकिस्तान सेना के अधिकारियों को एयरबेस पर कोई नियंत्रण नहीं है। इसे अमेरिकी सेना क्षेत्र में अपने प्रभाव और सैन्य अभियानों के लिए अपने नियंत्रण में रखे हुए है।
■ अमेरिकी विमानों को बार-बार नूर खान एयरबेस पर देखा गया है, लेकिन उनके कार्गो के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। यानी ये साफ नहीं है कि ये विमान क्या ले आ रहे हैं और क्या ले जा रहे हैं।
■ नुरखान एयरबेस राजधानी इस्लामाबाद से कुछ ही किमी दूर रावलपिंडी में होना है। यह पाकिस्तानी आर्मी के लिए रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण सुविधा है। यह पाकिस्तान सेना के जनरल हेडक्वार्टर और सामरिक योजना प्रभाग के एकदम करीब है। यह प्रभाग पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार की देखरेख के लिए जिम्मेदार है।
■ ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने अपने सैन्य हवाई अड्डों पर हुए नुकसान को खूब छिपाने की कोशिश की, लेकिन सैटेलाइट तस्वीरें दुनिया के सामने आ जाने के बाद उसे आखिरकार सच कबूल करना पड़ा। भारत ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस को निशाना बनाया था, लेकिन इनमें सबसे महत्वपूर्ण नूर खान (चकलाला) एयरबेस था।
■ इस एयरबेस पर हुए नुकसान के बाद ही पाकिस्तान घुटनों पर आ गया था और सीजफायर के लिए गिड़गिड़ाने लगा था. अब पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है।
*सबसे बड़ा सवाल है कि अमेरिका दुनिया के दूसरे देशों में ऐसे मिलिट्री बेस क्यों बनाता है और इसकी जरूरत क्या है? दरअसल, अमेरिका दुनिया सबसे ज्यादा शक्तिशाली देश है और वह नॉटो जैसे शक्तिशाली संगठन का नेतृत्व भी करता है. अमेरिका अपनी विदेश नीति के तहत दुश्मन देशों पर दबाव बनाने के लिए देश से बाहर मिलिट्री ठिकाने बनाता है. अमेरिका के ज्यादातर सैन्य ठिकाने उन देशों में हैं, जिसकी सीमा उसके दुश्मन देश से मिलती है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण, दक्षिण कोरिया है. उत्तर कोरिया पर दबाव बनाने के लिए अमेरिका ने दक्षिण कोरिया में अपने सैन्य ठिकाने बनाए हैं.*
पापिस्तान को मोदी का संदेश
*दिनांक – 09 जून 2025*
🌤️ *दिन – सोमवार*
🌤️ *विक्रत संवत 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – ग्रीष्म ॠतु*
🌤️ *मास – ज्येष्ठ*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – त्रयोदशी सुबह 09:35 तक तत्पश्चात चतुर्दशी*
🌤️ *नक्षत्र – विशाखा शाम 03:31 तक तत्पश्चात अनुराधा*
🌤️ *योग – शिव दोपहर 01:09 तक तत्पश्चात सिद्ध*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 07:37 से सुबह 09:17 तक*
🌤️ *सूर्योदय – 05:57*
🌤️ *सूर्यास्त – 07:18*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण –
💥 *विशेष- त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌷 *अन्नपूर्णा प्रयोग* 🌷
🏡 *प्रति पूर्णिमा को घर के अन्न – भंडार के स्थान पर कपास तेल का दीपक जलायें | इसके प्रभाव से घर की रसोई में बहुत बरकत होती है | यह अन्नपूर्णा प्रयोग हैं |*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~*
🌷 *शनि निवारण का उपाय* 🌷
🙏🏻 *गले में लाल धागे में रुद्राक्ष पहन लें और भगवान शिव जी को बिल्व पत्र चढ़ाने से शनि शांत होते हैं l*
🙏🏻 *सुरेशानंदजी-17th July*
🌷 *ग्रहों से जुड़े दोष एवं आर्थिक तंगी दूर करने के लिए*
🙏🏻 *कहा जाता है कि कुछ विशेष चीजों को यदि नहाने के पानी में डाल लिया जाए तो ग्रहों से जुड़े दोष दूर होते हैं और साथ ही, उम्र बढ़ती है व आर्थिक तंगी भी दूर होती है। आईए जानते हैं ज्योतिष और लक्ष्मी योग नाम के ग्रंथ में बताए गए कुछ खास उपायों को ..*
👉🏻 *पानी में इलायची या केसर डालकर नहाने से आर्थिक तंगी दूर होती है ।*
👉🏻 *पानी में दूध मिलाकर नहाने से शक्ति मिलती है और उम्र भी बढ़ती है ।*
👉🏻 *पानी में रत्न डालकर नहाने से आभूषणों की प्राप्ति होती है ।*
👉🏻 *पानी में तिल डालकर नहाने से महालक्ष्मी की कृपा मिलती है ।*
👉🏻 *पानी में थोड़ा दही मिलाकर नहाने से संपत्ति में बढ़ोत्तरी होती है ।*
👉🏻 *घी डालकर नहाने से आयु बढ़ती है और शरीर स्वस्थ रहता है ।*
👉🏻 *पानी में इत्र या सुगंधित चीजें डालकर नहाने से पैसों की कमी दूर होती
🙏🏻🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻विचारणीय…
कुछ माता-पिता बड़े समझदार होते हैं !
वे अपने बच्चों को किसी की भी मंगनी,विवाह,लगन,शवयात्रा,उठावनी,तेरहवीं (पगड़ी) जैसे अवसरों पर नहीं भेजते,
इसलिए कि उनकी पढ़ाई में बाधा न हो!
उनके बच्चे किसी रिश्तेदार के यहां आते-जाते नहीं,न ही किसी का घर आना-जाना पसंद करते हैं।
वे हर उस काम से उन्हें से बचाते हैं।
जहां उनका समय नष्ट होता हो !”
उनके माता-पिता उनके करियर और व्यक्तित्व निर्माण को लेकर बहुत सजग रहते हैं !
वे बच्चे सख्त पाबंदी मे जीते हैं!दिन भर पढ़ाई करते हैं।
महंगी कोचिंग जाते हैं,अनहेल्दी फूड नहीं खाते।
नींद तोड़कर सुबह जल्दी साइकिलिंग या स्विमिंग को जाते हैं,महंगी कारें,गैजेट्स और क्लोदिंग सीख जाते हैं,क्योंकि देर-सवेर उन्हें अमीरों की लाइफ स्टाइल जीना है !
फिर वे बच्चे औसत प्रतिभा के हों या होशियार,उनका अच्छा करियर बन ही जाता है,क्योंकि स्कूल से निकलते ही उन्हें बड़े शहरों के महंगे कॉलेजों में भेज दिया जाता है,जहां जैसे-तैसे उनकी पढ़ाई भी हो जाती है और प्लेसमेंट भी।
अब वह बच्चे बड़े शहरों में रहते हैं और छोटे शहरों को हिकारत से देखते हैं !
मजदूरों,रिक्शा वालों,खोमचे वालों की गंध से बचते हैं …
ये बच्चे छोटे शहरों के गली-कूचे,धूल, गंध देखकर नाक-भौं सिकोड़ते हैं। रिश्तेदारों की आवाजाही उन्हें बेकार की दखल लगती है।फिर वे अपना शहर छोड़कर किसी मेट्रो सिटी या फिर विदेश चले जाते हैं।
वे बहुत #खुदगर्ज और #संकीर्ण जीवन जीने लगते हैं।
अब माता-पिता की तीमारदारी और खोज खबर लेना भी उन्हें बोझ लगने लगता है।
पुराना मकान,पुराना सामान,पैतृक संपत्ति को बचाए रखना उन्हें मूर्खता लगने लगती है।
वे पैतृक संपत्ति को जल्दी ही उसे बेचकर
“#राइट_इन्वेस्टमेंट” करना चाहते हैं।
माता-पिता से ..
“वीडियो चैट” में उनकी बातचीत का मसला अक्सर यही रहता है।
इधर दूसरी तरफ कुछ ऐसे बच्चे होते हैं जो सबके सुख-दुख में जाते हैं।
जो किराने की दुकान पर भी जाते हैं,बुआ,चाचा,दादा-दादी को अस्पताल भी ले जाते हैं,
तीज-त्यौहार,श्राद्ध,बरसी के सब कार्यक्रमों में हाथ बंटाते हैं,क्योंकि उनके माता-पिता ने उन्हें यह मैनर्स सिखाया है कि सब के सुख-दुख में शामिल होना चाहिए और ..
किसी की तीमारदारी,सेवा और रोजमर्रा के कामों से जी नहीं चुराना चाहिए।
इन बच्चों के माता-पिता…. उन बच्चों के माता-पिता की तरह समझदार नहीं होते..
क्योंकि वे इन बच्चों का
“कीमती समय” अनावश्यक कामों में नष्ट करवा देते हैं !
फिर ये बच्चे छोटे शहर में ही रहे जाते हैं और दोस्ती यारी रिश्ते नाते जिंदगी भर निभाते हैं।
यह बच्चे,उन बच्चों की तरह “बड़ा करियर”
नहीं बना पाते,इसलिए उन्हें असफल और कम होशियार मान लिया जाता है।
समय गुजरता जाता है,फिर कभी कभार, वे ‘सफल बच्चे’ अपनी बड़ी गाड़ियों या फ्लाइट से छोटे शहर आते हैं।
दिन भर एसी में रहते हैं,पुराने घर और #गृहस्थी में सौ दोष देखते हैं।
फिर रात को,इन बाइक,स्कूटर से शहर की धूल-धूप में घूमने वाले ‘असफल बच्चों’ को ज्ञान देते हैं कि…. तुमने अपनी जिंदगी बर्बाद कर ली आदि आदि !
असफल बच्चे लज्जित और हीनभाव से सब सुन लेते हैं !
फिर वे ‘सफल बच्चे’ वापस जाते समय इन असफल बच्चों को,पुराने मकान में रह रहे उनके मां-बाप,नानी,दादा-दादी का ध्यान रखने की हिदायतें देकर,वापस बड़े शहरों या विदेशों को लौट जाते हैं।
फिर उन बड़े शहरों में रहने वाले बच्चों की,इन छोटे शहर में रह रहे मां,पिता,नानी के घर कोई सीपेज रिपेयरिंग का काम होता है तो यही ‘असफल बच्चे’ बुलाए जाते हैं।
सफल बच्चों के उन वृद्ध मां-बाप के हर छोटे बड़े काम के लिए .. यह ‘असफल बच्चे’ दौड़े चले आते हैं।
कभी पेंशन,कभी किराना,कभी घर की मरम्मत,कभी पूजा…डॉ० के यहां लाना ले जाना कभी कुछ कभी कुछ !
जब वे ‘सफल बच्चे’ मेट्रोज के किसी एयरकंडीशंड जिम में ट्रेडमिल कर रहे होते हैं….!
तब छोटे शहर के यह ‘असफल बच्चे’ उनके बूढ़े पिता का चश्मे का फ्रेम बनवाने,किसी दुकान के काउंटर पर खड़े होते हैं…
और तो और इनके माता पिता के मरने पर अग्नि देकर तेरहवीं तक सारे क्रियाकर्म भी करते हैं !
सफल यह भी हो सकते थे….!
इनकी प्रतिभा और परिश्रम में कोई कमी न थी…... लेकिन
इन बच्चों और उनके माता-पिता में शायद ‘जीवन दृष्टि अधिक’ थी !”
कि उन्होंने धन-दौलत से अधिक, “मानवीय संबंधों और सामाजिक मेल-मिलाप को आवश्यक” माना।
सफल बच्चों से किसी को कोई अड़चन नहीं है।
मगर बड़े शहरों में रहने वाले,वे ‘सफल बच्चे’ अगर ‘सोना’ हैं,तो छोटे शहरों-गांवों में रहने वाले यह ‘असफल बच्चे’ किसी ‘हीरे’ से कम नहीं!
आपके हर छोटे-बड़े काम के लिए दौड़े आने वाले!
उनका कैरियर सजग बच्चों से कहीं अधिक तवज्जो और सम्मान के हकदार है!
आज सुबह से ही दिमाग घूम रहा था, बस यूं ही लिख डाला,बुरा तो लगेगा पर मेरी सोच है क्या करें…! साभार