गृहमंत्री ने बदल दी जम्मू-कश्मीर की फिजा

जब हम सब कोरोना, चीन, अमेरिका, इटली, क्यूबा, HCQ, वैक्सीन, जिन्दगी और मौतों की गणना के साथ बार बार गृहमंत्री अमित शाह को खोजने वाली व्यंगात्मक़ टिप्पणियों में व्यस्त थे…!
तब भी भारत के गृहमंत्री जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के बारे में 9 अभूतपूर्व फैसले लेने में लगे हुए थे… केन्द्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लिए कुल मिलाकर 3700 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं, जिन्हें सीधे पंचायतों को भेजा जा रहा है। ताकि पैसे का पंचायतों के विकास में सही इस्तेमाल हो सके। पहले चरण में 700 करोड़ रुपये पंचायतों तक भेजे जा चुके हैं। मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर की 4,483 पंचातों के लिए धनराशि देकर उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश कर रही है।
 
1. पांच लाख हिन्दू और सिक्ख परिवार जम्मू कश्मीर के मूल निवासी घोषित किये गये हैं।
 
2. अलगाववादी नेताओं के सभी अनावश्यक भत्ते व अन्य अनावश्यक सरकारी सुविधायें समाप्त होंगी। 
 
3. जम्मू कश्मीर राज्य सरकार का जम्मू और कश्मीर विधि विश्वविद्यालय, अन्य विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थाओं से नियन्त्रण समाप्त।
 
4. जम्मू कश्मीर राज्य सरकार का सभी हिन्दू धार्मिक स्थलों से नियन्त्रण समाप्त।
 
5. कश्मीर घाटी के क्षेत्रीय सक्षम अधिकारी हिन्दू और सिक्खों द्वारा 1990 के दौरान घाटी छोड़ते समय पीछे छोड़ी गयी उनकी सभी संपत्तियों पर अनाधिकृत कब्जों का स्वत: संज्ञान लेकर उन्हें खाली करायेंगे।
 
6. विख्यात गोल्फ कोर्स एवं अन्य सभी क्लब कश्मीर राज्य सरकार के नियन्त्रण से मुक्त।
 
7. सभी शिक्षण संस्थान व विश्वविद्यालय जम्मू कश्मीर के मुख्यमन्त्री के अधिकार क्षेत्र से बाहर।
 
8. जिन अलगाववादियों व राष्ट्र द्रोहियों को सरकारी लाभ या कानूनी सुरक्षा मिली हुई थी वह हटाई गयी। यदि वह नागरिक सुरक्षा अधिनियम 1978 के अन्तर्गत वांछनीय हैं तो अब उनपर जम्मू कश्मीर राज्य के बाहर भी गिरफ्तार करके मुकदमा चलाया जा सकता है।
 
9. वर्तमान परिस्थितियों में सचिवालय श्रीनगर नहीं जायेगा और जम्मू में ही स्थापित रहेगा।
   जबकि आतंकवाद पर जीरो टालरेंस की रणनीति जारी रहेगी। 
 जिनको गृहमंत्री ढूंढे नहीं मिल रहे थे…! उन्हें जान लेना चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह सदैव अपने टास्क पर लगे रहते हैं।