आज का पंचाग आपका राशि फल, इस वर्ष माता का वाहन, परिवार और दायित्व, हिचकी आने पर घरेलू उपचार

 🌹………..|| *पञ्चाङ्गदर्शन* ||……….🌹
*श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् २०७८ || शक-सम्वत् १९४३ || याम्यायन् || राक्षस नाम संवत्सर || शरद् ऋतु || आश्विन शुक्लपक्ष || तिथि द्वितीया पूर्वाह्न १०:४६ तक उपरान्त तृतीया || भृगुवासर || आश्विन सौर २२ प्रविष्ठ || तदनुसार ०८ अक्टूबर २०२१ ई० || नक्षत्र स्वाति (वायु) || तुलास्थ चन्द्रमा ||*
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐

 📖 *पर्वानुशंसा…………….*✍
*या स्वेच्छयास्य जगतः प्रविधाय सृष्टिं*
*सम्प्राप्य जन्म च तथा पतिमाप शम्भुम्।*
*उग्रैस्तपोभिरपि यां समवाप्य पत्नीं*
*शम्भु: पदं हृदि दधे परिपातु सा व:।।*
📝 *भावार्थ* 👉🏾 जिन्होंने स्वेच्छासे इस जगत् की सृष्टि करके तथा स्वयं जन्म लेकर भगवान् शिवको पतिरूपमें प्राप्त किया और शम्भुने कठोर तपस्यासे जिन्हें पत्नी रूपमें प्राप्तकर जिनका चरण अपने हृदयपर धारण किया, *वे भगवती आप सबकी रक्षा करें।*
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻शुक्रवार, ०८ अक्टूबर २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:१९
सूर्यास्त: 🌅 ०५:५५
चन्द्रोदय: 🌝 ०८:००
चन्द्रास्त: 🌜१९:२२
अयन 🌕 दक्षिणायने (दक्षिणगोलीय
ऋतु: ❄️ शरद
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 आश्विन
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 द्वितीया (१०:४८ तक)
नक्षत्र 👉 स्वाती (१८:५९ तक)
योग 👉 विष्कम्भ (२२:०४ तक)
प्रथम करण 👉 कौलव (१०:४८ तक)
द्वितीय करण 👉 तैतिल (२१:१८ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कन्या
चंद्र 🌟 तुला
मंगल 🌟 कन्या (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 कन्या (अस्त, पश्चिम, वक्री)
गुरु 🌟 कुम्भ (उदय, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 वृश्चिक (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४१ से १२:२७
अमृत काल 👉 ११:०० से १२:२७
रवियोग 👉 १८:५९ से ३०:१५
विजय मुहूर्त 👉 १४:०१ से १४:४७
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:४२ से १८:०६
निशिता मुहूर्त 👉 २३:४० से २४:२९
राहुकाल 👉 १०:३७ से १२:०४
राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व
यमगण्ड 👉 १४:५९ से १६:२६
होमाहुति 👉 सूर्य (१८:५९ तक)
दिशाशूल 👉 पश्चिम
अग्निवास 👉 आकाश
चन्द्रवास 👉 पश्चिम
शिववास 👉 गौरी के साथ (१०:४८ से सभा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – चर २ – लाभ
३ – अमृत ४ – काल
५ – शुभ ६ – रोग
७ – उद्वेग ८ – चर
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – रोग २ – काल
३ – लाभ ४ – उद्वेग
५ – शुभ ६ – अमृत
७ – चर ८ – रोग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पश्चिम-दक्षिण (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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शारदीय नवरात्रि के द्वितीय दिवस आदिशक्ति माँ दुर्गा ब्रह्मचारिणी स्वरूप की उपासना व्रत आदि, विवाहादि मुहूर्त (हिमाचल, कश्मीर, पंजाब, हरियाणा) आदि के लिये कन्या-मीन लग्न प्रातः ०६:२६ से सायं ०६:५८ तक, चूड़ाकर्म संस्कार+उद्योग-मशीनिरी आरम्भ मुहूर्त प्रातः ०६:२६ से १०:४७ तक, गृहप्रवेश मुहूर्त प्रातः ११:५१ से दोपहर १२:३७ तक, भूमि-भवन+वाहन क्रय-विक्रय मुहूर्त दोपहर १२:१४ से ०१:४२, देव प्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०६:२६ से ०९:१९ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २७:२६ तक जन्मे शिशुओ का नाम
मघा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (मा, मी, मू, में) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमश (मो) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कन्या – २८:४२ से ०७:००
तुला – ०७:०० से ०९:२१
वृश्चिक – ०९:२१ से ११:४०
धनु – ११:४० से १३:४४
मकर – १३:४४ से १५:२५
कुम्भ – १५:२५ से १६:५१
मीन – १६:५१ से १८:१४
मेष – १८:१४ से १९:४८
वृषभ – १९:४८ से २१:४३
मिथुन – २१:४३ से २३:५८
कर्क – २३:५८ से २६:१९
सिंह – २६:१९ से २८:३८
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पञ्चक रहित मुहूर्त
अग्नि पञ्चक – ०६:१४ से ०७:००
शुभ मुहूर्त – ०७:०० से ०९:२१
रज पञ्चक – ०९:२१ से १०:४८
शुभ मुहूर्त – १०:४८ से ११:४०
चोर पञ्चक – ११:४० से १३:४४
शुभ मुहूर्त – १३:४४ से १५:२५
रोग पञ्चक – १५:२५ से १६:५१
शुभ मुहूर्त – १६:५१ से १८:१४
शुभ मुहूर्त – १८:१४ से १८:५९
रोग पञ्चक – १८:५९ से १९:४८
शुभ मुहूर्त – १९:४८ से २१:४३
मृत्यु पञ्चक – २१:४३ से २३:५८
अग्नि पञ्चक – २३:५८ से २६:१९
शुभ मुहूर्त – २६:१९ से २८:३८
रज पञ्चक – २८:३८ से ३०:१५
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन आपके लिए प्रत्येक कार्यो में विजय दिलाने वाला रहेगा परन्तु विरोधी भी प्रबल रहने से सफलता आसान नहीं रहेगी। आज जिस भी कार्य को करने का मन बनाएंगे उसमे कोई ना कोई अड़चन अवश्य आएगी फिर भी यदि दृढ़ निश्चय कर लगे रहे तो सफलता निश्चित मिलेगी। घर में किसी बीमार के स्वास्थ्य में सुधार आएगा परन्तु आपको कब्ज,गैस सम्बंधित समस्या बनी रहेगी। व्यवसाय मे व्यस्तता के कारण किसी अन्य कार्य में देरी होने से हानि भी हो सकती है। प्रतिस्पर्धी आज चाहकर भी आपके धन लाभ को नहीं रोक पाएंगे। पारिवारिक वातावरण उदासीन फिर भी शांत रहेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज आप अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु कुछ भी करने के लिए तैयार रहेंगे परंतु ध्यान रहे अनैतिक कार्य एवं प्रलोभन के अवसर मिलने पर भी ये पारिवारिक मान हानि का कारण बन सकते है। दिन के आरंभ में कार्य क्षेत्र पर मंदी रहेगी भविष्य के लिये चिंतित हो सकते है लेकिन धीरे-धीरे कार्यो में गति आने लगेगी धन लाभ विलम्ब से परन्तु अवश्य होगा। संध्या तक संतोषजनक व्यवसाय रहने से राहत मिलेगी। परिवार में मांगलिक कार्यक्रमो में सम्मिलित होने पर खर्च करेंगे। सुखोपभोग की वस्तुओ में कमी आएगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन मिश्रित फलदायक रहेगा। शारीरिक रूप से चुस्त रहेंगे लेकिन असमय क्रोध आने से रक्तचाप अनियंत्रित हो सकता है। जिम्मेदारी वाले कार्यो को प्राथमिकता देंगे कार्य व्यवसाय में थोड़ी अड़चनों का बाद निर्वाह योग्य आय कमा लेंगे सहकर्मियो से बिनाबात ना उलझे कार्य में विलम्ब हो सकता है। जोखिम वाले कार्यो में निवेश किसी की सलाह के बाद ही करें सही जगह निवेश भविष्य में लाभ कराएगा। पारिवारिक वातावरण में तालमेल की कमी रहेगी। घर के बड़े अथवा स्त्री वर्ग से विचारो में भिन्नता के कारण मतभेद उभर सकते है।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आप पूर्वाग्रह से ग्रसित रहेंगे। अपने जिद्दी स्वभाव के कारण आसपास का वातावरण अशान्त बनाएंगे। मनमानी के चलते घर में भी तनाव का वातावरण बनेगा। सामाजिक क्षेत्र पर धन के साथ साथ मान हानि के योग है बेहतर रहेगा की आज कोई भी बड़ा कार्य ना करें यात्रा भी अतिआवश्यक होने पर ही करें व्यर्थ समय एवं धन नष्ट होने की संभावनाएं अधिक है। परन्तु जोखिम वाले कार्यो में निवेश आज अवश्य लाभ कराएगा। परिवारक वातावरण आपकी गलतियों के कारण पहले कलुषित होगा लेकिन संध्या तक सब सामान्य होने लगेगा। महिलाओं से सतर्क रहें।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपको अवश्य धन लाभ कराएगा। सेहत भी साथ देने से कार्यो में उत्साह बना रहेगा। लेकिन कार्य क्षेत्र पर लेन देन में स्पष्टता रखें विवाद के साथ सम्मान हानि हो सकती है। आज जिस भी कार्य को करेंगे उसमे सफलता की संभावना अधिक रहेगी। धन लाभ अल्प मात्रा में परंतु कई बार होने से आज का कोटा पूरा कर लेंगे। गृहस्थ में आज थोड़ी उठा-पटक लगी रहेगी किसी ना किसी के रूठने का कार्यक्रम लगा रहने से मानसिक रूप से थोड़ा विचलित हो सकते है फिर भी स्थिति आपके नियंत्रण में ही रहेगी। हास्य-परिहास के अवसर भी मिलते रहेंगे। संतान के विषय में शुभ समाचार मिलेगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज दिन का अधिकांश समय शांति से व्यतीत करेंगे परन्तु बीच-बीच में पारिवारिक उलझने परेशान करेंगी। व्यवसाय में परिश्रम का फल विलम्ब से मिलेगा धन लाभ के लिए अधिक इन्तजार करना पड़ेगा सहकर्मीयो से नम्रता से व्यवहार करें अन्यथा सारा कार्य खुद ही करना पड़ सकता है। आपके व्यवहार में परिवर्तन आने से लोग आश्चर्य करेंगे। सामाजिक क्षेत्र से आय के नवीन साधन बनेंगे उच्चवर्ग के लोगो से लाभदायक जान-पहचान होगी। पारिवारिक जीवन में विषमताओं का अहसास होगा खर्च करने पर भी स्थिति नियंत्रण से बाहर जायेगी स्वयजनो से वैर विरोध बढेगा।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आप अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकेंगे कार्य व्यवसाय में सरकारी सहयोग मिलने की संभावना अधिक रहेगी लोन सम्बंधित कार्य आज करना लाभदायक रहेगा। परन्तु सेहत के दृष्टिकोण से दिन उतार चढ़ाव वाला रहेगा शरीर में दर्द अकड़न की शिकायत रहेगी फिर भी कार्य बाधित नहीं होंगे। धन लाभ होने से और अधिक लगन से कार्यो को करेंगे। अधिकारी वर्ग का मूड संदिग्ध रहने से गुप्त भय बना रहेगा। परिवार में रिश्तेदारो के कारण कोई नई समस्या खड़ी हो सकती है। वाणी में मधुरता बनाये व्यर्थ की उलझनों से बचे रहेंगे। घर के बुजुर्ग आपके विचारों से सहमत रहेंगे।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज भी परिस्थितिया प्रतिकूल रहने से कोई राहत की उम्मीद नहीं दिखेगी। लोग आपके हर निर्णय को गलत साबित करेंगे। पारिवारिक सदस्य के जिद्दी व्यवहार के कारण घरेलु वातावरण गर्म हो सकता है। आज आप केवल अपने मन की सुनना छोड़ अन्य लोगो के विचारो को भी प्रयोग करें निश्चित लाभ होगा। व्यवसायी वर्ग बार-बार असफल होने अथवा आशानुकूल काम ना बनने से हतोत्साहित होंगे फिर भी प्रयास जारी रखें संतोषजनक परिणाम मिलेंगे। स्त्री पक्ष से पहले परेशानी बाद में लाभ संभावित है। कंजूसी करके कुछ धन बचाएंगे।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज आप अपनी मनमानी नीति के चलते सार्वजानिक क्षेत्र पर आलोचना के शिकार होंगे। कार्य व्यवसाय में अधिकांश समय आश्वासनो से ही काम चलाना पड़ेगा। आप का स्वभाव भी टालमटोल वाला रहेगा। अत्यधिक लोभी प्रवृति संभावित लाभ को हानि में बदल सकती है। किसी की मदद करने से पीछे ना हटे भविष्य के लिए लाभदायक रहेगा। आज परोपकारी स्वभाव ना होते हुए भी किसी की बेमन से सहायता करनी पड़ सकती है। घर के बुजुर्ग आप पर प्रसन्न रहेंगे जिसे अपनी बात मनवाने में आसानी रहेगी। स्त्री संतान भी सहयोग करेंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज दिन का पूर्वार्ध आपकी आशाओं से थोड़ा कम लाभ देगा फिर भी कार्यो को बेहतर रूप से करने की कोशिश करेंगे। धन लाभ के लिए अधिक परिश्रम करना पड़ेगा इसका मध्यान से पहले फल अवश्य मिलेगा। सरकारी कार्यो में उलझने बढ़ने से धन एवं समय बर्बाद हो सकता है आज के लिए इन्हें निरस्त रखना ही ठीक रहेगा। मध्यान के बाद का समय कष्टप्रद रहेगा चल-अचल संपत्ति के कारण परिवार में विवाद होने की संभावना है किसी भी गंभीर स्थिति से बचने के लिए मूक दर्शक बनकर रहें ऐसा करने से फैसला आपके पक्ष में हो सकता है। स्त्री संतान का सहयोग मिलेगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज आप पूर्वनियोजित कार्यो को आगे बढ़ाएंगे इसमें सहकर्मी एवं परिजनों का भी महत्वपूर्व सहयोग मिलेगा। नौकरी पेशा जातक काम से मन चुराने के कारण अपमानित हो सकते है सतर्क रहें। आज थोड़े प्रयास के बाद आशा से अधिक सफलता मिल सकती है। सभी सरकार नियंत्रित कार्य एवं जायदाद सम्बंधित कार्य मध्यान के आस-पास करना लाभदायक रहेगा। व्यावसायिक क्षेत्र पर नए प्रयोग अभी ना आजमाएं परन्तु निवेश अवस्य लाभ देगा। महिलाएं भी आज अधिक व्यस्त होने के कारण थकान अनुभव करेंगी। विद्यार्थी पढ़ाई से मन चुरायेंगे।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन शुभफलदायी रहेगा सेहत छोटी मोटी व्याधि को छोड़ सामान्य रहेगी लेकिन फिर भी कार्यो में आलस्य करने से विलम्ब होगा। घर से ज्यादा आज बाहर का वातावरण अधिक अनुकूल मिलेगा। कार्य व्यवसाय में पूर्व की गलतियों से अनुभव होगा अपनी गलती मानने से सहयोगियों से मतभेद कम होंगे। विपरीत लिंगीय के प्रति अधिक आकर्षण कार्यो में व्यवधान डाल सकता है सम्मान में कमी का कारण भी बनेगा। दोपहर के बाद पूर्व नियोजित कार्यो से धन लाभ होगा। संध्या का समय मित्रो एवं परिजनों के साथ आनंद मनोरंजन में बितायेंगे इससे थकान कम अनुभव होगी।
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〰〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏

ओम देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥
आज नवरात्रि का दूसरा दिन है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। हर देवी की अपनी कहानी विशेष है। यह कहानियां मनुष्य को जीवन की कठिनाइयों से निरंतर लड़ते रहने की प्रेरणी देती हैं। भक्त माता की पूजा करते हैं और नौ दिनों के कठिन व्रत रखते हैं। यह सकारात्मकता और समर्पण का त्योहार है।
मां ब्रह्मचारिणी से जुड़ी पौराणिक कथा-
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। यहां ब्रह्म का अर्थ तपस्या से है। शास्त्रों के अनुसार ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप की चारिणी यानि तप का आचरण करने वाली बताया गया है। मां ब्रह्मचारिणी के एक हाथ में जप की माला है और बाएं हाथ में कमंडल है। नारद जी के आदेशानुसार भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए देवी ने वर्षों तक कठिन तपस्या की। एक हजार वर्षों तक माता ने सिर्फ फल-फूल खाकर जावन यापन किया। कठोर तप के दौरान देवी ने धूप, गर्मी, ठंड, बारिश सब कुछ सहा। अंत में उनकी तपस्या सफल हुई। मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से सिद्धी की प्राप्ति होती है। तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की वृद्धि के लिए देवी ब्रह्मचारिणी की उपासना की जाती है।
दुर्गा पूजा के दूसरे दिन पीले रंग के वस्त्र धारण कर माता की उपासना करें। मां ब्रह्मचारिणी की जीवन कथा से भक्त सच्ची प्रेरणा प्राप्त कर सकते हैं कि कठोप परिश्रम और तप से जीवन में कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है। मजबूत इच्छाशक्ति, त्याग, परिश्रम और दृढ़ निश्चय से किए जाने वाले कार्य सदैव सफलता की ओर ले जाते हैं। इस नवरात्रि मां की पूजा के साथ ही उनके जीवन से प्रेरणा भी ग्रहण करिए।
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कल आपने पड़ा और सुना कि शिव भक्त भृंगी कितना बड़ा भक्त था ।भृंगी की महादेव के अतिरिक्त कोई भी नही भाता था यहाँ तक कि माता पार्वती भी नहीं ,कथा के अनुसार जब भृंगी महादेव की परिक्रमा करने लगा तो शिव के साथ पार्वती को बैठा देख सोचने लगा कि अगर ऐसे ही परिक्रमा करदी तो पार्वती की भी परिक्रमा हो जाएगी। मैं तो अपने प्रभू शिव शंकर ,अपने महादेव,अपने भोले बाबा की ही परिक्रमा करनी है ऐसे में वह कैसे पर‍िक्रमा करें। तब उन्‍होंने मां पार्वती से कहा क‍ि वह मेरे भगवान शिवजी से अलग होकर बैठें ताकि वह पर‍िक्रमा कर सकें।
यह सुन मां पार्वती को बहुत बुरा लगा और क्रोध भरी नजरों से भृंगी को देखा लेकिन माता पार्वती ने मनो मन अपने क्रोध को काबू कर कहा कि यह तो महादेव की भक्ति में इतना लीन है कि इसकी बुद्धि महादेव के अतिरिक्त कुछ सोच भी नहीं सकती है तभी देवी पार्वती समझ गईं कि यह है तो तपस्वी लेकिन इसका ज्ञान अधूरा है। तब उन्होंने भृंगी की बात को अनसुना कर द‍िया। लेक‍िन वह अपनी हठ में ही थे। बार-बार मां से हटने के ल‍िए कहने लगे। तब मां पार्वती ने इसपर आपत्ति जताई और कहा कि अनुचित बात बंद करो। पहले तो उन्‍होंने भृंगी को कई तरह से समझाया, प्रकृति और पुरुष के संबंधों की व्याख्या की। वेदों का उदाहरण दिया लेक‍िन भृंगी थे जो समझने को तैयार ही नहीं हो रहे थे।बार-बार मां से हटने के ल‍िए कहने लगे। जब भृंगी ने देखा कि माता मेरी बात को बार बार अनसुना कर रही हैं तब भृंगी ने सर्प का रुप धारण किया और शिवजी की परिक्रमा करने लगे सरकते हुए वह देवी पार्वती और महादेव के बीच से निकलने का यत्न करने लगे। उनकी इस धृष्टता का परिणाम हुआ कि शिवजी की समाधि भंग हो गई। महादेव ने समझ लिया कि मूर्ख भृंगी पार्वती को मेरे वाम अंग पर देखकर विचलित है। वह दोनों में भेद कर रहा है। भृंगी को सांकेतिक रूप से समझाने के लिए शिवजी ने एक अद्भुत लीला रची ,महादेव और मां पार्वती ने तत्काल अर्द्धनारीश्वर स्वरुप धारण कर लिया। पार्वती अब उन्हीं में विलीन हो गईं थी।
लेकिन यह क्या भृंगी यो तब भी नहीं मानें और बन गए चूहा!
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तेरी लीला अपरम्पार है प्रभू ,भगवान भक्त के लिए क्या क्या करते है और क्या क्या कराते हैं चूहा बने भृंगी ने आगे ऐसा क्या किया कि शान्त स्वभाव बाली मां पार्वती जी ने भृंगी को दे दिया श्राप ,जानने के लिए कल माता चंद्रघंटा की कथा के साथ साथ सुनिए और पढ़िए शिव भक्त भृंगी का अन्तिम भाग 🙏🙏जय माता की 

*🏵मनुष्य को परिवार की मर्यादा बनायें रखना भी अत्यंत आवश्यक होता हैं, परिवार में जितना अधिकार होता है उतना ही कर्तव्य का पालन करना भी होता है, परिवार में शिक्षा, परवरिश, गृहस्थ जीवन, सुरक्षा, मान सम्मान, आनंद, प्रेम प्राप्त होता हैं तो हमें भी परिवार की सेवा तथा सुखों का ध्यान रखना होगा और कोई भी ऐसा कार्य जिससे परिवार के सम्मान की हानि होती हो या मर्यादा भंग होती हो ऐसा कार्य न करना चाहिए*।
*🏵रिश्तो एवं संबंधों की मर्यादा निभाने पर ही रिश्ते कायम रहते हैं, रिश्तो को निभाने के लिए भी हमेशा तत्पर रहना चाहिए ।समाज में व्याप्त नियमों का पालन करना भी हमारा धर्म होता है* ।
*🏵आप सभी को नवरात्रि की बहुत बहुत शुभकामनाएं।*
*राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे ।* *सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने॥*
*सुप्रभात, आपका जीवन मंगलमय हो*

नवरात्रि :- मां दुर्गा इस शारदीय नवरात्रा (2021) डोली पर आ रही है जाने इसका मतलब/प्रभाव ?
राजेश मंत्री
प्रत्येक वर्ष नवरात्रि के प्रारंभ होने के समय, दिन, तिथि के अनुसार माता रानी का अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती है और जाते समय भी तिथि के अनुसार उनका वाहन तय होता है जिसका प्रभाव पूरे वैश्विक पटल पर पड़ता है ।

शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे।
गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥

देवी भाग्वत पुराण के अनुसार नवरात्रि की शुरुआत सोमवार या रविवार को हो तो इसका अर्थ है कि माता हाथी पर सवार होकर आएंगी ! शनिवार और मंगलवार को माता अश्व यानी घोड़े पर सवार होकर आती हैं ! इसके साथ जब गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्रि का पर्व आरंभ हो तो इसका अर्थ ये है कि माता डोली पर सवार होकर आएंगी ! इस बार शरद नवरात्रि का पर्व गुरुवार से आरंभ हो रहा है ! इसका अर्थ ये है कि इस बार माता ‘डोली’ पर सवार होकर आएंगी।

इस वर्ष माता का आगमन डोली में होना शुभ संकेत नहीं है परंतु हम सभी इस नवरात्रा माता रानी से प्रार्थना करें कि हम, हमारा परिवार, हमारा समाज, हमारा देश-विदेश, समस्त जगत का कल्याण हो । सभी प्राणियों की रक्षा हो। 🔶आरोग्य🔶 हिचकी:-
परिचय: हिचकी का रोग किसी भी व्यक्ति को तब होता है जब उनके शरीर की तंत्रिकाएं उत्तेजित होकर जरूरत से ज्यादा सिकुड़ जाती हैं।
राजेश मंत्री
हिचकी को ठीक करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार-

जब हिचकी आए तो उस समय एक गिलास गर्म पानी पीने से यह रोग ठीक हो जाता है।
इस रोग को ठीक करने के लिए पेट की सिंकाई तथा पेट पर ठंडे लपेट का प्रयोग करना चाहिए। ऐसा करने से पेट के डायाफ्रॉम पर दबाव कम हो जाता है जिसके फलस्वरूप हिचकी बंद हो जाती है।
हिचकी आने पर लम्बी तथा गहरी सांस लेने से हिचकी बंद हो जाती है।
अपना ध्यान किसी दूसरी चीजों पर केन्द्रित करने से हिचकी आना बंद हो जाती है।
बर्फ के छोटे-छोटे टुकड़े को मुंह में रखकर चूसने से हिचकी आना बंद हो जाती है।
हिचकी आने पर 1 चम्मच चीनी या शहद का सेवन करने से यह रोग तुरंत ठीक हो जाता है।
एक गिलास गर्म पानी में 1 चम्मच शहद डालकर उस पानी को पीने से हिचकी बंद हो जाती है।
छोटी इलायची और तुलसी के पत्तों को एकसाथ पीसकर पानी में मिलाकर पीने से हिचकी बंद हो जाती है।
2-3 लौंग को चबाकर उसके ऊपर पानी पीने से हिचकी बंद हो जाती है।
नोट:- यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिये है !