विदेशी फंडिंग लेने वाले 600 एनजीओ का एफसीआरए निरस्त

हैप्पी new year 2022..देश को मिला लेकिन 12580 NGOs के लिए Bad New Year हो गया ।इनमें से अधिकांश भारत विरोधी गतिविधियों और धर्मांतरण के कार्य में जुटे बताये जाते थे। अधिकांश धर्म परिवर्तन के धंधे में जुटे थे। जंगल बचाओ के नाम पर नक्सलियों की मदद करते थे। पर्यावरण के नाम पर सड़क और अन्य विकास का काम करोड़ों देकर वकीलों के जरिए रोक देते थे।

इनमें तो कई का के खिलाफ धरने वालों, आन्दोलनजीवियों के टूलकिट तैयार करते थे।

इनमे प्रमुख हैं। ऑक्सफैम, जामिया मिल्लिया, िमा, लिप्रोसी मिशन, TB मिशन, इंदिरा गांधी सेंटर फॉर आर्ट्स, इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर, मिशनरी ऑफ चैरिटी, सैकड़ों कैथोलिक, रोमन चर्च,इस्लामिक केंद्र हैं।

विदेशी फंडिंग पर मौज करने वाले और विदेशी गाईडलाइन की दृष्टि से कार्य करने वाले बहुत से एनजीओ को बीजेपी सरकार में तीखी मिर्ची का अहसास हुआ है। गृह मंत्रालय द्वारा जमिया मिलिया इस्लामियां सहित कुल मिलाकर 12580 एनजीओ का FCRA लाइसेंस निरस्त किया गया है। समझा जाता है कि समय पर पत्रजात पूरे नहीं होने या आवेदन नहीं करने तथा फारिन फंडिंग से संदिग्ध गतिविधियों के चलते अब FCRA वाले NGOs घटकर 18629 रह गए।  इस निर्णय से जो NGO सड़क पर आ जायेंगे उनमें इमैनुअल हॉस्पिटल, आशा किरण, चैतन्य, हमदर्द एजुकेशन, LSR कॉलेज ऑफ वूमेन, DAV ट्रस्ट, सत्यजीत राय फिल्म, न्यूक्लियर साइंस JNU, इंडिया हैबिटेट सेंटर आदि प्रमुख हैं और कुछ 31 मार्च 2022 को इसकी परिधि में आ सकते हैं। (सभार शोशल मीडिया)