आज का पंचाग, आपका राशि फल, तेजी से लुप्त हो रहे हवा को शुद्ध करने वाले आरती कपूर के पेड़, कोरोना वैक्सीन लगने के लाभ, सीता नवमी का महात्म्य

 📖 *पर्वानुशंसा…………………..*✍🏿
*वन्दे विदेहतनयापदपुण्डरीकं*
*कैशोरसौरभसमाहृतयोगिचित्तम्*
*हन्तुं त्रितापमनिशं मुनिहंससेव्यं*
*सम्मानसालिपरिपीतपराजपुंजम*
📝 *भावार्थ* 👉🏿 परमपुनीत वैसाखमासमें शुक्लपक्षकी नवमी तिथि, पुष्यनक्षत्र मध्याह्नकालमें शुभमांगलिक वेलामें विदेहवंशवैजयन्ती जानकीजू का दिव्य प्राकट्य हुआ।
*श्रीजानकी-नवमीकी शुभकामनाएँ।*
💐👏🏿 *सुदिनम्* 👏🏿💐
🌹………..|| *पञ्चाङ्गदर्शन* ||……….🌹
*श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् २०७८ || शक-सम्वत् १९४३ || सौम्यायन् || राक्षस नाम संवत्सर || ग्रीष्म ऋतु || वैशाख शुक्लपक्ष || तिथि अष्टमी अपराह्न १२:२७ तक उपरान्त नवमी (सीतानवमी) || गुरुवासर || जेष्ठ सौर ७ प्रविष्ठ || तदनुसार २० मई २०२१ ई० || नक्षत्र मघा अपराह्न ३:५८ तक उपरान्त पूर्वाफाल्गुनी || सिंहस्थ चन्द्रमा || श्रीजानकी जयन्ती ||*
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐

🕉️ श्री गणेशाय नमः 🕉️ जगत् जनन्यै जगदंबा भगवत्यै नम 🕉️ नमः शिवाय 🕉️ नमो भगवते वासुदेवाय नमः सभी मित्र मंडली को आज का पंचांग एवं राशिफल भेजा जा रहा है इस का लाभ उठाएंगे *गुरु स्तुति*:–
*देवानां च ऋषिणां च,गुरूं कान्चन सन्निभम्। बुद्धिभूतं,त्रिलोकेशं,तं नमामि बृहस्पतिम्*।।
हिन्दी ब्याख्या:–
जो देवताओं और ऋषि यों के गुरु हैं कंचन के समान जिनकी प्रभा है जो बुद्धि के अखंड भंडार और तीनों लोकों के प्रभु हैं उन बृहस्पति देव को मैं प्रणाम करता हूं।
बृहस्पति गायत्री:–
*अंगिरोजाताय विद्महे वाचस्पतये च धीमहि तन्नो गुरू: प्रचोदयात्*।।
यथाशक्ति जप के बाद पीपल युक्त पायस घी से दशांश हवन करना चाहिए।।
✍️*पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री* ✡️

✡️दैनिक पंचांग✡️
✡️ज्येष्ठ मासे ✡️
✡️07 प्रविष्टे गते✡️
✡️दिनांक ✡️:20 – 05 – 2021(गुरुवार)
सूर्योदय :05.47 am
सूर्यास्त :06.59 pm
सूर्य राशि :वृषभ
चन्द्रोदय :12.47 pm
चंद्रास्त :01.57 am
चन्द्र राशि :सिंह
विक्रम सम्वत :विक्रम संवत 2078
अमांत महीना :बैशाख 9
पूर्णिमांत महीना :बैशाख 23
पक्ष :शुक्ल 8
तिथि :अष्टमी 12.23 pm तक, बाद में नवमी
नक्षत्र :मघा 3.57 pm तक, बाद में पूर्व फाल्गुनी
योग :ध्रुव 1.09 am तक, बाद में व्याघात 11.27 pm तक, बाद में हर्षण
करण :बव 12:23 pm तक, बाद में बालव 11:52 pm तक, बाद में कौलव
राहु काल :2.11 pm – 3.51 pm
कुलिक काल :9.09 am – 10.50 am
यमगण्ड :5.48 am – 7.29 am
अभिजीत मुहूर्त :11.57 AM – 12.49 PM
दुर्मुहूर्त :10:11 am – 11:04 am, 03:28 pm – 04:20 pm
✡️आज के लिए राशिफल✡️ (20-05-2021)
✡️मेष✡️20-05-2021
आपकी लोकप्रियता अपने चरम पर होगी और अपना प्रभाव दूसरों पर डाल सकेगें। यदि आप अधिकारियों के साथ टकराव से बचे रहें, तो आप व्यावसायिक क्षेत्र में आपकी अच्छी प्रगति हो सकती है। आपके दुश्मन आपका कुछ बिगाड़ नहीं पाएंगे। आपका पारिवारिक-जीवन शांतिपूर्ण और खुशहाल रहेगा। आने वाले समय में आपकी जीवनसाथी और आपके बच्चे बहुत स्नेही और प्यार करने वाले होंगे। परिवार में कुछ शुभ समारोह हो सकते हैं। आपको अपने स्वास्थ्य के संबंध में विशेष ध्यान रखना चाहिए।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 7
भाग्यशाली रंग : हरा रंग
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✡️वृष ✡️20-05-2021
आज का दिन कार्यक्षेत्र में तरक्की दिलाने वाला रहेगा। माता-पिता के साथ आपके संबंध बेहतर होंगे। कोर्ट-कचहरी के किसी मामले में फैसला आपके पक्ष में रहेगा। इससे मन में प्रसन्नता भी बनी रहेगी। आज धार्मिक कार्यों में आपकी रूचि बढ़ेगी। कोई सोचा हुआ काम पूरा हो जायेगा। किसी करीबी को आज आपसे कुछ अपेक्षाएं होगी। बिजनेस पार्टनर के साथ मिल कर किए गए कामों से आपको फायदा हो सकता है। इस राशि के प्रॉपर्टी डीलर के लिये आज का दिन बेहतर रहेगा। मां दुर्गा को लाल चुनरी चढ़ाएं, आपकी सभी मनोकामना पूरी होगी।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 1
भाग्यशाली रंग : लाल रंग
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✡️मिथुन ✡️20-05-2021
बिजनेस के कुछ नए अवसर मिल सकते हैं। कामकाज में सफलता मिलने के योग हैं। आज आप नया वाहन खरीदने का मन भी बन सकता है। विवाह के प्रस्ताव मिल सकते हैं। कोई अच्छी खबर मिलने के योग हैं। आज की गई शुरुआत आपकी प्रेम कहानी को और मजबूत बना सकती है। आज बनाई गई योजनाएं और लिए गए फैसलों से आने वाले दिनों में फायदा होने की संभावना है। सूचनाओं को क्रॉस करना बेहद जरूरी है। कुछ अपने ही लोग पास के ही लोग आपके रिश्तो में दरार डालने का प्रयास कर सकते हैं।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
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✡️कर्क ✡️20-05-2021
कर्क राशि वालों के लिए दिन अच्छा रहेगा लेकिन स्वभाव में तेजी रहेगी। आज धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने का मौका आपको मिलेगा। आज मित्रों का भरपूर सहयोग आपको मिलने वाला है। जो लोग नौकरी पेशा हैं उनके कार्य क्षेत्र में विस्तार हो सकता है। बदलाव हो सकता है। व्यापारियों और कारोबारियों को थोड़ा सा सचेत रहने की सलाह दी जाती है। धन के लेन-देन में सावधानी बरतें। आज देवों के देव महादेव का ध्यान कीजिए महादेव आप के कष्टों को हर लेंगे। वाहन चलाते समय भी सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : गुलाबी रंग
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✡️सिंह ✡️20-05-2021
आज खुशियों के साथ दिन की शुरूआत हो सकती है। नौकरीपेशा जातकों को तरक्की मिल सकती है। व्यापारी एवं व्यवसायियों के लिए व्यापार में बेहतरी संभव है। आपकी वित्तीय स्थिति में सुधार और आय में वृद्धि के मजबूत संकेत के योग नजर आ रहे हैं। पारिवारिक वातावरण सौहार्दपूर्ण रहेगा और आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ तीर्थ यात्रा पर जा सकते हैं। आप दान-धर्म के कामों में शामिल हो सकते हैं। आपका दिन आज दोस्तों और शुभचिंतकों के साथ मौज-मस्ती में गुजारेगा।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : बैंगनी रंग
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✡️कन्या✡️20-05-2021
आज आप खुद को एनर्जी से भरा महसूस करेंगे। आप जिस काम को करेंगे, वो समय से पहले पूरा हो जायेगा। इस राशि के इंजीनीयर्स अपने अनुभव का प्रयोग सही दिशा में करेंगे। किसी जरूरी काम में जीवनसाथी की सलाह लेना फायदेमंद रहेगा। प्राइवेट जॉब करने वाले लोगों के लिए आज का दिन फायदेमंद है। अधिकारियों से खास मामलों पर बातचीत होगी। सोचे हुए सभी काम समय पर पूरे होंगे। आपके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी। कन्या के पैर छूकर आशीर्वाद लें, काम में सफलता अवश्य मिलेगी।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 2
भाग्यशाली रंग : भूरा रंग
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✡️तुला 🕉️20-05-2021
कार्यक्षेत्र और बिजनेस संबंधित यात्राओं के योग बन रहे हैं। आपकी इनकम बढ़ सकती है। आज ज्यादातर कामों में सफलता मिलने के योग बन रहे हैं। नौकरी-धंधे के लिहाज से दिन चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन आपको फायदा भी हो सकता है। किसी खास इंसान को आप अपने मन की बात बहुत अच्छे से बता सकते हैं। संतान की तरफ से अच्छी खबर मिल सकती है। खुद पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। पार्टनर के साथ मिलकर भविष्य के लिए योजनाएं बन सकती हैं।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : नीला रंग
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✡️वृश्चिक 🕉️20-05-2021
वृश्चिक राशि वालों के लिए आज का दिन थोड़ा गुस्से वाला रहेगा आज आपके व्यवहार में छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हावी हो सकता है। तनाव आप को घेरने की कोशिश कर सकता है। कुछ ऐसी चिंताएं आपकी बढ़ सकती हैं। जो पारिवारिक मसलों को लेकर होंगी लेकिन आपको सकारात्मक विचारों के साथ आगे बढ़ना है। आज मिल रही सूचनाओं को पुष्ट करना आपके लिए बेहद आवश्यक है। कुछ ऐसी सूचनाएं आपको मिल सकती हैं। जो अपुष्ट होंगी गलत होंगी। ऐसे में आपको किसी पर भी आंख बंद कर विश्वास नहीं करना है।
भाग्यशाली दिशा : पूर्वोत्तर
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
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✡️धनु ✡️20-05-2021
आज ग्रह स्थिति आपकी सोच को कुछ हद तक भ्रमित कर सकती है, जिसके कारण आप अनिश्चित, स्वच्छंद और जिद्दी हो सकते हैं। आप अपने शत्रु की कूटनीति के शिकार हो सकते हैं। व्यावसायिक एव आर्थिक सदंर्भ में आई आकस्मिक परेशानी के कारण आप आप परेशान और तनाव की स्थिति में रह सकते हैं। यदि आपको अपनी आंखों की दृष्टि से कोई असुविधा है, तो आपको चिकित्सकीय लेना आपके लिए श्रेयकर रहेगा। आपके परिवार के सदस्यों के साथ आपके संबंध तनावपूर्ण रह सकतें हैं। जिसके लिए आप दुखी महसूस कर सकते हैं।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 7
भाग्यशाली रंग : हरा रंग
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✡️मकर ✡️20-05-2021
आज अचानक घर पर आपका कोई मित्र आ सकता है। इस राशि के स्टूडेंट्स को आज कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। किसी भी काम की शुरूआत करने से पहले जीवनसाथी से सलाह ले लेना अच्छा रहेगा। आप कहीं लंबी यात्रा पर जा सकते हैं। कुछ मामलों में आप अपनी बातों पर कॉन्फिडेंट नहीं रह पायेंगे। आपका मन पूजा-पाठ में अधिक लगेगा। आपका कोई नया दोस्त भी बन सकता है। किसी कठिन परिस्थिति में आपको कुछ लोगों से मदद मिलेगी। गायत्री मंत्र का पाठ करें, आपकी परेशानी दूर होगी।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
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✡️कुंभ ✡️20-05-2021
आपकी प्रोफेशनल लाइफ में सुधार हो सकता है। धन लाभ के योग बन रहे हैं, लेकिन पति-पत्नी में किसी बात पर मनमुटाव हो सकता है। जीवनसाथी की उपेक्षा न करें। कोई नई जिम्मेदारी आपको मिल सकती है। परिवार और पैसों के मामलों में व्यस्त रहेंगे। आज कामकाज मेंआपकी मेहनत बढ़ सकती है। दूसरों की सलाह ज्यादा गंभीरता से न लें। बेचैनी के कारण आप परेशान हो सकते हैं। आप अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रह सकतें हैं।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : गुलाबी रंग
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✡️मीन ✡️20-05-2021
मीन राशि वालों के लिए आज का दिन सामान्य से कम बेहतर है। आज छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा मीन राशि वालों को आ सकता है। वाणी में आप की कठोरता रहेगी। इसलिए आपको आज सावधानी बरतनी है। बात करते समय संयम बरतना है। गुस्से की अधिकता से बचना है। परिवार के सदस्यों से बहस करने से आपको बचना है आज अपनी वाणी में मधुरता बनाकर रखें आज दोपहर बाद आपको अच्छा समाचार मिलने के योग आपकी राशि में दिखाई दे रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से अगर कोई नया कार्य शुरू करने की योजना बना रहे थे तो आज नया कार्य शुरू कर सकते हैं।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : हल्का पीला
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✍️ पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाडी पट्टी नन्दाक जिला चमोली गढ़वाल उत्तराखंड फोन नंबर ✡️ 8449046631,9149003677🕉️

**आज की जरूरत** कपूर का पेड़ – एक कपूर का पेड़ आधा किलोमीटर के दायरे में हवा को शुद्ध करता है
अब यह पेड़ घर के सामने लगाने का समय आ गया है क्योंकि यह बहुत बड़ा है, लगभग 80 से 90 फीट ऊंचा है और जड़ें गहरी जाकर फैलती हैं
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अंग्रेजों ने अपने फायदे के लिए अपने विशाल पेड़ों को काट दिया और चाय और रबड़ की खेती की, लोगों को पता ही नहीं चला कि कपूर का पेड़ है।
यह पेड़ भारत में लगभग विलुप्त हो चुका है लोगों को खुली जगह में कपूर का पेड़ लगाना चाहिए और यहां के लुप्तप्राय पेड़ को पुनर्जीवित करना चाहिए।
आधा किलोमीटर के दायरे में हवा को शुद्ध करता है कपूर का पेड़, शुद्ध कपूर के फायदे तो सभी जानते हैं, पूजा में हम जो कपूर का इस्तेमाल करते हैं, वह असली कपूर नहीं होता, उसका नुकसान ज्यादा होता है, भीमसेनी कपूर शुद्ध होता है और इस पेड़ से प्राप्त किया जा सकता है .
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* चूंकि पौध छोटे होते हैं, जो नर्सरी में आ सकते हैं और पौध ले जा सकते हैं, उन्हें नर्सरी से ले जाना चाहिए।
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कार्यालय संख्या: 02532970018, भीड़: 9673917771

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कोरोना वायरस का प्रकोप और जनहानि निरंतर पैर पसार रही है, वर्ष 2020 में इस वायरस का भारत में पहला संक्रमित पाया गया ! धीरे- धीरे वायरस ने विकराल रूप धारण कर लिया है! और अब चार गुना तेजी से हर घर में वार और मार रहा है ! यह वायरस बढ़ने के बाद भी कई लोग वैक्सीन नहीं लगा रहे हैं ! भारत में अब तक इस चायनीज वायरस कोविड के प्रकोप से २लाख ७५ हजार से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई है। ऐसे में लोग वैक्सीन नहीं लगवाते हैं तो लाभ से वंचित रह जाएंगे !
*आपको बताते हैं वैक्सीन लगवाने के 10 लाभ*
1. वैक्सीन एक द्रव्य पदार्थ होता है ! जो शरीर में जाकर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि की इम्यूनिटी को बढ़ाकर वायरस से लड़ने की क्षमता उत्पन्न करता है ! आज सबसे अधिक केस इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है !
2. वैक्सीन लगाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर आप संक्रमित नहीं हुए है तो यह आपके अंदर बीमारी से लड़ने के लिए पहले ही इम्युनिटी को बढ़ा देगा ! बता दें कि वैक्सीन का असल मतलब होता है आपके अंदर बढ़ रहे वायरस को रोकने में मदद करना !
3. अगर आप संक्रमित होने से पहले ही लगवा लेते हैं तो आपको अस्पताल के चक्कर नहीं काटना पड़ेंगे ! जी हां, आपको कोरोना वायरस हो सकता है लेकिन आप घर पर भी ठीक हो सकते हैं !
4. वैक्सीन लगाने के बाद कम से कम 6 से 8 महीने तक आपके अंदर एंटीबॉडीज रहेगी ! इससे आपकी बॉडी में वायरस बुरी तरह से संक्रमित नहीं कर सकेगा !
5. वैक्सीन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर आपका इम्युनिटी सिस्टम कमजोर है तो यह एक बूस्टर की तरह काम करेगा ! ताकि वायरस को बॉडी में फैलने से रोका जा सकें !
6. वैक्सीन का एक डोज लेने के 6 से 8 सप्ताह बाद दूसरा डोज लिया जाता है ! लेकिन अगर आप दूसरा डोज लेना भूल जाते हैं ऐसे में लापरवाही नहीं बरतते हुए दोनों डोज सही वक्त रहते लें !
7. वैक्सीन लगाने के पहले डोज के बाद भी आप संक्रमित हो जाते हैं तो आपको अधिक घबराने की जरूरत नहीं है ! ऐसा इसलिए क्योंकि वैक्सीन आपके अंदर रोग प्रतिरोधक की क्षमता को बढ़ा देती है ! और कोरोना से ठीक होने के 1 महीने बाद आप डॉक्टर से सलाह लेकर वैक्सीन का दूसरा डोज अवश्य लगवाएं !
8. कई बार मन में सवाल उठता है कि वैक्सीन वहीं है तो डबल डोज क्यों ? जानकारी के लिए आपको बता दें कि यह एक बूस्टर डोज के रूप में कार्य करता है ! इसलिए दोनों डोज लगवाना जरूरी है !
9. इन दिनों कोरोना वैक्सीन लगाने से कई लोग डर भी रहे हैं ! लेकिन जनवरी 2021 में शुरू हुए टीकाकरण से अभी तक 10 करोड़ से ज्यादा लोगों को टीका लग चुका है ! साथ ही कई वरिष्ठ लोग भी टीका लगवा चुके हैं ऐसे में किसी भी प्रकार से डरने की जरूरत नहीं है !
10. वैक्सीन अगर आप लगवाते हैं तो इसका सबसे बड़ा फायदा आप अस्पताल के चक्कर लगाने से बच जाएंगे ! जी हां, संक्रमण होने पर भी आप घर में ही आइसोलेट हो सकते हैं ! इस बीमारी से खुद को बचा सकते हैं !
*धन्यवाद*

 “सीता नवमी”

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को सीता नवमी कहते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इसी दिन माता सीता का प्राकट्य हुआ था। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को पुष्य नक्षत्र के मध्याह्न काल में जब महाराजा जनक संतान प्राप्ति की कामना से यज्ञ की भूमि तैयार करने के लिए हल से भूमि जोत रहे थे, उसी समय पृथ्वी से एक बालिका का प्राकट्य हुआ।
जोती हुई भूमि तथा हल के नोक को भी ‘सीता’ कहा जाता है, इसलिए बालिका का नाम ‘सीता’ रखा गया था। अत: इस पर्व को ‘जानकी नवमी’ भी कहते हैं। मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है एवं राम-सीता का विधि-विधान से पूजन करता है, उसे 16 महान दानों का फल, पृथ्वी दान का फल तथा समस्त तीर्थों के दर्शन का फल मिल जाता है। इस दिन माता सीता के मंगलमय नाम ‘श्री सीतायै नमः’ और ‘श्रीसीता-रामाय नमः’ का जप करना लाभदायी रहता है।

श्रीसीता नवमी महात्म्य

पौराणिक कथा के अनुसार मारवाड़ क्षेत्र में एक वेदवादी श्रेष्ठ धर्मधुरीण ब्राह्मण निवास करते थे। उनका नाम देवदत्त था। उन ब्राह्मण की बड़ी सुंदर रूपगर्विता पत्नी थी, उसका नाम शोभना था। ब्राह्मण देवता जीविका के लिए अपने ग्राम से अन्य किसी ग्राम में भिक्षाटन के लिए गए हुए थे। इधर ब्राह्मणी कुसंगत में फंसकर व्यभिचार में प्रवृत्त हो गई। अब तो पूरे गांव में उसके इस निंदित कर्म की चर्चाएं होने लगीं। परंतु उस दुष्टा ने गांव ही जलवा दिया। दुष्कर्मों में रत रहने वाली वह दुर्बुद्धि मरी तो उसका अगला जन्म चांडाल के घर में हुआ। पति का त्याग करने से वह चांडालिनी बनी, ग्राम जलाने से उसे भीषण कुष्ठ हो गया तथा व्यभिचार-कर्म के कारण वह अंधी भी हो गई। अपने कर्म का फल उसे भोगना ही था। इस प्रकार वह अपने कर्म के योग से दिनों दिन दारुण दुख प्राप्त करती हुई देश-देशांतर में भटकने लगी।
एक बार दैवयोग से वह भटकती हुई कौशलपुरी “अयोध्या” पहुँच गई। संयोगवश उस दिन वैशाख मास, शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि थी, जो समस्त पापों का नाश करने में समर्थ है। सीता (जानकी) नवमी के पावन उत्सव पर भूख-प्यास से व्याकुल वह दुखियारी इस प्रकार प्रार्थना करने लगी- हे सज्जनों ! मुझ पर कृपा कर कुछ भोजन सामग्री प्रदान करो। मैं भूख से मर रही हूं- ऐसा कहती हुई वह स्त्री श्री कनक भवन के सामने बने एक हजार पुष्प मंडित स्तंभों से गुजरती हुई उसमें प्रविष्ट हुई। उसने पुनः पुकार लगाई- भैया ! कोई तो मेरी मदद करो- कुछ भोजन दे दो। इतने में एक भक्त ने उससे कहा- देवी ! आज तो सीता नवमी है, भोजन में अन्न देने वाले को पाप लगता है, इसीलिए आज तो अन्न नहीं मिलेगा। कल पारायण करने के समय आना, ठाकुर जी का प्रसाद भरपेट मिलेगा, किंतु वह नहीं मानी। अधिक कहने पर भक्त ने उसे तुलसी एवं जल प्रदान किया। वह पापिनी भूख से मर गई। किंतु इसी बहाने अनजाने में उससे सीता नवमी का व्रत पूरा हो गया।
अब तो परम कृपालिनी जानकीजी ने उसे समस्त पापों से मुक्त कर दिया। इस व्रत के प्रभाव से वह पापिनी निर्मल होकर स्वर्ग में आनंदपूर्वक अनंत वर्षों तक रही। तत्पश्चात् वह कामरूप देश के महाराज जयसिंह की महारानी काम कला के नाम से विख्यात हुई। जातिस्मरा उस महान साध्वी ने अपने राज्य में अनेक देवालय बनवाए, जिनमें जानकी-रघुनाथ की प्रतिष्ठा करवाई और परम भक्ता होकर परम लाभ प्राप्त किया।
अत: सीता नवमी पर जो श्रद्धालु माता जानकी का पूजन-अर्चन करते है, उन्हें सभी प्रकार के सुख-सौभाग्य प्राप्त होते हैं। इस दिन जानकी स्तोत्र, रामचंद्रष्टाकम्, रामचरित मानसआदि का पाठ करने से मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

सीता नवमी के अनुष्ठान

01. सीता नवमी के अवसर पर, भक्त एक मंडप की व्यवस्था करके तथा देवताओं की मूर्तियों की स्थापना करके भगवान राम, देवी सीता, और लक्ष्मण की एक साथ पूजा करते हैं।

02. मण्डप या पूजा स्थल को फूलों और मालाओं से सजाया जाता है।

03. जानकी नवमी के दिन, देवी सीता के साथ भक्त देवी पृथ्वी की भी पूजा करते हैं क्योंकि देवता केवल पृथ्वी से ही उत्पन्न हुए थे।

04. भक्त पूजा समारोह भी करते हैं और देवताओं को फल, तिल, जौ और चावल जैसे कई प्रसाद चढ़ाते हैं।

05. भक्त सात्विक भोजन भी तैयार करते हैं और देवताओं को अर्पित करने और आरती के साथ पूरा करने के बाद, इसे आमंत्रितों के बीच वितरित किया जाता है।

06. महिलाएं इस विशेष दिन पर एक सख्त उपवास का पालन करती हैं और पानी और भोजन का सेवन करने से बचती हैं।

07. भगवान राम और देवी सीता के विभिन्न मंदिरों में, विशाल समारोहों को देखा जाता है और विभिन्न आरती भी की जाती हैं जैसे कि महा आरती, महा अभिषेकम और श्रृंगार दर्शन।

08. कई स्थानों पर भजन कीर्तन और रामायण का पाठ भी होता है।

09. कुछ विशिष्ट स्थानों पर जुलूस निकाले जाते हैं, जहाँ देवताओं की मूर्तियों को रथ में रखा जाता है और भक्तगण भक्ति गीतों पर नाचते-गाते हैं और रास्ते भर ‘जय सिया राम’ का जाप करते हैं।
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“जय सियाराम”