बुलेट ट्रेन का इंतजार खत्म

14 सितंबर को अहमदाबाद में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी पीएम शिंजो एबी अहमदाबाद-मुबंई हाई स्पीड रेल नेटवर्क यानी देश की पहली बुलेट ट्रेन की आधारशिला रखने जा रहे हैं। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि आधारशिला रखने के बाद भारतीय व जापानी प्रतिनिधिमंडल के बीच एक निवेश शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। जिसमें जापान विदेश व्यापार संगठन और जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी के प्रतिनिधि भाग लेंगे। बुलेट ट्रेन की क्षमता 750 यात्रियों की होगी। जिसके बाद मुंबई-अहमदाबाद के बीच यात्रा की दूरी सात से घटकर तीन घंटे रह जाएगी। इस परियोजना पर 1.1 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा। यह परियोजना आंशिक रूप से जापान द्वारा वित्तपोषित है।

परियोजना को दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि जैसे संकेत मिल रहे हैं उससे लगता है कि सरकार इसे 2022 में ही पूरा कर लेगी। बुलेट ट्रेन अहमदाबाद से मुंबई के सफर के दौरान 12 रेलवे स्टेशनों पर रुकेगी, लेकिन सिर्फ 165 सेकंड के लिए। मुंबई में बांद्रा-कुर्ला कांप्लेक्स से बोइसर के बीच 21 किलोमीटर लंबी सुरंग से बुलेट ट्रेन गुजरेगी। सुरंग का सात किलोमीटर का हिस्सा समुद्र के अंदर रहेगा। बाकी पूरी लाइन एलिवेटेड होगी ताकि कम से कम भूमि अधिग्रहण करना पड़ा।