भगवान विश्वकर्मा प्राकट्योत्व की शुभकामनाएं
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*श्री हरिहरौ**विजयतेतराम*
*सुप्रभातम**आज का पञ्चाङ्ग*
*_मंगलवार, १७ सितम्बर २०२४_*
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सूर्योदय: 🌄 ०६:११, सूर्यास्त: 🌅 ०६:२०
चन्द्रोदय: 🌝 १७:५९, चन्द्रास्त: 🌜३०:०१
अयन 🌖 दक्षिणायणे(उत्तरगोलीय)
ऋतु: 🎄 शरद
शक सम्वत: 👉 १९४६ (क्रोधी)
विक्रम सम्वत: 👉 २०८१ (काल)
मास 👉 भाद्रपद, पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 चतुर्दशी (११:४४से पूर्णिमा)
नक्षत्र 👉 शतभिषा(१३:५३ से पूर्वाभाद्रपद)
योग 👉धृति(०७:४८ से शूल)
प्रथम करण👉वणिज(११:४४तक
द्वितीय करण👉विष्टि(२१:५५तक
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कन्या
चंद्र 🌟 मीन (२९:४२ से)
मंगल🌟मिथुन(उदित,पूर्व,मार्गी)
बुध 🌟 सिंह (उदय, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 वृष(अस्त,पश्चिम,मार्गी)
शुक्र 🌟 कन्या (उदय, पूर्व, मार्गी)
शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मीन
केतु 🌟 कन्या
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४६ से १२:३६
अमृत काल 👉 ०७:२९ से ०८:५४
रवियोग 👉 ०६:०२ से १३:५३
विजय मुहूर्त 👉 १४:१४ से १५:०३
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:१९ से १८:४३
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:१९ से १९:३०
निशिता मुहूर्त 👉 २३:४८ से २४:३५
राहुकाल 👉 १५:१५ से १६:४७
राहुवास 👉 पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०९:०७ से १०:३९
दुर्मुहूर्त 👉 ०८:३० से ०९:१९
होमाहुति 👉 चन्द्र
दिशाशूल 👉 उत्तर
नक्षत्र शूल 👉 दक्षिण (१३:५३ से)
अग्निवास 👉 पाताल (११:४४ से पृथ्वी)
भद्रावास 👉 मृत्यु (११:४४ से २१:५५)
चन्द्रवास 👉 पश्चिम (उत्तर २९:४४ से)
शिववास 👉 भोजन में (११:४४ से शमशान में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – रोग २ – उद्वेग
३ – चर ४ – लाभ
५ – अमृत ६ – काल
७ – शुभ ८ – रोग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – काल २ – लाभ
३ – उद्वेग ४ – शुभ
५ – अमृत ६ – चर
७ – रोग ८ – काल
नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (धनिया अथवा दलिया का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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श्री सत्यनारायण (पूर्णिमा) व्रत, अनन्त चतुर्दशी, गणेश विसर्जन, महालय श्राद्ध पक्ष आरम्भ, कदली व्रत, गुरु अमरदास पुण्य दिवस प्राचीन मत), पूर्णिमा तिथि का श्राद्ध आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १३:५३ तक जन्मे शिशुओ का नाम
शतभिषा नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (सि, सू) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (से, सो, द) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
सिंह – २७:४५ से ०६:०४
कन्या – ०६:०४ से ०८:२१
तुला – ०८:२१ से १०:४२
वृश्चिक – १०:४२ से १३:०२
धनु – १३:०२ से १५:०५
मकर – १५:०५ से १६:४६
कुम्भ – १६:४६ से १८:१२
मीन – १८:१२ से १९:३६
मेष – १९:३६ से २१:०९
वृषभ – २१:०९ से २३:०४
मिथुन – २३:०४ से २५:१९
कर्क – २५:१९ से २७:४६
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पञ्चक रहित मुहूर्त
मृत्यु पञ्चक – ०६:०२ से ०६:०४
अग्नि पञ्चक – ०६:०४ से ०८:२१
शुभ मुहूर्त – ०८:२१ से १०:४२
रज पञ्चक – १०:४२ से ११:४४
शुभ मुहूर्त – ११:४४ से १३:०२
चोर पञ्चक – १३:०२ से १३:५३
शुभ मुहूर्त – १३:५३ से १५:०५
रोग पञ्चक – १५:०५ से १६:४६
शुभ मुहूर्त – १६:४६ से १८:१२
मृत्यु पञ्चक – १८:१२ से १९:३६
रोग पञ्चक – १९:३६ से २१:०९
शुभ मुहूर्त – २१:०९ से २३:०४
मृत्यु पञ्चक – २३:०४ से २५:१९
अग्नि पञ्चक – २५:१९ से २७:४१
शुभ मुहूर्त – २७:४१ से ३०:०३
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आपको दिन के पहले हिस्से में लाभ पाने के प्रस्ताव आएंगे लेकिन दुविधा के कारण प्रतिस्पर्धी इसका लाभ उठा सकते है। कार्य व्यवसाय से आज उन्नति की आशा लगा सकते है। दोपहर तक कि भगदौड़ एक समय व्यर्थ होती प्रतीत होगी धैर्य रखें जल्दबाजी में कोई गलत निर्णय बाद में पश्चाताप का कारण बन सकता है। धन अथवा अन्य लाभ आज अकस्मात ही होगा पर होगा जरूर। घर मे खाने पीने की वस्तुओं अथवा अन्य सुखोपभोग के सामान पर खर्च करना पड़ेगा। कार्य क्षेत्र पर भी कुछ ना कुछ खर्च लगे रहेंगे। धन संबंधित समस्या संध्या बाद नही रहेगी फिर भी किसी से वादा ना करें। घर के सदस्य किसी महत्त्वपूर्ण विषय को लेकर चिंतित होंगे।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आप धन संबंधित कार्यो को छोड़ अन्य सभी कार्यो से सम्मान पाने के हकदार बनेंगे। आर्थिक उलझने दिन के आरंभ से अंत तक किसी ना किसी रूप में परेशान करेंगी कार्य समय से पूर्ण करने के बाद भी धन की आमद को लेकर इंतजार करना पड़ेगा किसी बुजुर्ग व्यक्ति का सहयोग मिलने से थोड़ी उलझनों से राहत मिलेगी। मध्यान बाद का समय सामाजिक कार्यो के लिये निकालना पड़ेगा गृहस्थ अथवा रिश्तेदारी में ना चाहते हुए भी खर्च करना पड़ेगा। पारिवारिक वातावरण में शांति रहेगी आपके किसी उत्कृष्ट कार्य से परिजन गर्व करेंगे। स्वास्थ्य संबंधित छोटी मोटी समस्याएं लगी रहेंगी फिर भी दिनचार्य व्यवस्थित रहेगी।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज मध्यान तक कि दिनचार्य को अस्त व्यस्त ना होने दे अन्यथा ना चाहकर भी व्यर्थ के कामो में समय खराब होने पर मध्यान बाद से बनने वाली शुभ स्थिति का लाभ नही उठा सकेंगे। दिन के आरंभ में शारीरिक दुर्बलता अनुभव होगी जिसके चलते दैनिक कार्यो में विलंब हो सकता है। नौकरी वाले लोग आज किसी दुविधा में फंसे रहेंगे दोपहर तक मेहनत का फल ना मिलने से मन मे निराशा रहेगी धैर्य रखें इसके बाद का समय कार्य सिद्धि दायक रहेगा दिन भर के प्रयास संध्या के आस-पास फलित होंगे फिर भी संतोषी वृति अपनाए ज्यादा के चक्कर मे कम से भी वंचित रह सकते है। घर मे शुभ समाचार मिलने से आनंद छाया रहेगा फिर भी व्यर्थ बोलने से बचें।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आपको बीते कल की तुलना में थोड़ी राहत मिलेगी। आज भी मध्यान तक मानसिक दुविधायें एवं असंतोष की भावना लाभ से दूर रखेंगी। स्वास्थ्य में सुधार आएगा लेकिन पूरी तरह से नही कठिन परिश्रम करने पर मर्ज दोबारा बढ़ सकता है इससे बचें। कार्य व्यवसाय को लेकर मानसिक चिंताए दिन भर लगी रहेंगी किसी ना किसी कारण से व्यवसाय में धन संबंधित मामले अटके रहेंगे। मध्यान बाद से पूण्य उदय होंगे धर्म कर्म में रुचि बढ़ेगी लेकिन मन मे स्वार्थ पूर्ति की भावना रहने के कारण आध्यात्म का लाभ नही मिल सकेगा। परिजन आपसे सहानुभूति रखेंगे कुछ मतलब भी साधेंगे। यात्रा से बचें चोटादि का भय है।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज दिन का आरंभ भाग असमंजस की स्थिति के कारण कार्य शून्य रहेगा। जो करना चाहेंगे वातावरण उसके विपरीत बनेगा लेकिन धर्य रखें ये परेशानी कुछ समय के लिये ही रहेगी मध्यान बाद से स्थिति अनुकूल बनने लगेगी सोची हुई योजनाओ में आज पूरी तरह से सफलता तो नही मिलेगी फिर भी भविष्य के प्रति निश्चिन्त करने वाले कार्य होंगे। धन की आमद आज सामान्य रहेगी व्यवहारिकता बनाये रखें तो निकट भविष्य में किसी विशेष व्यक्ति का महत्त्वपूर्ण सहयोग मिल सकता है जो कि जीवन को नई दिशा देने में सहायक बनेगा। नौकरी वाले लोग खर्च से परेशान रहेंगे। पारिवारिक स्थिति दिन की अपेक्षा संध्या बाद बेहतर अनुभव होगी। सेहत में आज मामूली नरमी रहेगी।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज आप घर अथवा कार्य क्षेत्र पर चाहकर भी सुव्यवस्था नही बना पाएंगे उल्टे जो कार्य ठीक चल रहे है वो भी गलत मार्गदर्शन अथवा जल्दबाजी में बिगड़ सकते है। मध्यान तक धन कमाने की आपाधापी में गिरती सेहत की अनदेखी करेंगे जिसका विपरीत परिणाम संध्या से देखने को मिलेगा। थकान एवं हाथ पैरों में शिथिलता आने लगेगी पेट संबंधित समस्या बढ़ने पर अन्य शारीरिक अंगों को निष्क्रिय करेगी। धन लाभ प्रयास करने पर अवश्य होगा लेकिन अनर्गल कार्यो में तुरंत खर्च भी हो जाएगा। प्रलोभन में आपके साथ ठगी हो सकती है। परिजनों से पूर्व में किया गलत व्यवहार आज दुखी करेगा।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन मिश्रित फलदायी रहेगा। दिन के आरंभिक भाग में जितनी मेहनत करेंगे उसका लाभ मध्यान तक मिल जाएगा आज लापरवाही से बचें अन्यथा मध्यान बाद स्थिति प्रतिकूल होने पर सभी कार्य बाधित होने लगेंगे लाभ की जगह हानि होने की संभावना अधिक रहेगी। मानसिक रूप से तरोताजा रहेंगे फिर भी आलसी वृति कार्यो में विलंब कराएगी। कार्य क्षेत्र पर व्यवसाय आशा से कम ही रहेगा। सहकर्मी अथवा परिजन आज भावुक रहेंगे जिससे स्थिति कों सम्भालना परेशानी में डालेगा। दोपहर बाद जिस भी कार्य से लाभ की उम्मीद रखेंगे उसके विपरीत फल मिलेंगे। संध्या से सेहत में भी गिरावट आने लगेगी।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज दिन के मध्यान तक आपको शांति रहने की सलाह है आज भी व्यावसायिक कारणों से मानसिक बेचैनी रहेगी ऊपर से घरेलू उलझने रहने पर अधिक दबाव में कार्य करना पड़ेगा। दिन के आरंभिक भाग में बचते बचते भी घर के सदस्य अशांति का वातावरण बनाएंगे। परिजन किसी ना किसी कारण से असंतुष्ट ही रहेंगे यही हाल कार्य क्षेत्र पर भी रहेगा सहकर्मी अथवा अधिकारी वर्ग आपकी एक गलती के इंतजार में रहेंगे आज मनमौजी व्यवहार से बचे अन्यथा बाद में स्वयं के ऊपर ही ग्लानि होगी। धन संबंधित मामले भी कलह का कारण बनेंगे व्यवहार में स्पष्टता रखें बदनामी होने का भय है। अतिआवश्यक कार्यो को पूर्ण करने के लिये संध्या तक प्रतीक्षा करने लाभदायक रहेगा।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन धन लाभ वाला है लेकिन अपनी वाणी को सही जगह प्रयोग करें अन्यथा जहां लाभ की संभावना रहेगी वहां किसी से कलह भी हो सकती है। मध्यान से पहले महत्त्वपूर्ण कार्य पूरे करने का प्रयास करें आज लाभ कमाना आसान लगेगा लेकिन इतना आसान भी नही होगा। कार्यो को मामूली समझ ढील देंगे बाद में परेशानी होगी फिर भी आज धन लाभ कही ना कही से हो ही जायेगा। व्यवसायी वर्ग जोड़ तोड़ की नीति अपनाएंगे जिससे बिक्री तो होगी पर उचित लाभ नही मिल सकेगा। नौकरी पेशा आज संतोषी स्वभाव के रहेंगे। परोपकार की भावना आज कम ही रहेगी परेशान व्यक्ति को भी टरकाने के प्रयास में रहेंगे। गृहस्थ में बाहर की अपेक्षा शांति मिलेगी।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन उदासीनता में व्यतीत करेंगे जल्दी से किसी भी कार्य मे परिश्रम करने का मन नही करेगा जिसके परिणामस्वरूप लाभ भी अल्प होगा। आज आप यथार्थ को छोड़ काल्पनिक दुनिया मे खोये रहेंगे आपके लिये जो कार्य असंभव है उनकी कल्पना करने पर बाद में मन हीन भावना से ग्रस्त होगा। धन लाभ के लिये किसी के सहयोग की आवश्यकता पड़ेगी शारीरिक रूप से ना सही लेकिन व्यवहारिक रूप से सक्रिय रहना आज अत्यंत आवश्यक है। मध्यान बाद भविष्य में लाभ कमाने के अवसर हाथ लगेंगे दुविधा में ना पड़े ये हितकर ही रहेंगे। घर मे किसी ना किसी से मामूली नोकझोंक होगी। अकस्मात धन लाभ होने पर सेहत को भूल जाएंगे।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन कुछ रोचक घटनाये घटेंगी दिन का पूर्वार्ध नई संभावनाए लेकर आएगा। कार्य क्षेत्र पर आज गंभीर रहेंगे। किसी परिचित से आश्चर्य में डालने वाले समाचार मिलेंगे। आपके कार्य मे बाधा डालने वाले लोग आस पास ही रहेंगे मध्यान तक इनका असर नही होगा लेकिन मध्यान बाद कुछ ना कुछ गड़बड़ अवश्य होगी। जिन्हें अपना हितैषी समझ रहे है वे ही आपकी चुगली कर वातावरण खराब करेंगे। धन की आमद दोपहर तक सामान्य रहेगी पुराने कार्यो से लाभ होगा। दोपहर बाद अधिकांश कार्य किसी अन्य के कारण अधूरे रह जाएंगे घर का वातावरण भी आज अचानक गर्म होगा विशेषकर महिलाए वाणी पर नियंत्रण रखें।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आप आज दिन के मध्यान भाग तक कोई महत्त्वपूर्ण निर्णय ना लें अन्यथा हानि होने पर मनोबल टूटेगा। दिनचार्य आज अस्त व्यस्त अधिक रहेगी मन मे नकारत्मक भाव आएंगे कार्यो के प्रति लापरवाह भी रहेंगे परिजन अथवा सहकर्मी सही सलाह देंगे लेकिन मतिभ्रम के कारण ये आपको गलत लगेंगे। दोपहर के बाद से स्थिति में सुधार आने लगेगा फिर भी धन संबंधित कार्य कल तक के लिये टालना ही बेहतर रहेगा। घर मे किसी के हाथ नुकसान हो सकता है मशीनरी अथवा अन्य खतरे वाले कार्यो में अतिरिक्त सावधानी बरतें। संध्या बाद का समय दिन की तुलना में शांति से व्यतीत होगा मनोरंजन के अवसर मिलने से मानसिक हालात सुधरेगी। पुराना रोग फिर से बन सकता है संयम बरतें।
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सामूहिक हनुमान चालीसा के लाभ
1. अगर समूह में हनुमान चालीसा पढ़ा जाएगा तो जितनी संख्या होगी उतने हनुमान चालीसा का लाभ मिलेगा । उदाहरण के लिए अगर 70 संख्या है तो एक बार हनुमान चालीसा पढ़ने से 70 बार हनुमान चालीसा पढ़ने का लाभ मिलेगा ।
2. किसी व्यक्ति को हनुमान चालीसा में जोड़ने से आप को कितना पुण्य मिलेगा आप सोच भी नहीं सकते । किसी विधर्मी , नास्तिक ,अन्य पंथ के लोग को हनुमान चालीसा में जोड़ने से विशेष पुण्य मिलेगा।
3. विधर्मी लोग सप्ताह में एक बार जरूर एकत्र होते हैं और सामूहिक शक्ति प्रदर्शन करते हैं जिससे सरकार के ऊपर दबाब पड़ता है । हिंदुओ के लिए यही काम सामूहिक हनुमान चालीसा करेगा।
4. हिंदुओं में जनजागरण के काम का माध्यम यही सामूहिक पाठ करेगा ।उदाहरण श्री राम मंदिर के निमंत्रण पत्र को जन जन तक पहुंचाने का काम इसी सामूहिक हनुमान चालीसा दलों ने बाखूबी निभाया ।
5. फर्जी विकास के चलते हिंदू परिवार व्यवस्था समाप्ति के और अग्रसर है । हिंदुओ की आजकल सबसे बड़ी समस्या अकेलेपन की है करोड़ों हिंदू पुरुष और महिलाएं अकेले रह रहें हैं । कई लोगों के मृत्यु के बाद फूल चुगने भी कोई नही आता । सामूहिक हनुमान चालीसा के कारण हिंदुओं की इस समस्या का समाधान हो सकता है ।
सभी बड़े मंदिरों में सामूहिक हनुमान चालीसा मंगलवार या शनिवार को 8 बजे के आस पास होते हैं। आप इसके लिए मंदिरों के पुजारी , संघ कार्यकर्ता या और किसी हिंदू कार्यकर्ता से संपर्क कर सकते हैं ।
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संसार की सब से छोटी गाय पंगुर या पंगरूहै। इस पंगुर गाय की ऊंचाई केवल दो फिट तक होती है। यह गाय भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी पाली हुई है। यदि घर में जगह कम है या फ्लैट में रहते हैं तो भी यह गाय पाली जा सकती है। यह गाय कम चारा खाती है और गाय का चारा अब बाजार में उपलब्ध है। घर में यथा संभव गाय अवश्य रखें, इससे घर में सुख-शांति समृद्धि और देवत्व आता है और नकारात्मक प्रभाव नहीं रहता है, घरों में क्लेश का कारण गाय विहीनता है। गो पालन से आपको पुण्य मिलता है, भगवान श्रीकृष्ण का भी यही संदेश है।
घर में कुत्ते पालने से आपके पुण्य नष्ट होते हैं बीमारियां आती हैं। कुत्ते पालने वाले परिवार को पितृ और देव दोष लगता है। कूकर शूकर किसी भी तरह घर में पाले जाने वाले पशु नहीं हैं। रहिमन ओछे नरन सौं बैर भली ना प्रीत काटे चाटे स्वान के दोऊ भांति विपरीत। कुत्ता प्राकृतिक रूप से चौकीदार और शूकर सफाई कार्य के लिए बने हैं, इन्हे उनके प्राकृतिक हैविटैट में ही रहने दें, वहीं उन्हें भोजन या चारा दें घर में नहीं। गली या आंगन के कुत्ते अपने आस पास गंदगी नहीं करते और अवांछित व्यक्ति को तत्काल पहचान कर सबको सचेत करते हैं। इसके विपरीत घरों में पाले गये कुत्ते सड़कों पर गंदगी करते हैं और आपके पुण्य नष्ट करते हैं। कुत्ते न मारने चाहिए न पालने चाहिए, कुत्तों को आखरी रोटी अवश्य दें लेकिन मीठा भोजन और मिठाई किसी भी पशु को ना दें। इससे उन्हें त्वचा रोग होने लगते हैं और उनके प्राकृतिक भोजन का स्वाद छिन्न-भिन्न हो जाता है।
लेकिन गाय को पर्व व विशेष अवसरों पर गुड़ रोटी देने का विधान है। गाय को सप्ताह में केवल एक दिन पींडा जो झंगोरा आदि से बना हो दिया जा सकता है लेकिन गाय को अधिकांश तया केवल गो ग्रास यानी घास ही देना चाहिए। गाय पालने से गृह क्लेश समाप्त होता है, घर में लक्ष्मी का वास होता है और पितृदोष और देव दोष नहीं लगता है क्योंकि जहां गाय पाली जाती है वहां देवता और पितृ हवि व भोग गृहण करते हैं। इससे घर में सुख-शांति समृद्धि और शुभ कार्य होते हैं।
हमारा सुझाव है गाय को राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर गाय को अवध्य प्राणी अधिसूचित किया जाय गो वध की सजा तत्काल मृत्युदंड तय हो नहीं तो गो भक्षियों के जबड़े से यह अमूल्य प्राणी तेजी से लुप्त हो रही है। इसका बचना असंभव है इस प्राणी रक्षा अपने प्राणों से अधिक करनी चाहिए। शास्त्रों में भी गो ब्राहमण समस्त स्त्री प्रजाति और समस्त शिशु अवध्य बताये गये हैं। ✍️हरीश मैखुरी
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अनंत चतुर्दशी पूजा, अनंत के डोरे में गाँठो को क्यों और कैसे बनाते हैं❓
14 की संख्या में प्रयोग होने वाले मंत्र, फूल और पत्ते क्या हैं❓
उदये त्रिमुहूर्तापि ग्राह्यानन्तव्रते तिथि: ।
तथा भाद्रपदस्यान्ते चतुर्दश्यां द्विजोत्तम:।।
पौर्णमस्या: समायोगे व्रतं चानन्तकं चरेत् ।
कई जगह अनन्त चतुर्दशी व्रत की पूजा प्रातः काल करने को कहा गया है, तो कई जगह मध्यान्ह में व्रत की पूजा का विधान कहा गया है।
व्रत करने के लिए अपनी कुल परंपरा का पालन करना चाहिए, शास्त्रोक्त विधि बहुत बड़ी है इसलिए सूक्ष्म रूप।।
इस दिन भगवान अनंत, यमुना जी और शेष की पूजा की जाती है।
सर्वतोभद्रमंडल बनाइये और उस पर कलश स्थापित करिये। कलश में सभी तीर्थों,नदी, सरोवर और देवताओं आदि के साथ यमुना जी की विशेष पूजा की जाती है, अष्टदल कमल बनाकर उस पर विष्णु भगवान की मूर्ति स्थापित कीजिये साथ ही कुशा से सात फन के शेषनाग बनाएं।
मालपुए(अपूप) का भोग लगाइये, नैवेद्य में गुड़ शक़्कर, मौसमी फलों को रखें।
अनंत,अच्युत,कृष्ण,अनिरुद्ध,पद्मज, दैत्यारी, पुण्डरीकाक्ष,गोविंद,गरुड़ ध्वज,कूर्म,जलनिधि,
विष्णु,वामन, जलशायी, इन चौदह नामों से पूजा करें।हल्दी कुमकुम से रंगा मजबूत डोरा लेकर उसमें 14 गांठे बनाएं
ग्रंथि/ गांठ पूजा-
श्री,मोहिनी,पद्मिनी,महाबला,अजा,मंगला,वरदा शुभा, जया, विजया, जयंती, पापनाशिनी,
विश्वरूपा, सर्वमंगला
इस प्रकार पुष्प पत्र गंध अक्षत लेकर हर गांठ का क्रमानुसार पूजन करें।
अनन्त संसार महासमुद्रे मग्नान् समभ्युद्धर वासुदेव।
अनन्तरूपे विनियोजितात्मा ह्यनन्तरूपाय नमो नमस्ते।।
अनन्त डोरे को बांधा जाता है।
14 फल, फूल, मेवे, सामग्री देने का विधान भी कहा जाता है।
नमस्ते देवदेवेशे नमस्ते धरणीधर।
नमस्ते सर्वनागेंद्र नमस्ते पुरुषोत्तम।। न्यूनातिरिक्तानि परिस्फुटानि।
यानीह कर्माणि मया कृतानि।।
सर्वाणि चैतानि मम क्षमस्व।
प्रयाहि तुष्ट: पुनरागमाय।।
दाता च विष्णुर्भगवाननन्त:।
प्रतिग्रहीता च स एव विष्णु:।।
तस्मात्तवया सर्वमिदं ततं च।
प्रसीद देवेश वरान् ददस्व।।
14 पुष्प-
विष्णु के लिये जाति के
केशव के लिए चंपा
अव्यक्त के लिए कल्हार
सहस्राजीत के लिए केतकी
अनंत के लिए बकुल
इष्ट के लिए शतपुष्प
विशिष्ट के लिए पुन्नाग
शिष्टेशटाय के लिए करवीर
शिखण्डिने के लिए धतूरा
नहुषाय के लिए कुंद
विश्वबाहवे के लिए मल्लिका
महीधराय के लिए मालती
अच्युताय के लिए गिरिकर्ण
14 प्रकार के पत्ते-
पलाश, उदुम्बर, पीपल,भृंगराज, ब्राह्मी, अशोक, कपित्थ, बड़, आम, कदली, अपामार्ग, करवीर, पुन्नाग, नागवल्ली आदि वृक्षों के पत्ते लें।
पूजा के बाद ये क्षमा प्रार्थना,स्तुति करिये।