आज का पंचाग आपका राशि फल, आंग्ल कलेंडर और महाराजा विक्रमादित्य का इतिहास, समय का सतत सदुपयोग ही श्रेष्ठ विद्वता है

*🙏🏻हर हर महादेव🙏🏻*
*पुण्य लाभ के लिए इस पंचांग को औरों को भी अवश्य भेजिए🙏🏻🙏🏻*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 01 जनवरी 2024*
🌤️ *दिन – सोमवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – शिशिर ॠतु*
🌤️ *मास – पौष ( गुजरात और महाराष्ट्र अनुसार मार्गशीर्ष)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – पंचमी दोपहर 02:28 तक तत्पश्चात षष्ठी*
🌤️ *नक्षत्र – मघा सुबह 08:36 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी*
🌤️ *योग – आयुष्मान 02 जनवरी प्रातः 04:36 तक तत्पश्चात सौभाग्य*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 08:37 से सुबह 09:59 तक*
🌞 *सूर्योदय-07:17*
🌤️ *सूर्यास्त- 18:06*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण-
💥 *विशेष – पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

👉🏻 *घर मे समृद्धि बढाने के लिए नया कैलेंडर यहा पर लगाए*⤵️

🌷 *ऋण हो तो* 🌷
💰 *किसी के सिर पर कर्जा है तो एक सफेद कपड़ा ले लिया और पाँच फूल गुलाब के ले लिए |एक फूल हाथ में लिया और गायत्री मंत्र बोल देना :*
🌷 *ॐ भू र्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात् |*
🌹 *और कपड़े पर रख दिया | ऐसे पाँचो फूल गायत्री मंत्र जपते हुये कपडे पर रख दिये और कपड़े को गठान लगाईं और प्रार्थना पूर्वक कि मेरे सिर पर जो भार है.. हे भगवान, हे भागीरथी गंगा !! वो भार भी बह जाये, दूर हो जाये, नष्ट हो जाये ऐसा करके जो कपड़ा बाँधा है फूल रखकर वो बहते हुए पानी में (नदी में) बहा दे |*

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌷 *पौष मास* 🌷
🙏🏻 *पौष हिन्दू धर्म का दसवाँ महीना है। इस वर्ष 27 दिसम्बर 2023 (उत्तर भारत हिन्दू पंचांग के अनुसार) से पौष का आरम्भ हो गया है। (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार अभी मार्गशीर्ष मास है।) पौष मास की पूर्णिमा को अधिकांशतः चंद्र पुष्य नक्षत्र में होते हैं। तैत्तिरीय संहिता में पौष का नाम सहस्य बताया गया है। यह मास दक्षिणायनांत है। पौष मास में अधिकांशतः सूर्य धनु राशि में होते हैं। पौष मास को खर मास बहुत से लोग मानते हैं और इसमें कोई शुभ कार्य नहीं करते विशेषतः जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर जाएँ।*
🌷 *महाभारत अनुशासन पर्व* *अध्याय 106 के अनुसार “पौषमासं तु कौन्तेय भक्तेनैकेन यः क्षिपेत्। सुभगो दर्शनीयश्च यशोभागी च जायते।।” जो पौष मास को एक वक्त भोजन करके बिताता है वह सौभाग्यशाली, दर्शनीय और यश का भागी होता है ।*
🙏🏻 *शिवपुराण के अनुसार पौषमास में पूरे महिनेभर जितेन्द्रिय और निराहार रहकर द्विज प्रात:कालसे मध्यांन्ह कालतक वेदमाता गायत्रीका जप करें | तत्पश्चात रातको सोने के समयतक पंचाक्षर आदि मन्त्रों का जप करें | ऐसा करनेवाला ब्राह्मण ज्ञान पाकर शरीर छूटने के बाद मोक्ष प्राप्त कर लेता हैं |*
🙏🏻 *शिवपुराण के अनुसार पौष मास में नमक के दान से षडरस भोजन की प्राप्ति होती है।*
🙏🏻 *पौषमास में शतभिषा नक्षत्र के आने पर गणेश जी की पूजा करनी चाहिए*
🌷 *महाभारत अनुशासन पर्व में ब्रह्मा जी कहते हैं*
*पौषमासस्य शुक्ले वै यदा युज्येत रोहिणी। तेन नक्षत्रयोगेन आकाशशयनो भवेत्॥*
*एकवस्त्रः शुचिः स्नातः श्रद्दधानः समाहितः। सोमस्य रश्मयः पीत्वा महायज्ञफलं लभेत्॥*
🙏🏻 *पौषमास के शुक्ल पक्ष में जिस दिन रोहिणी नक्षत्र का योग हो, उस दिन की रात में मनुष्य स्नान आदि से शुद्ध हो एक वस्त्र धारण करके श्रद्धा और एकाग्रता के साथ खुले मैदान में आकाश के नीचे शयन करे और चन्द्रमा की किरणों का ही पान करता रहे । ऐसा करने से उसको महान यज्ञ का फल मिलता है।*
🙏🏻 *ब्रह्मवैवर्तपुराण, प्रकृतिखण्ड के अनुसार चैत्र, पौष तथा भाद्रपद मास के पवित्र मंगलवार को भगवान विष्णु ने भक्ति पूर्वक तीनों लोकों में लक्ष्मी पूजा का महोत्सव चालू किया। वर्ष के अन्त में पौष की संक्रान्ति के दिन मनु ने अपने प्रांगण में इनकी प्रतिमा का आवाहन करके इनकी पूजा की। तत्पश्चात तीनों लोकों में वह पूजा प्रचलित हो गयी।*
🙏🏻 *शिवपुराण के अनुसार धनु की संक्रांति से युक्त पौषमास में उष:काल में शिव आदि समस्त देवताओं का पूजन क्रमश: समस्त सिद्धियों की प्राप्ति करानेवाला होता हैं | इस पूजन में अगहनी के चावल से तैयार किये गये हविष्य का नैवेद्य उत्तम बताया जाता हैं | पौषमास में नाना प्रकार के अन्नका नैवेद्य विशेष महत्त्व रखता हैं |*

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आप लाभ पाने के लिए अपनी योग्यता एवं बुद्धिबल का पूर्ण उपयोग करेंगे इसका परिणाम आशाजनक ही रहेगा लेकिन किसी निकटस्थ व्यक्ति से विचार मेल ना खाने पर मतभेद भी होंगे। आज स्वयं के बल पर लिए निर्णय अन्य लोगो के मार्गदर्शन की अपेक्षा अधिक फलदायी सिद्ध होंगे। धन लाभ थोड़े परिश्रम के बाद जरूरत के अनुसार हो जाएगा लेकिन आज उधारी के कारण दिक्कते भी आएंगी। धन को लेकर किसी से तकरार हों सकती है। नौकरी पेशाओ पर अधिकारी मेहरबान रहेंगे फिर भी सतर्क रहें किसी अन्य की गलती की भरपाई आपको ही करनी पड़ेगी। महिलाओ में अहम की भावना रहेगी व्यवहार में भी स्वार्थ दिखेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आपके लिए साधारण ही रहेगा। दिन के आरंभ में व्यक्तिगत अथवा घरेलू कार्य में व्यस्त रहेंगे बेमन से करने के कारण कोई त्रुटि भीं होगी। कार्य क्षेत्र पर भी यही हाल रहेगा मन कही और भटकने के कारण कुछ ना कुछ नुक्स रह जायेगा फिर भी आज आपका व्यक्तित्त्व उच्च कोटि का रहेगा। लोग आपकी गलती को स्वार्थ सिद्धि के कारण अनदेखा करेंगे। रिश्तेदार अथवा पड़ोसी अपनी उलझनों को सुलझाने के लिये आपकी सहायता मागेंगे लेकिन आज किसी को बिन मांगे सलाह ना दे ना ही किसी के कार्यो में दखल दें। धन लाभ मध्यान के बाद ही अल्प मात्रा में होगा। शारीरिक अकडन जोड़ो में दर्द संबंधित व्याधि सताएगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन आपके साथ कुछ अकस्मात घटनायें घटित होंगी इनमें से अधिकांश आपके लिए फायदेमंद ही रहेंगी। परन्तु आज भागीदारी के कार्यो में हानि अथवा भागीदारों से अनबन होने की संभावना है। व्यावसाय की गति मंद रहेगी फिर भी पुराने व्यवहारों से धन लाभ हो जाएगा। निवेश भविष्य के लिये लाभ देने वाला रहेगा। महिलाये आज छोटी बचत से जमा धन एकत्रित होने से प्रसन्न रहेंगी पारिवारिक आवश्यकताओं की पूर्ति पर खर्च भी करेंगी। धार्मिक अथवा सामाजिक कार्यक्रम में सम्मिलित होने के अवसर मिलेंगे। यात्रा पर्यटन की योजना बनाएंगे परन्तु किसी ना किसी कारण से निरस्त हो जाएंगे।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आपको आज के दिन धैर्य रखने की आवश्यकता है। आज आपके अधिकांश कार्य बनते बनते बिगड़ने से मन मे नकारात्मक भाव उत्पन्न होंगे। व्यावसायिक क्षेत्र पर जहां लाभ की आशा लगाए है वहां से हानि अथवा अन्य अशुभ समाचार मिलेंगे भागदौड़ के बाद ही निर्वाह योग्य आय बन पाएगी। कारोबार में आज जोखिम भूल कर भी ना लें। पारिवारिक वातावरण भी आज अस्त-व्यस्त ही रहेगा घर मे मौसमी बीमारियों का प्रकोप रहने के कारण दवाओं पर धन खर्च करना पड़ेगा। महिलाये आज शारीरिक रूप से असमर्थ रहेंगी स्वभाव में चिड़चिड़ा पन रहने से छोटी-छोटी बातों पर नाराज हो जाएंगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपके मन को प्रसन्न रखने के प्रसंग बनते रहेंगे। दैनिक जीवन की परेशानियों को गंभीर नही लेंगे अपने हास-परिहास के व्यवहार से आस-पास का वातावरण खुशनुमा बनाएंगे। महिलाये भी आज स्नेहीजन मित्रो के साथ समय बिताना अधिक पसंद करेंगी परन्तु ध्यान रहे आज आपके बड़बोलेपन के कारण किसी के दिल की ठेस भी लग सकती है। स्वयं को ऊंचा दिखाने की भावना मित्र मंडली में मतभेद बनाएगी। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन शुभ रहेगा जहां से उम्मीद नही रहेगी वहां से भी धन अथवा अन्य लाभ अचानक होने से मन प्रसन्न रहेगा। सेहत में थोड़ा बदलाव आएगा फिर भी कार्य बाधित नही होंगे।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपके लिए विविध परेशानियों से भरा रहेगा आर्थिक कारणों से भाग दौड़ लगी रहेगी लेकिन परिणाम विपरीत ही रहेंगे। आज व्यावसायिक उठा-पटक चैन से नही बैठने देंगी ऊपर से घरेलू उलझने बनने से मन अशांत रहेगा। परिवार के सदस्य आपस मे उलझेंगे महिलाओ में भी आज धैर्य की कमी रहेगी बिना तथ्यों को जाने कलह पर उतारू रहेंगी। धन लाभ के लिये किसी की सहायता एवं चापलूसी करनी पड़ेगी फिर भी आशानुकूल नही होगा। आज आप अन्य लोगो के कार्यो को छोड़ अपने कार्यो पर ध्यान दें आज किया परिश्रम निकट भविष्य के लिए लाभदायक रहेगा। सेहत भी आज नरम रहेगी रक्तचाप अथवा अन्य शारीरिक दर्द की समस्या से ग्रस्त होंगे।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आपके अंदर धार्मिक भावनाएं बलवती रहेंगी। सार्वजनिक अथवा धार्मिक कार्यो के लिए अपने काम धंदे की परवाह नही करेंगे। आज आपको आर्थिक ना सही परन्तु आध्यात्मिक लाभ अवश्य होगा मन शांत रहने से आस-पास के लोग आपके समीप रहना चाहेंगे। कार्य-व्यवसाय से आज ज्यादा उम्मीद ना लगाए केवल खर्च निकालने लायक लाभ से ही संतोष करना पड़ेगा धन को लेकर ज्यादा खींच-तान में ना पढ़ें हानि हो सकती है। महिलाओ का मन चंचल रहेगा किसी भी कार्य को एक बार मे पूरा नही कर सकेंगी। बेरोजगार लोगो को आज कोई नई समस्या का सामना करना पड़ेगा। रक्त पित्त की समस्या से परेशानी होगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन आपके सुख-सौभाग्य में वृद्धि करेगा परन्तु ज्यादा लोभ में पड़ने से बचे अन्यथा शारीरक एवं मानसिक पीड़ा होने की संभावना है। व्यावसायिक क्षेत्र पर सहयोगी वातावरण मिलने का भरपूर लाभ उठा सकेंगे। सहकर्मी आज आपको बिना मांगे सहयोग करेंगे परन्तु अंदर स्वार्थी सिद्धि की भावना भी छुपी होगी। धन लाभ आशानुकूल एवं जरूरत के समय पर होने से योजनाए व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ेंगी। सरकार संबंधित कार्य आज ले देकर ही पूर्ण कर पाएंगे। महिलाये आज केवल दिखावे के लिए ही धार्मिक कार्यो पूजा पाठ में समिल्लित होंगी। मित्र-रिश्तेदारों के ऊपर खर्च करना पड़ेगा। सेहत सामान्य रहेगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपके लिये भगोन्नति कारक रहेगा इसका लाभ उठायें। आज आपका व्यवहार अन्य लोगो के लिए सहायक रहेगा शीघ्र ही किसी की बातों में आने से पहले सोच-विचार अवश्य करें जल्दबाजी में निर्णय लेने से धोखा हो सकता है। व्यवसाय में पुराने अनुबंध के पूर्ण होने पर धन लाभ होगा नए अनुबंध भी शीघ्र ही मिलेंगे। विदेशी वस्तुओ के व्यवसाय अथवा अचल संपत्ति से लाभ की अधिक संभावना है। पारिवारिक वातावरण कुछ समय के लिए अशान्त होगा परिजनों की मांग मान लेने से प्रसन्नता का वातावरण बनेगा। आज खर्च करने के लिए आपको सोचना नही पड़ेगा फिर भी व्यर्थ खर्च ना हो इसका भी ध्यान रखें। सेहत उत्तम रहेगी लेकिन क्रोध आएगा।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपके लिए अशुभ रहेगा। सेहत में आज भी उतार-चढ़ाव बना रहेगा। पाचन तंत्र अथवा श्वशन संबंधित रोग बढ़ने की संभावना है समय रहते जांच कराए अन्यथा स्थित गंभीर हो सकती है। आज आकस्मिक दुर्घटना के योग बन रहे है वाहन अथवा मशीनरी से सावधानी रखें। व्यवसाय में आज अनमने मन से काम करना पड़ेगा जिसके परिणामस्वरूप धन की आमद कम ही रहेगी उधारी के व्यवहार ना बढ़ाये वसूली में परेशानी आएगी। सार्वजनिक क्षेत्र पर लोग आपके विचारों के विपरीत आचरण करेंगे। नौकरी वाले लोगो का कार्य क्षेत्र पर किसी से झगड़ा हो सकता है। धैर्य से काम लें। महिलाये किसी गुप्त चिंता से व्याकुल रहेंगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपके लिए आनंद के क्षण उपलब्ध कराएगा। आज आप जिस भी कार्य को करने के लिए प्रतिबद्ध होंगे चाहे वो नया हो या पुराना उसमे सफलता अवश्य मिलेगी। व्यवसाय में भी उन्नति होगी धन लाभ के स्त्रोत्र बढ़ेंगे नौकरी पेशा लोग भी अतिरिक्त आय बनाने का प्रयास करेंगे इसमे कुछ हद तक सफल रहेंगे। आज पैतृक अथवा सरकारी कार्यो में धन ना लगाए उधार भी किसी को ना दे धन के फंसने की सम्भवना है परन्तु जोखिम वाले व्यवसाय शेयर सट्टे में निवेश धन को अवश्य ही दुगुना करेगा। महिला वर्ग महत्त्वपूर्ण घरेलू मामलो में मार्गदर्शक बनेगी परन्तु स्वयं के कार्यो में ढील देंगी। बुजुर्गो से लाभ होगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन आपको लाभ के अवसर मिलेंगे लेकिन निर्णय लेते समय जल्दबाजी ना करें अन्यथा लाभ हानि में बदल सकता है। कार्य-व्यवसाय अथवा कागजी कार्यो में पारिवारिक प्रतिष्ठा का लाभ मिलेगा। अधिकारी वर्ग की कृपा दृष्टि रहने से काम निकालना आसान बनेगा। सरकारी कार्य मे भी आज ढील ना दें अन्यथा अधूरे लटके रहेंगे। नौकरी वाले जाताक कार्य क्षेत्र बदलने का मन बनायेगे आज बदलना शुभ रहेगा इसके बाद परेशानी होगी। आर्थिक लाभ अनिश्चित रहेगा फिर भी धन संबंधित काम युक्तियो के बल पर बना ही लेंगे। घर के सदस्य आपके किसी निर्णय से असमहत हो सकते है थोड़ी मान-गुहार के बाद सहमत भी हो जाएंगे।
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🙏🏻🌷💐🌸🌹🍀🌺💐🙏🏻
🚩*”ll जय शिव शंकर ll”*🚩
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〰〰 *🙏जय भोले नाथ🙏*〰〰
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*अंग्रेजी कैलेंडर को गिगेरियन कलेंडर कहा जाता है।*

*आखिरी बार सन 5 अक्टूबर 1582 ईसवी में इस कैलेंडर को पोप ग्रिगरी 13वें ने ठीक किया था.*

*उस दिन तक जो कैलेंडर चल रहा था उसे जूलियन कैलेंडर कहा जाता है क्योंकि उसे ईसा पूर्व 46 में जूलियस सीजर ने ठीक किया था.*

*तथाकथित रूप से एडवांस कहे जाने वाले पश्चिमी देशों में उसके पहले तक जो कैलेंडर चलता था उसमें साल के सिर्फ 304 दिन और 10 महीने ही होते थे.*

*आप जिसे दिसबंर कहते हैं, वह कभी 10वां महीना था, रोमन संख्या में डेका 10* 

*अक्टूबर आठवां महीना था, जो रोमन संख्या ऑक्टा 8 से बना तथा सिंतबर सेप्टा 7 से सातवां महीना था.अब ये अपने नाम से दो दूर हैं*

*ये वे सबूत हैं कि किस तरह कैलेंडर में संशोधनों से महीनों के नामकरण भी गड़बड़ा गए.*

*बहरहाल, ईसा पूर्व 46 में पहली बार पश्चिमी देशों ने माना कि पृथ्वी 365 दिन और छह घंटे में सूरज का एक चक्कर लगाती है.* 

*यहाँ तक तो सबकुछ सामान्य ही लगता है कि…. वहाँ के राजा जूलियस सीजर ने अपने कैलेंडर की गलती को पकड़ा और उसे सुधारा…!*

*लेकिन… क्या आपने कभी सोचा है कि…. जूलियस सीजर को क्या सपना आया था कि…. साल में 304 नहीं बल्कि 365 दिन होते हैं जो उसने सुधारा ???*

*हर जगह आप यही लिखा पाएंगे कि… जूलियस सीजर ने सितंबर से पहले रोमन कलेंडर में दो महीने जोड़कर…. रोमन साल को 304 दिन से 365 दिन का बनाया.*

*लेकिन, उसे ये दिव्य ज्ञान कहाँ से प्राप्त हुआ कि साल 304 का नहीं बल्कि 365 दिन का होता है… ये कहीं नहीं लिखा हुआ है.*

*लेकिन…. जब आप भारतीय इतिहास को खंगालेंगे तो…. हर बात उसी तरह साफ हो जाती है … जिस तरह जमालगोटा खाने से पेट साफ हो जाया करता है.*

*हमारे ज्योतिष के प्रसिद्ध ग्रंथ “ज्योतिविर्दाभरण” में…. सम्राट शकारि विक्रमादित्य के रोम विजय का वर्णन आता है -*

*यो रुमदेशधिपति शकेश्वरं जित्वा गृहीत्वोज्जयिनी महाहवे ।*

*आनीय संभ्राम्य मुमोचयत्यहो स विक्रमार्कः समस हयाचिक्रमः ॥* 

*यह श्लोक स्पष्टतः यह बता रहा है कि रुमदेशधिपति रोम देश के स्वामी शकराज (विदेशी राजाओं को तत्कालीन भाषा में शक ही कहते थे, तब उस काल में शकों के आक्रमण से भारत त्रस्त था) को पराजित कर विक्रमादित्य ने बंदी बना लिया था और उसे उज्जैनी नगर में घुमा कर छोड़ दिया था.*

*सम्राट विक्रम ने रोम के शासक जुलियस सीजर को भी हराकर उसे बंदी बनाकर उज्जैन की सड़कों पर घुमाया था.*

*टिप्पणी यह है कि -*

*कालिदास-ज्योतिर्विदाभरण-अध्याय२२-ग्रन्थाध्यायनिरूपणम्-*

*श्लोकैश्चतुर्दशशतै सजिनैर्मयैव। ज्योतिर्विदाभरणकाव्यविधा नमेतत् ॥ᅠ२२.६ᅠ॥*

*विक्रमार्कवर्णनम्-वर्षे श्रुतिस्मृतिविचारविवेकरम्ये श्रीभारते खधृतिसम्मितदेशपीठे।*

*मत्तोऽधुना कृतिरियं सति मालवेन्द्रे श्रीविक्रमार्कनृपराजवरे समासीत् ॥ᅠ२२.७ᅠ॥*

*नृपसभायां पण्डितवर्गा-शङ्कु सुवाग्वररुचिर्मणिरङ्गुदत्तो जिष्णुस्त्रिलोचनहरो घटखर्पराख्य।*

*अन्येऽपि सन्ति कवयोऽमरसिंहपूर्वा यस्यैव विक्रमनृपस्य सभासदोऽमो ॥ᅠ२२.८ᅠ॥*

*सत्यो वराहमिहिर श्रुतसेननामा श्रीबादरायणमणित्थकुमारसिंहा।*

*श्रविक्रमार्कंनृपसंसदि सन्ति चैते श्रीकालतन्त्रकवयस्त्वपरे मदाद्या ॥ᅠ२२.९ᅠ॥*

*नवरत्नानि-धन्वन्तरि क्षपणकामरसिंहशङ्कुर्वेतालभट्टघटखर्परकालिदासा।*

*ख्यातो वराहमिहिरो नृपते सभायां रत्नानि वै वररुचिर्नव विक्रमस्य ॥ᅠ२२.१०ᅠ॥*

*यो रुक्मदेशाधिपतिं शकेश्वरं जित्वा गृहीत्वोज्जयिनीं महाहवे।*

*आनीय सम्भ्राम्य मुमोच यत्त्वहो स विक्रमार्कः समसह्यविक्रमः ॥ २२.१७ ॥*

*तस्मिन् सदाविक्रममेदिनीशे विराजमाने समवन्तिकायाम्।*

*सर्वप्रजामङ्गलसौख्यसम्पद् बभूव सर्वत्र च वेदकर्म ॥ २२.१८ ॥*

*शङ्क्वादिपण्डितवराः कवयस्त्वनेके ज्योतिर्विदः सभमवंश्च वराहपूर्वाः।*

*श्रीविक्रमार्कनृपसंसदि मान्यबुद्घिस्तत्राप्यहं नृपसखा किल कालिदासः ॥ २२.१९ ॥*

*काव्यत्रयं सुमतिकृद्रघुवंशपूर्वं पूर्वं ततो ननु कियच्छ्रुतिकर्मवादः।*

*ज्योतिर्विदाभरणकालविधानशास्त्रं श्रीकालिदासकवितो हि ततो बभूव ॥ २२.२० ॥*

*वर्षैः सिन्धुरदर्शनाम्बरगुणै(३०६८)र्याते कलौ सम्मिते, मासे माधवसंज्ञिके च विहितो ग्रन्थक्रियोपक्रमः।*

*नानाकालविधानशास्त्रगदितज्ञानं विलोक्यादरा-दूर्जे ग्रन्थसमाप्तिरत्र विहिता ज्योतिर्विदां प्रीतये ॥ २२.२१ ॥*

*श्लोकों से स्पष्ट है कि…. महाराजाधिराज विक्रमादित्य ने जूलियस सीजर को ना केवल बंदी बना कर उज्जैन की सड़कों पर घुमाया… बल्कि , महाराज विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक 💐महान खगोलशास्त्री वराहमिहिर ने…. उस मूढ़ जूलियस सीजर को बिठा कर ये भी बताया कि…*

*अरे, कूढ़मगज… हमारी पृथ्वी , सूर्य की एक परिक्रमा 304 दिन में नहीं बल्कि 365 दिन और 6 घंटे में करती है.*

*उसके बाद उसे अपने कलेंडर में अपेक्षित सुधार करने के लिए उसके देश भेज दिया गया.*

*ध्यान रहे कि….* 

*”ज्योतिर्विदाभरण” की रचना 3068 कलि वर्ष (विक्रम संवत् 24) या ईसा पूर्व 33 में हुुुई है.*

*विक्रम सम्वत् के प्रभाव से उसके 10 पूर्ण वर्ष के पौष मास से जूलियस सीजर द्वारा कैलेण्डर आरम्भ हुआ, यद्यपि उसे 7 दिन पूर्व आरम्भ करने का आदेश था.*

*महाराज विक्रमादित्य ने रोम के इस शककर्त्ता को 78 ईसापूर्व में बन्दी बनाकर उज्जैन में भी घुमाया था.*

*और, इसके 32 वर्ष बाद उसने इसमें अपेक्षित सुधार 46 ईसापूर्व में किए.*

*👉 कितने शर्म और विशाद की बात है कि… जिस जूलियस सीजर को महाराज विक्रमादित्य ने बंदी बनाया और बांध के सड़कों पर घुमाया*

*आज हम उन प्रतापी महाराज विक्रमादित्य की गुणगान करने और उनके दिए विक्रम संवत को मानने के स्थान पर*

 *अपने स्व को भूलकर*

*उनके द्वारा पराजित शक “जूलियस सीजर” का गुणगान कर रहे हैं और, उसके सुधारे कलेंडर के अनुसार नाच-गा रहे हैं.*

*हिंदू नव वर्ष की शुरुआत चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। पंचांग अनुसार आंग्ल तिथि 9 अप्रैल 2024, मंगलवार की अग्रिम शुभकामनाऐं🙏*

✍️सुयश पंत अधिवक्ता उच्च न्यायालय 

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 ‘अष्टाविंशतितमे कलयुगे कलि प्रथम चरणे’… त्रिसंध्या यानी तीनों संध्या पर काल का संकल्प और हर सांस में भगवन नारायण का अजपाजप करने वाले भारतीयों की आंग्ल कलेंडर पर सरकारी निर्भरता से बड़ी विडम्बना और क्या हो सकती है? काल की गति सतत् है इसके एक एक क्षण का सदुपयोग सद्कर्म और भगवद्ग चिंतन के लिए करना चाहिए। यही बुद्धिमता है। काव्य शास्त्रौ विनोदेन कालो गच्छति धीमताम्। व्यसनेन च मूर्खाणां निद्रया कलहेन वा ।। बुद्धिमान लोग अपना समय काव्य-शास्त्र अर्थात् पठन-पाठन सद्कर्म में व्यतीत करते हैं वहीं मूर्ख लोगों का समय व्यसन, निंद्रा अथवा कलह में बीतता है। चिंता और चिता में केवल एक बिंदु का अंतर है, ये विंदु समय है इसलिए समय के अधिकतम सदुपयोग का चिंतन करना ही विद्वता कहा गया है, और समय का सतत सदुपयोग ही श्रेष्ठ है ।

चलो आज एक एक अति गूढ़ विज्ञान बाल बनाने यानी क्षौर कर्म के विषय में बताते हैं। शास्त्र विज्ञान के अनुसार एकादशी, चतुर्दशी, अमावस्या, पूर्णिमा, संक्रांति, व्यतिपात, विष्टि (भद्रा), व्रत के दिन, श्राद्ध के दिन मंगलवार और शनिवार को क्षौर कर्म नहीं कराना चाहिए। यानी बाल नहीं कटवाने चाहिए।

रविवार को क्षौर कर्म कराने से एक मास की, शनिवार को सात मास की,भौमवार को आठ मास की आयु को उस उस दिन के अभिमानी देवता क्षीण कर देते है। यानी आयु कम होती है। 

जबकि बुधवार को क्षौर करने से पांच मास की, सोमवार को सात मास की, गुरुवार को दस मास की और शुक्रवार को ग्यारह मास की आयु की वृद्धि उस उस दिन के अभिमानी देवता कर देते है। पुत्र की इच्छा रखने वाले को सोमवार को और लक्ष्मी के इच्छा रखने वाले को गुरुवार को क्षौर नहीं कराना चाहिए। इस एक उपचार से आप आरोग्य को भी पा सकते हैं। ✍️डाॅ0 हरीश मैखुरी