आकांक्षा सिंह NEET परीक्षा में 720 यानी शतप्रतिशत अंक लाने के बावजूद नहीं बनी टापर

शोशल मीडिया आज इसी आक्रोश से अटा पड़ा है कि “दिल्ली की आकांक्षा सिंह भी NEET परीक्षा में 720 अंक यानी शतप्रतिशत नम्बर लायी लेकिन सैक्युलर मानसिकता ने उसे टापर नहीं दिखाया बल्कि इतने ही नम्बर लाने वाले दूसरे व्यक्ति को टापर करार दिया? ऐसे जैंण्डर विभेदकारी मानसिकता के चलते ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को अभियान को पलीता लग  सकता है? लोोगों में इस तरह मीडिया द्वारा आकाांक्ष को सीन से गायब किए जााने पर भी आक्रो्रोश है।  शुक्रवार ( 16 अक्टूबर, 2020 ) को एंटीए ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) के नतीजे जारी कर दिए, ओडिशा के शोएब आफ़ताब और दिल्ली की आकांक्षा सिंह ने एक समान अंकों के साथ टॉप किया, लेकिन मीडिया सिर्फ शोएब आफताब का महिमामंडन कर रही है, आकांक्षा सिंह मीडिया की सुर्ख़ियों से गायब हैं। मेनस्ट्रीम मीडिया की नजरों में सिर्फ शोएब आफताब ने इतिहास रचा है बाकी उनके जितना ही अंक हासिल करने वाली आकांक्षा सिंह ने कोई उपलब्धि हासिल नहीं की।

शोएब आफताब ने संयुक्त रूप से टॉप किया है, रिजल्ट आने से पहले तक तो वो छात्र था, पर अब वामपंथी मीडिया उसे ‘मुस्लिम छात्र’ बनाकर पेश कर रही है, तुष्टिकरण की यही धारा समाज विभाजन का कारण बनती है, इसकी शुरुआत अक्सर वही करता है जो ‘धर्मनिरपेक्षता’ की क्षद्म दलीलें देता है।

शोएब ने परीक्षा में 720 में से पूरे 720 अंक पाए हैं, वहीं दिल्ली की अकांक्षा ने ऑल इंडिया रैंक 2 पाई है, इन्होंने भी 720 में से 720 अंक हासिल किए हैं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कुशीनगर की रहने वाली अकांक्षा सिंह भी ने शाेएब आफताब के बराबर 720 अंक हासिल किया है लेकिन उन्हें 2 रैंक से संतोष करना पड़ा। हालाँकि दोनों ने एक समान अंक हासिल किये लेकिन दोनों की रैंक बदल गई, इसपर अभी तक नेशनल इंफॉर्मेंशन सेंटर ने स्पष्ट नहीं किया है।

मीडिया में आवाह्न किया गया है कि इस नवरात्रि पर इस बालिका का मान बढा़यें ताकि ये बात #राष्ट्रपति #प्रधानमंत्री #राष्ट्रीय_महिला_आयोग #केन्द्रीय_शिक्षामंत्री #महिला_एवं_बालविकास_मंत्रालय तक पंहुचे।