कैंसर सहित अनेक रोगों में तेज असरदार है गेंहू ज्वारे का रस

ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित देहरादून की एक महिला को टाटा कैंसर अस्पताल के सुपर स्पेशलिस्टों हरी सब्जियां हरे रंग की दालें हरी पत्तियों का जूस और हरे रंग का सूप पीने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि हरे रंग में कैंसर से लड़ने की अद्भुत क्षमता है। कैंसर सर्जरी के बावजूद उन्होंने कहा कि हरे रंग की सब्जियां हरे रंग का जूस हरी पत्तियों का जूस आपके लिए वरदान है। इसी कड़ी में गेहूं के हरे जवारे के संबंध में जगदंबा प्रसाद मैठाणी के सहयोग से एक लेख ब्रेकिंग उत्तराखंड डाट काम न्यूज़ पोर्टल पर प्रकाशित कर रहे हैं— हरीश मैखुरी ) 

 

इस सेवा भाव और प्रयास को सलाम-

गेंहू के जवारे ..यानी गेंहू की नयी कोमल पौधों का जूस रामबाण है जीवन के लिए. गेंहू की नयी उगी कोमल हरियाली को जूस बनाकर रोज पियें तो कई रोग धीरे- धीरे ठीक होने लगते हैं – जैसे केंसर में कीमोथेरेपी के बुरे प्रभाव, डायबिटीज , ह्रदय रोग, पेट के कई रोग – गेहूं के जवारे के जूस से ठीक हो जाते हैं ! इसे ग्रीन ब्लड भी कहा जाता है .

देहरादून के कैनाल रोड निवासी श्रीमती बीना जदली और श्री राकेश जदली जी अपने निजी प्रयासों से अपने घर में गेंहू के ज्वारे उगाकर स्वयं तो सेवन कर रहे हैं बल्कि आस पास के मरीजों और दोस्तों ओ निशुल्क बाँट भी रहे हैं ! ऐसा सेवा भाव समाज में बिरले ही देखने को मिलता है .

जानिए इसकी खूबी –

जब गेहूं के बीज को अच्छी उपजाऊ जमीन में बोया जाता है तो कुछ ही दिनों में वह अंकुरित होकर बढ़ने लगता है और उसमें पत्तियां निकलने लगती है। जब यह अंकुर पांच-छह पत्तों का हो जाता है तो अंकुरित बीज का यह भाग ज्वारा कहलाता है। औषधीय विज्ञान में गेहूं का यह ज्वारा काफी उपयोगी सिद्ध हुआ है। गेहूं के ज्वारे का रस कैंसर जैसे कई रोगों से लड़ने की क्षमता रखता है।

प्रकृति ने हमें स्वस्थ, ऊर्जावान, निरोगी और आयुष्मान रहने के लिए हमें अनेक प्रकार के पौष्टिक फल, फूल, मेवे, तरकारियां, जड़ी-बूटियां, मसाले, शहद और अन्य खाद्यान्न दिये हैं। ऐसा ही एक संजीवनी का बूटा है गेहूँ का ज्वारा। इसका वानस्पतिक नाम “ट्रिटिकम वेस्टिकम” है। डॉ॰ एन विग्मोर ज्वारे के रस को “हरित रक्त” कहती है। इसे गेहूँ का ज्वारा या घास कहना ठीक नहीं होगा। यह वास्तव में अंकुरित गेहूँ है।

गेहूँ का ज्वारा एक सजीव, सुपाच्य, पौष्टिक और संपूर्ण आहार है। इसमें भरपूर क्लोरोफिल, किण्वक (एंजाइम्स), अमाइनो एसिड्स, शर्करा, वसा, विटामिन और खनिज होते हैं। क्लोरोफिल सूर्यप्रकाश का पहला उत्पाद है अतः इसमें सबसे ज्यादा सूर्य की ऊर्जा होती है और भरपूर ऑक्सीजन भी।

पोषक तत्व-
गेहूँ के ज्वारे क्लोरोफिल का सर्वश्रेष्ठ स्रोत हैं। इसमें सभी विटामिन्स प्रचुर मात्रा में होते हैं जैसे विटामिन ए, बी1, 2, 3, 5, 6, 8, 12 और 17 (लेट्रियल); सी, ई तथा के। इसमें केल्शियम, मेग्नीशियम, आयोडीन, सेलेनियम, लौह, जिंक और अन्य कई खनिज होते हैं।

लेट्रियल या विटामिन बी-17 बलवान कैंसररोधी है और मेक्सिको के ओएसिस ऑफ होप चिकित्सालय में पिछले पचास वर्ष से लेट्रियल के इंजेक्शन, गोलियों और आहार चिकित्सा से कैंसर के रोगियों का उपचार होता आ रहा है।