इतनी सारी आतंकवादी वारदातें देखते हैं तो मन में प्रश्न उठता है कि भारत सरकार ही थी कि आतंकवादियों की हिमायती? 

 
हरीश मैखुरी
(If so many terrorists see the riots, then the question arises in the mind that it was the Indian government or the supporters of the terrorists?) 
रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया “कि 30 किलो गाय के मांस का पता चल जाता है पर 300 किलो आरडीएक्स का नहीं?” यह सवाल यदि तब उठाया जाता जब सोनियां के रिमोट से चल रही मनमोहन सरकार में देश के चीथड़े उड़ते रहे तो देश हित में ज्यादा समीचीन होता। 
 दिल्ली के सरोजनी नगर में 2005 में धनतेरस वाले दिन जब 85 लोगों के चीथड़े उड़े थे वो देश आज तक का सबसे ज्यादा आरडीएक्स वाला धमाका था।
300 किलो से भी ज्यादा ! कहां से आता था इतना आरडीएक्स , कौन लाया था?
 एक अनुमान के अनुसार सोनिया के रिमोट वाली दस साल के राज में लगभग 4000 किलो आरडीएक्स ने देश की निर्दोष जनता को लहूलुहान किया गया !
मुझे सिलसिलेवार एक एक अतंकवादी घटना की याद आ रही है
 1.  15 अगस्त , 2004-
असम के धिमजी स्कूल में RDX बम ब्लास्ट- (18 मरे, 40 घायल)
 2.  5 जुलाई 2005-
अयोध्या में रामजन्मभूमि पर आतंकवादी हमला (6 मरे,दर्जनों घायल)
 3.  28 जुलाई 2005-
जौनपुर में श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में RDX द्वारा बम विस्फोट-(13 मरे,50 घायल)
 4.  29 अक्टूबर 2005-
धनतेरस वाले दिन दिल्ली के गोविंदपुरी,पहाड़गंज और सरोजनी नगर के भीड़भाड़ वाले इलाके में RDX ब्लास्ट करके 85 लोगो के चिथड़े उड़ा दिए गए और 250 से ज्यादा घायल हुए।
 5.  28 दिसम्बर 2005..
 बैंगलोर के इंस्टीट्यूट आफ साइंस पर आतंकवादी हमला 1 मरे 4 घायल !
 6.   7 मार्च 2006 –
हिंदुओं की श्रद्धा के केंद्र वाराणसी के प्रसिद्ध संकटमोचन मंदिर और भीडभाड वाले कैंट रेलवे स्टेशन पर 3 RDX बम ब्लास्ट करके 28 श्रद्धालुओं ,नागरिकों को बम से उड़ा दिया,101 लोग घायल हुए।
 7.
11 जुलाई 2006-
मुम्बई में एक साथ माटुंगा रोड, माहिम,बांद्रा, खार रॉड, जोगेश्वरी, भाइंदर, बोरिवली स्टेशनों के लोकल ट्रेन में RDX के बमो से सीरियल ब्लास्ट करके 209 लोगो को बम से उड़ाया गया 700 से ज्यादा लोग घायल हुए !
 8.
8 सितंबर 2006, मालेगांव की  मस्जिद में सीरियल RDX बम ब्लास्ट 37 मरे 125 घायल।
 9.
18 फरवरी 2007, समझौता एक्सप्रेस में वही RDX बम ब्लास्ट,68 मरे 50 घायल !
 10.
हैदराबाद की मक्का मस्जिद में RDX बम ब्लास्ट 16 मरे 100 घायल।
 11.
14 अक्टूबर 2007, लुधियाना के थियेटर में RDX बम ब्लास्ट 6 लोग मरे।
 12.
24 नवम्बर 2007, उत्तर प्रदेश में लखनऊ,अयोध्या और बनारस के न्यायालयों में सीरियल RDX बम बलास्ट 16 मरे 79 घायल।
 
13.
1 जनवरी 2008 रामपुर उत्तर प्रदेश में CRPF कैम्प पर हमला 8 मरे 7 घायल।
 
14.  13 मई 2008,
जयपुर के छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़,मानकपुर पुलिस स्टेशन एरिया,जौहरी बाजार,त्रिपोलिया बाजार,कोतवाली क्षेत्र में RDX द्वारा 9 जगहों पर सीरियल ब्लास्ट 63 मरे 200 घायल !
 
15.   25 जुलाई 2008,
बैंगलुरु में में 8 सीरियल RDX बमब्लास्ट 2 मरे 20 घायल !
 
16.  26 जुलाई 2008,
गुजरात के अहमदाबाद में 17 जगहों पर  सीरियल RDX  बम ब्लास्ट 35 मरे 110 घायल।
 
17.   13 सितंबर 2008,
दिल्ली के गफ्फार मार्केट, बारहखम्भा रोड, GK1, सेंट्रल पार्क में 31 मिनट के अंदर 5 RDX बम ब्लास्ट हुए । 33 लोगो कि बम विस्फोट में मृत्यु और 150 से ज्यादा घायल।
 
18.   27 सितंबर 2008,
दिल्ली महरौली के इलेक्ट्रानिक मार्केट में 2 बम ब्लास्ट 3 लोग मरे और 33 घायल।
 
19.  1 अक्टूबर 2008,
अगरतला में बम विस्फोट- 4 मरे 100 घायल
 
20.   21 अक्टूबर 2008..
इम्फाल में RDX  बम विस्फोट- 17 मरे 50 घायल
 21.   30 अक्टूबर 2008,
असम में RDX बम विस्फोट- 81 मरे और 500 से ज्यादा घायल
 22.   28 नवम्बर 2008..
मुम्बई हमला , ताज होटल,ओबेराय होटल,कामा हॉस्पिटल, नरीमन हाउस, लियोपोल्ड कैफे,छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर आतंकवादी हमला 166 लोग मारे गए 600 से ज्यादा घायल।
 23.   1 जनवरी 2009,
गुवाहाटी में RDX बम ब्लास्ट 6 मरे 67 घायल !
 24.  6 अप्रैल 2009,
गुवाहाटी में RDX बम ब्लास्ट 7 मरे 62 घायल !
 25.   13 फरवरी 2010,
पुणे की जर्मन बेकरी में RDX बम ब्लास्ट,17 मरे 70 घायल!
 26.   7 दिसम्बर 2010,
दशास्वमेध घाट पर गंगा आरती के समय बम ब्लास्ट। 3 मरे 36 घायल !
 27.   13 जुलाई 2011-
मुबई के ओपेरा हाउस,जावेरी बाज़ार और दादर एरिया में भीषण RDX बम ब्लास्ट ! 26 मरे 130 लोग घायल।
 28.   7 सितंबर 2011,
दिल्ली हाईकोर्ट में RDX बम ब्लास्ट, 17 मरे और 180 लोग घायल।
 29.  13 फरवरी 2011….
इजराइली डिप्लोमेट की कार को बम से उड़ाने का प्रयास, बम सही से फटा नही। 4 घायल।
 30.   1 अगस्त 2012
पुणे ब्लास्ट।
 31.   21 फरवरी 2013..
हैदराबाद की हैदाराबाद में 2 RDX बम ब्लास्ट। 18 लोग मारे गए और 131 घायल !
 32.   17 अप्रैल 2013..
बैंगलोर में RDX बम ब्लास्ट,14 लोग गंभीर रुप से घायल !
 33.   7 जुलाई 2013 ,
बोधगया मे ब्लास्ट 5 लोग गंभीर रूप से घायल।
 34.  27 अक्टूबर 2013…
पटना में,नरेंद्र मोदी की रैली में इंडियन मुजाहिद्दीन द्वारा 8 बम ब्लास्ट, 6 मरे 85 घायल।लाखो की भीड़ में भगदड़ मचा कर हजारो को मारने की साजिश।
 35.   1 मई 2014,
चेन्नई में गुवाहाटी बैंगलोर एक्सप्रेस में बम बलास्ट 2 मरे 14 गंभीर रूप से घायल।
 सोनियां राज के दस वर्षो की ये कुछ बम ब्लास्ट की घटनाएं लिखीं हैं उनमें कश्मीर की घटनाएं नहीं हैं।
कश्मीर में भी इस दरम्यान सैकड़ों घटनाएं हुई जिनमें हजारों किलो आरडीएक्स प्रयोग हुआ और हजारों बेकसूर मारे गए।
 कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि किस रास्ते से आरडीएक्स देश में निर्बाध आता रहा और मासूमों के चीथड़े उड़ाता रहा।
और जवाब तो दाउद के काले उस कारनामे का भी देना होगा जब 1993 में 400 बेकसूर लोगों को RDX बमों से मौत के घाट उतारा गया लेकिन सरकार ने कभी आतंकियों पर अंगुली नहीं उठाई। वे इस्लामिक आतंकवाद न कह सके पर भगवा आतंकवाद का झूठ का प्रचार कर इस पावन भारत भूमि और हिंदुओं को कलंकित, अपमानित करने का काम अवश्य करते रहे, यह अक्षम्य है। इतनी आतंकवादी वारदातें देखते हैं तो मन में प्रश्न उठता है कि वो भारत की सरकार ही थी कि आतंकवादियों की हिमायती? 
आज तो देश में पहले की अपेक्षा आतंकवादी घटनाएं लगभग ना के बराबर हैं नक्सल आतंकवाद  छत्तीसगढ़ के कुछ जनपदों तक सिमट गया और इस्लामिक आतंकवाद भी कश्मीर के इलाकों में रह गया है शेष भारत में आतंकवाद  पिछले 5 सालों में ही काफी हद तक उन्मूलित हो चुका है । इसी का उदाहरण है कि टीवी से “अनजान वस्तु नाछुएं बम हो सकती है” विज्ञापन भी गायब हो गया, और लोग सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। आज आतंकी वारदात को अंजाम देने से पहले ही आतंकवादी पकड़े जाते हैं उन्हें तत्काल जहन्नुम भेजा जाता है या जेल जाते हैं, और यदि कहीं आतंकवाद की वारदात को अंजाम दे भी दिया गया तो दूसरे दिन आतंकवादी धर दिए जाते हैं। पंजाब, असम, छत्तीसगढ या भारत में फैले आतंकवादियों के खिलाफ नेटवर्क से निपटने के अनुभव बताते हैं कि आतंकवादियों से वार्ता बेवकूफी से कम नहीं, और ना देश हित में है। शठे शाठ्यम समाचरेत को अनुचरित करते हुए आतंकवादियों को शूट एट दि साइट करना चाहिए। हमें अच्छी तरह से याद है मनमोहन सरकार में आतंकवादी वारदात को अंजाम देकर चंपत हो जाते। जांच बिठाई जाती लेकिन सालों तक पता ही नहीं चलपाता आतंकवादी कहां है तब तक वे दूसरी घटना को अंजाम दे देते। देश में सिम्मी नेटवर्क व आई एस आई पांव पसारने लगा था। ये वारदातें को देश को याद रखनी चाहिए और आगामी लोकसभा के चुनाव के लिए आगे भी देश सुरक्षित हाथों में देना चाहिए।