134 देशों ने निकाले 5लाख से जादा पाकिस्तानी नागरिक

 
आतंकवाद का कारोबार की तरह चलाना पाकिस्तान के लिए मुसीबत बनता जा रहा है पाकिस्तान की असलियत दुनियां भर के देश समझने लगे हैं, इसीलिए दुनिया भर के देश अवैध रूप से घुसे पाकिस्तानियों को अब अपने यहां रखने के लिए तैयार नहीं दिखते, बीते 5 सालों में 134 देशों ने करीब 5 लाख से ज्यादा पाकिस्तानी नागरिकों को अपने देश से बाहर का रास्ता दिखाया है। पाकिस्तानी गृहमंत्रालय की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 2014 के बाद से 5 लाख 19 हजार पाकिस्तानी नागरिक दुनियांभर के कई देशों से निर्वासित किए गए हैं। चौंकाने वाली बात है कि सबसे ज्यादा पाकिस्तानी इस्लामिक देशों से ही भगाए गए, रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी नागरिकों को सबसे ज्यादा मुस्लिम उम्मा कहे जाने वाले राष्ट्रों ने ही भगाया है। इसमें पाकिस्तान के मित्र देश कहे जाने वाले तुर्की, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, और ओमान सबसे आगे हैं।पाकिस्तानी गृहमंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक अभी भी डिपोर्टी कैंप में 65 हजार से ज्यादा पाकिस्तानी मौजूद हैं। पाकिस्तानी नागरिकों को निर्वासित करने में सऊदी अरब सबसे आगे रहा। एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2014 के बाद से करीब सवा तीन लाख पाकिस्तानियों को सऊदी अरब ने निष्कासित किया है। वहीं दूसरे स्थान पर यूएई है जिसने करीब 52 हजार पाकिस्तानी नागरिकों को अपने देश से बाहर का रास्ता दिखाया है। वहीं तुर्की और ओमान ने भी करीब 47 हजार से ज्यादा नागरिकों को पांच वर्ष के भीतर लौटाए हैं।इन्हीं इस्लामिक राष्ट्रों में मलेशिया भी शामिल है। जिसने पिछले पांच सालों के भीतर 18 हजार से अधिक पाकिस्तानी नागरिक डिपोर्ट किए। वहीं ग्रीस ने 17 हजार, ब्रिटेन ने 15 हजार, ईरान ने करीब एक हजार, अमेरिका ने 275, कनाडा और जर्मनी ने करीब 920 पाकिस्तानी नागरिक निकाले हैं। अवैध पाकिस्तानी नागरिकों को अपने देश से भगाने के मामले में यूरोपीय देश भी पीछे नहीं रहे। इस्लामिक आतंकवाद से पीड़ित फ्रांस ने 845, इटली ने 945, स्पेन ने 494, बेल्जियम ने 375, नार्वे ने 301, ऑस्ट्रिया ने 270, स्वीडन ने 112, नीदरलैंड ने 145, रोमानिया ने 165, स्विट्जरलैंड ने 65 और बुल्गारिया ने 175 अवैध पाकिस्तानियों को अपने देश से बाहर का रास्ता दिखाया है।  इसे पिछले 5 सालों में भारत की कूटनीति का असर भी समझा जा रहा है जिसकी वजह से दुनिया भर में इस्लामिक आतंकवाद की जड़ें कट रही है और पाकिस्तान को मिलने वाली विदेशी डॉलरों की आमद भी कम हो रही है इसका असर पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार साफ देखा जा रहा।  टाइम्स ऑफ इस्लामाबाद की रिपोर्ट के अनुसार इनमें से बहुत सारे लोग मानव तस्करी के लिए काम करने वाले 1000 से अधिक गिरोहों की सक्रीयता के कारण इन देशों में पहुंच गए थे। (सभार)