नींद कम हाेने से बढ़ सकती है नपुंसकता

निद्रायतं सुखं दु:खं,पुष्टि कार्श्यं बलाबलम्
वृषता क्लीवता ज्ञानमज्ञानं जीवितं न च.
निद्रा सुख व दुख,पुष्टि व कृषता, बल व दुर्वलता कारक है.निद्रा पाैरुष-क्लीवता व ज्ञान-अज्ञान की भी कारक है.
सम्यक, समुचित निद्रा लेने से सुख की प्राप्ति हाेती है, उचित नींद न लेना दु:ख पैदा करता है.समुचित नींद शरीर काे पुष्टि प्रदान करता है, नींद की कमी से शरीर में कृशता(कमजाेरी) बढ़ती है.समुचित नींद से शरीर का बल बढ़ता है, नींद की कमी से शरीर में दुर्बलता बढ़ती है.अच्छी निद्रा लेने से पाैरुष बढ़ता है, नींद कम हाेने से क्लीवता(नपुंसकता) बढ़ती है.उचित निद्रा लेने से ज्ञान की वृद्धि हाेती है, हमारी समस्त ज्ञानेंद्रियां बेहतर ढंग से कार्य करती हैं.उचित नींद न लेने से ज्ञान की कमी हाेती है अर्थात अज्ञानता बढ़ती है.ज्ञानेंद्रियां समुचित ढंग से कार्य नहीं कर पाती हैं.अच्छी नींद लेने से ज्ञानेंद्रियां प्रबल हाेकर कार्य करती हैं.नींद की कमी से ज्ञानेंद्रियां निर्वल हाे कर उनकी कार्यक्षमता कम हाे जाती है..यहां तक कि नींद हमारे जीवन काे प्रभावित करती है.नींद है ताे जीवन है। निंद्रा भगवती आपको चैन की नींद और सुख की सौगात दे।