आज का पंचाग आपका राशि फल, राम नवमी एवं सिद्धिदात्री पूजा आज, षाष्टांग दंडवत प्रणाम का महात्म्य, गुरुद्वारा बंगला साहिब मूल रूप से महान हिंदू राजा जय सिंह जी का बंगला (महल) था

*🙏🏻ॐ विष्णवे नमः🙏🏻*  

*पुण्य लाभ के लिए इस पंचांग को औरों को भी अवश्य भेजिए🙏🏻🙏🏻*🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 

🌤️ *दिनांक – 30 मार्च 2023*

🌤️ *दिन – गुरुवार*

🌤️ *विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)*

🌤️ *शक संवत -1945*

🌤️ *अयन – उत्तरायण*

🌤️ *ऋतु – वसंत ॠतु* 

🌤️ *मास – चैत्र*

🌤️ *पक्ष – शुक्ल* 

🌤️ *तिथि – नवमी रात्रि 11:30 तक तत्पश्चात दशमी*

🌤️ *नक्षत्र – पुनर्वसु रात्रि 10:58 तक तत्पश्चात पुष्य*

*🌤️योग – अतिगण्ड 31 मार्च रात्रि 01:03 तक तत्पश्चात सुकर्मा*

🌤️ *राहुकाल – दोपहर 02:16 से शाम 03:48 तक*

*🌞 सूर्योदय- 06:35*

🌦️ *सूर्यास्त – 18:51*

👉 *दिशाशूल – दक्षिण दिशा में*

🚩 *व्रत पर्व विवरण – श्रीराम नवमी,चैत्री- वासंती नवरात्र समाप्त,गूरूपुषयामृत योग (रात्रि 10:59 से 31 मार्च सूर्योदय तक)*

🔥 *विशेष – *नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

   🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞

      🌷 *चैत्र नवरात्रि* 🌷

🙏🏻 *नवरात्रि की नवमी तिथि यानी अंतिम दिन माता दुर्गा को विभिन्न प्रकार के अनाज का भोग लगाएं ।इससे वैभव व यश मिलता है ।*

   🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

       🌷 *चैत्र नवरात्रि* 🌷

🙏🏻 *सुख-समृद्धि के लिए करें मां सिद्धिदात्री की पूजा*

*चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां सिद्धिदात्री भक्तों को हर प्रकार की सिद्धि प्रदान करती हैं। अंतिम दिन भक्तों को पूजा के समय अपना सारा ध्यान निर्वाण चक्र, जो कि हमारे कपाल के मध्य स्थित होता है, वहां लगाना चाहिए। ऐसा करने पर देवी की कृपा से इस चक्र से संबंधित शक्तियां स्वत: ही भक्त को प्राप्त हो जाती हैं। सिद्धिदात्री के आशीर्वाद के बाद श्रद्धालु के लिए कोई कार्य असंभव नहीं रह जाता और उसे सभी सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।*

👉🏻 समाप्त…

          🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌷 *धर्मराज दशमी* 🌷

🙏🏻 *विष्णु धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया है कि जिनके परिवार में ज्यादा बीमारी …..जल्दी-जल्दी किसी की मृत्यु हो जाती है वे लोग शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन (दशमी तिथि के स्वामी यमराज है मृत्यु के देवता | ) यानी 31 मार्च 2023 शुक्रवार को भगवान धर्मराज यमराज का मानसिक पूजन कर और हो सके तो घी की आहुति दे |*    

🙏🏻 *एक दिन पहले से हवन की छोटी सी व्यवस्था कर लेना घी से आहुति डाले इससे दीर्घायु, आरोग्य और ऐश्वर्य तीनों की वृद्धि होती है विष्णु धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया है | आहुति डालते समय ये मंत्र बोले–*

💥 *[ ध्यान रखे जिसके घर में विपदा है वो अवश्य आहुति डाले और डालते समय स्वाहा बोले और जो आहुति न डाले तो वो नम: बोले | ]*

🌷 *ॐ यमाय नम:*

🌷 *ॐ धर्मराजाय नम:* 

🌷 *ॐ मृत्यवे नम:*

🌷 *ॐ अन्तकाय नम:*

🌷 *ॐ कालाय नम:*

🔥 *ये पाँच मंत्र बोले ज्यादा देर तक आहुति डाले तो भी अच्छा है |*

🙏🏻 *- Shri Sureshanandji*

               🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌷 *गुरुपुष्यामृत योग* 🌷

➡ *30 मार्च 2023 गुरुवार को रात्रि 10:49 से 31 मार्च सूर्योदय तक गुरुपुष्यमृत योग है ।*

🙏🏻 *‘शिव पुराण’ में पुष्य नक्षत्र को भगवान शिव की विभूति बताया गया है | पुष्य नक्षत्र के प्रभाव से अनिष्ट-से-अनिष्टकर दोष भी समाप्त और निष्फल-से हो जाते हैं, वे हमारे लिए पुष्य नक्षत्र के पूरक बनकर अनुकूल फलदायी हो जाते हैं | ‘सर्वसिद्धिकर: पुष्य: |’ इस शास्त्रवचन के अनुसार पुष्य नक्षत्र सर्वसिद्धिकर है | पुष्य नक्षत्र में किये गए श्राद्ध से पितरों को अक्षय तृप्ति होती है तथा कर्ता को धन, पुत्रादि की प्राप्ति होती है |*

🙏🏻 *इस योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है परंतु पुष्य में विवाह व उससे संबधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं | (शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याय 10)*

 📖 *वैदिक पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर*

📒 *वैदिक पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)*

🌞 *~ वैदिक पंचाग ~* 🌞 

           *आज का राशिफल* 

🐐🐂💏🦀🦁⚖️🦂🐊🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन आपके लिये वृद्धिकारक रहेगा। लेकिन आज आप किसी की सहायता बहुत गंभीर परिस्थितियों में ही अथवा कही फंसने पर ही लेंगे जिससे कार्यो में विलंब होगा। आज आप मेहनत की कमाई की अपेक्षा अनैतिक कार्यो से शीघ्र धन कमाने के चक्कर मे भी पड़ेंगे परन्तु इससे लाभ की जगह हानि भी हो सकती है सतर्क रहें आज आपको कोई मीठा बोलकर ठग सकता है। कार्य व्यवसाय में आज पूर्व में कई गई मेहनत का फल अवश्य ही धन लाभ के रूप में मिलेगा। नौकरी वालो के ऊपर अधिकारियों की कृपा दृष्टि रहने से काम निकालना आसान बनेगा परन्तु सहकर्मी आपसे ईर्ष्या का भाव रखेंगे। गृहस्थ में महिलाओं को छोड़ बाकी सभी शांत रहेंगे।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज के दिन आपके अंदर उदासीनता छाई रहेगी। प्रत्येक कार्य को पूरी निष्ठा से करेंगे लेकिन सफलता मिलनी संदिग्ध रहेगी आज व्यवसाय में थोड़ी सी भी लापरवाही करने पर आपके हिस्से का लाभ किसी अन्य को मिल सकता है। धन लाभ की आज संभावनाए ही रहेंगी होगा भी तो बहुत कम। कार्य क्षेत्र पर व्यावहारिक रहेंगे फिर भी लाभ के अवसर बनाने में असफल रहेंगे। धर्म-कर्म के प्रति आस्था रहेगी लेकिन अन्य परेशानियों के कारण केवल व्यवहारिकता निभाएंगे। नौकरी पेशा लोग अधिकारियों से असंतुष्ट रहेंगे व्यवसाइयों को काम का बोझ आज ज्यादा रहेगा इसके अनुपात में लाभ कम ही मिलेगा। परिवार के सदस्य भी स्वार्थ हेतु व्यवहार करेंगे।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज का दिन आपके लिए सामान्य रहेगा। आज आप कर्म की अपेक्षा कल्पना में ज्यादा खोये रहेंगे। व्यवसाय स्थल पर कार्यो को अंत तक टालने का प्रयास करेंगे हानि लाभ की परवाह भी आज कम ही रहेगी। किसी उलझे सार्वजिक कार्य को सुलझाने पर आपकी बुद्धि चातुर्य की प्रशंसा होगी जिससे मन मे अतिआत्मविश्वास की भावना रहेगी। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मियों को उपेक्षित दृष्टि से देखना मतभेद को जन्म देगा। व्यावहारिक बने अन्यथा आने वाले समय मे किसी से कार्य निकालने में परेशानी होगी। धन की आमद न्यून रहेगी उधारी के व्यवहारों को लेकर बेचैन रहेंगे समय पर किसी का धन ना लौटाने के कारण तीखी झड़प हो सकती है। 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन बीते कुछ दिनों की तुलना में बेहतर रहेगा। आज के दिन आपका मुख्य लक्ष्य अधिक से अधिक धन कमाना रहेगा इसमें काफी हद तक सफल भी रहेंगे। दिन के आरंभ में परिजन अथवा कार्य क्षेत्र से शुभ समाचार मिलेंगे। आज आप अधिकांश कार्यो में समय से पहले ही पूर्ण कर लेंगे लेकिन फिर भी धन लाभ के लिये थोड़ा इन्तजार करना पड़ेगा। आज कार्य क्षेत्र पर आपके विचारों का विरोध करने वाले भी होंगे जो केवल आपकी छवि खराब कर अपना हित करने का प्रयास करेंगे परन्तु इसमे सफल नही हो सकेंगे। कार्यो से समय निकाल कर मित्र मंडली के साथ आनंद के पल बिताने का समय मिलेगा धार्मिक क्षेत्र की लघु यात्रा भी होगी। सेहत बनी रहेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज के दिन आप दैनिक कार्यो के साथ ही सामाजिक कार्यो में भी रुचि लेंगे। सार्वजनिक क्षेत्र पर आपका परोपकारी व्यवहार सम्मान दिलाएगा। अपने कार्य छोड़कर लोगो की परेशानियों को सुलझाने के लिए तत्पर रहेंगे लेकीन आज धन संबंधित सहायता सोच समझ कर ही करें धन की वापसी असम्भव रहेगी। कार्य व्यवसाय में आज मध्यान तक परिश्रम करना पड़ेगा इसके बाद ही आय के साधन बन पाएंगे धन लाभ अचानक ही होगा। पारिवारिक माहौल आपसी गलतफहमी के कारण थोड़ी देर के लिये अशान्त बनेगा कुछ समय मे ही सामान्य भी हो जाएगा। हल्के फुल्के क्रोध को छोड़ स्वास्थ्य ठीक ही रहेगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज के दिन आपको परिवार के बड़ो का मार्गदर्शन एवं सहयोग मिलेगा। आज दिन के आरम्भ में आप कोई बड़ी गलती कर सकते है लेकिन बुजुर्गो का सानिध्य रहने से बच जाएंगे। कार्य व्यवसाय में भी आज पैतृक प्रतिष्ठा का लाभ मिलेगा। व्यवसाय में उन्नति होगी लेकिन इसका लाभ तुरंत नही मिल सकेगा। आज जल्दबाजी में कार्य करने की जगह धैर्य से सोच समझ कर ही निर्णय लें समय अनुकूल है सफल अवश्य होंगे। विपरीत लिंगीय आकर्षण अधिक रहेगा इससे बचे मान भंग हो सकता है। सामाजिक क्षेत्र पर आपकी आवश्यकता पड़ेगी लेकिन इसमे अरुचि दिखाएंगे। मानसिक परिश्रम अधिक रहेगा।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज के दिन आप परिस्थितियों में सुधार आने से राहत की सांस लेंगे। कल तक जो लोग आपके कार्यो में विघ्न डाल रहे थे अथवा आपके निर्णयों को गलत बताया रहे थे वे ही आपका सम्मान करते नजर आएंगे विशेषकर बुजुर्ग लोगो का व्यवहार आज आपके प्रति एकदम उल्टा नजर आएगा मौका देखकर आपकी प्रशंशा करने से नही चूकेंगे। कार्य व्यवसाय में भी लाभ कमाने के कई अवसर हाथ लगेंगे धन लाभ आज एक से अधिक साधनों से होगा। सरकारी कार्य आज ना करें अधिकारियों से गरमा-गरमी होने पर अधूरे रह सकते है। पारिवारिक वातावरण संतोषजनक रहेगा। सेहत का ध्यान रखे मौसमी बीमारी हो सकती है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन आपके लिए निराशाजनक रहेगा आज आप जल्दी से किसी भी कार्य को करने का साहस नही जुटा पाएंगे पर जिस भी कार्य को करेंगे उसमे कुछ भी बना रहेगा। कार्य व्यवसाय में सहकर्मियों अथवा अधीनस्थों से तालमेल की कमी के कारण जहां लाभ होने था वहां हानि होगी। निवेश आज भूल कर भी ना करें उधारी के व्यवहारों में भी कमी लाये अन्यथा आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा। आज किसी से उधार लेने की भी आवश्यकता पड़ सकती है यथा संभव इसे कल तक निरस्त रखें लौटाने में परेशानी आएगी। महिलाये गृहस्थ को संभालने का पूरा प्रयास करेंगे लेकिन कुछ मामलों में लाचार हो जाएंगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज के दिन आप कुछ हद तक आपके रुके कार्यो को पूर्ण कर सकेंगे लेकिन प्रत्येक कार्यो में धैर्य का परिचय देना होगा तुरंत लाभ ना मिलने से हताश ना हों कर्म करते रहें दे से ही सही सफलता अवश्य मिलेगी। आज सरकार संबंधित कार्यो को प्राथमिकता दें अधिकारी वर्ग का नरम व्यवहार रहने से लटके कार्यो में गति आएगी। लोन अथवा अन्य धन संबंधित कागजी कार्य भी आज कर सकते है निश्चित सफलता मिलेगी। आज आपके अचल संपत्ति के विवाद में पड़ने की संभावना है किसी से विवाद ना करें भाई बंधु आपसे असंतुष्ट रहेंगे। परिस्थितियां कैसी भी बने धन लाभ आज होकर ही रहेगा। बीच मे स्वास्थ्य को लेकर थोड़े चिंतित रहेंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज के दिन आप अपनी ही कमियों के कारण परेशान रहेंगे गलती करने पर भी स्वीकार नही करेंगे जिससे प्रेम संबंधों में कड़वाहट आएगी महिलाये भी विवाद होने पर शांत नही बैठेंगी तुरंत जवाब देंगी जिससे माहौल ज्यादा गंभीर बनेगा। कार्य क्षेत्र पर धन अथवा अन्य कारणों से विवाद हो सकता है। सहकर्मी मांग पूरी ना होने पर मनमानी करेंगे। कार्य क्षेत्र पर दैनिक गतिविधयां अस्त व्यस्त रहने के कारण सीमित व्यवसाय होगा धन की आमद में भी कमी आएगी। भविष्य को ध्यान में रखते हुए परिजन अथवा सहकर्मियों की छोटी-मोटी गलतियों को अनदेखा करें। नव विवाहितो का वैवाहिक जीवन खतरे में पड़ सकता है विवेक से काम लें।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज के दिन आपको अपनी किसी गलती का पश्चाताप होगा लेकिन आज का दिन अभाव में रहने के कारण इसमे सुधार करना संभव नही होगा। मन मे बहुत कुछ करने की योजना बनाएंगे लेकिन सहयोग एवं धन की कमी के कारण मन की मन मे ही रह जायेगी। बेरोजगार लोग आज कुछ ज्यादा ही परेशान रहेंगे भाग-दौड़ करने के बाद थोड़ी आशा जागेगी लेकिन जिस पद के अधिकारी है उसे कोई अन्य प्राप्त कर लेगा। व्यवसायी वर्ग का भी कुछ ऐसा ही हाल रहेगा कार्य क्षेत्र पर आज अन्य लोगो के ऊपर निर्भर रहना पड़ेगा। घरेलू वातावरण शांत रहेगा महिलाये परिजनों की भावनाओ को ध्यान में रखकर ही दैनिक व्यवस्था चलाएंगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज का दिन आपके लिये प्रतिकूल रहेगा। स्वभाव में परिवर्तन होने पर आज आपको बात बात पर क्रोध आएगा आवेश में आकर किसी से अपशब्द बोलने पर झगड़ा हो सकता है। सेहत भी आज नरम रहेगी कार्यो को बेमन से करेंगे। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मी आपकी मदद करने का प्रयास करेंगे लेकिन आपके गुस्सैल स्वभाव के कारण हिम्मत नही जुटा पाएंगे। धन लाभ आवश्यकता से थोड़ा कम किसी के माध्यम से हो ही जायेगा। पारिवार में कोई अकस्मात घटना घटने की संभावना है किसी भी कार्य मे जोखिम ना लें परिणाम बुरे होंगे। यात्रा आज ना करें चोटादि का भय रहेगा। परिवार की महिलाये भी शारीरिक समस्या से परेशान रहेंगी।

      🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🙏🏻🌷🌸🌼☘🌹☘🌼🌸🌷🙏

🚩🚩 *” ll जय श्री राम ll “* 🚩🚩

〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰🙏*” राधे राधे “*🙏〰〰〰शुभ राम नवमी।🙏🚩🚩🚩
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रामेति रामभद्रेति रामचन्द्रेति वा स्मरन्‌।
नरो न लिप्यते पापैर्भुक्तिं मुक्तिं च विन्दति॥
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राम, रामभद्र, या रामचन्द्र, ऐसा स्मरण करते हुए मनुष्य पाप में लिप्त नहीं होता है और समृद्धि तथा मुक्ति प्राप्त करता है।
श्री राम संपूर्ण संसार का कल्याण करे!🙏🚩🚩🚩

*🚩राम नवमी की अनंत शुभकामनाएं…* 🙏🏻

 *जय जय श्री राम….* 

सुबह मेघनाथ से लक्ष्मण का अंतिम युद्ध होने वाला था, वह मेघनाथ जो अब तक अविजित था, जिसकी भुजाओं के बल पर रावण युद्ध कर रहा था, अप्रितम योद्धा, जिसके पास सभी दिव्यास्त्र थे,

सुबह लक्ष्मण जी, भगवान राम से आशीर्वाद लेने गये,

उस समय भगवान राम पूजा कर रहे थे,

पूजा समाप्ति के पश्चात प्रभु श्री राम ने हनुमानजी से पूछा अभी कितना समय है युद्ध होने में ? 

हनुमानजी ने कहा कि अभी कुछ समय है, यह तो प्रातःकाल है,

भगवान राम ने लक्ष्मण जी से कहा, यह पात्र लो भिक्षा मांगकर लाओ, जो पहला व्यक्ति मिले उसी से कुछ अन्न मांग लेना,

सभी बड़े आश्चर्य में पड़ गये, आशीर्वाद की जगह भिक्षा, लेकिन लक्ष्मण जी को जाना ही था,

लक्ष्मण जी जब भिक्षा मांगने के लिए निकले तो उन्हें सबसे पहले रावण का सैनिक मिल गया, आज्ञा अनुसार मांगना ही था, यदि भगवान की आज्ञा न होती तो उस सैनिक को लक्ष्मण जी वहीं मार देते, परंतु वे उससे भिक्षा मांगते हैं,

सैनिक ने अपनी रसद से लक्ष्मण जी को कुछ अन्न दे दिए,

लक्ष्मण जी वह अन्न लेकर भगवान राम को अर्पित कर दिए,

तत्पश्चात भगवान राम ने उन्हें आशीर्वाद दिया…विजयी भवः

भिक्षा का मर्म किसी के समझ नहीं आया, कोई पूछ भी नहीं सकता था, फिर भी यह प्रश्न तो रह ही गया,

फ़िर भीषण युद्ध हुआ,

अंत में मेघनाथ ने त्रिलोक कि अंतिम शक्तियों को लक्ष्मण जी पर चलाया, ब्रह्मास्त्र, पशुपात्र, सुदर्शन चक्र, इन अस्त्रों कि कोई काट न थी,

लक्ष्मण जी सिर झुकाकर इन अस्त्रों को प्रणाम किए, सभी अस्त्र उनको आशीर्वाद देकर वापस चले गए,

उसके बाद राम का ध्यान करके लक्ष्मण जी ने मेघनाथ पर बाण चलाया, वह हँसने लगा और उसका सिर कटकर जमीन पर गिर गया, उसकी मृत्यु हो गई,

उसी दिन सन्ध्याकालीन समय भगवान राम शिव की आराधना कर रहे थे, वह प्रश्न तो अब तक रह ही गया था, हनुमानजी ने पूछ लिया, प्रभु वह भिक्षा का मर्म क्या है ? 

भगवान मुस्कराने लगे, बोले मैं लक्ष्मण को जानता हूँ….वह अत्यंत क्रोधी है, लेकिन युद्ध में बहुत ही विन्रमता कि आवश्यकता पड़ती है, विजयी तो वही होता है जो विन्रम हो, मैं जानता था मेघनाथ ब्रह्मांड कि चिंता नहीं करेगा, वह युद्ध जीतने के लिये दिव्यास्त्रों का प्रयोग करेगा, इन अमोघ शक्तियों के सामने विन्रमता ही काम कर सकती थी, इसलिये मैंने लक्ष्मण को सुबह झुकना बताया, एक वीर शक्तिशाली व्यक्ति जब भिक्षा मांगेगा तो विन्रमता स्वयं प्रवाहित होगी, लक्ष्मण ने मेरे नाम से बाण छोड़ा था…यदि मेघनाथ उस बाण के सामने विन्रमता दिखाता तो मैं भी उसे क्षमा कर देता,

भगवान श्रीरामचन्द्र जी एक महान राजा के साथ अद्वितीय सेनापति भी थे, युद्धकाल में विन्रमता शक्ति संचय का भी मार्ग है, वीर पुरुष को शोभा भी देता है, इसलिए किसी भी बड़े धर्म युद्ध में विजय प्राप्ति के लिए विनम्रता औऱ धैर्य का होना अत्यंत आवश्यक है ।

 *रामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा भी है,* 

 *_धीरज धर्म मित्र अरु नारी…आपद काल परिखिअहिं चारी…_* 

 *राम नाम आधार जिन्हें वो जल में राह बनाते हैं*

*जिन पर कृपा राम करें वो पत्थर भी तिर जाते हैं,* 

 *रामनवमी की शुभकामनाएं* 🚩

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चित्र को गौर से देखिए फिर पोस्ट पढ़ें…

ये है भगवान को प्रणाम करने का सही तरीका…

आपने कभी ये देखा है कि कई लोग मूर्ति के सामने लेट कर माथा टेकते है। जी हां इसी को साष्टांग दंडवत प्रणाम कहा जाता है।

शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस प्रणामें व्यक्ति का हर एक अंग जमीन को स्पर्श करता है। जो कि माना जाता है कि व्यक्ति अपना अहंकार छोड़ चुका है। इस आसन के जरिए आप ईश्वर को यह बताते हैं कि आप उसे मदद के लिए पुकार रहे हैं। यह आसन आपको ईश्वर की शरण में ले जाता है।

 

लेकिन आपने यह कभी ध्यान दिया है कि महिलाएं इस प्रणाम को क्यों नहीं करती है। इस बारें में शास्त्र में बताया गया है। जानिए क्या?

शास्त्रों के अनुसार स्त्री का गर्भ और उसके वक्ष कभी जमीन से स्पर्श नहीं होने चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि उसका गर्भ एक जीवन को सहेजकर रखता है और वक्ष उस जीवन को पोषण देते हैं। इसलिए यह प्रणाम स्त्रियां नहीं कर सकती है। जो करती भी है उन्हें यह प्रणाम नहीं करना चाहिए। उन्हें चित्रानुसार बैठकर झुककर प्रणाम करना चाहिए, सिधे लेटकर दण्डवत नहीं।

जय श्री सीतारामजी 

गुरुद्वारा बंगला साहिब मूल रूप से महान हिंदू राजा राजा जय सिंह का बंगला (महल) था।

जब औरंगज़ेब ने 6 वर्षीय सिख गुरु हर कृष्ण को बुलाया, तो जय सिंह ने गुरु की रक्षा की और उन्हें यहाँ निवास करने की पेशकश की। उसने सिक्खों को बंगला दान में दिया।

हिंदुओं ने सिखों की रक्षा और पालन-पोषण कैसे किया वर्ष: 1661।

आक्रांता औरंगजेब ने गुरु हर कृष्ण को बुलवाया। वह गुरु से गुरुपद छीनकर राम राय को देना चाहता था।

महान राजपूत राजा राजा जय सिंह ने तुरंत महसूस किया कि गुरु का जीवन खतरे में है। वे स्वयं बाल गुरु के दर्शन के लिए कीरतपुर गए।

आक्रांता औरंगजेब ने गुरु हर कृष्ण को दिल्ली बुलाया। सम्मन का उल्लंघन करने का अर्थ केवल गुरु को फांसी देना होगा।

लेकिन गुरु दिल्ली जाने के लिए अनिच्छुक थे।

गुरुमाता कृष्ण कौर ने स्पष्ट रूप से कहा: “हम नहीं जाएंगे। हमें मुगलों पर भरोसा नहीं है। उनसे कुछ भी अच्छा नहीं हुआ”।

नाकाबंदी और खतरे को महसूस करते हुए जय सिंह ने कहा:

“माँ, मैं गुरु की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेता हूँ। वह मेरे मेहमान होंगे।

मैं एक राजपूत हूँ। यह एक राजपूत का शब्द है।

मैं गुरु के एक बाल को छूने नहीं दूंगा। मैं इसके लिए अपनी जान दे दूंगा। मैं हमेशा उनकी तरफ से रहूंगा”

माता और गुरु आश्वस्त थे।

गुरु जय सिंह के साथ दिल्ली गए।

जय सिंह अपने वचन के पक्के थे। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से गुरु की रक्षा की और उनके निजी राजदूत के रूप में कार्य किया। उसने गुरु की ओर से सम्राट से याचिका दायर की।

जय सिंह ने यह सुनिश्चित किया कि औरंगज़ेब गुरु पर अपनी नज़र भी न रखे

जब गुरु दिल्ली में थे, राजा जय सिंह ने गुरु को दिल्ली के बाहरी इलाके में अपने निजी बंगले में ठहराया।

गुरु का बहुत सम्मान किया जाता था और हर सुविधा दी जाती थी।

कई सिख गुरु के दर्शन के लिए आए। गुरु के निधन के बाद, महल सिखों को दे दिया गया और यह बाद में गुरुद्वारा बन गया।