कोरोना अपडेट : जानें कोरोना की औषधि के विषय में और उत्तराखंड में अनलाॅकडाउन की नयी गाईडलाइन

जानलेवा बीमारी हैजा की दवा बनाने में लगभग 136 साल लगे थे, तो क्या कोरोना से जल्दी छुटकारा मिल सकता है? 

भारतवर्ष में आज कोरोना मरीजों की कुल संख्या 604641 कोरोना से ठीक होने वालों की कुल संख्या 359860 और कोरोना संक्रमण के कारण मरने वालों की कुल संख्या 17834 है। जबकि उत्तराखंड में 2947 कोरोना मरीजों की कुल संख्या 2317 कोरोना से ठीक होने वालों की कुल संख्या और कोरोना संक्रमण के कारण मरने वालों की कुल संख्या 41 है। 

कब होगा कोरोना उन्मूलन??

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एक वक्त था जब हैजा को भी जानलेवा बीमारी माना जाता था यहां तक कि हैजा का नाम ही वैज्ञानिकों ने *ब्लू डेथ(मौत) रख दिया था .*

*_क्या आपको पता है उन्नीसवीं सदी में करोड़ो को ग्रसने वाली हैजा का इलाज किसने ढूंढा ???_*

_नहीं न , आइए उस गुमनाम नायक के बारे में जानते हैं ।_

*1817 में विश्व में एक नई बीमारी ने दस्तक दी नाम था “ब्लू डेथ”… ब्लू डेथ यानि “कॉलेरा” जिसे हिंदुस्तान में एक नया नाम दिया गया……..”हैजा” !*

_हैजा विश्व भर में मौत का तांडव करने लगा और इसकी चपेट में आकर कर उस समय लगभग 1,80,00,000 ( एक करोड़ अस्सी लाख ) लोगों की मौत हो गयी । दुनिया भर के वैज्ञानिक हैजा का इलाज खोजने में जुट गये !_

*”सन 1844″ में रॉबर्ट कॉख नामक वैज्ञानिक ने उस जीवाणु का पता लगाया जिसकी वजह से हैजा होता है और उस जीवाणु को नाम दिया “वाइब्रियो कॉलेरी” !*
_रॉबर्ट कॉख ने जीवाणु का पता तो लगा लिया , लेकिन वह यह पता लगाने में नाकाम रहे के वाइब्रियो कॉलेरी को कैसे निष्क्रिय किया जा सकता है !_

*हैज़ा फैलता रहा, लोग मरते रहे !*

_”1 फरवरी 1915″ पश्चिम बंगाल के एक दरिद्र परिवार में एक बालक का जन्म हुआ , नाम रखा गया *”शंभूनाथ”।* शुरुआत से ही शंभूनाथ पढ़ाई में अव्वल रहे, कोलकाता मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल गया । डॉक्टरी से अधिक उनका रुझान “रिसर्च” की ओर था इसलिये 1947 में उन्होंने यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के कैमरोन लैब में पीएचडी में दाखिला लिया… मानव शरीर की संरचना पर शोध करते समय शंभूनाथ डे का ध्यान हैज़ा फैलाने वाले जीवाणु वाइब्रियो कॉलेरी की ओर गया !_

*”1949″ में माटी का प्यार शंभूनाथ डे को वापिस हिंदुस्तान खींच लाया, उन्हें कलकत्ता मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग का निदेशक नियुक्त किया गया और वह महामारी का रूप ले चुके हैज़े का ईलाज ढूंढने में जुट गये !*

_बंगाल उस समय हैज़े के कहर से कांप उठा था, हॉस्पिटल हैजे के मरीजों से भरे हुये थे.._ *सन 1844 में रॉबर्ट कॉक के शोध के अनुसार जीवाणु व्यक्ति के सर्कुलेटरी सिस्टम यानी कि खून में जाकर उसे प्रभावित करता है ।* _दरअसल यहीं पर रॉबर्ट कॉख ने गलती की, उन्होंने कभी सोचा ही नहीं कि यह जीवाणु व्यक्ति के किसी और अंग के ज़रिए शरीर में जहर फैला सकता है ।_

*शंभूनाथ डे ने अपने शोध के निष्कर्ष से विश्व भर में सनसनी फैला दी शंभूनाथ के शोध से पता चला वाइब्रियो कॉलेरी खून के रास्ते नहीं बल्कि छोटी आंत में जाकर एक टोक्सिन/जहरीला पदार्थ छोड़ता है.. इसकी वजह से इंसान के शरीर में खून गाढ़ा होने लगता है और पानी की कमी होने लगती है ।*

_”1953″ में शंभूनाथ डे का शोध प्रकाशित के पश्चात ही *ऑरल डिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS) को बनाया गया ।* यह सॉल्यूशन हैजे का रामबाण इलाज साबित हुआ, *हिंदुस्तान और अफ्रीका में इस सॉल्यूशन के जरिये लाखों मरीजों को मौत के मुँह से निकाल लिया गया ।*
विश्व भर में शंभूनाथ डे के शोध का डंका बज चुका था परंतु उनका दुर्भाग्य था के वह शोध भारत भूमि पर हुआ था… लाखों करोड़ों लोगों को जीवनदान देने वाले *शंभूनाथ को अपने ही राष्ट्र में सम्मान नहीं मिला !_*

*शंभूनाथ को दुनिया भर में सम्मानों से नवाज़ा गया , लेकिन भारत में वह एक गुमनाम शख्स की ज़िंदगी जीते रहे !*

इतनी बड़ी उपलब्धि के पश्चात भी वह “राष्ट्रीय नायक” ना बन सके, ना किसी सम्मान से नवाजे गये, *ना सरकार ने सुध ली !_*
यही नहीं करोड़ों लोगों की ज़िंदगी बचाने वाले इस राष्ट्रनायक के विषय में हमें पढ़ाया तक नहीं गया ।
👎🏾😠👎🏾
*आज भी हमारी मानसिक गुलामी की स्थिति वही है ।* भारतीय सुदृढ चिकित्सा प्रणाली व भारतीय शोधको को सन्मान देना हम नही जानते ।
*चाहे वह आयुर्वेदिक काढ़ा हो या रामदेवजी की कोरोना दवा !!*
💥💞
उठिए , जागिये , ओर अपनी उपलब्धियों को *सम्मान देना सीखिए !*🌺🙏

उत्तराखंड शासन द्वारा जारी अनलॉक की गाइड लाइन्स में रेस्टोरेन्ट खुलने का समय बढ़ा

उत्तराखंड शासन ने क्रमवार तालाबंदी समाप्ति में कुछ और छूट प्रदान की

आज उत्तराखंड राज्य के मुख्य सचिव ने कोविद 19 के संक्रमण के नियंत्रण हेतु क्रियान्वित ताला बंदी की क्रमवार समाप्ति अर्थात अन लॉक 2 की प्रमुख गाइड लाइन्स जारी की है 02/06/2020 को जारी इस आदेश के प्रमुख बिन्दु इस प्रकार हैं
कन्टेनमेन्ट जोन का निर्धारण भारत सरकार की गाइड लाइन्स में जिलाधिकारी द्वारा किया जायेगा
बफर जोन का भी निर्धारण किया जायेगा
इनसे कन्टेनमेन्ट जोन से बाहर की प्रमुख गतिविधियां
स्कूल कालेज आदि 31 जुलाई तक बंद रहेंगे
ट्रेनिंग सेंटर 15 जुलाई से खुल सकेंगे
सिनेमा हाल, मनोरंजन पार्क, स्विमिंग पूल, जिम्नेजियम आदि पर भी अगले आदेश तक रोक
समाजिक, राजनैतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, खेल, आदि पर रोक जारी
दूसरे राज्यों से आने वालो को पंजीकरण आवश्यक
विदेश से आने वालो को 7 दिन संस्थागत और 7 दिन होम क्वारटीन रहना पड़ेगा
अन्तरजनपदीय यात्रा में केवल पंजीकरण करवाकर जा सकते हैं
होटल खुल सकेंगे दूसरे राज्यों से आने वालो को कम से कम 7 दिन रूकना होगा
72 घंटे के भीतर कोविद 19 टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई है तो 7 दिन की शर्त नहीं लगेगी मेडिकल रिपोर्ट अपलोड करनी होगी
हरिद्वार में अस्थि विसर्जन के लिए आये व्यक्ति 24 घंटे रुक सकेंगे इन सब का रिकॉर्ड होटल संचालक को रखना होगा
रेस्टोरेन्ट आदि का सयय प्रातः 7 से 9 बजे रात्रि तक होगा
अन्य दुकाने और शौपिंग माल 7.00 प्रातः से 8.00 सांय तक
धार्मिक स्थल भी 7.00 प्रातः से 8.00 सांय
चार धाम यात्रा रजिस्ट्रेशन करवाकर गाइड लाइन का पालन करते हुए
विवाह मंडप आदि खुल सकेंगे अधिकतम 50 व्यक्तियों को अनुमति
उपरोक्त सभी गतिविधियों के लिए व्यापक गाइड लाइन्स जारी की गई हैं।