अंग्रेजी वर्ष के पहले दिन 1 जनवरी की शाम को अचानक लापता हो गए बीजापुर (छत्तीसगढ़) में एक युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या कर दी गई। ठेकेदार के सेप्टिक टैंक में मिले उनके शव पर धारदार हथियार के निशान पाए गए हैं।
मुकेश ने एक सड़क निर्माण परियोजना में अनियमितताओं के बारे में रिपोर्ट की थी। इसके बाद उन्हें धमकियाँ मिलने लगीं।
मुकेश 28 साल के थे और बस्तर क्षेत्र में नक्सली हमलों, मुठभेड़ों और अन्य मुद्दों पर एक स्थानीय समाचार चैनल के लिए रिपोर्टिंग के साथ ही एक राष्ट्रीय समाचार चैनल के लिए स्ट्रिंगर के रूप में काम करते थे।
मुकेश ने 2021 में माओवादियों द्वारा अपहृत सीआरपीएफ जवानों की रिहाई में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
अपराधियों की शरणस्थली बन गई सत्ता की आराम कुर्सी के पाये जब तरह-तरह के माफियाओं द्वारा मजबूत किये जाने की रवायतें चल पड़ी हों तो सत्य और न्याय को नेपथ्य में धकेलकर विरोधी स्वरों को दबाने के लिए लाशों के ढेर लगा देना कोई बड़ी बात नहीं है। ‘डायचे वेले’ के अनुसार मई 2019 से अगस्त 2021 के बीच भारत में पत्रकारों पर 256 हमले हुए थे।
हाल के वर्षों में सच सामने लाने वाले कितने पत्रकारों को गायब करने, उन्हें जेलों में बंद करने या फिर उन्हें प्रताड़ित करने की कितनी घटनाएं हुई हैं, देश भर के मीडिया जगत में ऐसी घटनाओं एवं पत्रकार की निर्मम हत्या से भारी रोष है। यह घटना किसके इशारे पर हुई व्यापक छानबीन से ही पता चलेगा। लेकिन इससे छत्तीसगढ़ सरकार की भूमिका पर भी उठे सवाल
बता दें कि छत्तीसगढ़ में जनता कांग्रेस जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे (अथवा छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस) भारतीय राज्य छत्तीसगढ़ का एक राजनैतिक दल है।