उत्तराखंड की बेटी बनीं इसरो में वैज्ञानिक

आज बेटियां हर क्षेत्र में अपनी कामयाबी का परचम लहरा रही हैं और देश और प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं, इसी कड़ी में देहरादून की रहने वाली शीतल बिष्ट ने भी इसरो में साइंटिस्ट बनकर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने हाल ही में इसरो में ज्वाइन किया है। जिसके कुछ ही दिनों बाद उन्होंने जीसेट-9 की ऐतिहासिक लांचिंग इसरो के कंट्रोल रूम में बैठकर लाइव देखी। शीतल के पिता संतोष कुमार बिष्ट आर्म्ड फोर्स से रिटायर्ड हैं। जबकि माता अंजना बिष्ट ग्रहणी हैं। मूलरूप से पौड़ी जिले के गगवाड्स्यूं पट्टी के गांव बणगांव मल्ला का रहने वाला शीतल का परिवार देहरादून के क्लेमनटाउन में रहता है। उनकी प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा देहरादून में ही हुई है। उन्होंने ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक किया है। बीटेक के दौरान ही कैम्पस सलेक्शन में उन्हें विप्रो व इंफोसिस जैसी कंपनियों ने जॉब ऑफर की थी। लेकिन उन्होंने एमटेक को अहमियत दी। इस बीच इसरो से आईसीआरबी के रिटर्न एक्जाम का फार्म भरा और पहले ही प्रयास में उन्हें सफलता मिल गई। 19 मई को उन्होंने इसरो साइंटिस्ट सी के रूप में ज्वाइन किया है।