बिगब्रेकिंग : अंकिता भंडारी जघन्य हत्या प्रकरण में अब पटवारी वैभव प्रताप भी गिरफ्तार

✍️हरीश मैखुरी

अंकिता भंडारी हत्याकांड में गठित की गई एसआईटी ने शुक्रवार को पटवारी वैभव प्रताप से लंबी पूछताछ की। इससे पहले मुख्यमंत्री के आदेश के बाद वैभव प्रताप को प्रशासन ने अंकिता केस में ढिलाई बरतने के लिए सस्पेंड कर दिया गया था। आरोप है कि अंकिता की हत्या के अगले दिन हत्या आरोपी पुलकित ने वैभव से भेंट की थी। 

अब एसआईटी की टीम अंकिता के हत्यारों को और पटवारी को आमने-सामने बैठाकर इस मामले की cross examination करेंगे
अंकिता हत्याकांड मामले के बाद से ही पटवारी वैभव प्रताप पर इन तीनों हत्यारों से मिलीभगत के आरोप लगते रहे हैं। निरंतर उत्तराखंड के लोग और संगठन पटवारी वैभव प्रताप की अभिरक्षा में लेने की मांग कर रहे थे। अंकिता भंडारी हत्याकांड में उत्तराखंड पुलिस द्वारा बनाई गई एसाईटी ने शुक्रवार को पटवारी वैभव प्रताप से लंबी पूछताछ की। इससे पहले मुख्यमंत्री के आदेश पर गंगा भोगपुर के पटवारी वैभव को प्रशासन ने अंकिता केस में ढिलाई बरतने के लिए सस्पेंड कर दिया था। इस प्रकरण में मुख्य आरोपी पुलकित आर्य और उसके दो दोस्तों अंकित और सौरभ को एसआईटी रिमांड पर लेकर पहले से पूछताछ कर रही है। 

बता दें कि अंकिता हत्याकांड प्रकरण में जांच के मध्य सामने आया था कि जिस रात अंकिता की हत्या हुई थी उसके अगले दिन सुबह मुख्य आरोपी पुलकित आर्य जाकर पटवारी वैभव प्रताप से मिला था। शुक्रवार को यह अफवाह भी फैली की वैभव को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन यह सूचना गलत निकली। 

सूत्रों के अनुसार 18 सितंबर को अंकिता, पुलकित, सौरभ और अंकित के साथ रिजॉर्ट से तकरीबन 8 बजे निकली थी. 8:30 बजे चीला बैराज से चारों ने बैराज के बैरियर को पार किया था। लेकिन 9 बजे बैराज से वापस  तीन लोग लौटते हुए बैरियर पर दिखाई दिए। 

उत्तराखंड की SIT (एसआईटी) UKSSSC भर्ती घोटाले से लेकर अब अंकिता भंडारी मर्डर केस तक अपनी हर अग्नि परीक्षा में सफल दिखी है प्रथम दृष्टा पटवारी वैभव प्रताप गुनाहगारों से मिला हुआ लग रहा था। आज SIT ने अभिरक्षा में लेकर कर सिद्ध कर दिया कि प्रकरण को उलझाने में नहीं अपितु सुलझाने में तेजी से कार्य कर रही है। बता दें कि कल ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समक्ष अंकिता भंडारी के पिता ने अपना दुखड़ा सुनाया था कि किस तरह पटवारी ने उन्हें झांसे में रखा। बहुत संभव है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही त्वरित कार्यवाही हो। पटवारी वैभव प्रताप से इस प्रकरण में आगे आमने सामने बिठा कर पूछताछ भी होगी। आरोप है कि पटवारी की हत्याकांड से जुड़े अपराधियों से मिलीभगत के कारण प्राथमिकी पंजीकृत करने में जानबूझकर कर देरी की और लापता अंकिता का पता लगाने का प्रयास नहीं किया।