भारत की धरती जनसंख्या विस्फोट के चलते ओवरलोडेड हो गयी

हरीश मैखुरी

भारत की धरती 13300000000 जनसंख्या विस्फोट के चलते बहुत ओवरलोडेड है, जनसंख्या घनत्व के हिसाब से हम विश्व के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश हैं। क्षमता से ज्यादा जनसंख्या बोझ के चलते भारत विकास के जितने भी प्रयास करता है लेकिन जमीन पर घुटनों के बल रेंगता रहता है। देश सबका साथ सबका विकास करने के प्रयास करता है, लेकिन जब तक प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं आता, हमारे सभी प्रयास धरे के धरे रह जाएंगे। इसलिए बिना देर किए चीन की तरह जनसंख्या नियंत्रण कानून का मसौदा तैयार किया जाना चाहिए और इसे तत्काल अमल में लाया जाना चाहिए। जनसंख्या विस्फोट का प्रभाव वातावरण पर तो पड़ता ही है पर्यावरण पर भी पड़ता है प्राकृतिक साधनों का निर्माता से विदोहन होता है और यदि मांसाहारी लोगों की जरूरतें पूरी की जाएं तो धरती से पशुओं की समाप्ति का भी खतरा है आज अरब के बहुत सारे देशों में एक भी पशु यहां तक कि मुर्गे भी देखने को नहीं मिलते गाय बैल भैंस बंदर शेर भालू चीता की तो वहां कल्पना भी नहीं कर सकते ठीक यही हाल भारत बांग्लादेश पाकिस्तान का भी होने वाला है यहां पर हम बेतरतीब रूप से बिना सोचे समझे जनसंख्या बढ़ा रहे हैं इसका प्रभाव हमारे चिकित्सालय में देखा जा सकता है चिकित्सालय ओवरलोडेड हैं अस्पताल में ठीक से इलाज नहीं हो पाता हमारी ट्रेनिंग ओवरलोडेड हैं यात्रियों को बैठने की जगह नहीं मिल पाती हमारे मेट्रो ओवरलोडेड हैं यहां सेन सफाई की व्यवस्था नहीं हो पाती और हमारे खेत खलिहान ओवरलोडेड हैं हम विश्व की सबसे बड़ी अनाज उत्पादक देश बन सकते थे लेकिन आज हम इतनी मेहनत के बावजूद खाने पीने की बहुत सारी सामान विदेशों से मंगा रहे हैं सड़कों पर दुनिया भर के वाहन चल रहे हैं उनके लिए पेट्रोल भी हम खाड़ी देशों से मंगाते हैं जहां हमारे देश का बहुत कीमती डालर खर्च हो रहा है ऐसे में हमारे पास केवल एक विकल्प है और वह है प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून जिसे हर हाल में लागू किया जाना चाहिए