उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट के साथ प्रयागराज महाकुंभ में त्रिवेणी में लगाई डुबकी, महाकुंभ में आयूष नाम बता कर घुसा अयूबखान गिरफ्तार!, प्रातः करदर्शन अर्थात्ह थेलियों का महात्म्य, आज का पंचाग आपका राशि फल

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज महाकुंभ में कैबिनेट बैठक की और कैबिनेट मंत्रियों के साथ लगाई त्रिवेणी में डुबकी 🚩🔥🌺🙏🏻🕉️🙏🏻🌺🔥🚩

  🌺🙏 *जय श्री गणेशाय नमः*🙏🌺

  🌺🙏 *महर्षि पाराशर पंचांग* 🙏🌺

*दिनांक:- 23/01/2025, गुरुवार*

नवमी, कृष्ण पक्ष, माघ __(समाप्ति काल)

तिथि———– नवमी 17:37:07 तक 

पक्ष———————— कृष्ण

नक्षत्र——— विशाखा 29:07:17

योग————- गण्ड 29:05:25

करण————– गर 17:37:07

करण———– वणिज 30:35:31

वार———————– गुरूवार

माह————————- माघ

चन्द्र राशि—— तुला 22:31:39

चन्द्र राशि—————- वृश्चिक 

सूर्य राशि—————– मकर

रितु———————— शिशिर

आयन—————— उत्तरायण

संवत्सर——————– क्रोधी

संवत्सर (उत्तर) ————–कालयुक्त

विक्रम संवत—————- 2081 

गुजराती संवत————– 2081 

शक संवत—————— 1946 

कलि संवत—————– 5125

दिल्ली 

सूर्योदय————– 07:14:37 

सूर्यास्त————– 17:51:41

दिन काल———— 10:37:03

रात्री काल———– 13:22:35

चंद्रास्त————– 12:22:32 

चंद्रोदय—————- 26:33:38*

लग्न—- मकर 9°5′ , 279°5′

सूर्य नक्षत्र———— उत्तराषाढा 

चन्द्र नक्षत्र—————- विशाखा

नक्षत्र पाया—————— रजत 

*💮 🚩 पद, चरण 🚩 💮*

ती—- विशाखा 09:14:28

तू—- विशाखा 15:54:00

ते—- विशाखा 22:31:39

तो—- विशाखा 29:07:17

*💮 🚩 ग्रह गोचर 🚩 💮*

        ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद

==========================

सूर्य= मकर 09°40, उ o षा o 4 जी 

चन्द्र=तुला 22°30 , विशाखा 1 ती 

बुध =धनु 27°52 ‘ उ o षाo 1 भे 

शु क्र= कुम्भ 25°05, पू o फाo’ 2 सो 

मंगल=मिथुन 29°30 ‘ पुनर्वसु ‘ 3 हा 

गुरु=वृषभ 17°30 रोहिणी, 3 वी 

शनि=कुम्भ 22°28 ‘ पू o भा o , 1 से 

राहू=(व) मीन 06°10 उo भा o, 1 दू 

केतु= (व)कन्या 06°10 उ oफा o 3 पा 

*💮 🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩 💮*

राहू काल 13:53 – 15:12 अशुभ

यम घंटा 07:15 – 08:34 अशुभ

गुली काल 09:54 – 11: 14

अभिजित 12:12 – 12:54 शुभ

दूर मुहूर्त 10:47 – 11:29 अशुभ

दूर मुहूर्त 15:02 – 15:44 अशुभ

वर्ज्यम 08:48 – 10:35 अशुभ

प्रदोष 17:52 – 20:34 शुभ

💮चोघडिया, दिन

शुभ 07:11 – 08:31 शुभ

रोग 08:31 – 09:51 अशुभ

उद्वेग 09:51 – 11:11 अशुभ

चर 11:11 – 12:31 शुभ

लाभ 12:31 – 13:51 शुभ

अमृत 13:51 – 15:11 शुभ

काल 15:11 – 16:32 अशुभ

शुभ 16:32 – 17:52 शुभ

🚩चोघडिया, रात

अमृत 17:52 – 19:32 शुभ

चर 19:32 – 21:11 शुभ

रोग 21:11 – 22:51 अशुभ

काल 22:51 – 24:31* अशुभ

लाभ 24:31* – 26:11* शुभ

उद्वेग 26:11* – 27:51* अशुभ

शुभ 27:51* – 29:31* शुभ

अमृत 29:31* – 31:10* शुभ

💮होरा, दिन

बृहस्पति 07:11 – 08:04

मंगल 08:04 – 08:58

सूर्य 08:58 – 09:51

शुक्र 09:51 – 10:44

बुध 10:44 – 11:38

चन्द्र 11:38 – 12:31

शनि 12:31 – 13:25

बृहस्पति 13:25 – 14:18

मंगल 14:18 – 15:11

सूर्य 15:11 – 16:05

शुक्र 16:05 – 16:58

बुध 16:58 – 17:52

🚩होरा, रात

चन्द्र 17:52 – 18:58

शनि 18:58 – 20:05

बृहस्पति 20:05 – 21:11

मंगल 21:11 – 22:18

सूर्य 22:18 – 23:25

शुक्र 23:25 – 24:31

बुध 24:31* – 25:38

चन्द्र 25:38* – 26:44

शनि 26:44* – 27:51

बृहस्पति 27:51- 28:57

मंगल 28:57* – 30:04

सूर्य 30:04* – 31:10

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩* 

मकर > 05:34 से 07:24 तक

कुम्भ > 07:24 से 08:56 तक

मीन > 08:56 से 10:26 तक

मेष > 10:26 से 12:06 तक

वृषभ > 12:06 से 14:04 तक

मिथुन > 14:04 से 16:16 तक

कर्क > 16:16 से 18:38 तक

सिंह > 18:38 से 20:52 तक

कन्या > 20:52 से 23:14 तक

तुला > 23:14 से 01:14 तक

वृश्चिक > 01:14 से 04:28 तक

धनु > 04:28 से 05:38 तक

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें। 

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩🔥अग्नि वास ज्ञान -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

 15 + 9 + 5 + 1 = 30 ÷ 4 =2 शेष

 पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

राहु ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

  24 + 24 + 5 = 53 ÷ 7 = 4 शेष

सभायां = संताप कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

रात्रि 30:31 से प्रारम्भ 

स्वर्ग लोक = शुभ कारक 

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

 *सर्वार्थ सिद्धि योग 29:07 से 

*💮 🚩 शुभ विचार 🚩 💮*

दर्शनाध्यानसंस्पर्शैर्मत्सी कूर्मी च पक्षिणी ।

शिशुपालयते नित्यं तथा सज्जनसड्गतिः ।।

।। चा o नी o।।

जैसे मछली दृष्टी से, कछुआ ध्यान देकर और पंछी स्पर्श करके अपने बच्चो को पालते है, वैसे ही संतजन पुरुषों की संगती मनुष्य का पालन पोषण करती है.

*💮 🚩 सुभाषितानि 🚩 💮*

गीता -: क्षेत्र-क्षेत्रज्ञविभागयोग अo-13

पुरुषः प्रकृतिस्थो हि भुङ्‍क्ते प्रकृतिजान्गुणान्‌ ।,

कारणं गुणसंगोऽस्य सदसद्योनिजन्मसु ॥,

प्रकृति में (प्रकृति शब्द का अर्थ गीता अध्याय 7 श्लोक 14 में कही हुई भगवान की त्रिगुणमयी माया समझना चाहिए) स्थित ही पुरुष प्रकृति से उत्पन्न त्रिगुणात्मक पदार्थों को भोगता है और इन गुणों का संग ही इस जीवात्मा के अच्छी-बुरी योनियों में जन्म लेने का कारण है।, (सत्त्वगुण के संग से देवयोनि में एवं रजोगुण के संग से मनुष्य योनि में और तमो गुण के संग से पशु आदि नीच योनियों में जन्म होता है।,)॥,21॥

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष

नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। विरोधी सक्रिय रहेंगे। नौकरी में प्रमोशन के योग हैं। उत्साह व प्रसन्नता में वृद्धि होगी। समय पर निर्णय लेने से काम बनेंगे। आलस्य त्यागकर काम पर ध्यान दें।

🐂वृष

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। किसी भी अपरिचित पर अंधविश्वास न करें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। दूसरे आपसे अधिक अपेक्षा करेंगे। काम में विलंब होगा। आय बनी रहेगी। बाहरी सहयोग मिलेगा। कुसंगति से बचें। फालतू खर्च होगा। अतिरिक्त सावधानी की आवश्यकता है।

👫मिथुन

स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। लेन-देन में जल्दबाजी से हानि संभव है। कोई भी बड़ा निर्णय सोच-समझकर करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। विवाद न करें। शोक समाचार मिल सकता है, धैर्य रखें। भागदौड़ अधिक होगी।

🦀कर्क

प्रभावशाली व्यक्तियों से परिचय होगा। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। उत्तेजना से समस्या बढ़ सकती है। राजकीय कोप का भाजन बन सकते हैं। जल्दबाजी न करें। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। घर में अतिथियों का आगमन होगा। प्रसन्नता में वृद्धि होगी।

🐅सिंह

मेहनत सफल रहेगी। सामाजिक प्रति‍ष्ठा में वृद्धि होगी। समाज के वरिष्ठजनों से मेलजोल बढ़ेगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नए कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। घर-परिवार का सहयोग प्राप्त होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। मनोरंजन के साधन प्राप्त होंगे।

🙍‍♀️कन्या

मनपसंद भोजन का आनंद मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। पठन-पाठन व लेखन आदि के काम सफल रहेंगे। आय में वृद्धि होगी। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। किसी विशेष व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त हो सकता है। आशंका-कुशंका हो सकती है। काम पर ध्यान दें। प्रसन्नता रहेगी।

⚖️तुला

जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। मनोरंजन का अवसर प्राप्त होगा। शत्रु शांत रहेंगे। किसी प्रभावशाली व्यक्ति के सहयोग से कार्य की बाधा दूर होगी। व्ययवृद्धि होगी। नए काम मिल सकते हैं। परिवार का सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। विवाद न करें। जोखिम न उठाएं।

🦂वृश्चिक

प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। शत्रु सक्रिय रहेंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। तीर्थयात्रा का आनंद मिलेगा। दुष्टजनों से दूर रहें, हानि पहुंचा सकते हैं। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। परिवार के साथ जीवन सुखमय रहेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी।

🏹धनु

यात्रा मनोरंजक रहेगी। मेहनत का फल मिलेगा। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। स्वयं की देनदारी समय पर चुका पाएंगे। भाइयों से सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता तथा संतुष्टि होगी। शत्रु शांत रहेंगे। आय में वृद्धि होगी। ऐश्वर्य के साधनों पर खर्च होगा। जल्दबाजी न करें।

🐊मकर

बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। बाहरी व्यक्ति की बातों में न आएं। बड़ा काम करने का मन बनेगा। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। जीवन सुखमय गुजरेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। भूमि, भवन, दुकान, फैक्टरी व शोरूम आदि की खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। संपत्ति से लाभ होगा।

🍯कुंभ

मान-सम्मान मिलेगा। मनोरंजन के अवसर मिलेंगे। नए काम मिल सकते हैं। अवसर का लाभ लें। पार्टनरों से मतभेद दूर होकर सहयोग मिलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। विवेक से कार्य करें। लाभ में वृद्धि होगी। प्रसन्नता बनी रहेगी। समाज के वरिष्ठजनों से मेलजोल बढ़ेगा।

🐟मीन

आज की शिथिलता हानि दे सकती है, विशेषकर गृहिणियां सावधानी रखें। किसी के उकसावे को अनदेखा करें। बात बढ़ सकती है। काम में मन नहीं लगेगा। नौकरी में मातहतों से कहासुनी हो सकती है। आय बनी रहेगी। अनजाने निर्णय उठाने व जल्दबाजी करने से बचें। आपका दिन मंगलमय हो🙏🌺🌺

प्रातः उठते ही ‘कर (हथेली) दर्शन’ का महत्त्व

हमारी संस्कृति हमें धर्ममय जीवन जीना सिखाती है। हमारा जीवन सुखी, समृद्ध, आनंदमय बने इसके लिए संस्कार रचे गए और दिनचर्या तय की गई। दिनचर्या का आरंभ नींद खुलने के तत्काल बाद शुरू हो जाता है। दिन की शुरुआत का पहला कदम है- कर दर्शनम् अर्थात हथेलियों को देखना। सुबह उठते ही सबसे पहले हमें हथेलियों के ही दर्शन करना चाहिए। यहां जानिए क्या होता है सुबह-सुबह हथेलियों के दर्शन करने से…

सुबह सुहानी हो तो दिन अच्छा गुजरता है। दिन अच्छा हो इसके लिए हम सुबह अपने अंदर और बाहर अर्थात मन में और घर में शांति और प्रसन्नता चाहते हैं। हम आंख खुलते ही कोई ऐसी चीज देखना पसंद नहीं करते जिससे हमारा दिन खराब हो। हमारा दिन हमारे लिए शुभ हो इसके लिए ऋषियों ने कर दर्शनम् का संस्कार हमें दिया है।

कैसे करें कर दर्शनम् 

सुबह जब नींद से जागें तो अपनी हथेलियों को आपस मे मिलाकर पुस्तक की तरह खोल लें और यह श्लोक पढ़ते हुए हथेलियों का दर्शन करें-

कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती।

कर मूले स्थितो ब्रह्मा प्रभाते कर दर्शनम्॥

अर्थात:- (मेरे) हाथ के अग्रभाग में लक्ष्मी का, मध्य में सरस्वती का और मूल भाग में ब्रह्मा का निवास है।

हथेलियों के दर्शन करते समय एक और मंत्र भी बोला जाता है…

कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती।

करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ॥

अर्थात:- (मेरे) हाथ के अग्रभाग में लक्ष्मी का, मध्य में सरस्वती का और मूल भाग में भगवान विष्णु का निवास है।

हथेलियों के दर्शन का मूल भाव तो यही है कि हम अपने कर्म पर विश्वास करें। हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि ऐसे कर्म करें जिससे जीवन में धन, सुख और ज्ञान प्राप्त करें। हमारे हाथों से ऐसा कर्म हों जिससे दूसरों का कल्याण हो। संसार में इन हाथों से कोई बुरा कार्य न करें।

हथेलियों के दर्शन के समय मन में संकल्प लें कि मैं परिश्रम कर दरिद्रता और अज्ञान को दूर करूंगा और अपना व जगत का कल्याण करूंगा।

हाथों का ही दर्शन क्यों 

हमारी संस्कृति हमें सदैव कर्म का संदेश देती है। जीवन के चार आधार- धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को पुरुषार्थ कहा गया है। ईश्वर पुरुषार्थी मनुष्य की ही सहायता करते हैं। कर्म से हम अपने जीवन को स्वर्ग बना सकते हैं और नर्क में भी ढकेल सकते हैं। मनुष्य के हाथ शरीर के महत्वपूर्ण अंग हैं। हमारे दो हाथ पुरुषार्थ और सफलता के प्रतीक हैं।

इस परंपरा के संबंध में वेद कहते हैं

कृतं मे दक्षिणेहस्ते जयो मे सष्य आहित:।

अथर्ववेद 7/50/8

अर्थात:- मेरे दाहिने हाथ में पुरुषार्थ है और बाएं हाथ में सफलता। भावार्थ यही है कि हम यदि परिश्रम करते हैं तो सफलता अवश्य मिलती है। हमे अपने कर्म में पीछे नहीं हटना चाहिए, क्योंकि-

अयं मे हस्तो भगवानयं मे भगवत्तर:।

ऋग्वेद 10/60/12

अर्थात:- परिश्रम से हमारे हाथों में श्री और सौभाग्य होते हैं। अर्थ यह है कि हम परिश्रम करेंगे तो ही हमें धन मिलेगा। धन से हम सुख-समृद्धि का सौभाग्य पाएंगे। वेद हमें यह भी सचेत करते हैं कि हमारे हाथ से कोई बुरा काम न हो।

हस्तच्युतं जनयत प्रशस्तम्।

सामवेद -72

अर्थात:- हमारे हाथों से सदा श्रेष्ठ का निर्माण हो। हम सदा अच्छे काम करें। किसी का बुरा न करें। किसी को दु:ख न पहुंचाएं।

शिक्षा-

प्रभाते कर दर्शनम् का यही संदेश है। हम सुबह उठते ही अपनी हथेलियों के दर्शन कर अच्छे कार्य करने का संकल्प लें, ताकि दिनभर हमारे मन में कोई बुरे विचार न आएं। अच्छे कार्यां से ही हमारी अलग पहचान बनती है।

प्रयागराज में लगे महाकुंभ में नित्य लाखों लोग आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। वहीं अमृत स्नान के दिन ये संख्या करोड़ों तक पहुंच जाती है। 45 दिनों तक चलने वाले इस महाकुंभ मेले में सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। हालांकि इसी बीच सोशल मीडिया पर दो पुलिसकर्मी और एक साधु की तस्वीर के साथ एक दावा वायरल हो रहा है कि कुंभ मेले से साधु के भेष में आए अयूब खान नाम के आतंकी को गिरफ्तार किया गया है। आइए जानते हैं सोशल मीडिया पर वायरल इस दावे में कितनी सच्चाई है लोगों ने फेसबुक पर लिखा यकीन किजिये – ये साधु “अयूबखान” है.

करोड़ों साधुओं में इसे ढूंढना कितना दुश्कर है लेकिन यूपी पुलिस ने इसे गिरफ्तार किया है.

महाकुंभ में आग लगने की दुर्घटना भी संदेह के घेरे में है…

उत्तर प्रदेश के कुंभ मेले में आतंकी अयूब खान गिरफ्तार।साधु बनकर आया था और साधुओं में मिल गया था। सने सबसे बड़ा अपराध करने की साजिश रची थी जो उसका मजहब उसे सिखाता है। भगवान की कृपा से हमारे साधुओं ने इस आतंकी की करतूतों पर ध्यान दिया और इसे पुलिस के हवाले कर दियाउत्तर प्रदेश के कुंभ मेले में आतंकी अयूब खान गिरफ्तार।

भगवान की कृपा से हमारे साधुओं ने इस आतंकी की करतूतों पर ध्यान दिया और इसे पुलिस के हवाले कर दिया। क्या है वायरल दावे की सच?

जब सजग की टीम ने सोशल मीडिया के पोस्ट में किए गए दावे की पड़ताल करी तो दावा पूरी तरह से फर्जी निकला। सबसे पहले सजग की टीम में फेसबुक पोस्ट में दिए गए नाम को गूगल पर सर्च किया तो नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट मिली। जिसमें बताया गया कि महाकुंभ मेले में यति नरसिंहानंद सरस्वती के कैंप से एक संदिग्ध व्यक्ति गिरफ्तार को किया गया है। पूछताछ करने पर पहले उसने अपना नाम आयुष बताया, लेकिन जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो अपना नाम अयूब बताया। अभी तक की पूछताछ में पुलिसकर्मियों को उसके आतंकवादी होने के प्रमाण नहीं मिले हैं।