हंगामें के साथ शुरू हुआ उत्तराखण्ड का बजट सत्र

उत्तराखण्ड का  विधानसभा का बजट हंगामे के साथ शुरु हुआ। सत्र शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्दयेश ने एनएच 74 घोटाले को 310 के तहत सुनने की मांग की। इस पर स्पीकर ने प्रश्नकाल के बाद सुनने की बात कही। लेकिन नेता प्रतिपक्ष पहले सुनने की मांग पर अड़ी रही। वहीं विपक्ष ने नितिन गडकरी की चिट्ठी को सदन में लहराकर कहा सीधी धमकी दे रहा है केंद्र। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा सीबीआई जांच की संस्तुति की जा चुकी है। संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने कांग्रेस के नोटिस का हवाला देते हुए कहा कि मामला अदालत में लंबित है। उन्होंने कहा कि इसलिए इस मामले को 310 में नहीं सुना जा सकता। विपक्ष ने नारेबाजी शुरू की। सीबीआई जांच की मांग को लेकर सदन में चर्चा की मांग को लेकर विधायकों ने वेल में नारेबाजी की। कुमाऊं आयुक्त को हटाए जाने पर भी आरोप लगाया।

इस दौरान सदन में विधायक देशपाल कर्णवाल, करन माहरा और हरीश धामी आपस में भिड़ गए। जिसे विधायकों ने बीच में पड़कर निपटाया। जिसके चलतेे सदन स्थगित करना पड़ा। हंगामे के बीच सदन शाम तक स्थगित कर दिया गया। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने एनएच घोटाले पर चर्चा की मांग की। इस दौरान विधायक वेल में पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। स्पीकर ने मामले को 310 में सुनने पर सहमति दी। विपक्ष की नेता डॉ इंदिरा हृदयेश ने कहा कि सरकार ने जांच करावाई और सीबीआई की जांच की संस्तुति की, लेकिन क्या एसडीएम स्तर का अधिकारी अकेले यह काम कर सकता हैं। हम सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति का समर्थन कर रहे है। इस मामले में सात अधिकारियों पर कार्रवाई को चुकी है। एक को क्यों छोड़ा जा रहा है।

बजट पर शुक्रवार को सामान्य चर्चा की जाएगी। 10 और 11 जून के अवकाश के बाद 12 जून को बजट पर सामान्य चर्चा होगी। 13 जून से 15 जून तक विभागवार अनुदान मांगों के प्रस्तुतिकरण के साथ ही इन पर चर्चा एवं मतदान कराया जाएगा। 15 जून को ही विनियोग विधेयक पारित कराया जाएगा। 16 जून को विधायी कार्य व असरकारी कार्य किए जाएंगे। 17 व 18 जून को अवकाश रहेगा। 19 व 20 जून को विधायी कार्य किए जाएंगे।

इधर गैरसैंण में बजट सत्र आहूत न करने के विरोध में कांग्रेसियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, विधायक करनमाहरा समेत कई नेता सड़क पर ही धरने पर बैठे गए। इससे पहले कांग्रेसियों का विधानसभा के समक्ष धरने का कार्यक्रम था। लेकिन विधानसभा से पहले ही पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को रोक दिया। इसके बाद कांग्रेसी नेता सड़क पर ही धरने पर बैठ गये। इस दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि मध्य प्रदेश में हुए किसानों पर अत्याचार की वह कड़ी निंदा करते है। मध्य प्रदेश सरकार व केन्द्र में बैठी सरकार ने किसानों के हित में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान कर्ज में डूबा है। आंदोलन करने पर पांच किसानों की हत्या कर दी गई। इससे केन्द्र सरकार का असली चेहरा सामने आया है। उन्होंने कहा कि घटना के विरोध में वे कल हर की पैड़ी पर गंगा किनारे तप करेंगे। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि बीजेपी सरकार गैरसैण के मामले में लोगों को बेवकूफ बना रही है। पूर्व सरकार ने गैरसैण में सारी सुविधाए दी लेकिन बीजेपी सरकार ने गैरसैण में बजट सत्र शुरू न कराकर गैरसैण का अपमान किया है।