प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिकी दौरे के मध्य वहां के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की अल्प संख्यक संबंधित टिप्पणी को मुस्लिम देशों ने ही नकार दिया लेकिन भारत के मोदी विरोधी मीडिया ने बनाया सुर्खियां!

✍️हरीश मैखुरी

अल्पसंख्यकों पर मोदी विरोधी बयान से बराक औबामा भले भारत की टुकड़े गैंग, सैक्युलर गिरोह और यहां के छद्म इस्लामी दलों का चहेता बन गया हो लेकिन अमेरिकी मीडिया के लिए अब एक सामान्य कर्मी है और अमेरिकी मीडिया में उसकी चर्चा भी नहीं है वहाँ अल्पसंख्यक बहु संख्यक जैसा शब्द भी नहीं गढ़ा गया है और मुसलमानों को ‘समुदाय विशेष’ जैसा शब्द भी नहीं कहा जाता वहां। भारतीय मीडिया द्वारा गढ़े गये ‘चरमपंथी’ शब्द की जगह सीधे ‘इस्लामिक टैरारिज्म’ यडोनाल्ड ट्रम यही शब्द उपयोग में लाते थे। सुना बराक की आर्थिक स्थिति बहुत बुरी चल रही है शोशल मीडिया पर तो यहां तक कहा जा रहा है कि ओबामा भाड़े पर मोदी के विरूद्ध अल्पसंख्यक की कहानी गढ़ कर अनाप-शनाप बक रहे हैं। लेकिन ये वही ओबामा हैं जिन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति रहते आठ मुस्लिम देशों पर आक्रमण किया था सीरिया और अफगानिस्तान में लाखों मुसलमानों को मिसाईलों से उड़ा दिया था।

रही भारत की बात तो टुकड़े गैंग का जो मीडिया मोदी के प्रचंड और बढते प्रभाव को कमतर दिखाने के लिए मोदी के विरूद्ध ओबामा को खड़ा कर रहा है। और गुजरात पर बीबीसी की फेक स्टोरी पर महिनों भाड़े की डिवेड कराता रहा है वही मीडिया कभी ये नहीं बताता है कि जब एक मुसलमान भारत का पहला गृहमंत्री बना उसी के एक हफ्ते के अंदर 19 दिसम्बर 1990 कश्मीर में मुसलमानों द्वारा एक रात में ही मस्जिदों से लाउडस्पीकर पर एनाउंसमेंट करके हिंदुओं का जेनोसाईड कर दिया गया चार लाख हिन्दू भगाये गये 302 पंडित काटे गये, हजारों हिन्दू महिलाओं का रेप किया गया। कश्मीर में करीब पांच हजार मंदिर तोड़े गये। जिसमें शारदा पीठ जैसा मंदिर था। 

बीबीसी की ऐजेन्डा स्टोरी में गुजरात दंगों पर मिर्च मशाला लगा कर बीस वर्षों बाद मोदी के विरूद्ध हथियार बनाया जा रहा है लेकिन 27 फ़रवरी 2002 को गुजरात के गोधरा शहर में कार सेवकों से भरी रेलवे की बोगी मुसलमानों ने जला दी थी उस बोगी में 59 हिन्दू जला दिए गए जिस कारण प्रतिक्रिया में दंगे हुए ये बात छिपा दी गई।
2014 के बाद जब से मोदी सरकार आयी तब से मोदी सरकार का स्पष्ट नारा है “सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास” मुसलमानों के लिए तो भवन निर्माण शौचालय निर्माण मुस्लिम लड़कियों के लिए स्नातक करने हेतु ₹50000 अलग से व्यवस्था तीन तल्लाक से मुक्ति आदि अनेक सुविधाएं दी गई है और कभी भी मजहब के आधार पर मुसलमानों के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं किया। इस बात को भले भारत का मुसलमान नहीं समझे लेकिन बाहर के मुस्लिम देश अच्छी तरह से समझते हैं इसीलिए 8 मुस्लिम देशों द्वारा अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने देश का सर्वोच्च सम्मान दिया जा चुका है। जिसमें कल ही मुस्लिम देश मिश्र ने अपने देश का श्रेष्ठ सम्मान वहां के राष्ट्रपति के हाथों प्रधानमंत्री मोदी को दिया है इसी से ओबामा को भी उसी की भाषा में जवाब मिल गया है और टुकड़े गैंग की मीडिया की भी मुंह में दही जम गई है। अब प्रश्न यह है कि मोदी के अमेरिकी दौरे के मध्य वहां के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की भाड़े की टिप्पणी को भारत के सैक्युलर और बाम मीडिया द्वारा सुर्खियां बनाने का औचित्य क्या है ! 

उसका प्रत्युत्तर भी भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा पर उनकी भारत के मुसलमानों की सुरक्षा पर की गई टिप्पणी को लेकर पलटवार कर दे दिया है उन्होंने सोमवार (26 जून) को कहा, “ओबामा जी को ये नहीं भूलना चाहिए कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो विश्व में रहने वाले सभी लोगों को भी परिवार का सदस्य मानता है. उनको अपने बारे में भी सोचना चाहिए कि उन्होंने कितने मुस्लिम देशों पर हमला किया है। ” 

राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर में एक कार्यक्रम में कहा, “अब मुस्लिम देश भी मानते हैं कि आतंकवाद अस्वीकार्य है. भारत और अमेरिका ने संयुक्त बयान में स्पष्ट रूप से कहा है कि संयुक्त राष्ट्र-सूचीबद्ध आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई होनी चाहिए, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन शामिल हैं।