*श्री हरिहरौ*
*विजयतेतराम*
*सुप्रभातम*
*आज का पञ्चाङ्ग*
*_मंगलवार, २७ जून २०२३_*
सूर्योदय: 🌄 ०५:३९
सूर्यास्त: 🌅 ०७:२०
चन्द्रोदय: 🌝 १३:१२
चन्द्रास्त: 🌜२५:०१
अयन 🌖 दक्षिणायणे
(उत्तरगोलीय)
ऋतु: ⛈️ वर्षा
शक सम्वत:👉१९४५(शोभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०८०(पिंगल)
मास 👉 आषाढ
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 नवमी (२७:०५ से
दशमी)
नक्षत्र👉हस्त(१४:४३ से चित्रा
योग 👉 वरीयान् (०६:२४
से परिघ)
प्रथम करण👉बालव(१४:४०तक
द्वितीय करण 👉 कौलव
(२७:०५ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मिथुन
चंद्र 🌟 तुला (२७:२७ से)
मंगल 🌟 कर्क
(उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध🌟मिथुन(अस्त,पूर्व,मार्गी)
गुरु🌟मेष(उदित,पश्चिम,मार्गी)
शुक्र🌟कर्क(उदित, पश्चिम)
शनि 🌟 कुम्भ
(उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५२ से १२:४८
अमृत काल 👉 ०८:१३ से ०९:५७
रवियोग 👉 १४:४३ से २९:१८
विजय मुहूर्त 👉 १४:४१ से १५:३७
गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:२१ से १९:४१
सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:२२ से २०:२२
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०० से २४:४०
राहुकाल 👉 १५:५१ से १७:३७
राहुवास 👉 पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०८:४९ से १०:३४
होमाहुति 👉 शुक्र
दिशा शूल 👉 उत्तर
अग्निवास 👉 आकाश
चन्द्र वास 👉 दक्षिण (पश्चिम २७:२८ से)
शिववास 👉 गौरी के साथ (२७:०५ से सभा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – रोग २ – उद्वेग
३ – चर ४ – लाभ
५ – अमृत ६ – काल
७ – शुभ ८ – रोग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – काल २ – लाभ
३ – उद्वेग ४ – शुभ
५ – अमृत ६ – चर
७ – रोग ८ – काल
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
पश्चिम-दक्षिण (धनिया अथवा दलिया का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
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भड़ल्या (भड़ली) नवमी, गुप्त नवरात्री समाप्त, विवाहादि मुहूर्त कर्क लग्न (प्रातः ०७:०२ से प्रातः ०९:२१) तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १४:४३ तक जन्मे शिशुओ का नाम हस्त नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ण, ठ) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम चित्रा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (पे, पो, रा) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मिथुन – २८:३४ से ०६:४९
कर्क – ०६:४९ से ०९:१०
सिंह – ०९:१० से ११:२९
कन्या – ११:२९ से १३:४७
तुला – १३:४७ से १६:०८
वृश्चिक – १६:०८ से १८:२७
धनु – १८:२७ से २०:३१
मकर – २०:३१ से २२:१२
कुम्भ – २२:१२ से २३:३८
मीन – २३:३८ से २५:०१
मेष – २५:०१ से २६:३५
वृषभ – २६:३५ से २८:३०
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पञ्चक रहित मुहूर्त
मृत्यु पञ्चक – ०५:१८ से ०६:४९
अग्नि पञ्चक – ०६:४९ से ०९:१०
शुभ मुहूर्त – ०९:१० से ११:२९
रज पञ्चक – ११:२९ से १३:४७
शुभ मुहूर्त – १३:४७ से १४:४३
चोर पञ्चक – १४:४३ से १६:०८
शुभ मुहूर्त – १६:०८ से १८:२७
रोग पञ्चक – १८:२७ से २०:३१
शुभ मुहूर्त – २०:३१ से २२:१२
मृत्यु पञ्चक – २२:१२ से २३:३८
अग्नि पञ्चक – २३:३८ से २५:०१
शुभ मुहूर्त – २५:०१ से २६:३५
मृत्यु पञ्चक – २६:३५ से २७:०५
अग्नि पञ्चक – २७:०५ से २८:३०
शुभ मुहूर्त – २८:३० से २९:१८
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज भी दिन के प्रथम भाग में लाभ के अवसर मिलेंगे लेकिन इसके बाद का समय खर्चीला ही रहेगा फिर भी बीते कल की अपेक्षा आज अनावश्यक खर्चो पर नियंत्रण करने में सफल रहेंगे। परिजनों की मनोकामना पूर्ण होने से घर मे आनंद का वातावरण रहेगा। कार्य स्थल पर आज अव्यवस्था अधिक रहेगी समय भी कम ही दे पाएंगे लेकिन फिर भी धन लाभ कही ना कही से अकस्मात हो ही जायेगा। यात्रा पर्यटन एवं मनोरंजन की इच्छा मध्यान बाद अवश्य पूर्ण होगी। वाहन सावधानी से चलाए चोट लगने का भय है। आज आपकी वाणी की सौम्यता नए सम्बंध स्थापित करने में सहायता करेगी। घर के किसी बुजुर्ग से शुभकार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। शुभ समाचार मिलने से मन में आनंद छाया रहेगा। संतानों के व्यवहार से आज थोड़ी पीड़ा भी होगी।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
बीते कल की अपेक्षा आज के दिन आप प्रत्येक कार्यो में दिमाग की अपेक्षा अपने मन की सुनेगे। स्वभाव में भावुकता भी अधिक रहेगी जिसके कारण किसी की छोटी बातो को दिन से लगा लेंगे। परिवार में चुगली एवं ईर्ष्यालु वातावरण रहने से बाहर समय बिताना अधिक भायेगा। महिलाये आज किसी बात को लेकर अंदर से जली भुनी रहेंगी घर मे अव्यवस्था फैलने का कारण भी महिलाये ही रहेंगी। कार्य-व्यवसाय से मध्यान के बाद ही लाभ मिल सकेगा। किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के कारण भाग-दौड़ रहेगी लेकिन सफलता को लेकर मन में संशय रहेगा। संतानों के भविष्य के कारण भी चिंता रहेगी। मध्यान के बाद किसी स्त्री द्वारा लाभ की संभावना है। नौकरी पेशा जातक अधिकारी वर्ग से सतर्क रहें। आलस्य भारी पड़ सकता है।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन भी आपके लिए अशुभ रहेगा। पारिवारिक बहस के कारण बनी बनाई योजनाए बिगड़ेंगी मानसिक संताप भी दिन भर बना रहेगा। आज अशांति का मुख्य कारण धन ही रहेगा। व्यवसाय क्षेत्र पर भी उधारी को लेकर किसी से तीखी झड़प होने की संभावना है। धन की आमद के लिए किसी की चापलूसी भी करनी पड़ेगी। बेरिजगार लोग भविष्य की चिंता को लेकर निराशा से भरे रहेंगे। महिलाये भी आज आवश्यकता से अधिक बोलने के कारण घर मे नए विवाद को जन्म देंगी। आपकी अथवा घर में किसी सदस्य की सेहत ख़राब होने से अतिरिक्त भाग-दौड़ करनी पड़ेगी। किसी अरिष्ट की चिंता से मन व्याकुल रहेगा। सहकर्मियों का सहयोग मिलने से थोड़ी राहत मिलेगी। कर्ज लेना पड़ सकता है।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आप कार्य व्यवसाय में कम ही ध्यान देंगे फिर भी आवश्यकता अनुसार धन की प्राप्ति हो ही जाएगी। दिन का आरंभिक भाग आलस्य की भेंट चढेगा इसके बाद घरेलू एवं अन्य आवश्यक कार्य एक साथ मिलने से दुविधा में पड़ जाएंगे लेकिन परिवार के बुजुर्ग एवं महिलायें आपको दुविधा से बाहर निकालने में सहयोग करेंगे। कारोबारी लोग मध्यान तक दिन भर की कसर पूरी कर लेंगे। आज आपके किसी सरकारी उलझन में भी फंसने की संभावना है। आज आपके स्वाभाव में नरमी रहने से परिजनों के साथ चल रहे मतभेद सामान्य होंगे। कला एवं संगीत में आज विशेष रूचि रहेगी। किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति का सहयोग मिलने से रुके घरेलू कार्य पूर्ण होंगे। नजदीकी रिश्तेदारो से शुभ समाचार मिलेगा।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपका अधिकांश समय काल्पनिक दुनिया की सैर में बीतेगा। मन मे बड़ी-बड़ी योजनाए बनायेगे परन्तु इनको साकार करने में फिसड्डी साबित होंगे। महिलाये भी आज परिवार एवं सार्वजनिक क्षेत्र में स्वयं की आवश्यकता से अधिक बड़ाई करने पर हास्य की पात्र बनेंगी लेकिन गृहस्थी के लिए फिर भी उपयोगी ही रहेंगी। कारोबार को लेकर आशाये तो बहुत रहेंगी परन्तु आकस्मिक निर्णय लेने के समय दुविधा में पड़ेंगे जिसके कारण आज सीमित साधनों से ही काम चलाना पड़ेगा। शारीरिक एवं मानसिक रूप से चुस्त-रहेंगे। परिवार के प्रति आज अधिक संवेदनशील रहेंगे। कार्य व्यवसाय से समय निकाल आज मनोरंजन एवं आराम में अधिक समय बितायेंगे। धार्मिक स्थानों के पर्यटन का अवसर मिलेगा।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आपका ध्यान काम पर कम और सुखोपभोग पर अधिक रहेगा लेकिन कार्य क्षेत्र पर स्थिति अनुकूल रहने से धन संबंधित समस्या नही रहेगी। नौकरी वाले लोग व्यवसायियों की अपेक्षा अधिक निश्चिन्त रहेंगे। आज किसी नजदीकी व्यक्ति की जमानत अथवा समझौता भी कराना पड़ेगा जसमे ना चाह कर भी समय एवं धन की बर्बादी होगी। महिलाये आज घरेलू वस्तुओ की खरीददारी के साथ ही व्यक्तिगत कार्यो पर अधिक खर्च करेंगी। आज आप किसी परिजन के नखराले व्यवहार से परेशान भी रहेंगे। नौकरी वाले जातक घरेलु कार्य की अनदेखी कर एकांत में समय बिताना पसंद करेंगे। सामाजिक अथवा पारिवारिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। घर में किसी मांगलिक कार्यक्रम की रूप रेखा बनेगी।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन भी आपके लिए विपरीत फलदायी रहने वाला है। दैनिक कार्यो को छोड़ शेष सभी कार्यो में संघर्ष करना पड़ेगा। आज किसी भी कार्य को करने का उत्साह नही बनेगा और जो कार्य करने का प्रयास करेंगे उसमे कुछ ना कुछ विघ्न अवश्य आएंगे अथवा अधूरा रह जायेगा। खर्च चलाने के लिए जमा पूंजी का इस्तेमाल करना पड़ेगा जिससे घर का बजट गड़बड़ायेगा। परिजनों को खुश रखने के लिए आज अनावश्यक खर्च भी करने पड़ेंगे। सेहत नरम-गरम रहने से आलस्य एवं शीघ्र थकावट अनुभव होगी। कार्य क्षेत्र पर आज आपके दयालु स्वाभाव के कारण प्रतिस्पर्धी हावी रहेंगे। लेन-देन में धन अटक सकता है बेहतर रहेगा आज इससे बचें। नौकरो से मीठा बोल कर कार्य निकाले।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज भी आपके लिए लाभ की स्थिति यथावत बनी रहेगी लेकिन आज आप ज्यादा मेहनत करने के पक्ष में नही रहेंगे जिससे होने वाले लाभ में कुछ कमी आयेगी। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धी हावी रहेंगे फिर भी आपके हिस्से का लाभ मिलकर ही रहेगा। धन के कारण आज मन की इच्छाओं को नही मारना पड़ेगा। महिला मित्रो से अंतरंग संबंध बनेंगे इनके ऊपर खर्च भी अधिक होगा। रिश्तेदारों एवं पुराने मित्रों से भेंट होगी। आज आपके स्वभाव में अहम की भावना रहने से बाहरी व्यक्ति को दुखद अनुभूति ही होगी। लेकिन परिजनों से स्वार्थ सिद्धि के लिए मधुर व्यवहार करेंगे। व्यवसाय में अधिक लाभ पाने के लिए अनैतिक कार्यो में लिप्त होंगे। मनोरंजन पर्यटन से आनंद मिलेगा। आकस्मिक धन लाभ होगा।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन भी आपके लिए शुभ फलदायी रहेगा। घर एवं बाहर सब जगह आपकी प्रशंशा होगी। व्यवहार कुशलता आज सभी जगह काम आएगी किसी से भी अपना काम निकालने के लिए ज्यादा मशक्कत नही करनी पड़ेगी। महिलाये आज परिवार के प्रति अधिक समर्पित रहेंगी लेकिन विपरीत लिंगीय लगाव अधिक रहने से मानसिक दुख के प्रसंग भी बनेंगे। कार्य व्यवसाय में नए लाभ के अनुबंध मिलने की सम्भवना है लापरवाही से बचें। आज आपके सभी कार्य स्वतः होते नजर आएंगे। स्त्री अथवा पति के सहयोग से भाग्योदय हो सकता है। व्यवहार में मृदुलता रखें आकस्मिक लाभ की संभावना बढ़ेगी। पैतृक संपत्ति का विवाद सुलझने से राहत मिलेगी।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज आपके दैनिक कार्यो का आरंभ विलंब से होगा। प्रातः काल धर्म कर्म में समय देंगे धार्मिक स्थल की यात्रा भी होगी। आध्यात्म में अधिक रुचि रहने से मानसिक रूप से शांति अनुभव करेंगे। परन्तु आज घर मे किसी के गलत आचरण के कारण शांति भंग भी होगी। कार्य व्यवसाय पर अन्य लोगो के ऊपर ज्यादा निर्भर रहना पड़ेगा जिसके परिणाम स्वरूप आशानुकूल लाभ से वंचित रहेंगे फिर भी खर्च चलाने लायक धन मिल जाएगा। महिलाये आज घरेलू कामो पर कम ही ध्यान देंगी। आज आपका ध्यान परिवार में सुख शान्ति कायम रखने पर रहेगा। घर में सुख के साधनों पर खर्च करेंगे। घूमने-फिरने के अवसर भी मिलेंगे। परिजनों के साथ भविष्य का चिंतन होगा।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन परिस्थितियों में थोड़ा बहुत हीं सुधार आएगा। मानसिक बेचैनी आज भी बनी रहेगी। नौकरी पेशा जातको की दिनचर्या आज विशेष संघर्ष वाली रहेगी व्यवसायी वर्ग भी जोड़ तोड़ करके ही थोड़ा बहुत लाभ प्राप्त कर सकेंगे। धन की आमद न्यून रहेगी परन्तु खर्च आवश्यकता से अधिक होने पर आर्थिक स्थिति गड़बड़ायेगी। महिला वर्ग सेहत की अनदेखी करने के कारण बीमारी को बढ़ाएंगी। आपका आज का दिन भी निराशा से भरा रहेगा। सम्पति का विवाद बढ़ने से परिवार में तना-तनी हो सकती है। कार्य क्षेत्र पर भी आज उदासीनता छायी रहेगी। लाभ के अवसर मिलते हुए भी हाथ से निकल सकते है। आज हर क्षेत्र पर विवेक एवं संयम का परिचय दें ।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन आपके लिए आनंद दायक रहेगा लेकिन आज घरेलू कलह से बचने के लिए व्यावहारिक होना अतिआवश्यक है। आपकी टालने वाली आदत परिजनों के लिए नई परेशानी खड़ी करेगी। व्यवसायियो के लिए आज का दिन आर्थिक रूप से पहले से बेहतर बनेगा। कार्य क्षेत्र पर कम समय एवं लागत में अधिक मुनाफा कमा लेंगे। महिलाओ को भी अकस्मात धन अथवा अन्य वस्तुओं की प्राप्ति होगी स्वभाव से लालची भी रहेंगी। आज धन का खर्च आय की तुलना में अधिक रहेगा फिर भी मानसिक रूप से दिन भर प्रसन्न रहेंगे। घर में मेहमानों के आने से चहल-पहल रहेगी। कीमती वस्तुओ की खरीददारी पर खर्च होगा। प्रियजनों के साथ उत्तम भोजन पर्यटन सुख मिलेगा।
उत्तराखण्ड के चमोली क्षेत्र में गोपेश्वर में स्थित एक प्राचीन हिन्दू सनातन धर्म संस्कृति का मंदिर है. भगवान शिव को समर्पित यह धाम भारत के प्रमुख पौराणिक रमणीय स्थलों मे से एक है. इस पवित्र स्थल के दर्शन मात्र से ही समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं. गोपेश्वर धाम केदारनाथ मंदिर के बाद सबसे प्राचीन स्थलों की श्रेणी में आता है।
उत्तराखण्ड का यह स्थल चार धाम की यात्रा के दौरान देखा जा सकता है. इसके निर्माण और वास्तु का स्वरूप सभी को आकर्षित करता है. पौराणिक महत्व लिए गोपीनाथ मंदिर शैव मत के साधकों का प्रमुख तीर्थ स्थल है. गोपेश्वर आने वाले तीर्थ यात्री गोपीनाथ मंदिर के दर्शन करना नहीं भूलते.
गोपेश्वर धाम का पौराणिक स्वरुप |
गोपेश्वर में स्थित भोले नाथ के मंदिर को लेकर विभिन्न धार्मिक पौराणिक महत्व भी जुडे हुए हैं. पुराणों मे इस जगह के बारे में ज्ञात होता है कि यह स्थल भगवान शिव की तपोस्थली बना था. यहां पर भगवान शिव ने अनेक वर्षों तक तपस्या की तथा भगवान शिव द्वारा कामदेव को इसी स्थान पर भस्म किया गया था. कहा जाता है कि सती के देह त्याग के पश्चात जब भगवान शिव तप में लीन हो गए थे.
तब ताड़कासुर नामक राक्षस ने तीनो लोकों में आतंक मचा रखा था. तथा कोई भी उसे हरा नहीं पाया तब ब्रह्मा के कथन अनुसार शिव का पुत्र ही इसे मार सकता है. सभी देवों ने भगवान शिव की आराधना करनी शुरू कर दी परंतु शिव अपनी तपस्या से नहीं जागे इस पर इंद्र ने कामदेव को यह कार्य सौंपा ताकी भगवान शिव तपस्या को समाप्त करके देवी पार्वती से विवाह कर लें और उनसे उत्पन्न पुत्र ताड़कासुर का वध कर सके.
इसी वजह से इंद्र ने कामदेव को शिव की तपस्या भंग करने भेजा और जब कामदेव ने भगवान शिव पर अपने काम तीरों से प्रहार किया तो भगवान शिव की तपस्या भंग हो गई तथा शिव ने क्रोधित हो कामदेव को मारने के लिए अपना त्रिशूल फेंका तो वह त्रिशूल इस स्थान पर गढ़ गया जहां पर वर्तमान में गोपीनाथ जी का मंदिर स्थापित है. इसके अतिरिक्त एक अन्य कथा अनुसार यहां पर राजा सगर का शासन था.
कहते हैं कि उस समय एक विचित्र घटना घटी एक गाय जो प्रतिदिन इस स्थान पर आया करती थी तथा उसके स्तनों का दूध स्वत: ही यहां पर गिरने लगता जब राजा को इस बात का पता चला तो राजा ने सिपाहियों समेत उस गाय का पीछा किया संपूर्ण घटनाक्रम को देखकर राजा के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा जहां गाय के दूध की धारा स्वतः ही बह रही थी वहां पर एक शिव लिंग स्थापित था. इस पर राजा ने उस पवित्र स्थल पर मंदिर का निर्माण किया.
कुछ लोगों का कथन है कि जब राजा ने यहां मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करवाया तो भूमि धँसने लगी तब राजा ने यहां पर अपने पुत्र की बलि दी जिसके फलस्वरूप मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण हो सका इस कथन के सत्यता का प्रमाण मन्दिर के आस पास की धंसी हुई ज़मीन से ज्ञात होता है साथ ही मान्यता है की यहां आने वाले व्यक्ति को भैरव जी के दर्शन अवश्य करने चाहिए तभी भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
गोपेश्वर धाम महत्व |
चमोली के गोपेश्वर में स्थित य्ह स्थल लोगों कि आस्था एवं विश्वास का प्रमुख केन्द्र है इसमें एक बहुत बडा़ त्रिशुल स्थापित है. इस त्रिशूल की धातु का सही ज्ञान तो नहीं हो पाया है परंतु इतना अवश्य है कि यह अष्ट धातु का बना होगा. त्रिशुल आज भी सही सलामत खड़ा हुआ है इस त्रिशुल पर वहां के मौसम का तनिक भी प्रभाव नहीं पडा. और न ही इस त्रिशुल को उसके स्थान से हिलाया जा सका अभी भी वह उसी अवस्था स्थित में गढा़ हुआ है.
इस मंदिर में शिवलिंग, परशुराम, भैरव जी की प्रतिमाएं विराजमान हैं. मंदिर के निर्माण में भव्यता का अंदाजा लगाया जा सकता है. मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग स्थापित है मंदिर से कुछ दूरी पर वैतरणी नामक कुंड स्थापित है जिसके पवित्र जल में स्नान करने का विशेष महत्व है. सभी तीर्थ यात्री इस पवित्र स्थल के दर्शन प्राप्त करके परम सुख को पाते हैं।
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*सदाचार की स्वतंत्रता*
*अ* ब निजी स्वतंत्रता हम,
*आ* चरण में अपनी बनाएं।
*इ* क सतसमाज सभीजन,
*ई* ईश्वर मन में बसाएं।।
*उ* त्पन्न करें परस्पर सद्व्यवहार
*ऊ* र्जा में प्रतिबद्धता बनाएं।
*ऋ* षियों सा आचार-व्यवहार करके
*ए* कदिन मानव को देव बनाएं।।
*ऐ* सा बने आचरण हमारा,
*ओ* र-छोर सात्त्विक हो जाए।
*औ* रों का हित नष्ट न हो
*अं* श सत् के सदव्यवहार सुहाए।।
*’अ:’* स्वतन्त्र हो निजी आचरण,
*क* र्म करे सुंदर फल पाए।
*ख* टके न आचार किसी का,
*ग* र हम सतसमाज बसाएं।।
*घ* ड़ी आये कि वाणी-भाषा
*’ड़.’* जैसी मुफ्त हो जाए।
*च* लती रहे प्रथा-परम्परा,
*छ* ल बल कोई रोक न पाए।।
*ज* ग में हो उत्सव-उपासना
*झ* रने जैसी सरल बहाए।
*ट* ले नियंत्रण अब गैरों का,
*ठ* ग की नीति अगर हट जाए।।
*ड* र भी निजी चरित्रहनन का,
*ढ* लकर यदि दूर अब जाए।
*त* ब समझो असत दासता
*थ* मकर सदा यहीं रुक जाए।।
*द* सों दिशाओं में अब हमसब,
*ध* र्म सत की ज्योति जलाएं।
*न* यन सत्य का अगर खुल सके
*प* रम पवित्र समाज बनाए।।
*फ* ल उत्थान-पतन खुद से ही
*ब* ने भला या फिर बिगड़ जाए।
*भ* ले लोग सब सत चाहते
*म* त हो निजी तभी सुख पाए।।
*य* हाँ जगत में जीना मरना,
*र* हे निजी सारी इच्छाएं।
*ल* लक प्रगति और अगति की,
*व* ह भी निजी चयन से आएं।।
*श* रण मिले ‘सत’ की तब ही,
*ष* ड्यंतत्रों का बोझ हटाएं।
*स* त्य से प्रेम न्याय पुण्य हो,
*ह* म ऐसा सतधर्म जगाएं।।
*क्ष* त्रियत्व का भाव बनाएं।
*त्र* यात्मक हो प्रकृति बुद्धि में,
*ज्ञा* न सचेतना सबको पहुंचाएं।
(*नरेंद्र रावत ‘नरेन’**साहित्यिक सचेतना*)