योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री धामी ने भेंट की काफल की टोकरी, विज्ञान की जड़ें हिला दी थी, इस संत ने.. “प्रह्लाद जानी” आज का पंचाग आपका राशि फल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सीएम धामी ने कल जब पूरे चंपावत वासियों की तरफ से उनका प्यार भरा उपहार पहाड़ी फल (काफल) से भरी टोकरी भेंट करी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी प्रसन्न हुए…. काफल देख उन्हें अपना बचपन याद आ गया..
आजकल चंपावत में एक काफल और दूसरे धामी छाए हुए हैं …योगी काफल जैसा मेडिसनल फल की सौगात निश्चित रूप से उत्तराखंड में उनकी बचपन की यादों को ताजा कर गया 

विज्ञान की जड़े हिला दी थी, इस संत ने.. “प्रह्लाद जानी” वो इंसान जिसने 76 सालो से जीवन मे कुछ नही खाया और न ही कुछ पिया, फिर भी ताउम्र जीवित रहा। डॉक्टर इन पर शोध कर करके थक गए मगर कुछ न मिला। भारतीय सेना के डॉक्टर्स की टीम ने इन्हें 15 दिन तक एक ऐसे कमरे में बंद रखा जहां कुछ भी नही था, सिवाय बिस्तर के। इनके कमरे में cctv लगाए गए। 15 दिन बाद इन्हें चेक किया तो सब कुछ नार्मल था, डॉक्टर भी हैरान थे। फिर देश विदेश के डॉक्टर्स की टीम ने इन पर अलग अलग शोध किये मगर उन्हें कोई रिजल्ट न मिला कि कैसे कोई इंसान इतने सालों से बिना खाये पिये जीवित है।

प्रह्लाद जानी, गुजरात काठियावाड़ जिले में रहते थे और कल इन्होंने प्राण त्याग दिए। इनके अनुसार मात्र 9 वर्ष की आयु में भगवान श्रीनाथ (कृष्ण) की ये पूजा करते थे और एक दिन अचानक भगवती महामाया (काली) प्रगट हुई और इन्हें वरदान मांगने को कहा, इन्होंने मांगा की इन्हें कभी भूंख प्यास न लगे ! देवी ने तथास्तु बोलते हुये वरदान दिया। तब से ये बिना अन्न जल के रहने लगे, इनकी तालु से अमृत गिरता था। इनका न बड़ा आश्रम, न ही अरबो की दौलत ! मगर प्रह्लाद जानी ने विज्ञान की जड़े हिला दी थी। अच्छे अच्छे नास्तिक न चाहते हुए भी स्वीकार करने को मजबूर थे… संत प्रह्लाद जानी – चुनरी वाली माताजी का गुजरात मे 26 मई को निधन हो गया। आप 90 साल के थे।

आपके बारे में कहा जाता था कि आपने पिछले 76 साल से अन्न जल ग्रहण नही किया है। आप सिर्फ श्वास के सहारे जीवित हैं। DRDO मतलब Defence Research & Development Organisation की एक अनुषांगिक संस्था DIPAS यानि कि Defence Institute of Physiology and Allied Sciences ने दो बार संत प्रह्लाद जानी के इस दावे की जाँच की कि उन्होंने पिछले 76 साल से अन्न जल ग्रहण नही किया। उनके ऊपर बड़ी वृहद Scientific Research हुई है। पहली बार 2003 मे और दोबारा 2010 में। 2010 में DIPAS , DRDO, AIIMS जैसे संस्थानों के Doctors , Scientists और Researchers ने अहमदाबाद के Sterling हॉस्पिटल के एक शीशे के Chamber नुमा रूम में पूरे 15 दिन तक उनकी निगरानी की। कुल 40 Doctors की टीम और 24 घंटे CC TV कैमरा की निगरानी में उन्हें देखते जांचते रहे। पल पल उनका Temperature, BP, Heart Beat, Blood Sugar, Lipid Profile, CBC, Kidney एवं liver function जैसे तमाम tests होते रहे। इस बीच उनके शौचालय जाने, मल मूत्र विसर्जन की भी निगरानी और Tests हुए। वैज्ञानिकों ने पाया कि उन पंद्रह दिनों में संतजी ने एक बूंद भी जल या कोई अन्न नही लिया। 24 घंटे में औसतन 100 ml पेशाब उनको होता था। मल त्याग नही किया, एक बार भी।

तमाम research के बाद वैज्ञानिकों ने यही निष्कर्ष निकाला कि संत जी एक अज्ञात रहस्यमयी प्राण शक्ति से ही ऊर्जा ग्रहण करते हैं। DIPAS और DRDO जैसी संस्थाएं सेना के लिए ऐसी research करती हैं जिनसे विकट परिस्थितियों में मरुस्थल या बर्फीली चोटियों पे सैनिक बिना कुछ खाये पिये भी न सिर्फ Survive कर सकें बल्कि लड़ सकें। इसी क्रम में DRDO Energy Drinks , Energy foods, पे रिसर्च करती हैं जिससे जेब मे रखी एक चॉकलेट मात्र से हफ्ते भर की ऊर्जा मिल सके। तो DIPAS जैसी संस्था ने भी संत प्रह्लाद जानी के इस दावे को सत्य माना कि उन्होंने लंबे समय तक अन्न जल ग्रहण नही किया। ऐसे में हमारे ग्रंथों में समाधि की जिस अवस्था का ज़िक्र आता है जिसमे योगी सिर्फ योग प्राणायाम और प्राण वायु के सहारे ही वर्षों समाधि में बिता देते थे। वैसे ही योगी थे संत प्रह्लाद जानी ।

26 मई 2020 की सुबह उन्होंने शरीर छोड़ दिया, अपने शरीर छोड़ने की तिथि और समय भी उन्होंने कुछ खास लोगों को महिनों पहले बता दिया था। आपको भावपूर्ण श्रद्धांजलि.. शत-शत नमन् 💐🙏🙏

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉  

🌄सुप्रभातम🌄

🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻रविवार, २९ मई २०२२🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:२९

सूर्यास्त: 🌅 ०७:०३

चन्द्रोदय: 🌝 २८:५७

चन्द्रास्त: 🌜१८:१९

अयन 🌕 उत्तरायने (उत्तरगोलीय

ऋतु: 🌞 ग्रीष्म 

शक सम्वत: 👉 १९४४ (शुभकृत)

विक्रम सम्वत: 👉 २०७९ (राक्षस)

मास 👉 ज्येष्ठ 

पक्ष 👉 कृष्ण 

तिथि 👉 चतुर्दशी (१४:५४ तक)

नक्षत्र 👉 कृत्तिका (पूर्ण रात्रि)

योग 👉 अतिगण्ड (२२:५४ तक)

प्रथम करण 👉 शकुनि (१४:५४ तक)

द्वितीय करण 👉 चतुष्पाद (२७:५५ तक)

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                     (कीर्तिभिमुख)

गोचर ग्रहा: ॥ 

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सूर्य 🌟 वृष 

चंद्र 🌟 वृष (११:१५ से)

मंगल 🌟 कुम्भ (उदित, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 वृष (अस्त, पश्चिम, वक्री)

गुरु 🌟 मीन (उदित, पूर्व, मार्गी)

शुक्र 🌟 मेष (उदित, पूर्व, वक्री)

शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)

राहु 🌟 मेष 

केतु 🌟 तुला 

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४७ से १२:४२

अमृत काल 👉 २८:३३ से ०६:१९ 

विजय मुहूर्त 👉 १४:३४ से १५:२९

गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:५८ से १९:२२

सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:१२ से २०:१२

निशिता मुहूर्त 👉 २३:५४ से २४:३४

राहुकाल 👉 १७:२७ से १९:१२

राहुवास 👉 उत्तर

यमगण्ड 👉 १२:१४ से १३:५९

होमाहुति 👉 केतु

दिशाशूल 👉 पश्चिम

अग्निवास 👉 पृथ्वी

चन्द्र वास 👉 पूर्व (दक्षिण ११:१६ से)

शिववास 👉 श्मशान में (१४:५४ गौरी के साथ)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – उद्वेग २ – चर

३ – लाभ ४ – अमृत

५ – काल ६ – शुभ

७ – रोग ८ – उद्वेग

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – शुभ २ – अमृत

३ – चर ४ – रोग

५ – काल ६ – लाभ

७ – उद्वेग ८ – शुभ

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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दक्षिण-पूर्व (पान का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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वट सावित्री व्रत पूर्ण, देव प्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०७:१७ से दोपहर ११:१५ तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज २९:३२ तक जन्मे शिशुओ का नाम 

कृतिका नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ अनुसार क्रमश (अ, ई, उ, ए) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

वृषभ – २८:३२ से ०६:२७

मिथुन – ०६:२७ से ०८:४२

कर्क – ०८:४२ से ११:०३

सिंह – ११:०३ से १३:२२

कन्या – १३:२२ से १५:४०

तुला – १५:४० से १८:०१

वृश्चिक – १८:०१ से २०:२०

धनु – २०:२० से २२:२४

मकर – २२:२४ से २४:०५

कुम्भ – २४:०५ से २५:३१

मीन – २५:३१ से २६:५४

मेष – २६:५४ से २८:२८

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पञ्चक रहित मुहूर्त

रोग पञ्चक – ०५:१७ से ०६:२७

शुभ मुहूर्त – ०६:२७ से ०८:४२

मृत्यु पञ्चक – ०८:४२ से ११:०३

अग्नि पञ्चक – ११:०३ से १३:२२

शुभ मुहूर्त – १३:२२ से १४:५४

रज पञ्चक – १४:५४ से १५:४०

शुभ मुहूर्त – १५:४० से १८:०१

चोर पञ्चक – १८:०१ से २०:२०

शुभ मुहूर्त – २०:२० से २२:२४

रोग पञ्चक – २२:२४ से २४:०५

शुभ मुहूर्त – २४:०५ से २५:३१

मृत्यु पञ्चक – २५:३१ से २६:५४

रोग पञ्चक – २६:५४ से २८:२८

शुभ मुहूर्त – २८:२८ से २९:१७

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आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आपका आज का दिन थोड़ा परेशानी वाला रह सकता है। सोची हुई योजनाओं में विलम्ब अथवा असफलता मिलने से निराशा रहेगी। नौकरी पेशा जातक भी कार्यो में लापरवाही के कारण अधिकारियो के कोप भाजन बनेंगे। सामाजिक व्यवहार में भी कमी आएगी। पिता पुत्री को छोड़ परिवार के अन्य सदस्यों में किसी कारण मतभेद रह सकते है। व्यवसायी वर्ग को मध्यान के आज-पास थोड़ा धन मिलने से कार्य चलते रहेंगे। आज उधार किसी को ना दें फंसने की सम्भवना अधिक है। सेहत सामान्य रहेगी फिर भी दिमाग कम ही काम करेगा।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

कल की अपेक्षा आज का दिन अच्छा बीतेगा। दिन के पहले भाग में थोड़ी परेशानियों के बाद स्थिति सामान्य बनने लगेगी। परन्तु आर्थिक दृष्टिकोण से आज मायूस होना पड़ सकता है। पुराने व्यवहारों से थोडे लाभ को छोड़ दिन भर धन लाभ के लिए प्रतीक्षा करना पड़ेगा। संध्या के समय किसी परिचित के सहयोग मिलने से व्यापार में विस्तार कर पाएंगे। भागीदारी के कार्यो में हानि हो सकती है। नौकरीपेशा लोगो को अधिकारी वर्ग से आवश्यक बात मनवाने के लिये मन के विपरीत कार्य करना पड़ेगा। परिवार में वातावरण स्थिर रहेगा। धार्मिक क्रियाओं में बढ़ोतरी होगी।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन लाभ की स्थिति आपके हाथ से निकलती नजर आएगी। थोड़ी लापरवाही एवं थोड़ा गलत मार्गदर्शन मिलने से सहज बनने वाले भी कार्य बिगाड़ लेंगे। धन संपत्ति को लेकर परिवार में आंतरिक कलह रहेगी। सेहत भी आज प्रतिकूल रहेगी खांसी अथवा छाती सम्बंधित रोग होने से शारीरिक कमजोरी बनेगी। धन सम्बंधित लेन-देन आज ना करें। सरकारी कार्यो में भी आज ढील देना ठीक रहेगा। कार्य क्षेत्र पर सेवको की गतिविधि पर नजर रखे नुकसान हो सकता है। परिजनों के साथ बैठ घर की समस्याओं के बारे में चर्चा करें।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन लगभग हर क्षेत्र पर संम्मान एवं सफलता दिलाएगा परन्तु स्वास्थ्य में नरमी एवं आलस्य की वृति इसमें व्यवधान भी डाल सकती है। सामाजिक कार्यो में पूर्व में किये गए कार्यो से सम्मान मिलेगा। समाज के सम्मानित व्यक्तियों के साथ उठना-बैठना होगा लेकिन इनसे फायदा उठाने की जगह खर्च ही होगा। पौराणीक धार्मिक क्षेत्रो के दर्शन की लालसा रहेगी शीघ्र ही इसके फलीभूत होने की सम्भवना है। दानपुण्य पर खर्च करेंगे। मानसिक शान्ति के लिए एकांत में रहना ज्यादा पसंद करेंगे। घर में शांति रहेगी। सेहत मध्याह्न और रात्रि के समय अचानक नरम बनेगी।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज भी परिस्थिति आपके अनुकूल रहने से मन चाहा कार्य निर्विघ्न पूर्ण कर सकेंगे। कार्य क्षेत्र पर उधार के व्यवहार के कारण थोड़ी तना-तनी रह सकती है परंतु फिर भी धन लाभ के अवसर मिलते रहेंगे। आज किसी उधारी को लेकर हल्की फुल्की झड़प भी हो सकती है। किसी मांगलिक आयोजन में सम्मिलित हो सकते है। मनोरंजन पर भी आज खर्च होगा। सामाजिक क्षेत्र में वृद्धि होने से अन्य आय के साधन बनेंगे। घर परिवार में आपकी आवश्यकता रहेगी। भाई-बहनों से मित्रवत सम्बन्ध रहेंगे। स्वार्थ सिद्धि की भावना भी रहेगी। सेहत संध्या के आसपास नरम गरम हो सकती है।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज के दिन संकट के बादल छटने से मानसिक रूप से शांति अनुभव करेंगे। घर में कुछ परिवर्तन अथवा तोड़ फोड़ करवा सकते है। अधिकारी वर्ग के साथ भी महत्त्वपूर्ण विषयो पर चर्चा होगी। आज आपके द्वारा लिए गए अधिकांश निर्णर्यो में सफलता सुनिश्चित रहेगी फिर भी नए कार्य का आरम्भ किसी की सलाह लेकर अथवा ना करें तो ही बेहतर रहेगा। व्यापार में विस्तार अवश्य कर सकते है। काम धंधा मध्याह्न बाद अकस्मात गति पकड़ेगा। धन लाभ की प्रबल संभावना है। धर्म कर्म पर खर्च करेंगे। सेहत को लेकर कुछ समय परेशान रह सकते है।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज के दिन आपको पहले की अपेक्षा थोड़ी राहत मिलेगी। सेहत उत्तम रहने से कार्यो को गम्भीर होकर कर सकेंगे। कार्य व्यवसाय क्षेत्र पर आशा से अधिक लाभ मिल सकता है परंतु कार्यो को सही दिशा मिल रही है या नहीं इसका एक बार अवलोकन अवश्य करें। नौकरी पेशा जातक बेहतर कार्य के लिए सम्मानित होंगे लेकिन अतिरिक्त कार्य भर भी बढ़ेगा। आज आपका आचरण विरोधियो पर अपने आप ही अंकुश लगा देगा। पारिवारिक स्थिति भी पहले से बेहतर बनेगी। आज आपकी बातों को घर के सभी सदस्य गम्भीरता से लेंगे।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज दोपहर के बाद का समय आपकी आशाओ के अनुरूप फल देगा। प्रातः काल से ही शरीर में अकड़न सुस्ती रहने से कार्यो के प्रति गंभीरता नहीं रखेंगे। मध्याह्न के समय सुधार आने पर भी आलस्य नही जाएगा। कार्य क्षेत्र पर बनी बनायी योजनाएं आरम्भ मे धन अथवा अन्य कारणों से रुकी रहेंगी दोपहर के बाद इनमे अकस्मात गति आएगी। धन लाभ के लिए आज अधिक परिश्रम करना पड़ेगा तब जाकर संतोषजनक लाभ मिलेगा। उधारी को लेकर मन चिंताग्रस्त रह सकता है। पुरानी उधारी हो सके तो अवश्य चुका दे परन्तु किसी को उधार आज ना ही दे। घर का वातावरण स्थिर रहेगा। यात्रा की योजना बनेगी।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आपका आज का दिन भी प्रतिकूल रहने वाला है। सामाजिक अथवा पारिवारिक मामलो में आपकी गलत छवि बनेगी। आज आप अपने आपको बेबस अनुभव करंगे। ना चाहते हुए भी क्रोध आएगा जिससे आस पास के वातावरण में तनाव उत्पन्न होगा। कार्यो में निरंतर विफल रहने से मन में नकारात्मक सोच हावी रहेगी। कार्य क्षेत्र पर भी सोच के विपरीत काम होंगे। परिजन भी आज आपसे दूरी बना कर रहेंगे। धैर्य से समय बिताएँ कल का दिन थोड़ा सुधार वाला रहेगा। मानसिक तनाव, सर, बदन दर्द की शिकायत रह सकती है।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का दिन मिला जुला रहने से पल में हानि अगले ही पल लाभ वाली स्थिति रहेगी। बीच में कभी-कभी कई विकल्प मिलने से असमंजस की स्थिति भी बन सकती है परंतु थोड़े बौद्धिक परिश्रम से इनपर विजय पा लेंगे। किसी वयोवृद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन मिलने से आगे के लिए मार्ग मिलेगा। संगीत-कला में विशेष रूचि रहेगी इस क्षेत्र से जुड़े जातक आज थोड़े प्रयास से निश्चित सफलता पा सकते है। धन की आमद आशाजनक लेकिन कुछ इंतजार के बाद होगी। प्रेम प्रसंगों में थोड़े रूठने मनाने के बाद भावनात्मक सम्बन्ध बनेंगे। सेहत दिन के कुछ भाग को छोड़कर ठीक ही रहेगी।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज का दिन बीते कल की अपेक्षा एकदम विपरीत रहेगा। आज आर्थिक विषय सर्वोपरि रहेंगे स्वभाव में भी स्वार्थ अधिक रहेगा इसके कारण घर एवं कार्य क्षेत्र पर तीखी बहस हो सकती है। घर में अनावश्यक खर्च बढ़ने से भी विवाद बनेगा। अनैतिक तरीको से धन कमाने के विचार मन में रहेंगे परन्तु इससे दूर ही रहे आज सामाजिक क्षेत्र पर मान हानि भी हो सकती है। प्रेम-प्रसंगों के संबंधो में शक विवाद का कारण बन सकता है। विरोधियो के आगे लाचार अनुभव करेंगे। 

गर्म सर्द की शिकायत होने की संभावना है। ठंडी वस्तुओ से दूर ही रहे।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज दोपहर तक का समय मिला जुला रहेगा। थोड़ी बहुत पेट सम्बंधित समस्याओं को छोड़ सेहत भी लगभग सामान्य ही रहेगी। परन्तु कार्य क्षेत्र पर उतार चढ़ाव रहने से धन संबंधीत कार्य मे विलम्ब हो सकता है। आज सामाजिक एवं पारिवारिक क्षेत्र पर अच्छा व्यवहार करने पर वापसी में स्नेह प्रेम ही मिलेगा। कोई व्यक्ति आपको उम्मीद दिला कर अंत समय पर धोखा दे सकता है इसलिए स्वयं के ऊपर निर्भर रहें। संध्या के समय आकस्मिक लाभ की संभावना है प्रलोभन से बचे अन्यथा कुछ ना कुछ हानि ही होगी। लघु यात्रा हो सकती है। 

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❣️वटसवित्री व्रत कथा❣️

 

तपती गर्मी का समय था. घने जंगल में एक बरगद के पीड़े के नीचे एक स्त्री बैठी थी. वह नवविवाहिता लग रही थी, उसकी गोद में पति का सिर था, जिसे वह सहला रही थी. भीषण गर्मी से परेशान और सिर में दर्द के कारण वह लकड़ी काटना छोड़ कर पेड़ से नीचे उतर आया और पत्नी की गोद में विश्राम करने लगा. यह दंपती कोई और नहीं सत्यवान और सावित्री थे. पति की पीड़ा देख सावित्रि को देवर्षि नारद की भविष्यवाणी याद आ गई.

 

देवर्षि नारद ने सावित्री के पिता अश्वपति से कहा था कि महाराज सत्यवान अल्पायु है, इसलिए इस संबंध को रोक लीजिए. इस पर सावित्री ने अपनी मां की शिक्षाओं के खंडन का भय दिखाया. वह दृढ़ होकर बोली, सती, सनातनी स्त्रियां अपना पति एक बार ही चुनती हैं. इस तरह सावित्री साल्व देश के निर्वासित राजा द्युमत्सेन के पुत्र सत्यवान की गृहलक्ष्मी बनकर तपोवन में आ गई. आज देवर्षि के बताए अनुसार वही एक वर्ष पूर्ण होने वाली तिथि है, जिस दिन उसके पति का परलोक गमन होना तय था. तभी तो सुबह से विचलित मन लिए सावित्री सत्यवान के साथ ही वन में चली आई थी. अभी वह आम के पेड़ से लकड़ियां चुन ही रहे थे कि भयंकर पीड़ा और चक्कर आने के कारण वह जमीन पर गिर पड़े. 

 

🚩यमराज ने हर लिए सत्यवान के प्राण

 

इतने में यमराज प्रकट हुए, वह सत्यवान की आत्मा को पाश से खींच कर ले जाने लगे. इसके बाद यमराज सत्यवान के शरीर में से प्राण निकालकर उसे पाश में बांधकर दक्षिण दिशा की ओर चल दिए. सावित्री बोली मेरे पतिदेव को जहां भी ले जाया जाएगा मैं भी वहां जाऊंगी. तब यमराज ने कहा, ऐसा असंभव है पुत्री, सावित्री ने देवी सीता का उदाहरण दिया कि वह भी तो पति संग वन गईं थीं, तो मैं यमलोक भी चलूंगी. या तो आप मुझे भी साथ ले चलें, या फिर मेरे भी प्राण ले लें. यमराज प्रकृति के नियम विरुद्ध सावित्री के प्राण नहीं ले सकते थे. उसे समझाते हुए कहा मैं उसके प्राण नहीं लौटा सकता तू मनचाहा वर मांग ले. 

 

🚩मांग लिया परिवार का संपूर्ण सुख

 

तब सावित्री ने वर में अपने श्वसुर के आंखे मांग ली. यमराज ने कहा तथास्तु, लेकिन वह फिर उनके पीछे चलने लगी. तब यमराज ने उसे फिर समझाया और वर मांगने को कहा उसने दूसरा वर मांगा कि मेरे श्वसुर को उनका राज्य वापस मिल जाए. उसके बाद तीसरा वर मांगा मेरे पिता जिन्हें कोई पुत्र नहीं हैं उन्हें सौ पुत्र हों. यमराज ने फिर कहा सावित्री तुम वापस लौट जाओ चाहो तो मुझसे कोई और वर मांग लो. तब सावित्री ने कहा मुझे सत्यवान से सौ यशस्वी पुत्र हों. यमराज ने कहा तथास्तु. 

 

🚩इसलिए होती है वटसावित्री पूजा

 

यमराज फिर सत्यवान के प्राणों को अपने पाश में जकड़े आगे बढऩे लगे. सावित्री ने फिर भी हार नहीं मानी तब यमराज ने कहा तुम वापस लौट जाओ तो सावित्री ने कहा मैं कैसे वापस लौट जाऊं. आपने ही मुझे सत्यवान से सौ यशस्वी पुत्र उत्पन्न करने का आर्शीवाद दिया है. यह सुनकर यम सोच में पड़ गए कि अगर सत्यवान के प्राण वह ले जाएंगे तो उनका वर झूठा होगा. तब यमराज ने सत्यवान को पुन: जीवित कर दिया. इस तरह सावित्री ने अपने सतीत्व से पति के प्राण, श्वसुर का राज्य, परिवार का सुख और पति के लिए 400 वर्ष की नवीन आयु भी प्राप्त कर ली. इस कथा का विवरण महाभारत के वनपर्व में मिलता है. यह संपूर्ण घटना क्रम वट वृक्ष के नीचे घटने के कारण सनातन परंपरा में वट सावित्री व्रत-पूजन की परंपरा चल पड़ी.